20+ मध्यप्रदेश में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल
भारत में देश विदेश के लोग यहां की संस्कृति को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। वैसे तो भारत में हर एक राज्यों में घूमने का स्थान है। परंतु अगर आप मध्यप्रदेश राज्य के बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अच्छे से पढ़े।
इस आर्टिकल में हम आपको मध्य प्रदेश में घूमने की जगह (mp me ghumne ki jagah) के बारे में बनाएंगे और ऐसी जगह जो आपके लिए सर्वश्रेष्ठ हो और आप वहां जाकर वहां की प्रकृति का आनंद उठा पाएं।
भारत के सभी राज्य की संस्कृति अलग अलग होती है। वहां पर रहने वाले निवासियों का रहन सहन भी अलग होता है। भारत के किसी भी कोने में मेहमान का आदर सत्कार बड़े ही प्रेम भाव से किया जाता है।
इसलिए यहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए भी कई सारी व्यवस्थाएं करवाई जाती हैं, जिससे अगर दूसरे राज्य या देश से कोई भी पर्यटक हमारे भारत देश के राज्य की संस्कृति देखने आता है, तो उन्हें सभी सुविधाएं दी जाएं। चलिए बिना समय व्यर्थ किए जानते हैं मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख घूमने के स्थल के बारे में।
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मध्यप्रदेश के बारे में रोचक तथ्य
- मध्य प्रदेश भारत के मध्य में स्थित है और इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश को भारत का दिल भी कहा जाता है।
- मध्य प्रदेश सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाले राज्य में देशों में दूसरे स्थान पर है।
- भारत की पांचवी सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य मध्य प्रदेश को माना जाता है।
- माना जाता है कि मध्य प्रदेश 30000 ईशा पूर्व भी स्थित था।
- 1500 ईसा पूर्व में मौर्य राज्य ने इस मध्य प्रदेश राज्य में राज किया था।
- मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर का उल्लेख बड़े-बड़े ग्रंथों में भी किया गया है।
- अकबर के शासन काल में भी मध्य प्रदेश मुगल साम्राज्य का हिस्सा बना है।
- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत का पहला सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र स्थापित किया गया था। भोपाल से पहले इसकी राजधानी ब्रिटिश काल में नागपुर हुआ करती थी।
- मध्य प्रदेश का राजकीय पक्षी दूधराज पक्षी को माना जाता है। इसे सुल्ताना बुलबुल के नाम से भी जाना जाता है।
- कृषि के मामले में भी मध्य प्रदेश आगे है। यह शहर मसूर, उड़द, चना, सोयाबीन और अलसी के उत्पादन में प्रथम स्थान पर आता है।
- भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद मध्य प्रदेश राज्य भाग क, भाग ख और भाग ग इन तीन भागों में बांट दी गई थी और तीनों भागों की राजधानी अलग-अलग थी, जो क्रमशः नागपुर, ग्वालियर और रीवा रखी गई थी।
- मध्य प्रदेश राज्य का गठन 1956 में भाषा के आधार पर किया गया था।
- भारत का छत्तीसगढ़ राज्य भी पहले मध्य प्रदेश के अंतर्गत आता था, फिर 2000 में छत्तीसगढ़ इस राज्य से अलग कर दिया गया।
- मध्य प्रदेश अपने प्राचीन और धार्मिक स्थल से भी प्रसिद्ध है।
मध्यप्रदेश में घूमने की जगह (Madhya Pradesh Me Ghumne ki Jagah)
भारत के मध्य में स्थित राज्य जिसे हम मध्य प्रदेश कहते हैं, यह अपनी प्राचीनता और संस्कृति से देश भर में विख्यात है। यहां पर कई सारे पर्यटक घूमने आते हैं।
परंतु उन्हें यह नहीं समझ आता कि इतने बड़े राज्य में सबसे अच्छा घूमने का स्थान कहां होगा। तो चलिए हम आपको बताते हैं मध्यप्रदेश में घूमने वाले कुछ खास स्थान के बारे में।
खजुराहो मध्य प्रदेश का एक बहुत ही प्राचीन और मशहूर पर्यटन स्थान है। यहां पर रहने वाले निवासी इस स्थान की शोभा को बहुत ही बेहतरीन तरीके से बता सकते हैं। मध्य प्रदेश में स्थित कामसूत्र की रहस्यमई भूमि खजुराहो अनादि काल से मध्य प्रदेश में स्थित है।
कहा जाता है कि मध्यकालीन समय से पर्यटक इस स्थान को जानते हैं और देश विदेश के लोग यहां घूमने आया करते हैं। खजुराहो छतरी जिले में है।
यह एक छोटा सा गांव है, जो प्राचीन स्मारकों से विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां के दर्शनीय स्थल की बात करें तो लक्ष्मण मंदिर और चित्रगुप्त मंदिर सर्वश्रेष्ठ है।
पंचमढ़ी मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है। इसे ही खूबसूरत हिल स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है। मध्यप्रदेश में पंचवटी बहुत ही पहले से प्रसिद्ध है।
देश विदेश के लोग जब भारत आते हैं तो इसके प्रकृति और वातावरण में अपने आप ही आकर्षित हो जाते हैं।
यहां पर बहुत ही शांति और हरियाली के बीच बहुत सारे पहाड़ हैं और वहां से झरने बहते हैं, जो बहुत ही मनमोहक नजर आते हैं।
सतपुड़ा की पहाड़ियों में स्थित पंचमढ़ी को मध्य प्रदेश का कश्मीर भी माना जाता है और यह बहुत ही खूबसूरत है।
शिवपुरी मध्य प्रदेश का पर्यटन की दृष्टि से एक खूबसूरत और प्रसिद्ध शहर है। भगवान शिव के नाम पर ही इस स्थान का नाम शिवपुरी पड़ा है।
यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। शिवपुरी ग्वालियर से लगभग 119 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ग्वालियर के सिंधिया वंश के शासनकाल में यह ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी। यहां पर काफी घने जंगल भी हैं और घने जंगल में राजा महाराजा शिकार खेलने आया करते थे और हाथियों के विशाल झूंड और शेरों को भी यहां से पकड़ ले जाते थे।
आज वे जंगल अभ्यारण में परिवर्तित हो चुके हैं। इस तरह यहां पर कई सारे जीव अभ्यारण और राष्ट्रीय उद्यान भी है, जिसमें से प्रसिद्ध राष्ट्रीय अभ्यारण माधव राष्ट्रीय अभ्यारण है।
इतना ही नहीं शिवपुरी के इतिहास को दर्शाता यहां पर कुछ महल भी है। इसके साथ ही प्राकृतिक सुंदरता की तलाश में आने वाले पर्यटकों के लिए यहां पर झीलें भी हैं।
इस शहर में जामा मस्जिद, शिव मंदिर, बांकडे हनुमान मंदिर, महादेव मंदिर, बाण गंगा धाम, श्री सिद्धेश्वर शिव मंदिर, श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर, मोहिनेश्वर धाम, चिन्ताहरण मंदिर, श्री राज राजेश्वरी मंदिर आदि खूबसूरत देखने लायक स्थान है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित एक खूबसूरत देखने लायक स्थान है। यह म्यूजियम 200 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यहां पर 32 पारंपरिक और प्रागैतिहासिक चित्रित शैलाश्रय है।
इस संग्रहालय में मानव जीवन के कालक्रम को दिखाया गया है। मानव के जीवन का वर्णन, मानव की उत्पत्ति से लेकर आधुनिक युग तक का वर्णन इस संग्रहालय में बहुत खूबसूरत तरीके से प्रदर्शित किया गया है।
इस संग्रहालय को न केवल भारत बल्कि एशिया में मानव जीवन को लेकर बनाया गया सबसे विशाल संग्रहालय माना जाता है। यह मानव तथा संस्कृति के विकास के इतिहास को प्रदर्शित करता एक अनोखा संग्रहालय है।
यहां पर आप भारत के विभिन्न राज्यों की जनजाति संस्कृति के बारे में जान सकते हैं। इतना ही नहीं इस संग्रहालय को जिस स्थान पर बनाया गया है, उस स्थान को भी प्रागैतिहासिक काल से जोड़ा जाता है। यह संग्रहालय हर दिन सुबह 10:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक खुला रहता है।
ग्वालियर का नाम तो हर किसी ने सुना ही होगा और भारत के हर एक निवासी इस स्थान के बारे में अच्छे से जानते हैं। ग्वालियर शहर का निर्माण राजा शूरसेन द्वारा करवाया गया था।
मतलब कि यह ऐतिहासिक समय से ही प्राचीन स्थलों में से एक है। यह स्थान बहुत ही खूबसूरत और हरियाली से परिपूर्ण है।
यहां पर प्राचीन समय के कुछ मंदिर और धार्मिक स्थान भी है, जिसका दर्शन करने लोग दूर दूर से आते हैं।
यहां के महत्वपूर्ण स्थान के बारे में बात करें तो ग्वालियर का किला, जय विलास पैलेस, तेली का मंदिर आदि प्रसिद्ध स्थान है, जहां पर आप घूमने जा सकते हैं।
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कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रसिद्ध उद्यानों में से एक है। मध्य प्रदेश में स्थित यह राष्ट्रीय उद्यान में राष्ट्रीय पशु, पक्षी और जंगली जानवर भी है, जो यहां की प्रसिद्धता को बढ़ाते हैं।
यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश में मंडला जिले में स्थित है, यहां आने वाले पर्यटक यहां की सुंदरता और प्रकृति से आकर्षित होते हैं।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1955 में हुई थी। यह उद्यान 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सूर्यास्त बिंदु और यहां की बाघ, पक्षी को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और यह इसीलिए ही प्रसिद्ध है।
इतिहास प्रेमियों के लिए मध्यप्रदेश में एक खूबसूरत देखने लायक स्थान भीमबेटका है। यह स्थान मध्य-प्रदेश के प्राचीन इतिहास को करीब से देखने और अनुभव करने के लिए एक बेहतरीन और प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल है।
भीमबेटका भोपाल से तकरीबन 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भीमबेटका प्रागैतिहासिक युग से ही अस्तित्व में है। यहां पर 500 से भी अधिक रॉक शेल्टर है।
इसके साथ ही 30,000 साल से अधिक पुराने कई चित्र यहां पर देखने को मिलते हैं, जो इतिहास प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
मध्य प्रदेश घूमने आने वाले ऐसे पर्यटक जो प्रकृति और वन्य जीव के बीच समय बिताना चाहते हैं, उनके लिए मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान स्थित है।
यह स्थान वन्य जीव और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। यह राष्ट्रीय उद्यान 542.67 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान में 200 से भी अधिक प्रजातियों के पंछी देखने को मिलते हैं।
यहां पर जंगली कुत्ता, भालू, तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा और चीतल जैसे कई जानवर रहते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान रॉयल बंगाल टाइगर के लिए भी महत्वपूर्ण स्थान है।
मध्य प्रदेश के झांसी जिले से 16 किलोमीटर की दूरी पर बेतवा नदी के पास ओरछा किला मौजूद है। यह किला 16 वीं सदी में रूद्र प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया था, यह राजा महल पर आकर्षण से भी जाना जाता है।
पुराने समय में राजा महाराजा लोग जिस वास्तु काल में स्थित रहते थे यह पूरा दृश्य उसी को दर्शाता है। आज के समय में इस किले को राम राजा मंदिर में बदल दिया गया है। भारत का यह मंदिर एकमात्र है, जहां हर कोई राम को राजा राम के रूप में पूजता है।
महेश्वरी मध्य प्रदेश का एक स्वच्छ और पवित्र नर्मदा नदी के किनारे स्थित धार्मिक शहर है। यहां पर कई शिवालयों और मंदिरों की श्रृंखला के कारण इसे गुप्तकाशी के नाम से भी जाना जाता है।
वास्तव में महेश्वरी शहर अहिल्याबाई होल्कर की बुद्धिमता और कुशल राज कौशल की जीवंत साक्षी भी है। इस शहर में नौका विहार काफी प्रख्यात है, जिसके लिए पर्यटक यहां पर आते हैं। पवित्र नर्मदा नदी में स्नान करने के लिए यहां पर घाटों की श्रृंखला बनी हुई है।
इस शहर का प्राचीन नाम महिष्मति है। लेकिन आज यह एक विकसित पर्यटन स्थल बन चुका है। महिष्मति नगरी के बारे में वायु पुराण, नर्मद पुराण और स्कंद पुराण में भी वर्णन किया गया है।
इस शहर में देवी अहिल्याबाई होलकर का एक राजवाड़ा भी है, जो 2 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ 500 फीट ऊंचा किला है। इस शहर में राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु मंदिर, अहिल्येश्वर मंदिर, महेश्वर किला जैसे कई खूबसूरत पर्यटन स्थल मौजूद है।
पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश का इंदौर शहर एक खूबसूरत जगह है। यह मध्य प्रदेश के सबसे अधिक आबादी वाला शहर है, जो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह शहर मालबा पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। इस शहर को फूड कैपिटल और मिनी मुंबई भी कहा जाता है। 18 वीं शताब्दी में इस शहर में भगवान इंद्र देव का एक सुंदर मंदिर बनाया गया था, उसी से इस शहर का नाम ब्रिटिश शासकों ने इंदौर रख दिया था।
तकरीबन लगातार 4 वर्षों से यह शहर भारत के सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में नंबर वन पर आ रहा है। टूरिस्ट डेस्टिनेशन के मामले में भी काफी ज्यादा लोकप्रिय है।
यहां पर थीम पार्क, स्नोसिटी, टोरनैडो वाटर पार्क, पिपलियापाला क्षेत्रीय उद्यान और जनपद कुट्टी जैसे कई खूबसूरत देखने लायक स्थान है।
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भारत में बहुत सारी बौद्ध तीर्थ स्थल है, उनमें से एक है सांची। सांची की इमारतें बहुत ही सुंदर तरीके से बनाई गई है। सांची का बौद्ध स्मारक यहां की संस्कृति को दर्शाता है। यहां पर मौर्य वंश के सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में इस स्तूप की स्थापना की थी।
इस स्थान पर भगवान बुद्ध की स्थापना की गई है। यह स्थान हरी-भरी वादियों से भरा हुआ है। यहां पर जाने के बाद लोगों को आनंद और शांति का अनुभव होता है।
उज्जैन मध्य प्रदेश में प्राचीन धार्मिक स्थल से विख्यात है, इसे महाकाल की नगरी भी कहा जाता है। भारत में स्थित सभी महान महाकाल की ज्योतिर्लिंगों में से 1 ज्योतिर्लिंग यहां भी मौजूद है, जिसे स्वयंभू ज्योतिर्लिंग कहते हैं।
इसे दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग भी कहते है। लोग इस तीर्थ स्थान में भगवान शंकर की पूजा करने आते है। इस मंदिर के तीसरे मंजिलें पर भगवान नाग चंदेश्वर की मूरत स्थित है, जहां नागपंचमी के दिन पूजा कि जाती है। इसके अलावा उज्जैन में और भी बहुत तीर्थ स्थल है।
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पीपल मॉल भोपाल
अगर आप मध्य प्रदेश की यात्रा के दौरान बहुत सारी शॉपिंग करना चाहते हैं, इसके साथ ही मनोरंजन भी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह दोनों ही चीज आपको पीपल मॉल में प्राप्त हो जाएगी।
यह मॉल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है। इस मॉल में देश भर की तमाम चीजें बिकती है, जिसे आप खरीद सकते हैं।
इसके साथ ही इस मॉल में एक एम्यूज़मेंट पार्क भी स्थित है। इस पार्क में इंडिया गेट, ताज महल, ताज होटल से लेकर भारत के कई खूबसूरत इमारत बने हुए हैं, जो देखने में शानदार है।
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हनुमंतिया आईलैंड
मध्यप्रदेश में घूमने के लिए कई खूबसूरत पर्यटन स्थल है लेकिन हनुमंतिया आईलैंड विभिन्न खेलों में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए एक शानदार और बेहतरीन जगह है।
यह द्वीप मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। यह स्थान ट्रैकिंग, फ्लोटिंग, कैंपिंग, पतंगबाजी, वॉटर स्पोर्ट, साइकिलिंग और बर्ड वाचिंग जैसे कई रोमांचिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है।
हर साल जनवरी महीने में इस आईलैंड पर विभिन्न तरह के खेल का आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर से लोग भाग लेते हैं। उस दौरान इस जगह को विजिट करना एक अलग ही अनुभव होता है।
यहां पर इंदिरा सागर डैम स्थित है, जिसे आप देख सकते हैं। इसके साथ ही गर्म हवा के गुब्बारे की सवारी भी यहां पर प्रख्यात है।
इस तरह मध्यप्रदेश में दैनिक जीवन शैली से विराम लेने और मन को शांति देने के लिए यह स्थान मध्य प्रदेश का एक शानदार पर्यटन स्थल है।
मोती मस्जिद
मोती मस्जिद मध्यप्रदेश में इतिहास प्रेमियों के लिए घूमने लायक एक आदर्श जगह है। यह मध्य प्रदेश के विभिन्न खूबसूरत आकर्षणों में से एक है।
सफेद संगमरमर से बना यह मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद की तरह ही है। यह मस्जिद भी मुगल काल की एक भव्य इमारत है। इस मस्जिद का निर्माण सिकंदर जहान बेगम के शासनकाल के दौरान 1860 में किया गया था।
सफेद चमकदार संगमरमर के कारण इस मस्जिद को पर्ल मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खूबसूरती ही पर्यटकों को यहां तक खींचे ले आती है।
मध्यप्रदेश का जबलपुर शहर अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरत पर्यटन स्थल के लिए जाना जाता है। यह शहर नर्मदा नदी के उत्तर में निचली पहाड़ियों से घिरे चट्टानी बेसिन में झीलों और मंदिरों के बीच में मौजूद है।
राजपूत राजाओं के शासनकाल में यह शहर कलचुरी वंश की राजधानी हुआ करती थी और इस शहर की स्थापना उन्होंने ही किया था।
जबलपुर में अंग्रेजों के जमाने से ही चलता आ रहा हाई कोर्ट का मुख्य खंडपीठ का मुख्यालय यही है, जिसके कारण इस शहर को मध्य प्रदेश की न्यायिक राजधानी भी कहा जाता है।
इस शहर को जाबालि ऋषि की तपोभूमि माना जाता है और उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम जबलपुर पड़ा है। मध्यप्रदेश का यह शहर अपनी सांस्कृतिक गतिविधियों और संगमरमर चट्टानों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां पर बहती नर्मदा नदी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
इस शहर के प्रमुख आकर्षणों में धुआंधार जलप्रपात, ग्वारीघाट, तिलवारा नर्मदा घाट, घुघरा जलप्रपात, शिव मंदिर कचनार, बरगी डैम, संग्राम सागर झील, गुरुद्वार, हनुमानतल जैन मंदिर, बैलेंसिंग रॉक, भेड़ाघाट, मार्बल रॉक, भंवरताल गार्डन, वर्ल्ड वाटर पार्क, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पिसनहारी की मडिया, तिलवारा घाट आदि प्रमुख है।
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बांधवगढ़ नेशनल पार्क
प्रकृति प्रेमी एवं वन्यजीव प्रेमियों के लिए मध्यप्रदेश में एक और खूबसूरत देखने लायक स्थान बांधवगढ़ नेशनल पार्क है। यह नेशनल पार्क मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में 450 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
1968 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। यह राष्ट्रीय उद्यान 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस उद्यान में स्थित एक मुख्य पहाड़ को बांधवगढ़ कहा जाता है और 811 मीटर ऊंचे इस पहाड़ के पास और भी छोटी-छोटी पहाड़ों की श्रृंखला है।
इस बांधवगढ़ की पहाड़ी पर 2000 वर्ष पुराना एक किला भी बना हुआ है, जो इतिहास प्रेमियों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है।
इस राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न पशुओं की 22 और पंछियों की लगभग 250 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां पर बाघ सबसे ज्यादा पाए जाते हैं।
इस राष्ट्र उद्यान में पार्क भी बना हुआ है, जहां साल और बंबू के वृक्ष लगे हुए हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान में निवास करने वाले विभिन्न प्रजाति के जानवरों को देखने का लुफ्त आप हाथी की सवारी या फिर वाहन में बैठकर उठा सकते हैं।
इतिहास प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए मध्य प्रदेश का मांडू जिला खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह मध्य प्रदेश का एक प्राचीन शहर है जिसे मांडवगढ़ के नाम से भी जाना जाता है।
परमार राजवंश के समय यह स्थान ज्यादा प्रसिद्ध हुआ था। तेरहवीं शताब्दी में यह मुस्लिम शासकों के अंतर्गत आ गया था। मांडव गढ़ विंध्यांचल पर्वत श्रृंखला से घिरा होने के कारण यह सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण था।
आज यह पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर बन चुका है, जो इंदौर से तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी पर है।
मांडू में प्रवेश करने के लिए 12 दरवाजे हैं और मुख्य दरवाजा दिल्ली दरवाजा के नाम से जाना जाता है। यहां पर जहाज महल, हिंडोला महल, होशंग शाह का मकबरा और रानी रूपमती का महल प्रमुख आकर्षण है।
अमरकंटक मध्य प्रदेश में अपनी प्रकृति और सुंदरता के लिए विख्यात है। यह मध्य प्रदेश के तीर्थ स्थलों में से एक है। सतपुड़ा क्षेत्र में स्थित यह एक बहुत ही सुंदर दृश्य दिखाता है। पहाड़ों के बीच बहती धारा नर्मदा नदी में जाकर मिलती है।
अमरकंटक का क्षेत्र नर्मदा नदी और सोन के उद्गम के कारण ही प्रसिद्ध है। यहां के रहने वाले निवासी नर्मदा कुंड और इसकी मंदिर की प्राचीनता को बढ़ावा देते है।
मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
लोग अक्सर किसी देश या राज्य में घूमने जाते है, तो वहां के प्रसिद्ध व्यंजन को ही खाना पसंद करते है। हर जगह का कुछ ना कुछ प्रसिद्ध भोजन होता है।
तो चलिए आपको मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजन के बारे में बताते है। उन प्रसिद्ध व्यंजन के निम्न नाम दिए गए है जैसे:-
- भुट्टे का किस
- इंदौरी नमकीन
- पकोड़ा कढ़ी
- पालक पूरी आदि।
जैसा कि हमने बताया मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजन के बारे में, वह सभी वहां के प्रमुख और स्थानीय भोजन भी है। जब भी कोई पर्यटक बाहर से मध्यप्रदेश में आता है, तो उन्हें यहां के प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन परोसे जाते हैं।
आप मध्य प्रदेश के किसी भी प्राचीन और धार्मिक स्थान में मिलने वाले भोजन करेंगे, तो वहां पर आपको मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध दाल बाफले जरूर दिए जाएंगे, जिस प्रकार राजस्थान में दाल बाटी प्रसिद्ध है।
ठीक उसी प्रकार स्वादिष्ट भोजन मध्य प्रदेश का दाल बाफले हैं। इसके साथ आपको मिठाई में मावा बाटी दिया जाता है, जो यहां का प्रसिद्ध मिठाई है।
यहां के लोग नाश्ते में ज्यादातर पोहा खाते हैं और इस स्थान में पोहा बहुत ही ज्यादा प्रचलित में है, बाहर से आने वाले लोग भी इसे बहुत पसंद करते हैं।
मध्यप्रदेश में रुकने की जगह
अगर आप किसी धार्मिक स्थल में जा रहे हैं, तो पर्यटकों के लिए वहां एक निवासिय स्थान बनाए जाते हैं, जहां वो एक दो दिन आराम से रुक सकते हैं। उनके लिए हर एक चीज की सुविधा भी बनाई जाती है, जिससे पर्यटकों को किसी भी प्रकार को असुविधा न हो।
या फिर अगर आप और भी ज्यादा फैसिलिटी चाहते है, तो कई सारे होटल होते है, जो पर्यटकों के लिए कम से कम दामों में दिए जाते है।
आप होटल में रूम बुक करवा करके भी आसानी से आराम दायक स्थान पर रुक सकते है। इसके अलावा आप रेस्टोरेंट, लौज और आश्रम में भी कुछ दिनों के लिए ठहर सकते है और मध्यप्रदेश की सैर कर सकते है।
मध्यप्रदेश में घूमने के लिए अच्छा समय (Best Time to Visit Madhya Pradesh)
मध्यप्रदेश की बात करें तो नवंबर और दिसंबर के समय यहां की सुंदरता को ज्यादा मनोरम देखा जा सकता है। क्योंकि गर्मी के समय यहां का तापमान बहुत ही ज्यादा होता है, जिसके कारण घूमने का मजा ठंडी में ही ज्यादा आता है। आप दिन भर कभी भी यहां के प्रसिद्ध स्थान में घूम सकते है।
नवंबर के समय में यहां तानसेन संगीत उत्सव भी मनाया जाता है, जो यहां की संस्कृति को दर्शाता है। यहां के प्रसिद्ध नेशनल पार्क की बात करे तो वह सुबह से शाम तक ही घुमा जा सकता है क्योंकि रात में जानवरों के कारण असुविधा हो सकती है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश एक बहुत ही खूबसूरत राज्य है, जहां आप कभी भी घूमने जा सकते हैं।
मध्यप्रदेश कैसे पहुंचे?
अगर आप मध्यप्रदेश के निवासी नहीं है तो यहां जाने के लिए आपको अलग-अलग प्रकार के साधन का इस्तेमाल करना पड़ सकता है।
अगर आप भारत देश में नहीं है या इस राज्य के विपरीत किसी दूसरे स्थान में रहते है तो आपको हवाई जहाज या ऐरोप्लेन का सहारा लेना पड़ेगा, जिससे आप कम समय में मध्य भारत पहुंच पाएंगे या फिर अगर आप किसी अन्य राज्य में रहते गई तो ट्रेन से भी सफर कर सकते हैं।
इसके अलावा सड़क रास्ते की मदद से यहां लोग यात्रा करते है। पर्यटक के लिए कई सारी सुविधाएं है, जिससे वह मध्य प्रदेश पहुंच के प्रसिद्ध स्थानों तक घूम सकते हैं।
मध्यप्रदेश में घूमने का खर्चा
एमपी में घूमने की जगह बहुत सारी है। अगर आप 1-2 जगह घूमना चाहेंगे तो आपको खर्च कम लगेंगे। परंतु अगर आप पूरा मध्य प्रदेश घूमना चाहेंगे तो बहुत से खर्च आ सकते हैं।
बात करते हैं, सबसे कम से कम खर्च के बारे में तो आपके रहने से लेकर खाने-पीने तक सब मिलाकर 15000 से 30000 का खर्च आपको लग सकता है।
आपका खर्च आप पर भी निर्भर करता है, आप कितनी संख्या में घूमने के लिए जा रहे हैं या आपको कितनी फैसिलिटी चाहिए।
इस हिसाब से आपका खर्च बढ़ सकता है। अगर आप धार्मिक या प्राचीन स्थल पर जा रहे हैं और कुछ खरीदना चाह रहे हैं तो उसके खर्च अलग से लग सकते हैं।
मध्यप्रदेश घूमते वक्त साथ में क्या रखें?
अगर आप कहीं दूर घूमने जा रहे हैं तो अपने साथ खाने पीने का सामान, कपड़े और आदि जरूरतों की चीज रखना जरूरी होता है।
इसके अलावा अपने साथ खर्च के हिसाब से और उससे ज्यादा पैसा रखना जरूरी होता है। क्योंकि अगर आपके पास पैसा होगा तो आप अच्छे से हर एक जगह घूम पाएंगे।
पैसे की जरूरत किसी भी समय पर सकती है। इसलिए एक्स्ट्रा पैसा रखना जरूरी होता है।
इसके साथ अगर आप चाहे तो अपनी जरूरतें के सामान को बढ़ा सकते हैं और अपने साथ ले जा सकते हैं। सफर में काम आने वाली हर एक चीज को ध्यान पूर्वक रखना चाहिए, जो हर एक समय में आपके साथ रहे।
सन 1950 में मध्यप्रदेश की स्थापना हुई थी।
पूरी दुनिया भर में मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है।
मध्यप्रदेश के दो प्रमुख धार्मिक स्थल उज्जैन और मैहर मंदिर है। उज्जैन में जहां महाकाल की पूजा की जाती है तो मैहर मंदिर में मां शारदे माता की आराधना होती है, जो पूरे भारत देश में प्रसिद्ध और रहस्यमई स्थान है।
अमरकंटक का क्षेत्र नर्मदा नदी और सोन के उद्गम के कारण ही प्रसिद्ध है।
भारत के मध्यप्रदेश के दो तथ्य निम्न है: मध्य प्रदेश भारत के बिल्कुल मध्य भाग में स्थित है, इसलिए इसका नाम मध्यप्रदेश रखा गया। भारत का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य मध्य प्रदेश को ही कहा जाता है।
मध्य प्रदेश को तालाबों का शहर कहा जाता है। यहां पर कई सारे तालाब मौजूद है, जो इस शहर की सुंदरता को बढ़ाते हैं। यहां मुख्य रूप से सदर मंजिल, हमिद मंजिल ताजमहर और चिकलौद कोठी आदि स्थित है।
भारत का दिल कहा जाने वाला मध्य प्रदेश एक बहुत ही सुंदर राज्य है। यहां की संस्कृति को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
इस आर्टिकल में मध्यप्रदेश में घूमने की जगह (Madhya Pradesh Me Ghumne ki Jagah) के बारे में बताया है। आप यहां जाकर सुविधा पूर्वक घूम सकते हैं।
उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
10+ मैहर में घूमने वाली जगह और मंदिर खुलने का समय
10+ गुजरात में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
10+ राजस्थान में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
10+ उड़ीसा में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
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मध्य प्रदेश के 15 प्रमुख दर्शनीय स्थल और सम्पूर्ण यात्रा जानकारी
नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आप सभी का एक नए आर्टिकल में, आज हम आपको भारत के सबसे खूबसूरत पर्यटन राज्यों में से एक मध्य प्रदेश में घूमने की जगह के बारे में बताएंगे। जो हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां के खूबसूरत पर्यटन स्थल यहां घूमने आने वाले व्यक्तियों को कभी निराश नहीं करते हैं।
यहां पर आपको ऐतिहासिक धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल देखने को मिल जाएंगे। आज हम आपको मध्य प्रदेश में घूमने के प्रमुख पर्यटन स्थल के बारे में बताएंगे और मध्य प्रदेश राज्य के बारे में पूरा विस्तारपूर्वक तरीके से बताएंगे। इसलिए आप शुरू से अंत तक हमारे साथ इस आर्टिकल के माध्यम से जुड़े रहे। आइए दोस्तों बिना कोई देर किए आर्टिकल को जल्द से जल्द शुरू करते है।
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मध्यप्रदेश में घूमने की जगह – Madhya Pradesh Me Ghumne ki Jagah
मध्यप्रदेश भारत देश का एक राज्य है जो कि बहुत ही सुंदर और प्रकृति की सुंदरता से घिरा हुआ है। जहां पर आपको बहुत सुंदर सुंदर पर्यटन स्थल देखने को मिलेंगे। अगर आप अपनी छुट्टियां में घूमने का आनंद लेना चाहते हो, तो आप भारत के मध्यप्रदेश राज्य में घूमने के लिए जा सकते हो।
यहां पर आपको बहुत से सुंदर पर्यटन स्थल देखने को मिलेंगे जिसके कारण यहां छुट्टियों में घूमने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते है। आज हम आपको मध्य प्रदेश में घूमने के प्रमुख पर्यटन स्थल के बारे में बताएंगे जहां पर बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए आते है। इसलिए हमारे साथ लास्ट तक जुड़े रहे। तो आईए जान लेते है कि मध्यप्रदेश में घूमने के कौन-कौन से प्रमुख पर्यटन स्थल है।
1. उज्जैन – Ujjain
उज्जैन मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। उज्जैन में आपको बहुत ही सुंदर सुंदर व प्राचीन मंदिर देखने को मिलेंगे। उज्जैन में बहुत ज्यादा मात्रा में प्राचीन मंदिर बने हुए है। जिसके कारण उज्जैन को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। इस मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में घूमने की सबसे खास विशेषता यह है कि
12 वर्ष में एक बार लगने वाले कुंभ के मेले का आयोजन उज्जैन शहर में ही होता है। इस कुंभ मेले में दुनियाभर से लाखों-करोडों लोग आते है। इसलिए यह मध्य प्रदेश में घूमने का प्रमुख पर्यटन स्थल है।
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2. ग्वालियर – Gwalior
ग्वालियर भी मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शहर है जहां पर आप घूमने जा सकते है। ग्वालियर शहर का निर्माण राजा शूरसेन के द्वारा करवाया गया है। इसलिए यह एक बहुत ही प्राचीन पर्यटन स्थल में से एक है। ये सभी स्थान हरियाली से परिपूर्ण है। यहां पर आपको प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल देखने को मिलेंगे।
साथ ही साथ प्राचीन ग्वालियर का किला भी देखने को मिलेगा। ये सभी स्थान लोगों को अपनी और आकर्षित करते है। इनको देखने व मंदिरों में दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते है। इसलिए आप जब भी मध्य प्रदेश घूमने जाएं तो ग्वालियर शहर घूमने के लिए जरूर जाएं।
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3. खजुराहो – Khajuraho
खजुराहो मध्य प्रदेश की बहुत ही प्राचीन पर्यटन स्थल में से एक है। यहां की जटिल नक्काशी और बेहतरीन मूर्तिकला बहुत ही खूबसूरत है। मध्य प्रदेश में स्थित कामसूत्र की रहस्यमई भूमि भी अनादि काल से प्रसिद्ध है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते है।
यहां पर आपको दो प्राचीन मंदिर लक्ष्मण मंदिर और चित्रगुप्त मंदिर भी देखने को मिलेंगे। यहां का दृश्य बहुत ही मनमोहक है। इसलिए आप जब भी मध्य प्रदेश जाएं तो खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिर और रहस्यमई भूमि को जरूर देख कर आएं।
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4. पंचमढ़ी – Pachmarhi
पंचमढ़ी मध्य प्रदेश के एक होशंगाबाद जिले में स्थित है। पंचमढ़ी भी बहुत ही सुंदर और हरियाली से परिपूर्ण वाली जगह है। इसको हिल स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर आपको ऊंचे-ऊंचे हरे भरे पहाड़ देखने को मिलेंगे और उन पहाड़ों के बीच से निकलने वाले झरने लोगों को अपनी और आकर्षित करते है।
ये झरने देखने पर बहुत ही सुंदर लगते है और लोगों को अपनी और मनमोहित करते है और यहां पर बहुत ही शांति देखने को मिलती है। लोग यहां इस नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में आते है। इसलिए आप भी मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी में जरूर घूमने जाएं।
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5. ओरछा – Orchha
यह मध्य प्रदेश के झांसी शहर से 15 किलोमीटर दूर बेतवा नदी के पास स्थित है। इस ओरछा किले का निर्माण रूद्र प्रताप सिंह के द्वारा कराया गया था। इस ओरछा किले में आपको पुरानी और बहुत खूबसूरत चित्रकला देखने को मिलेंगी।
प्राचीन समय में राजा महाराजा जिसमें रहते थे यह ओरछा किला उसी दृश्य को दिखाएगा। इस किले को आजकल राम राजा मंदिर में बदल दिया गया है। आप जब कभी भी मध्य प्रदेश आएं तो ओरछा किले में प्रस्तुत विभिन्न चित्रकला और इस खूबसूरत प्राचीन मूर्तियां आदि को देखना ना भूलें।
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6. अमरकंटक – Amarkantak
मध्य प्रदेश के अमरकंटक में भी आपको बहुत से खूबसूरत प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलेंगी। यह अमरकंटक सतपुड़ा क्षेत्र में स्थित है। यह एक तीर्थ स्थल भी है। यह अमरकंटक क्षेत्र नर्मदा नदी और सोन नदी के उद्गम के कारण प्रसिद्ध है।
यहां से पहाड़ों के बीच बहती नदी की धारा देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती है। अमरकंटक में एक बहुत बड़ा नर्मदा कुंड और मंदिर की प्राचीनता को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते है। इसलिए आप भी मध्य प्रदेश के अमरकंटक के इन नजारों को जरूर देखकर आएं।
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7. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान – Kanha National Park
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित है। जहां पर आपको राष्ट्रीय पशु, पक्षी और अन्य जानवर देखने को मिल जाएंगे जो इस राष्ट्रीय उद्यान की शोभा को बढ़ाते है।
इस कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की एक खास बात यह है कि यहां पर आपको बाघ, शेर और विभिन्न प्रकार के जानवर देखने को मिलेंगे। और यहां पर आपको प्राकृतिक सुंदरता भी देखने को मिलेंगी। इसलिए दूर-दूर से लोग इस कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में घूमने के लिए आते है।
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8. सांची स्तूप – Sanchi Stupa
सांची भी मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो की बौद्ध धर्म को मैंने वाले लोगो का बहुत ही बड़ा तीर्थ स्थल है। सांची का बौद्ध स्मारक मध्य प्रदेश की संस्कृति को दर्शाता है। इस बौद्ध स्मारक की स्थापना मौर्य वंश के सम्राट अशोक के द्वारा की गई थी।
इसी स्थान पर ही भगवान बुद्ध की स्थापना हुई थी। इस स्थान की इमारतें बहुत ही सुंदर और बहुत बड़ी-बड़ी है। इस स्थान को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में बाहर से आते है। यहां पर आपको आनंद और शांति का भी अनुभव होगा।
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9. बांधवगढ़ नेशनल पार्क – Bandhavgarh National Park
बांधवगढ़ नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह 450 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर आपको बाघों की बहुत संख्या देखने को मिलेंगी। बाघों के अलावा भी यहां आपको पशु, पक्षी व जलीय जानवर देखने को मिलेंगे।
अगर आप इस बांधवगढ़ नेशनल पार्क में घूमने का चुनाव करते है तो आपकी यात्रा बहुत ही रोमांचक होगी। और यहां पर आपको हर जगह पर अलग-अलग नजारे देखने को मिलेंगे।
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10. मांडू – Mandu
मांडू भी मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां पर भी आपको प्राचीन ऐतिहासिक स्थल देखने को मिलेंगे। साथ ही साथ बहुत सुंदर-सुंदर महल वह उनके अंदर दिवारों पर की गई विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां आदि देखने को मिलेंगी।
यहां पर आपको हरियाली, प्राकृतिक सुंदरता आदि देखने को मिलेंगी, जिनके कारण यह लोगों को अपनी और आकर्षित करता है। यहां पर आपको बहुत ही सुंदर नजारा देखने को मिलेगा।
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11. शिवपुरी – ShivPuri
शिवपुरी भी मध्य प्रदेश का एक पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको महल, शिवपुरी का किला आदि की बड़ी-बड़ी इमारतें देखने को मिलेंगी। साथ ही साथ आपको यहां पर शिवपुरी में वन्य जीव अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान भी देखने को मिलेगा।
यहाँ पर आपको बहुत से मनमोहन दृश्य देखने को मिलेंगे जो लोगो को अपनी और आकर्षित करते है जिसके कारण लोग बड़ी संख्या में यहां घूमने के लिए आते रहते है।
12. मानव जाति संग्रहालय – National Museum of Humankind
मानव जाति संग्रहालय भोपाल में स्थित है जो कि एक म्यूजियम है। जहां पर मानव के जीवन का वर्णन किया गया है। यहां पर मानव की उत्पत्ति से लेकर आधुनिक युग तक का वर्णन बहुत ही सुंदर तरीके से किया गया है।
यहां जाने के बाद ही आपको पता चलेगा कि एक मनुष्य का जीवन कितना कठिन भरा हुआ होता है। इसलिए आप जब भी मध्य प्रदेश घूमने के लिए जाएं तो मानव जाति संग्रहालय भोपाल में जरूर घूमने के लिए जाएं।
13. महाकालेश्वर धाम – Mahakaleshwar
महाकालेश्वर धाम भी मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। महाकालेश्वर धाम मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। यह भगवान शिव का बहुत ही सुंदर व अद्भुत मंदिर है, यहां पर लगी विभिन्न मूर्तियां, जीवित आदमी जैसी लगती है।
यह देखने में बहुत ही अद्भुत लगता है। यहां पर आपको प्राकृतिक सुंदरता भी देखने को मिल जाएंगी। इसलिए आप जब भी मध्य प्रदेश घूमने के लिए जाएं तो महाकालेश्वर धाम में घूमना बिल्कुल भी ना भूले।
14 पीपल मॉल भोपाल – People’s Mall
पीपल मॉल भी मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल में से एक है। ये पीपल मॉल अपने आप में बहुत ही अद्भुत है, इसके जैसे मॉल आपने पहले कभी भी नहीं देखा होगा। इस पीपल मॉल में आपको शापिंग मॉल के अलावा एम्यूजमेंट पार्क भी देखने को मिलेगा।
इस एम्यूजमेंट पार्क में आपको इंडिया गेट, ताज महल, ताज होटल आदि को आप एक साथ देख सकते है। इसलिए यह अपने आप में बहुत ही खूबसूरत है। इसलिए आप जब कभी भी मध्य प्रदेश घूमने आएं, तो पीपल मॉल भोपाल में घूमना कभी भी ना भूले।
15. हनुमंतिया आईलैंड – Hanumantiya Island
हनुमंतिया आईलैंड भी मध्य प्रदेश का प्रमुख व खूबसूरत पर्यटन स्थल में से एक है। यहां पर आपको वाटर स्पोर्ट, कैंपिंग, पतंगबाजी, साइकिलिंग, बर्ड वाचिंग आदि गेम इस आइलैंड पर खेलने व आनंद लेने के लिए मिल जाएंगे।
यहां पर हर साल जनवरी माह में विभिन्न खेलों का आयोजन कराया जाता है। जिसमें हर कोने से लोग गेम खेलने व देखने के लिए यहां आते है। इसलिए आप भी इस आइलैंड पर जरूर जाकर आएं।
मध्य प्रदेश में घूमने का यात्रा प्लान – MP Travel Plan
दोस्तों मध्य प्रदेश में घूमने की बहुत सी जगह है, यहां पर घूमने के लिए आपके पास जबरदस्त है, यात्रा प्लान होना आवश्यक है, मध्य प्रदेश का ट्रैवल प्लान कुछ इस प्रकार है की सबसे पहले आपको भोपाल में आ जाना है, भोपाल से यात्रा की शुरुआत करनी है तथा यह खूबसूरत स्थल देखना है, इसके बाद आपको शांति में घूमने के लिए जाना है, तथा यहां का बहुत ही खूबसूरत स्तूप जरूर देखना है।
इसके बाद आप करना नेशनल पार्क में जा सकते हैं, यह नेशनल पार्क भी काफी जबरदस्त है, यहां पर आप इंडियन टाइगर को देख सकते हैं, इसके बाद आप भेड़ाघाट नामक स्थान पर जा सकते हैं तथा यहां पर धुआधार नामक खूबसूरत झरना भी स्थित है, यह सभी स्थल काफी खूबसूरत है तथा इन सभी स्थलों पर घूमने के बाद आपको वापस भोपाल में आ जाना है।
मध्यप्रदेश घूमने जाने का सही समय
वैसे तो आप किसी भी समय मध्य प्रदेश में घूमने के लिए जा सकते हो परंतु कुछ समय सबसे बेस्ट होता है जिस समय में आप मध्यप्रदेश के सभी पर्यटन स्थलों को अच्छी प्रकार से देख सकते है व अन्य मनमोहन दृश्यों को भी देख सकेंगे।
इसलिए मध्य प्रदेश में घूमने के लिए नवम्बर से मार्च के बीच का समय आपके लिए बहुत ही बेस्ट है। इस समय से दुनियाभर से लोग मध्यप्रदेश में घूमने के लिए आते है। इस समय में मौसम सुहावना सा बना रहता है और इस समय में आपको जल्दी थकान भी महसूस नहीं होगी। इस मौसम में आप मध्यप्रदेश के सभी पर्यटन स्थलों की आराम से सैर कर सकते है।
मध्य प्रदेश में रूकने की जगह
मध्य प्रदेश में बहुत से धार्मिक स्थल देखने को मिल जाएंगे। उन धार्मिक स्थलों में रहने के लिए निवास स्थान पहले से ही बनाएं हुए होते है जहां पर आपको सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी। जहां पर आप आराम से दो चार दिनों तक रूक सकते है।
अगर आपको इससे भी ज्यादा फेसिलिटी चाहिए तो आपको मध्य प्रदेश में बहुत सारे होटल देखने को मिल जाएंगे। आप अपने मनपसंद होटल में भी रूम बुक करा कर उस होटल में भी रूक सकते है और मध्य प्रदेश के अनेक सुंदर-सुंदर पर्यटन स्थल की सैर कर सकते है।
मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध भोजन और व्यंजन
सभी प्रदेशों के अपने-अपने प्रसिद्ध भोजन होते है, वैसे ही मध्य प्रदेश के भी कुछ अपने प्रसिद्ध भोजन है। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध भोजन और व्यंजन पोहा, दाल बाफले, मावा बाटी, इंदौरी नमकी, पालक पूरी आदि है। आप जब कभी भी मध्य प्रदेश घूमने जाएं
तो मध्य प्रदेश के इन प्रसिद्ध भोजन का सेवन जरूर करें। ये मध्य प्रदेश के सभी प्रसिद्ध भोजन और व्यंजन आपको मध्य प्रदेश के होटल या रेस्टोरेंट में देखने को मिल जाएंगे। आप इन सभी प्रसिद्ध भोजन का सेवन जरूर करके आएं।
मध्य प्रदेश कैसे पहुंचे
अगर आप घूमने के लिए मध्य प्रदेश में जाना चाहते है तो इसके लिए आपको हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध मिलेगी। मध्यप्रदेश जाने के लिए आप किसी भी साधन का इस्तेमाल कर सकते है। आप मध्यप्रदेश में घूमने के लिए निम्नलिखित माध्यम के द्वारा जा सकते है।
सड़क मार्ग से मध्य प्रदेश कैसे पहुंचे
अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा मध्यप्रदेश जाना चाहते है तो आप अपने नजदीकी शहर से बस को पकड़ सकते है। और अगर आप मुंबई के आस-पास है तो आप मुंबई के NH 52 राजमार्ग के द्वारा भी मध्य प्रदेश जा सकते है।
रेलगाड़ी को द्वारा मध्य प्रदेश कैसे पहुंचे
अगर आप रेलगाड़ी के द्वारा मध्यप्रदेश जाना चाहते है तो यह आपके द्वारा लिया गया बहुत ही अच्छा विकल्प है, क्योंकि रेलगाड़ी में जाने पर आपके कुछ पैसे भी बच जाएंगे। भोपाल रेलवे स्टेशन और इंदौर जंक्शन दोनों बहुत ही अच्छे तरीके से अन्य रेलवे स्टेशन से जुड़े हुए है। आप अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से इन रेलवे स्टेशनों पर आसानी से पहुंच सकते है।
हवाई मार्ग से मध्य प्रदेश कैसे पहुंचे
मध्य प्रदेश के दो प्रमुख हवाई अड्डे अन्य राज्य और देशों के साथ बहुत ही अच्छी प्रकार से जुड़े हुए है। भोपाल में राजा भोज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और इंदौर में देवी अहिल्या बाई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दोनों बहुत ही अच्छे प्रकार से अन्य हवाई अड्डों से जुड़े हुए है। जिससे आप कम समय में मध्य प्रदेश पहुंच सकते है।
मध्यप्रदेश का नक्शा – Map of Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश किस लिए प्रसिद्ध है?
मध्य प्रदेश राज्य भारत देश के मध्य में स्थित है। मध्य प्रदेश प्रमुख पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थल देखने को मिल जाएंगे। जिन्हें देखने के लिए दुनिया भर से लोग यहां घूमने के लिए आते है। इन प्रमुख पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थलों के कारण ही मध्य प्रदेश विश्व के कोने-कोने में प्रसिद्ध है।
मध्य प्रदेश घूमने जाने पर कितने रूपए खर्च हो सकते है?
अगर आप मध्य प्रदेश घूमने जा रहे है, तो प्रति व्यक्ति पर 15 हजार से 20 हजार रुपए आराम से खर्च हो सकते है।
मध्य प्रदेश के बारे में क्या-क्या रोचक तथ्य है?
मध्य प्रदेश के बारे में निम्नलिखित रोचक तथ्य है- मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर का उल्लेख बड़े बड़े ग्रंथों में मिलता है। मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में ही कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। मध्य प्रदेश प्राचीन और धार्मिक स्थलों के कारण भी प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश भारत के अन्य सभी राज्यों से घिरा हुआ है, जिसके कारण मध्य प्रदेश को ‘भारत का दिल’ के नाम से भी जाना जाता है।
Conclusion:-
दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा यह आर्टिकल मध्य प्रदेश में घूमने की जगह और संपूर्ण यात्रा जानकारी आपके लिए उपयोगी रहा होगा। इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको मध्य प्रदेश में घूमने की जगहों के बारे में बड़े ही आसान शब्दों में बताया है। यहां पर हमने मध्य प्रदेश राज्य के बारे में सभी जानकारी को विस्तारपूर्वक तरीके से बता दिया है।
अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले। क्योंकि वे भी जब अपने भाई, बहन या दोस्तों आदि के साथ मध्य प्रदेश राज्य में घुमने जाएं तो उन्हें कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।
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Bhavesh Gadri
हेलो दोस्तों मेरा नाम Bhavesh Gadri हैं और मैं इस ब्लॉग का Author और Content Writer हूँ। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लग रही हो तो इसे शेयर जरूर करे
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मध्यप्रदेश राज्य की पूरी जानकारी – Complete information of Madhya Pradesh in Hindi
Madhya Pradesh in Hindi : मध्यप्रदेश भारत का एक प्रमुख राज्य है जो भारत के केंद्र में स्थापित है। मध्यप्रदेश क्षेत्रफल के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा भारतीय राज्य है जबकि जनसंख्या के हिसाब से 75 मिलियन निवासियों के साथ पांचवा सबसे बड़ा राज्य है। मध्य प्रदेश कुछ उन राज्यों में से एक है जो चारों और से कई राज्यों से घिरा हुआ है, यह राज्य उत्तर-पूर्व, छत्तीसगढ़ से दक्षिण-पूर्व, महाराष्ट्र से दक्षिण, गुजरात से दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में राजस्थान से घिरा है। लेकिन इस राज्य की एक अलग बात यह भी है कि यह अपनी सीमा किसी भी देश के साथ साझा नहीं करता है। मध्य प्रदेश हमारी संस्कृति, इतिहास, कला और परंपरा को जोड़ते हुए भारत का प्रमुख राज्य है जिसे भारत का “हृदय प्रदेश” भी कहा जाता है। मध्य प्रदेश भारत की प्राकृतिक सुन्दरता का खजाना भी है जहा आपको एक से एक प्राकृतिक नज़ारे देखने को मिलते है।
यदि आप मध्य प्रदेश राज्य की महत्वपूर्ण जानकारी पाना चाहते है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे हम मध्य प्रदेश का इतिहास, संस्कृति, वेशभूषा, खानपान, भाषा, त्यौहार, और मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों को जानने वाले है –
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मध्य प्रदेश का इतिहास – History of Madhya Pradesh in Hindi
मध्य प्रदेश का इतिहास काफी विस्तृत और ऐतिहासिक है, नर्मदा घाटी के हथनौरा में पाए गए होमो इरेक्टस के अलग-अलग अवशेषों से पता चलता है कि मध्य प्रदेश शायद मध्य प्लीस्टोसीन युग में बसा हुआ था। लेकिन यदि हम मध्यप्रदेश के आधुनिक इतिहास पर नजर डाले तो मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य निकल कर सामने आता है जिस पर सुंग, अंधरा, सातवाहन, क्षत्रप, नागा और गुप्तों जैसे राजवंशों जैसे कई महान साम्राज्यों ने शासन किया है। मध्य प्रदेश पर सबसे पहले मुगलों का राज था जबकि स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले यह ब्रिटिश शासन के कब्जे में था। अंग्रेजों के राज्य संभालने के बाद, इसे केंद्रीय प्रांत घोषित किया गया। स्वतंत्रता के बाद, 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधान के तहत, मध्य प्रदेश को 1 नवंबर 1956 को एक उचित राज्य का दर्जा दिया गया था। छत्तीसगढ़ को एक नई राज्य के रूप में नवंबर 2000 में इसके एक हिस्से को विभाजित कर दिया गया था।
मध्यप्रदेश राज्य के कुछ महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य – Some important and interesting facts of Madhya Pradesh in Hindi
- मध्य प्रदेश भारत के मध्य में स्थित है और इसलिए इसे ‘भारत का हृदय’ कहा जाता है।
- मध्य प्रदेश राज्य की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी इसीलिए हर साल 1 नवंबर को मध्य प्रदेश स्थापना दिवस मनाया जाता है।
- भोपाल मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी है।
- बता दे मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जो किसी देश के साथ अपनी सीमा साझा नही करता है।
- इस भूमि से कुछ महत्वपूर्ण नदियाँ बहती हैं जैसे बेतवा नदी, चंबल, इंद्रावती, महानदी और सोन नदी जबकि नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण नदी है जिसे मध्य प्रदेश की जीवन दायनी के नाम से भी जाना जाता है।
- इंदौर मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी सिटी है जिसे भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में भी घोषित किया जा चूका है।
- मध्यप्रदेश क्षेत्रफल के हिसाब भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है जिसका क्षेत्रफल 308,245 वर्ग किमी है।
- जनसंख्या के द्रष्टिकोण से मप्र भारत का पांचवा सबसे बड़ा राज्य है। 2011 जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश की जनसंख्या 33 करोड़ थी।
- मध्य प्रदेश की मुख्य फसल गेहूंहैं लेकिन इसके साथ साथ मप्र में गन्ना, चना, मटर, राई, सरसों, मसूर, चावल, सोयाबीन, कपास, गन्ना, मूंगफली, तिल, तुअर, ज्वार, मक्का, सूर्यमुखी जैसी विभिन्न फसलों का उत्पादन भी किया जाता है।
मध्यप्रदेश की संस्कृति और परम्पराएँ – Culture and T raditions of Madhya Pradesh in Hindi
मध्य प्रदेश की संस्कृति स्वदेशी परंपराओं और राज्य के एक बड़े हिस्से में निवास करने वाली जनजातियों की रीति-रिवाजों से काफी प्रभावित है। यह राज्य सभी धर्म और समुदायों का घर है इसीलिए यह राज्य सभी धर्म के लोगो की अलग अलग संस्कृतियों के रंग में रंगा हुआ है। मध्य प्रदेश की संस्कृति में हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, जैन, ईसाई और सिखों का सामंजस्यपूर्ण समामेलन है। इस राज्य में सभी धर्म और जनजातियों के लोगो को अपनी अपनी संस्कृति अपनाने की स्वतंत्रता है इसीलिए यह राज्य किसी भी एक परम्परा या संस्कृति का अनुसरण नही करता है। जब आप मध्य प्रदेश के अलग अलग हिस्से में जायेंगे तो आपको अलग अलग संस्कृति और परम्परायें देखने को मिलेगी।
मध्य प्रदेश की भाषा और धर्म – Local language and Religion of Madhya Pradesh in Hindi
मध्य प्रदेश की मुख्य भाषा हिंदी है लेकिन इसके अलावा मध्य प्रदेश में मालवीय, कोरकूम तिरहरी, ब्रज भाषा, बघेलखंडी, निमाड़ी, बुंदेलखंडी, गोड़ी भाषायें भी बोली जाती है। यदि हम मध्यप्रदेश के धर्म की बात करें तो 2011 की जनगणना के अनुसार, मध्यप्रदेश में 90.89% हिन्दू, 6.57 % मुस्लिम, 0.78% जैन, 0.29% बौद्ध, 0.29% ईसाई और 0.20% सिख धर्म के लोग निवास करते है।
मध्य प्रदेश के लोगो की पारंपरिक वेशभूषा – Traditional C ostumes of Madhya Pradesh in Hindi
संस्कृति और परम्परायों की तरह मध्य प्रदेश की वेशभूषा भी यहाँ निवास करने वाले विभिन्न धर्म के लोगो और जनजातियों से प्रभावित है लेकिन मध्य प्रदेश की पारंपरिक वेशभूषा आज भी इस राज्य में जीवित है जो भारत के अन्य राज्यों के काफी अलग है जिसमें आदिवासी लोग ज्यादातर चांदी के आभूषण पहनते हैं –
पुरुषों के लिए मध्य प्रदेश की पारंपरिक वेशभूषा
धोती और सफा मध्य प्रदेश के पुरुषों के लिए प्रसिद्ध पारंपरिक पोशाक है जो काफी आरामदायक भी होती है। सफा, एक प्रकार की पगड़ी है जो पुरुषों के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। मिर्ज़ाई और बांदी सफेद या काले रंग में एक प्रकार की जैकेट हैं जो मध्य प्रदेश में पुरुषों की पारंपरिक पोशाक का एक हिस्सा बनती हैं, खासकर मालवा और बुंदेलखंड के क्षेत्रों में। इनके अलावा विभिन्न त्योहारों और अवसरों में राज्य के सभी धर्म के लोगो और जनजातियों द्वारा अपनी अपनी पारंपरिक वेशभूषा और कपडे पहने जाते है।
मध्य प्रदेश की महिलायों के पारंपरिक कपड़े
मध्य प्रदेश में महिलाओं के बीच लीन्गा और चोली सबसे प्रसिद्ध पारंपरिक पोशाक है। ओधनी एक प्रकार का दुपट्टा है जो सिर और कंधों को कवर करता है और पारंपरिक पोशाक का एक अनिवार्य तत्व है। कपड़े में काले और लाल रंग सबसे लोकप्रिय रंग हैं। वर्तमान परिदृश्य में, साड़ी भी मध्य प्रदेश में महिलाओं के परिधान का हिस्सा बन गई है।
मध्य प्रदेश के लोकप्रिय हस्तशिल्प – Popular Handicrafts of Madhya Pradesh in Hindi
मध्य प्रदेशराज्य अपने हस्तशिल्प और विभिन्न कला रूपों के लिए जाना जाता है उनमें से कुछ सबसे प्रसिद्ध बांस और बेंत के हस्तशिल्प, कालीन, डुरियाँ, लोक चित्र, जूट वर्क्स आदि के नाम शामिल है। साप्ताहिक बाज़ारों में इन दस्तकारी वस्तुओं को बनाने और बेचने वाले समुदाय को बसोड़ या बसोर कहा जाता है। इनके अलावा मध्य प्रदेश अपने बुनाई के काम के लिए भी जाना जाता है जिनमे माहेश्वरी और चंदेरी साड़ियाँ सबसे जाड्या प्रसिद्ध है।
मध्य प्रदेश की जनजातियाँ – Tribes of Madhya Pradesh in Hindi
मध्य प्रदेश की जनसंख्या में यहाँ निवासरत जनजातियों की बड़ी संख्या शामिल है। मध्य प्रदेश की जनजातियाँ की सबसे प्रमुख जनजातियाँ गोंड, कोल, भील, मुरीस, बेगस, कोरकस, कामरस, मारीस और उरोन है। गोंड की जनजाति व्यावहारिक रूप से सबसे अछूती है। प्रत्येक जनजाति के संगीत, नृत्य, आभूषण और यहां तक कि निवास स्थान में काफी भिन्नता देखने को मिलती है।
मध्य प्रदेश में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार – Famous Festivals Of Madhya Pradesh in Hindi
भारत के दिल के रूप में जाने जाना वाला मध्य प्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासत और त्यौहार के लिए प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश में आयोजित होने वाले लोकप्रिय फेस्टिवलो को कहीं और नहीं देखा जा सकता है। भारत के किसी भी अन्य स्थान की तरह मध्य प्रदेश कई धर्मों का सह अस्तित्व है जो विभिन्न त्योहारों के उत्सव के साक्षी होते हैं। जिसमे धार्मिक त्योहारों के साथ-साथ आदिवासी त्योहार भी देखने को मिलते हैं। धार्मिक त्योहारों में दशहरा, दिवाली, ईद, जैन त्योहार और क्रिसमस शामिल हैं, जबकि आदिवासी त्योहारों में मडई, भगोरिया और करबा शामिल हैं। इनके अलावा झाबुआ में दुनियाभगोरिया हाट, नृत्य खजुराहो का नृत्य समरोह, ग्वालियर का तानसेन संगीत समारोह, मडई त्यौहार, और प्रयागराज का मेला भी प्रसिद्ध हैं।
मध्य प्रदेश के मेले और त्यौहारों के दौरान, आपको पारंपरिक वेशभूषा, नृत्य, संगीत, भोजन और कला और स्थानीय जनजातियों के शिल्प भी देखने को मिलते हैं।
और पढ़े : मध्य प्रदेश के प्रमुख त्यौहार और मेलो की जानकारी
मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन- Famous & Local Food Of Madhya Pradesh in Hindi
भारत दिल मध्य प्रदेश राज्य में भोजन विभिन्न शैलियों और विशिष्टताओं के साथ बनाया जाता है। मध्य प्रदेश की सीमा विभिन्न राज्यों से लगी होने की वजह से यह अपने स्थानीय भोजन के अलावा दूसरे राज्य के भोजन से भी प्रभावित है। मध्य प्रदेश में आप सभी तरह के भोजन का स्वाद चख सकते हैं। बता दें कि यहां के मुख्य भोजन में गेहूं के आटे की रोटी, दाल चावल, मांस और मछली, दाल बाफला, बिरयानी, कबाब, रोगन जोश, जलेबी, लाडो, कोरमा, पोहा के नाम शामिल हैं। इसके अलावा आप स्ट्रीट फूड में कई तरह के चटपटी चीजों का स्वाद ले सकते हैं। अगर मध्य प्रदेश के कुछ स्थानीय पेय पदार्थों में लस्सी, बीयर, गन्ने का रस और नीबू पानी का नाम शामिल है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थल – Tourist Places in Madhya Pradesh in Hindi
मध्य प्रदेश भारत का एक प्रमुख पर्यटक राज्य है जो अपनी कला, संस्कृति, परपंरा और वेशभूषा के साथ साथ अपने पर्यटक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। मध्य प्रदेश विश्व भर के यात्रियों के लिए भारत के प्रमुख दर्शनीय स्थानों में से एक बना हुआ है जो यहां आने वाले पर्यटकों को अपने कई ऐतिहासिक स्मारकों, मंदिरों, किले, महलों से काफी आकर्षित करता है
मध्य प्रदेश के टॉप पर्यटक स्थल
- महाकालेश्वर मंदिर
- ग्वालियर का किला
- पेंच नेशनल पार्क
- जय विलास पैलेस
- पन्ना नेशनल पार्क
- कान्हा नेशनल पार्क
- भीमबेठिका गुफाएँ
- बांधवगढ़ नेशनल पार्क
- सलकनपुर मंदिर
- इंदिरा सागर डेम
- माधव नेशनल पार्क
और पढ़े : मध्य प्रदेश में एडवेंचर एक्टिविटीज की 5 खास जगह, जहा दूर दूर से सैलानी आते है मनोरंजन के लिए
मध्य प्रदेश केसे जायें – How To Reach Madhya Pradesh in Hindi
जब कोई भी मध्य प्रदेश घूमने के लिए जाने का प्लान बनाता है तो उसके दिमाग प्रश्न जरुर आता है कि कि वायु, सड़क और ट्रेन माध्यमों द्वारा मध्य प्रदेश आसानी से कैसे पहुंचा जा सकता है। आइये हम आपको मध्य प्रदेश की यात्रा के बारे में जानकारी देते हैं।
सड़क मार्ग से मध्य प्रदेश कैसे पहुंचे- How To Reach Madhya Pradesh By Road in Hindi
मध्य प्रदेश राज्य की सीमा 5 राज्यों गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से लगती है जिसकी वजह से सभी राज्य सड़क मार्गों द्वारा मध्य प्रदेश के शहरों और कस्बों से अच्छी तरह जुड़ें जुड़े हैं। एनएच 7, एनएच 12A, एनएच 25, एनएच 26, एनएच 27, एनएच 69, एनएच -3, एनएच 92, एनएच 12 आदि जैसे कुछ प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग मध्य प्रदेश से होकर गुजरते हैं। मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थान जैसे आगरा, जयपुर, वाराणसी, रणथंभौर, रायपुर, ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान, विशाखपट्टनम, अजंता, एलोरा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, माउंट आबू, चंबल अभयारण्य, अहमदाबाद, लखनऊ आदि से सड़क माध्यम द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा है। मध्य प्रदेश के खास पर्यटक स्थलों जैस भोपाल , इंदौर, खजुराहो, ग्वालियर, जबलपुर जाने के लिए आप टैक्सी भी किराए पर ले सकते हैं।
ट्रेन से मध्य प्रदेश कैसे जायें – How To Reach Madhya Pradesh By Train in Hindi
मध्य प्रदेश राज्य भारतीय रेलवे नेटवर्क से अच्छी तरह कनेक्टेड है। भारत के मध्य में स्थित होने की वजह से देश के ज्यादातर प्रमुख रेलवे ट्रैक अपने केंद्रीय स्थान के कारण इस राज्य से गुजरते हैं। मध्य प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण शहर और पर्यटन स्थल सीधी ट्रेनों से आगरा, दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, कोलकाता, रणथंभौर, उदयपुर, अहमदाबाद, पुरी, हरिद्वार, वाराणसी, जयपुर, हैदराबाद जैसे देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। मध्य प्रदेश के इटारसी, बीना, कटनी, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, देवास, खंडवा आदि के शहरों के अंदर रेल अंदर स्थित होने की वजह से देश की लगभग सभी ट्रेन मध्य प्रदेश से गुजरती हैं।
फ्लाइट से मध्य प्रदेश तक कैसे पहुंचे – How To Reach Madhya Pradesh By Flight in Hindi
मध्य प्रदेश राज्य भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों और शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, पुणे, श्रीनगर, नागपुर, विशाखापत्तनम, हैदराबाद, बैंगलोर, अहमदाबाद से हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश राज्य के प्रमुख हवाई अड्डे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और खजुराहो में स्थित हैं। मध्य प्रदेश में एयर-टैक्सी सेवा से ये सभी हवाई अड्डे अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं जो राज्य के प्रमुख शहरों के भीतर तेजी से परिवहन की अच्छी सुविधा देते हैं।
और पढ़े : मध्य प्रदेश के 10 प्रसिद्ध शहर
इस लेख में आपने मध्य प्रदेश राज्य (Complete information of Madhya Pradesh in Hindi) के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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मध्य प्रदेश का मेप – Mep of Madhya Pradesh
- मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य
- मांडू के प्रसिद्ध पर्यटन और आकर्षण स्थल की जानकारी
- मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिर
- छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहार और मेले
- भारत के 15 प्रमुख संग्रहालय
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Home » यात्रा करना » मध्य प्रदेश के आस- पास घूमने लायक 20 जगहें?
मध्य प्रदेश के आस- पास घूमने लायक 20 जगहें?
मध्य प्रदेश में तथा मध्य प्रदेश के आस- पास घूमने लायक कई पर्यटन स्थल हैं जो दुनिया भर से लोगों को आकर्षित करते हैं। इनमें बहुत सारे नेशनल पार्क भी सम्मलित हैं यहां पर विभिन्न प्रकार के जीव जन्तु भी पाये जाते हैं, मध्य प्रदेश में अनेक तीर्थ स्थल भी हैं जहां आप दर्शन कर सकते हैं और घूम सकते हैं। मध्य प्रदेश को भारत का हृदय भी कहा जाता है।
Table of Contents
1. ग्वालियर फोर्ट मध्य प्रदेश
ग्वालियर मध्य प्रदेश राज्य का एक ऐतिहासिक शहर है जिसकी स्थापना राजा सूरजसेन ने की थी। ग्वालियर अपने किले, स्मारकों, महलों और मंदिरों के लिए जाना जाता है। यह शहर चारों तरफ से खूबसूरत पहाड़ियों और हरियाली से घिरा हुआ है जो इसके गौरवशाली अतीत के बारे में बताता है। ग्वालियर का किला शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। जय विलास महल और सूर्य मंदिर ग्वालियर के कुछ ऐसे पर्यटन स्थल हैं जिन्हें देखने के बाद आप कभी नहीं भूल सकते। प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकार तानसेन की समाधि भी यहाँ एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां हर साल नवंबर,दिसंबर के महीने में शहर में चार दिवसीय तानसेन संगीत समारोह का आयोजन किया जाता है।ग्वालियर का किला एक विशाल पहाड़ की चोटी पर बना एक मजबूत किला है। यह लगभग 3 किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसकी संरचना ग्वालियर की शान है। ग्वालियर पहुंचते ही आप इस किले की खूबसूरती किसी भी नुक्कड़ से देख सकते हैं। इस किले के अंदर मान मंदिर, गुजरी महल, पानी की टंकियां आदि मौजूद हैं। अगर आप कभी ग्वालियर घूमने का प्लान करें तो इस किले को देखना न भूलें। इसे भारत का जिब्राल्टर भी कहा जाता है।
2. कान्हा नेशनल पार्क
कान्हा नेशनल पार्क मंडला जिले में स्थित है,कान्हा नेशनल पार्क राजसी बाघ के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों का घर है। पार्क में 300 से अधिक प्रजातियों के साथ कई प्रकार के वन्यजीव और कई पक्षी जीवन हैं। इस उद्यान की सबसे खास बात यह है कि यह मध्य प्रदेश में स्थित मध्य भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है और इस उद्यान का नाम एशिया के सर्वश्रेष्ठ उद्यानों की सूची में शामिल है। पार्क बड़े स्तनधारियों की 22 प्रजातियों का घर है और रॉयल बंगाल टाइगर यहाँ का एक प्रमुख आकर्षण है। तो आप मध्य प्रदेश घूमने आयें तो-कान्हा नेशनल पार्क अवश्य घूमें।
3. भेड़ाघाट पर्यटन स्थल
भेड़ाघाट मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। भेड़ाघाट धुंआदार झरने के लिए जाना जाता है, जो पानी का एक विशाल झरना है जो 98 फीट की ऊंचाई से गिरता है। भेड़ाघाट मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक जबलपुर के नजदीक है ,भेड़ाघाट अपनी संगमरमर की चट्टानों और झरनों के लिए प्रसिद्ध है। संगमरमर की चट्टानें लगभग 100 फीट ऊंची है और नर्मदा नदी के किनारे लगभग 3 किमी तक फैली हुई है। आप नदी के किनारे नाव की सवारी कर सकते हैं और संगमरमर की चट्टानों के शानदार दृश्य का आनंद ले सकते हैं।भेड़ाघाट में धुआंधार जलप्रपात एक अन्य लोकप्रिय आकर्षण है। जलप्रपात के उपरी छोर तक पहुँचने के लिए आप केबल कार की सवारी कर सकते हैं और ऊपर से लुभावने दृश्य का आनंद ले सकते हैं। केबल कार की सवारी की कीमत लगभग 90 रु प्रति व्यक्ति है। इसके साथ ही अगर आप मध्य प्रदेश में और भी कई झरनों और संगमरमर की चट्टानों का मजा लेना चाहते हैं तो जबलपुर के पास भेड़ाघाट एक अच्छा विकल्प है भेड़ाघाट नर्मदा नदी के तट पर स्थित अपनी संगमरमरी सुंदरता और शानदार झरनों के लिए ही यह पर्यटकों के बीच पसंद किया जाने वाला सबसे खास स्थान है। माना जाता है जब सूरज की किरणें सफेद संगमरमर की इन चट्टानों पर पड़ती हैं और पानी की परछाई पड़ती है तो यह स्थान और भी खूबसूरत लगता है। फिर काले और गहरे ज्वालामुखीय समुद्रों के साथ इन सफेद चट्टानों को देखना एक सुखद अनुभव है, इतना ही नहीं चांदनी रात में यह और भी जादुई प्रभाव पैदा करता है। नर्मदा नदी इन संगमरमर की चट्टानों के माध्यम से धीरे-धीरे बहती है और थोड़ी दूरी के बाद एक झरने में मिलती है जिसे धुआंधार कहा जाता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए नाव की सवारी भी उपलब्ध है। चांदनी रात में संगमरमरी चट्टान के पहाड़ों के बीच नाव की सवारी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यदि आप मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता और झरनों का आनंद लेना चाहते हैं तो आपको छुट्टियों में भेड़ाघाट की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। यहां कई दुकानें हैं जहां आपको संगमरमर के हस्तशिल्प और धार्मिक चिह्न मिल जाएंगे। हर साल कार्तिक के महीने में भेड़ाघाट में एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में आपको भारतीय मेलों का रंग और कला देखने को मिलेगा।
खजुराहो मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत छोटा शहर है, जो मध्यकालीन भारतीय वास्तुकला और संस्कृति का अद्भुत उदाहरण है। मध्य प्रदेश में स्थित विश्व प्रसिद्ध खजुराहो अपने मंदिरों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यूनेस्को ने यहां के मंदिरों को भी वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया है। खजुराहो मध्य प्रदेश के अति प्राचीन पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां की बारीक नक्काशी और बेहतरीन मूर्तियां बेहद खूबसूरत हैं। मध्य प्रदेश में स्थित कामसूत्र की रहस्यमय भूमि भी अनादि काल से प्रसिद्ध है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।यहां आपको दो प्राचीन मंदिर, लक्ष्मण मंदिर और चित्रगुप्त मंदिर भी देखने को मिलेंगे। यहां का नजारा बेहद मनमोहक होता है। इसलिए आप जब भी मध्य प्रदेश जाएं तो खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिर और रहस्यमयी भूमि को देखकर जरूर आएं। साथ ही साथ खजुराहो के इन जगहों पर भी अवश्य घूमें, विश्वनाथ मन्दिर, कंदरिया महादेव मन्दिर, वराह मन्दिर आदि।
पचमढ़ी मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। मध्य प्रदेश का यह एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी सतपुड़ा की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच स्थित होने के कारण सतपुड़ा की रानी के रूप में विश्व प्रसिद्ध है। पचमढ़ी के घने जंगलों, बड़े झरनों, शुद्ध स्वच्छ पानी के तालाबों, औपनिवेशिक शैली की वास्तुकला में बने आकर्षक चर्चों को देखने के लिए दुनिया भर से लोग यहां आते हैं।पचमढ़ी में पांडवों के निवास और गुफाओं में प्राचीन शैल चित्रों की उपस्थिति के कारण इन गुफाओं का पौराणिक और पुरातात्विक महत्व है। भगवान शिव के जटा शंकर, गुप्त महादेव, चौरागढ़ और महादेव गुफा में रहने के कारण इसे भगवान शिव का दूसरा घर भी कहा जाता है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के नवविवाहितों के लिए यह सस्ता, सुंदर और बहुत ही अच्छा हनीमून डेस्टिनेशं है। तथा घूमने के लिये भी बहुत सी जगहें हैं।
6. उदयगिरि की गुफ़ाएँ
उदयगिरी की गुफाओं के बारे में बताया जाता है कि ये 10 वीं शताब्दी में जब उदयगिरी विदिशा धार के परमारों के हाथ में आ गया, तो राजा भोज के पौत्र उदयादित्य ने अपने नाम से इस स्थान का नाम उदयगिरि रख दिया । उदयगिरि में कुल मिला कर 20 गुफाएँ हैं।इन्ही गुफाओं को काटकर छोटे- छोटे कमरों के रूप में बनाया गया है। साथ- ही- साथ मूर्तियाँ भी बनाई गई थी। आज के समय में वहा मुर्तियाँ नही देखी जा सकती, क्योंकि ऐसा यहाँ पाये जाने वाले पत्थर के कारण होता है। यह पत्थर बहुत नरम होते है यह मौसमी प्रभावों को झेलने के लिए उपयुक्त नहीं है।इसलिए मुर्तियाँ खुद ही नष्ट हो कर विलुप्त हो गई हैं। इसके साथ ही उदयगिरि की इन गुफाओं में बेहद खुबसुरत नक्काशी की गई है चंद्रगुप्त द्वितीय के शासन काल में इन गुफाओं पर काम किया गया। ये गुफाएं विदिशा से 6 किमी दूर बेतवा और वैस नदी के बीच में स्थित है। एक एकांत स्थान पर पहाड़ी पर स्थित इन गुफाओं में कई बौद्ध अवशेष भी पाए जाते हैं इस गुफा में पाए जाने वाली अधिकांश मूर्ति भगवान शिव और उनके अवतार को समर्पित है।इस गुफा में भगवान विष्णु के लेटे हुए मुद्रा में एक प्रतिमा है, जिसे जरूर देखना चाहिए। पत्थरों को काट कर बनाई ये गुफाएं गुप्त काल के कारीगरों के कौशल और कल्पनाशीलता का जीता जागता उदाहरण है। गुफा का प्रवेश द्वार को देख कर आप मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सकेंगे। इसलिए आप मध्य प्रदेश जाएं तो उदयगिरि की गुफ़ाएं अवश्य घूमें।
ओरछा मध्य प्रदेश में बेतवा नदी के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपने भव्य महलों और जटिल नक्काशीदार मंदिरों के लिए जाना जाता है। बुंदेला युग की याद दिलाने वाला मध्यप्रदेश पर्यटन को बढ़ावा देने वाला “ओरछा” भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इतिहास के शौकीनों के घूमने के लिए ओरछा को मध्य प्रदेश की सबसे अच्छी जगहों में से एक माना जाता है। जब भी आप ओरछा जाएंगे तो आपको यहां के विभिन्न ऐतिहासिक स्थान, मंदिर, किले और अन्य पर्यटक आकर्षण देखने को मिलेंगे, जहां हर साल हजारों पर्यटक आते हैं। मध्य प्रदेश का ओरछा एक ऐसा टूरिस्ट प्लेस है, जिसे दोस्तों के साथ टूर, फैमिली वेकेशन और यहां तक कि न्यूली मैरिड कपल्स के लिए हॉलिडे डेस्टिनेशन में से एक माना जाता है। ओरछा के महलों और मंदिरों की मध्ययुगीन वास्तुकला भी फोटोग्राफरों को अपनी तरफ आकर्षित करने का मुख्य केंद्र बनी हुई है। ओरछा का किला अपने आकर्षण के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। इसके अलावा चतुर्भुज मंदिर, राज मंदिर और लक्ष्मी मंदिर ओरछा के मुख्य आकर्षण हैं जो यहां आने वाले लोगों के लिए यात्रा को यादगार बनाते हैं।
8. सांची का स्तूप
सांची का स्तूप भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल से 46 किमी. की दूरी पर उत्तर-पूर्व में स्थित है, जो रायसेन जिले के साँची नगर में बेतबा नदी के तट पर स्थित है। यह स्थल अपनी आकर्षक कला कृतियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। सांची स्तूप को यूनेस्को द्वारा 15 अक्टूबर 1982 को विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया था। सांची स्तूप की स्थापना मौर्य वंश के सम्राट अशोक के आदेश से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में हुई थी।इस स्थान पर भगवान बुद्ध के अवशेष रखे हुए हैं। सांची शहर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और हरे-भरे बगीचों से घिरा हुआ है। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को शांति और आनंद की अनुभूति होती है और पर्यटक इस स्थान की ओर आकर्षित होते हैं। इस स्थान पर मौजूद मूर्तियों और स्मारकों में आपको बौद्ध कला और वास्तुकला की अच्छी झलक देखने को मिलती है। ये स्थान हरे भरे बागानों से घिरा हुआ है। जो यहां आने वाले पर्यटकों को एक अलग प्रकार का आनंद एवं शांति महसूस कराता है। तो इस बार आप मध्य प्रदेश घूमने आयें तो सांची का स्तूप अवश्य घूमें।
इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। मालवा पठार पर स्थित, इस शहर का आकर्षण इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में निहित है जो सदियों से और शहरीकरण के संकेतों के साथ संरक्षित है। आधुनिकीकरण के युग में इंदौर देश के विकास में अग्रणी रहा है। देश के शैक्षिक केंद्रों में से एक, इंदौर में एक आईआईटी और एक आईआईएम दोनों हैं। इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर भी है। पिछले कुछ वर्षों में इंदौर ने खुद को राज्य में व्यापार और औद्योगिक प्रथाओं के केंद्र के रूप में स्थापित किया है। इंदौर शहर का नाम इंद्रेश्वर महादेव मंदिर के नाम पर पड़ा है। ऐसा माना जाता है कि भगवान इंद्र ने इस भूमि पर ध्यान किया था और स्वामी इंद्रपुरी को इस मंदिर की स्थापना के लिए प्रेरित किया था। जब आप इंदौर में हों तो सर्राफा बाजार में इंदौरी पोहा जैसे कुछ स्थानीय व्यंजनों का आनंद लें। तथा यहां लाल बाग महल, राजवाड़ा, खजराणा का गणेश मन्दिर, सराफा बाजार इन सभी जगहों पर अवश्य घूमें।
10. भीम बेटका शैलाश्रय
भीमबेटका भारत देश के मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है। यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से मात्र 45 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण पूर्व दिशा में है और सड़क मार्ग से यहां तक पहुंचना काफी आसान है। लोकल कंवेंस भी मिल जाता है। भीमबेटका भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं।क्योंकि इस स्थान को मानव जाति के विकास के प्रारंभिक चरण का स्थान माना जाता है। यही वह स्थान है जहां से पता चला कि प्राचीन काल में मनुष्य गुफाओं में रहता था। यह गुफाएं करीब 30,000 साल पुरानी है और गुफाओं की दीवारों पर कुछ चित्र बने हुए हैं जो यह बताते हैं कि अपने पूर्वज 30,000 साल पहले समझदार हो गए थे और आने वाली पीढ़ी के लिए दीवारों पर संकेत और संदेश लिखने लगे थे। ताकि हर नई पीढ़ी विकास कर सके। मनुष्य और जानवरों में यही अंतर होता है। जानवर अपना इतिहास नहीं लिखते और उसके आधार पर भविष्य की योजना नहीं बन पाती। यह दुनिया की एकमात्र जगह है जहां पर मनुष्य प्रजाति के विकास का क्रम शुरू होता है। एक मान्यता है कि पांडव वनवास के दौरान यहां आए थे और कुछ समय तक पांडवों ने यहां निवास किया। उस दौरान भीम पहरेदारी पर बैठा करते थे। इसलिए इस स्थान का नाम भीमबैठका पुकारा जाने लगा। लोगों को सन 1957 में जाकर पता चला कि पांडवों से पहले भी यहां पर मनुष्य रहा करते थे और यह तो मनुष्यों का 30,000 साल पुराना मोहल्ला है।
11. मांडु मध्य प्रदेश
मांडू पश्चिमि मध्य प्रदेश के मालवा में इंदौर से लगभग 90 किमी दूर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहां पर स्थित खूबसूरत ऐतिहासिक स्मारकों की वास्तुकला विभिन्न शासन काल के प्रभाव को दर्शाती है। मानसून की रिमझिम बारिश, हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता के मध्य इन इमारतों की खूबसूरती पर्यटकों को और भी आकर्षित करती है । मांडू किला विंध्य पहाड़ी से लगभग 592 मीटर ऊंचाई पर स्थित है, साथ ही यह देश का सबसे बड़ा किला भी कहा जाता है. बताया जाता है कि मांडू का यह किला करीब 82 किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है, जो आकार में बिल्कुल एक जहाज की तरह लगता है।मॉनसून के दौरान मांडू Same किले में अलग ही प्रकार की खूबसूरती झलकती है। इसकी दीवारें 300 साल बाद भी जस की तस बनी हुई हैं। यहां न केवल पर्यटकों को इतिहास के बारे में जानने को मिलेगा, बल्कि यहां फैली हरियाली पर्यटकों को काफी शांति भी प्रदान करेगी. भले ही समय के साथ-साथ किले में कुछ नुकसान जरूर हुए हैं, लेकिन इसकी खूबसूरती आज भी बरकरार है. मांडू की सबसे ऊंची पहाड़ी पर बने इस किले की खोज 10वीं शताब्दी में हुई थी. वहीं 15वीं शताब्दी में जब यहां मालवा का शासन शुरू हुआ तो यहां जहाज महल, हिंडोला महल और रूपमती मंडप जैसे कई महल बनवाए गए। इस किले पर अफगान शासक, मालवा, मोहम्मद शाह, मुगल और फिर मराठाओं द्वारा राज किया गया।मांडू किले में देखने लायक इमारतों में यहां की जामा मस्जिद, जहाज महल, हिंडोला महल, नीलकंठ मंदिर, रेखा कुंड, रानी रूपमती महल और होशंग शाह का मकबरा शामिल है. कहा जाता है कि यहां मौजूद होशंग शाह का मकबरा संगमरमर से बनाया गया है, जिसे देखने के लिए शाहजहां ने अपने चार कारीगर भी भेजे थे, ताकि वे ताजमहल के अंदर ऐसा ही मकबरा बना सकें. वहीं यहां मौजूद जामा मस्जिद अफगान वास्तुकला का बेहतरीन उदाहण है. मस्जिद का बड़ा आंगन और भव्य प्रवेश द्वार पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है.
12. अमरकंटक
अमरकंटक हिंदुओं का प्रसिद्ध और बहुत ही महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है जो मध्य प्रदेश के अनूपपुर और शहडोल के तहसील पुष्पराजगढ़ में मेकल की पहाड़ियों के बीच बसा हुआ शहर है. यहां सुप्रसिद्ध अमरकंटक मंदिर है तथा नर्मदा नदी और सोनभद्र नदियों का उद्गम स्थल है।यह मंदिर 1065 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. पहाड़ों और घने जंगलों मे बीच इस मंदिर की खूबसूरती अलग ही प्रतीत होती है। आप मध्य प्रदेश घूमने आयें तो अमर कंटक के प्राकृतिक नज़ारो के बीच कई दर्शनीय स्थल घूम सकते है। इनमे से कुछ ये हैं दुग्ध धारा, श्री यंत्र मन्दिर, पतालेश्वर महादेव मन्दिर, माई की बगिया, कर्ण मन्दिर आदि। दुग्ध धारा के बारे में बताया जाता है यह अमरकंटक के कपिल धारा से 1 किलोमीटर नीचे जाने पर मिलता है इसकी उचाईं लगभग 10 फुट है। यहां से गिरने वाली पानी की धारा दूध जैसी प्रतीत होती है इसलिए ही इसे दुग्ध धारा प्रपात कहते हैं। यहीं श्री यंत्र मन्दिर देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, देवी काली, भुवनेश्वरी के चेहरे की विशाल मूर्ति है इसके साथ ही यहां 64 योगिनी भी मौजूद हैं । इसके साथ ही कर्ण मन्दिर और पतालेश्वर महादेव मन्दिर के बारे में बताया जाता है कि कर्ण मन्दिर तीन गर्भ वाला मन्दिर है तथा पाताल महादेव मन्दिर जो भगवान शिव को समर्पित है। इसमें प्रवेश के लिये पांच मठ हैं। जिसका आकार पिरामिड जैसा है और यह पंचरथ नागर शैली में बना हुआ है। तो आप मध्य प्रदेश जब भी घूमने आयें तो अमरकंटक अवश्य घूमें।
13. पेंच राष्ट्रीय उद्यान
भारत का उन्नीसवां टाइगर रिजर्व पेंच राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश में सतपुड़ा की पहाड़ी के दक्षिणी भाग में महाराष्ट्र के पास स्थित है। इसका नाम यहां बहती पेंच नदी के नाम पर पड़ा जो इस पार्क की जीवन रेखा है और इसे दो भागों में विभाजित करती है। अबुल फजल की प्रसिद्ध पुस्तक आईने अकबरी में भी इस पार्क का जिक्र मिलता है। यहां की जैव विविधता में काले बाघों और पैंथर के अलावा काले नेप्ड खरगोश, उड़ने वाली गिलहरी, सफेद आंखों वाले बाज, चितकबरे मालाबार हॉर्नबिल्स और साही इत्यादि हैं इसके अलावा यहां पेड़ पौधों की लगभग 1200 से भी अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं। आप अगर मध्य प्रदेश घूमने आयें तो मध्य प्रदेश के कुनों राष्ट्रीय उद्यान अपने बच्चों व परिवार के साथ अवश्य घूमें।
14. जबलपुर मध्य प्रदेश
जबलपुर शहर मध्य प्रदेश में स्थित है। यह नर्मदा नदी के उत्तर में निचली पहाड़ियों से घिरे चट्टानी बेसिन में झीलों और मंदिरों के बीच स्थित है। इस नगर में उच्च-न्यायालय भी स्थित है। जबलपुर में साक्षरता, संस्कृति, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों की लंबी परंम्परा रही है। जबलपुर कई लेखकों, प्रकाशकों ,कवियित्रियों व मुद्रकों का आवास क्षेत्र भी रहा है। पुराणों के अनुसार जबलपुर का संबंध जाबालि ऋषि से है। जिनके बारे में कहा जाता है कि वह यहीं निवास करते थे।माना जाता है 1781 के बाद ही मराठों के मुख्यालय के रूप में चुने जाने पर इस नगर की सत्ता बढ़ी, बाद में यह सागर और नर्मदा क्षेत्रों के ब्रिटिश कमीशन का मुख्यालय बन गया।जबलपुर में ऐसी कई घूमने की जगहें हैं जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। जिनमें से कुछ ये जगहें हैं जैसे-मदन महल किला ,ग्वारीघाट ,चौसठ योगिनी मंदिर ,धुआंधार जलप्रपात ,संगमरमर की चट्टानें ,बैलेंसिंग रॉक ,डुमना नेचर रिजर्व पार्क ,बरगी बांध,रानी दुर्गावती संग्रहालय ,संग्राम सागर झील,नुमानताल जैन मंदिर ,गुरुद्वारा ग्वारीघाट साहिब ,पिसनहारी की मड़िया तिलवारा घाट ,भवारताल गार्डन ,श्री विष्णु वराह मंदिर कंकाली देवी मंदिर ,भेड़ाघाट ,सीवर्ल्ड वॉटर पार्क जबलपुर में ये सभी जगहें घूमने लायक हैं। आप अगर मध्य प्रदेश घूमने आ रहें हैं तो जबलपुर के इन सभी जगहों पर अवश्य घूमें ,और साथ ही नाव की भी सवारी अवश्य करें। आप यहां पर पंचवटी घाट से भेड़ाघाट तक करीब 22 किलोमीटर की बोटिंग कर सकते हैं।
15. भोपाल मध्य प्रदेश
भोपाल का नाम राजा भोज के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 11वीं शताब्दी में इस शहर की स्थापना की थी। राजा भोज एक शक्तिशाली राजा थे,और उन्होंने भोपाल को एक समृद्ध और विकसित शहर बनाया।भोपाल पर मुगलों, अंग्रेजों और मराठों ने भी शासन किया। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी बना। भोपाल एक बहुसांस्कृतिक शहर है। यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। भोपाल की संस्कृति में इन सभी धर्मों का समावेश है। भोपाल मध्य प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी है यहां पर प्रदेश तथा देश के बहुत बड़े-बड़े संस्थान भी हैं । साथ ही भोपाल को झीलों के शहर के रूप में जाना जाता है। भोपाल में सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक, ऊपरी झील, जिसे स्थानीय रूप से ‘भोजताल’ या ‘बड़ा तालाब’ कहा जाता हैहै यह भारत की सबसे पुरानी मानव निर्मित झील है। माना जाता है कि इस झील का निर्माण राजा भोज ने करवाया था। इस झील के आसपास कमला पार्क नाम का एक बहुत बड़ा गार्डन है, जो इसकी शोभा को और बढ़ा देता है। झील और इस खूबसूरत पार्क को देखने के लिए सैलानी जरूर यहां आते हैं। इस झील में सुबह 6 बजे से रात के 7 बजे के बीच कभी भी आ सकते हैं।भोपाल में घूमने के लिये ये कुछ प्रमुख स्थान हैं जहाँ – जहाँ आप भोपाल में घूम सकते हैं। जैसे- भोज मन्दिर, बोरी वन्य जीव अभ्यारण, भारत भवन भोपाल, जामा मस्जिद भोपाल, पुरात्वत संग्रहालय, गौहर महल, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, ट्राईबल म्यूजियम आदि।
16. कुनो नेशनल पार्क मध्य प्रदेश
कुनों नेशनल पार्क मध्य प्रदेश में स्थित है। इस पार्क को 2018 में देश का नेशनल पार्क घोषित किया गया है। कुनों नेशनल पार्क की स्थापना वर्ष 1981 में की गयी थी । इस नेशनल पार्क में 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर यहां नामीबिया से लाये गए नर व मादा चीते भी छोड़े गये थे। मध्य प्रदेश में यह पार्क 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यदि आप भी कुनों नेशनल पार्क घूमने जाना चाहते हैं तो यहां पर आपको कई तरह के जानवर देखने को मिलेंगे। यहां पर आपको चीते, सियार, हिरण, नीलगाय, बड़े- बड़े सींग वाले मृग, जंगली सुअर, भेड़िया, बंदर, तेंदुआ ये सभी जानवर आपको करीब से देखने को मिलेंगे। तो अगर आप मध्य प्रदेश घूमने आ रहे हैं तो आप अपने बच्चों को इस जगह पर जरूर लाएं उन्हें यह जगह बहुत ही ज्यादा पसंद आयेगी। आये एक खास बात यह भी है कि यहीं से कुछ 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है रणथंभौर नेशनल पार्क आप खुद भी और अपने बच्चों को भी यहां पर जरूर ले जाएं यहां पर आपको बाघ, चीते, शेर ये सभी जानवर देखने को मिलेंगे।
17. पाताल पानी झरना मध्य प्रदेश
पातालपानी झरना भारत के मध्य प्रदेश राज्य में इंदौर जिले की महू तहसील में स्थित है। पाताल पानी झरना लगभग 300 फीट ऊंचा है और इंदौर-खंडवा ट्रेन मार्ग पर खिलती हरियाली के बीच में स्थित है, जो इसे देखने लायक भी बनाता है और इंदौर के पास सबसे प्रसिद्ध झरनों में से एक है। यह एक पिकनिक स्थल के रूप में भी लोकप्रिय है और यहां नियमित रूप से स्थानीय लोगों और पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। इस झरने और आसपास के क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता, मानसून के दौरान मनमोहक हो जाती है। हालाँकि ग्रीष्मकाल में पतझड़ लगभग सूख जाता है, मानसून इसे फिर से जीवंत कर देता है। आप जब भी मध्य प्रदेश घूमने आयें तो पाताल पानी झरना अवश्य घूमें।
18. सतना मध्य प्रदेश
सतना मध्य प्रदेश राज्य के रीवा, शहडोल, उमरिया, कटनी और पन्ना जिलों और उत्तर प्रदेश राज्य के बाँदा जिले से घिरा हुआ है।मध्य प्रदेश का सतना शहर अपने चूना पत्थर और डोलोमाइट भंडार के लिए लोकप्रिय है। शारदा देवी मंदिर, चित्रकूट धाम, रावतपुरा आश्रम, धवारी के साईं बाबा मंदिर और, वेंकटेश मंदिर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों का घर, सतना उन सभी के लिए एक अच्छा विकल्प है जो धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए करना चाहते हैं। माधवगढ़ किला और गिधाकूट सतना में अन्य लोकप्रिय स्थान हैं जहाँ आपको अवश्य जाना चाहिए। साथ ही आप यहां पर शारदा देवी मन्दिर और चित्रकूट धाम, रावतपुरा आश्रम इन सभी जगहों पर घूम सकते हैं।
19. लोटस वैली झील मध्य प्रदेश
लोटस झील मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में मौजूद है। यह इंदौर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गुलावट गांव में स्थित है। इसलिए कई लोग लोटस वैली को गुलावट वैली या घाटी के नाम से भी जानते हैं। लोटस झील करीब 300 एकड़ में फैला हुआ है। यह एशिया की सबसे बड़ी लोटस वैली के रूप में भी फेमस है। मध्य प्रदेश के इस लोटस वैली की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि यहां सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि देश के हर कोने से सैलानी घूमने के लिए पहुंचते हैं। जब 300 एकड़ में फैली लोटस झील में करोड़ों कमल के फूल खिलते हैं, तो इस दृश्य को सिर्फ और सिर्फ निहारने का ही मन करता है। कहा जाता है कि इस झील में हर साल कई किसान कमल के फूलों की खेती भी करते हैं और यहां के कमल के फूल देश के हर कोने से बेचे जाते हैं। यहां पर फ़िल्मों की भी शूटिंग होती है और साथ ही यह लोटस वैली झील प्री वेडिंग शूट के लिये भी एकदम परफेक्ट जगह मानी जाती है यहां पर लोग बहुत दूर – दूर से अपनी प्री वेडिंग शूट करवाने आते हैं। यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं लगती है। इस जगह पर आकर आपको जिस खुबसूरती और सुकून का आभास होगा वह शायद और कहीं नही होगा। तो इस बार जब आप अपनी छुट्टियों में कहीं घूमने का प्लान बनाएं तो उसमें मध्य प्रदेश के इस लोटस वैली झील को अवश्य शामिल करें और यहां पर आकर खूब इंजॉय करें।
20. दतिया मध्य प्रदेश
दतिया मध्य प्रदेश के झांसी से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह माँ पीताम्बरा शक्ति पीठ के रूप में प्रसिद्ध है।
पीताम्बरा शक्ति पीठ शहर के निकट स्थित है। पीताम्बरा शक्ति पीठ देश का प्रसिद्ध “शक्ति-पीठ” है। श्री गोलोकवासी स्वामीजी महाराज ने इस स्थान पर “बगला मुखी देवी” और “धूमावती माई” की स्थापना की थी। पीताम्बरा-पीठ में वनखंडेश्वर मंदिर है “महाभारतकालीन शिव मंदिर” में से एक
सोनागिरि जैनियों का एक प्रसिद्ध तीर्थ भी है, जैन लोग इन खूबसूरत मंदिरों में पूजा करने के लिए हर साल बड़ी संख्या में आते हैं। यहां एक सौ से अधिक मंदिर हैं और दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं। इन सभी के साथ सबसे प्रसिद्ध यहां पर माँ पीतांबारा का मन्दिर ही है।और सोनागिर भी यहां से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तो इसलिए आप भी इस बार मध्य प्रदेश की ट्रिप पर दतिया माँ पीतांबरा के दर्शन अवश्य करें।
मध्य प्रदेश जायें तो क्या- क्या खाएं
मध्य प्रदेश में आप अगर घूमने जा रहें हैं तो यहां पर खाने पीने की चीजों से निश्चिंत रहें क्योंकि यहां पर आपको शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के भोजन मिल जायेंगे। आप यहां पर मध्य प्रदेश के मांसाहारी में यहां के फ़ेमस कबाब, बिरयानी, कोरमा, आचारी गोश्त, रसीले कबाब, पुलावऔर शाकाहारी में यहां का फ़ेमस इंदौरी पोहा जरुरु खाएं,साथ ही कोदो और कुटकी खीर, पोहा जलेबी, खोये की जलेबी, भर्ता बाटी, कुन्दे के पेड़े, गुझिया, कुल्फी फालूदा, राबड़ी, चाट, पकौड़ी तथा आप यहां की मावा बाटी जरूर खाएं।
मध्य प्रदेश में किन- किन चीजों की करें शॉपिंग
आप मध्य प्रदेश घूमने जा रहें हैं तो वहां पर उस जगह की फ़ेमस चीजों की शॉपिंग अवश्य करें। आप मध्य प्रदेश में सस्ते दामों में सोने चांदी के गहने खरीद सकते हैं तथा अर्टिफिशियल ज्वेलरी भी खरीद सकते हैं। आप यहां पर हैंडिक्राफ्ट की भी शॉपिंग कर सकते हैं, तथा चंदेरी, कोटा, क्रेप, टसल सिल्क तथा हैंडलूम की साड़ियों की भी शॉपिंग कर सकते हैं यहां पर आप जूते, जुतियाँ, बच्चों के सैंडल कपड़े सब कुछ सस्ते दामों में खरीद सकते हैं। आप यहां से बैग्स, सुंदर- सुंदर बटुये की भी खरीददारी कर सकते हैं। तो इसलिए आप जब भी मध्य प्रदेश घूमने जाएं तो खूब जमकर भर- भर के शॉपिंग करें।
कैसे जायें मध्य प्रदेश
जब कोई मध्य प्रदेश जाने की योजना बनाता है तो उसके मन में यह सवाल आता है कि हम मध्य प्रदेश कैसे पहुँचे, तो आईये जाने हवाई, सड़क और रेल माध्यमों से मध्य प्रदेश आसानी से कैसे पहुँचा जा सकता है।
तो आईये हम आपको बताते हैं कि आप सड़क मार्ग , हवाई, रेल मार्ग से मध्य प्रदेश कैसे पहुँचे।
सड़क मार्ग से
यदि आप अपने साधन या अपनी गाड़ी से लखनऊ से मध्य प्रदेश सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो आप लखनऊ से मध्य प्रदेश की दूरी 749.6 किलोमीटर है।और आपको लखनऊ से मध्य प्रदेश पहुँचने अपनी गाड़ी से कुल समय 15 घंटे लगते हैं।ऐसे में आप लखनऊ सेNH 30 हाइवे ले सकते हैं जो दोनों शहरों को आपस में जोड़ता है और आप इसके माध्यम से आसानी से मध्य प्रदेश पहुँच जायेंगे।
हवाई मार्ग से
मध्य प्रदेश में दो प्रमुख हवाई अड्डे हैं जो भारत और विदेशों के अन्य हिस्सों के साथ राज्य के लिए सबसे अच्छी हवाई कड़ी के रूप में काम करते हैं। भोपाल में राजा भोज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा ,अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों उड़ानें प्राप्त करता है। समान्य रूप से, इंदौर में देवी अहिल्या बाई होल्कर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुबई से घरेलू उड़ानें और कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मिलती हैं। तो हवाई मार्ग के द्वारा भी आसानी से मध्य प्रदेश पहुँच सकते हैं।
रेल मार्ग से
मध्य प्रदेश तक रेल द्वारा यात्रा करना संभवतः राज्य तक पहुँचने के सर्वोत्तम और सस्ते तरीकों में से एक है। भोपाल रेलवे स्टेशन भारत के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और कई भारतीय शहरों और कस्बों से घरेलू ट्रेनें प्राप्त करता है। इसके अतिरिक्त, इंदौर जंक्शन एक अन्य प्रमुख रेल लिंक है जिस पर देश के किसी भी हिस्से से पहुंचा जा सकता है। इसलिए आप बहुत ही आसानी से और कम पैसों में भी मध्य प्रदेश पहुँच सकते हैं।
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मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल ( Major tourist places of Madhya Pradesh in hindi ) : मध्य प्रदेश को समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के रूप में जाना जाता है जहां देश की परंपरा एवं सभ्यता की शुरुआत कई रूपों में हुई है। मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार के पर्यटन स्थल मौजूद हैं जिसके कारण देश-विदेश के लोग इस प्रदेश में भ्रमण करने आते हैं। मध्य प्रदेश भारत के मध्य में स्थित है जिसके कारण इसे भारत का दिल भी कहा जाता है। यहां कई ऐतिहासिक स्मारक, प्राचीन मंदिर, किले, मस्जिद, महल, पुरातात्विक स्थल, ऐतिहासिक गुफा आदि मौजूद हैं। मध्य प्रदेश में मौजूद सभी प्राकृतिक स्थानों के कारण यह राज्य पर्यटकों का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है।
मध्यप्रदेश में कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं जैसे:-
खजुराहो स्मारक समूह
उदयगिरि गुफाएं, सांची का स्तूप, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, भीमबेटका शैलाश्रय, पेंच राष्ट्रीय उद्यान, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओंकारेश्वर मंदिर, रानी लक्ष्मीबाई स्मारक, तानसेन स्मारक, जय विलास महल एवं संग्रहालय, मान मंदिर महल, चतुर्भुज मंदिर, पन्ना नेशनल पार्क, पार्श्वनाथ मन्दिर.
Table of Contents
मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल (Major tourist places of Madhya Pradesh)
पचमढ़ी भारत के मध्य प्रदेश राज्य में नर्मदापुरम नामक जिले में स्थित है। यह एक पर्वतीय पर्यटक स्थल है जो लगभग 1067 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पचमढ़ी एक अद्भुत एवं असाधारण प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है जिसका भारतीय इतिहास में एक बड़ा योगदान रहा है। कहा जाता है कि पचमढ़ी ब्रिटिश सरकार के जमाने से ही छावनी रही है। यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 190 किलोमीटर की दूरी पर वह स्थल है जहां ऐतिहासिक पांडव गुफाएं, झरने, प्राकृतिक सौंदर्य आदि का नजारा देखने को मिलता है। पचमढ़ी में सतपुरा बायोस्फीयर रिजर्व भी मौजूद है जहां विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर जैसे हाथी, बाघ, हिरण आदि रहते हैं।
खजुराहो स्मारक समूह को हिंदू एवं जैन धर्म के प्रमुख स्मारकों के समूह का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के छतरपुर नामक जिले में स्थित है। खजुराहो नामक स्थान को प्राचीन काल में ‘खजूर वाहिका’ एवं ‘खजूरपुरा’ के नाम से भी जाना जाता था। खजुराहो स्मारक समूह के अधिकांश स्मारक मध्य प्रदेश के छतरपुर क्षेत्र में भी देखने को मिलते हैं। इसे भारत के प्रमुख धरोहरों में से एक माना जाता है।
उदयगिरि गुफाएं मध्य प्रदेश के विदिशा नामक स्थान के पास स्थित हैं। कहा जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण पांचवी शताब्दी के आरंभिक काल में किया गया था। इन गुफाओं को प्राचीन हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों का एक संग्रह माना जाता है जिसमें कई प्रकार की प्राचीनतम हिंदू प्रतिमाएं मौजूद हैं। उदयगिरि गुफाओं में मुख्य रूप से भगवान शिव, नारायण, भगवान श्री गणेश आदि की मूर्तियां पायी जाती हैं। माना जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण गुप्त नरेशों के द्वारा कराया गया था। यह भारत की महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक मानी जाती हैं जिन्हें भारत सरकार द्वारा संरक्षित किया जाता है।
ओरछा किला मध्य प्रदेश के ओरछा नामक क्षेत्र में स्थित है। कहा जाता है कि इस किले का निर्माण लगभग 16 वीं सदी में महाराजा रूद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में कराया गया था। यह स्थान मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों में बेहद प्रसिद्ध माना जाता है। ओरछा किले को देखने के लिए प्रतिवर्ष देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। इस स्थान में मौजूद स्मारकों में मुगल एवं राजपूत वस्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है। इसके अलावा ओरछा किले के समीपवर्ती क्षेत्रों में जहांगीर महल, चतुर्भुज मंदिर, रामराजा मंदिर, महालक्ष्मी देवी मंदिर, फूल बाग, शीश महल आदि स्थान भी मौजूद है। माना जाता है कि यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां भगवान श्रीराम को राजा राम के रूप में पूजा जाता है।
सांची का स्तूप मध्य प्रदेश के रायसेन नामक जिले में स्थित है। यह भारत की पुरातात्विक संरचनाओं में से एक है जिसका निर्माण तीसरी शताब्दी में मौर्य सम्राट अशोक ने करवाया था। सांची के स्तूप को प्रमुख बौद्ध स्मारकों में से एक माना जाता है। यह बौद्ध अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इस स्तूप के नाभिक अर्धगोल ईंट संरचना में बौद्ध के अवशेष देखने को मिलते हैं। इसके अलावा सांची के स्तूप स्तंभ पर सम्राट अशोक का शिलालेख भी मौजूद है। सांची में इस स्मारक को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत की विशाल विरासत का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि इस स्तूप का निर्माण भगवान बुद्ध एवं कई अन्य महत्वपूर्ण बौद्ध अवशेषों के घरों के रूप में किया गया है। इस स्थान के समीपवर्ती क्षेत्रों में हरे-भरे बाग बगीचे मौजूद हैं जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र माने जाते हैं।
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य में उमरिया नामक जिले में मौजूद है। यह एक वन्य अभ्यारण्य है जिसका निर्माण वर्ष 1968 में किया गया था। यह स्थान रॉयल बंगाल टाइगर की सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में विश्व के सर्वाधिक बाघ मौजूद हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र में चीता एवं विभिन्न प्रजाति के हिरण भी देखे जा सकते हैं। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 105 वर्ग किलोमीटर है जिसमें कई अन्य जानवरों की प्रजातियों को भी संरक्षित किया गया है। यह स्थान पर्यटकों के लिए एक बेहतर विकल्प माना जाता है।
भीमबेटका शैलाश्रय मध्य प्रदेश के रायसेन नामक जिले में स्थित है जो भारत की पौराणिक संस्कृति एवं सभ्यता का विशेष रूप से चित्रण करता है। यह भारत के महत्वपूर्ण धरोहर स्थलों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि भीमबेटका शैलाश्रय का निर्माण आदिकाल में किया गया था जो मुख्य रूप से शैलचित्रों एवं शैलाश्रयों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। माना जाता है कि इन चित्रों का संबंध पुरापाषाण काल एवं मध्य पाषाण काल से है। भीमबेटका शैलाश्रय की खोज वर्ष 1957 में डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर के द्वारा की गई थी। इस स्थान में मुख्य रूप से पाषाण काल में निर्मित भवन, प्राचीन किले की दीवारें, लघु स्तूप, शंख अभिलेख आदि के अवशेष देखने को मिलते हैं। यह मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है जहां प्रतिवर्ष देश विदेश से भारी मात्रा में पर्यटक आते हैं।
ग्वालियर मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण नगर है जिसका निर्माण प्राचीन काल में राजा सूरजसेन ने किया था। यह एक ऐतिहासिक नगर माना जाता है जिसमें विभिन्न आकर्षक स्मारक, महल, मंदिर, ग्वालियर का किला, तेली का मंदिर, तानसेन का मकबरा, जय विलास पैलेस आदि मौजूद हैं। इसके अलावा ग्वालियर में सुंदर मूर्ति कला संरचनाओं की भी स्थापना की गई है जो सैलानियों को आकर्षित करती हैं। मध्य प्रदेश में मौजूद इस स्थान में प्रतिवर्ष भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
इंदौर मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक हैं जो पर्यटन स्थलों एवं वाणिज्यिक केंद्रों के लिए देश भर में प्रसिद्ध है। इंदौर को भारत में स्वच्छता के दृष्टिकोण से सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस स्थान में गोपाल मंदिर, लाल बाग पैलेस, रानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा निर्मित खजराना गणेश मंदिर, गंगा महादेव मंदिर, राजबाड़ा, पितृ पर्वत, बिजासन माता का मंदिर आदि जैसे कई महत्वपूर्ण स्थल मौजूद है जो देश विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र माने जाते हैं। इंदौर में मौजूद लाल बाग पैलेस का निर्माण होलकर वंश ने करवाया था।
अमरकंटक मध्य प्रदेश के अनूपपुर नामक जिले में स्थित एक सुंदर नगर है जहां से सोन नदी, नर्मदा नदी एवं जोहिला नदी का उद्गम होता है। यह प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक है जिसके कारण यहां प्रतिवर्ष भारी संख्या में हिंदू धर्म से संबंधित लोगों का आना जाना लगा रहता है। अमरकंटक भारत के प्रसिद्ध कवि संत कबीर के ध्यान स्थल के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा अमरकंटक में कलचुरी काल के प्राचीन मंदिर भी मौजूद हैं जो इसे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं।
मांडू पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा नामक क्षेत्र में स्थित है जो अपने प्राचीन एवं अद्भुत किले के लिए देश विदेश में प्रसिद्ध है। मांडू में प्राचीन काल के महल, स्नान मंडप, सजावटी नहर आदि मौजूद हैं। यह क्षेत्र विंध्य की पहाड़ियों से लगभग 2000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। कहा जाता है कि मांडू मालवा के परमार राजाओं की राजधानी थी। मध्य प्रदेश में मौजूद इस क्षेत्र में विभिन्न दर्शनीय स्थलों के साथ-साथ प्राचीन काल के महल भी मौजूद हैं जैसे- हिंडोला महल, अशर्फी महल, जहाज महल, रूपमती महल, बाज बहादुर महल, रीवा कुंड, दारा खान का मकबरा आदि। इसके अलावा मांडू में नीलकंठ नामक प्राचीन मंदिर भी मौजूद है जिसे ‘नीलकंठेश्वर मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण अकबर के द्वारा किया गया था। मध्य प्रदेश में स्थित इस क्षेत्र में प्रति वर्ष भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
जबलपुर मध्य प्रदेश के चट्टानी पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जहां विभिन्न प्रकार के दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। जबलपुर में हनुमंतल बड़ा जैन मंदिर, रानी दुर्गावती संग्रहालय, चौसठ योगिनी मंदिर आदि मौजूद हैं। कहा जाता है कि जबलपुर शहर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में किया गया था। जबलपुर में प्राकृतिक संगमरमर की चट्टानें पायी जाती हैं जो इसे बेहद खास बनाती हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से जबलपुर नगर लगभग 367 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है एवं इसकी ऊंचाई लगभग 412 मीटर है। जबलपुर में विभिन्न प्रकार के पर्यटन स्थल मौजूद हैं जिसके कारण यहां प्रतिवर्ष भारी संख्या में देश विदेश से पर्यटक आते हैं।
पेंच राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के सिवनी एवं छिंदवाड़ा नामक जिले की सीमाओं में स्थित है। यह भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक माना जाता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से पेंच राष्ट्रीय उद्यान लगभग 293 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान को ‘मोगली लैंड’ के नाम से भी जाना जाता है। इस उद्यान की स्थापना वर्ष 1975 में की गई थी। यहां विभिन्न प्रजाति के बाघ, हिरण, हाथी एवं पक्षी मौजूद हैं। इसके अलावा पेंच राष्ट्रीय उद्यान अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है जिसके कारण यहां प्रतिवर्ष भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जो मध्य प्रदेश के बालाघाट नामक जिले में स्थित है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान को ‘कान्हा टाइगर रिजर्व’ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां सर्वाधिक मात्रा में बाघ मौजूद हैं। कहा जाता है कि यह उद्यान भारत के सबसे बड़े उद्यानों में से एक है जिसमें बाघ के साथ-साथ कई प्रजाति के जानवर भी पाए जाते हैं। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1955 में हुई थी जिसमें जानवरों की विभिन्न प्रजाति को संरक्षित करने का कार्य किया गया है। यह स्थान अपने प्राकृतिक सुंदरता एवं वास्तुकला के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।
ओंकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा नामक जिले में स्थित है जो हिंदुओं का प्रमुख मंदिर माना जाता है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण नर्मदा नदी से स्वतः ही हुआ था। यह मंदिर नर्मदा एवं कावेरी नदी के संगम पर स्थित है जिसके कारण इसे ‘ॐ’ का रूप दिया गया है। ओंकारेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में भक्त आते हैं इसके अलावा यह मध्य प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से भी एक माना जाता है। इसके साथ ही इस मंदिर में वास्तुकला एवं प्राकृतिक सौंदर्य का भी अनुभव किया जा सकता है।
रानी लक्ष्मीबाई स्मारक मध्य प्रदेश के ग्वालियर नामक शहर में स्थित है। रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झांसी की रानी थी जिन्होंने केवल 29 वर्ष की आयु में ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से युद्ध किया था। कहा जाता है कि रानी लक्ष्मीबाई के सिर पर तलवार की वार लगने से वह शहीद हुई थी। उन्होंने अंग्रेजों से लड़ते हुए ग्वालियर के तत्कालीन शासक से सहायता मांगी थी परंतु वह उनकी मदद ना कर सके जिसके कारण वह वीरगति को प्राप्त हुईं। इसके बाद इसी स्थान पर रानी लक्ष्मीबाई के स्मारक की स्थापना की गई थी। रानी लक्ष्मीबाई स्मारक को देखने के लिए प्रति देश-विदेश से वर्ष कई पर्यटक आते हैं।
तानसेन स्मारक मध्य प्रदेश के ग्वालियर नामक क्षेत्र में स्थित है। तानसेन अकबर के नवरत्नों में से एक थे जिन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान संगीतकार के रूप में जाना जाता था। यह स्मारक उनकी स्मृति में मुगल स्थापत्य के आधार पर बनाया गया है। इस क्षेत्र में प्रति वर्ष नवंबर के माह में अखिल भारतीय संगीत समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें देश विदेश के कई बड़े संगीतकार भाग लेते हैं। इसके अलावा यह मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से भी एक माना जाता है जहां प्रतिवर्ष भारी संख्या में सैलानी आते हैं।
जय विलास महल मध्य प्रदेश के ग्वालियर नामक क्षेत्र में स्थित है जिसके लगभग 35 कमरों को संग्रहालय बनाया गया है। कहा जाता है कि जय विलास महल सिंधिया राजपरिवार का वर्तमान निवास स्थल है जिसे भारत सरकार ने भव्य संग्रहालय के रूप में परिवर्तित किया है। इस महल की विशेषता यह है कि इसके अधिकतर भाग इटालियन स्थापत्य पर आधारित हैं। जय विलास महल को देखने के लिए प्रति वर्ष देश विदेश से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
मान मंदिर महल मध्य प्रदेश के ग्वालियर नामक क्षेत्र में स्थित है जिसका निर्माण वर्ष 1486 में राजा मानसिंह तोमर के द्वारा किया गया था। इस भवन में सुंदर रंगीन टाइलें जड़ी हुई हैं जो इसे बेहद सुंदर बनाती हैं। इसके अलावा मान मंदिर महल के बाहरी हिस्सों में विभिन्न रंगों की टाइल्स के माध्यम से बेहतर कला का प्रदर्शन किया गया है। इसकी अधिकांश दीवारें जालीनुमा हैं। कहा जाता है कि इन दीवारों के सहारे राज परिवार की स्त्रियां सभा में आयोजित होने वाले संगीत एवं नृत्य सभाओं का आनंद लेती थी। इसके अलावा मान मंदिर महल में जौहर कुंड भी मौजूद है जिसमें राजघराने की स्त्रियां जौहर करती थी। मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की तरह ही मान मंदिर महल को भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र माना जाता है।
चतुर्भुज मंदिर हिंदुओं के प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है जो मध्य प्रदेश के ग्वालियर के ओरछा नामक शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु का मंदिर है जिसकी नींव 16 वीं शताब्दी में बुंदेल राजपूत राजा रूद्र प्रताप द्वारा रखी गई थी। इस मंदिर की संरचना में पत्थरों की सुंदर नक्काशी देखने को मिलती है। प्राचीन काल में यह मंदिर शिलालेख के लिए प्रसिद्ध था। चतुर्भुज मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए पूरे विश्व भर में जाना जाता है। यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है। चतुर्भुज मंदिर को ‘जातरिका मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। यह पूर्ण रूप से भगवान विष्णु के अवतार श्री राम को समर्पित है। माना जाता है कि इस मंदिर को राजा मधुकर शाह ने वर्ष 1558 से 1573 के मध्य बनवाया था। इस मंदिर का दर्शन करने प्रतिवर्ष देश विदेश से कई पर्यटक आते हैं।
पन्ना नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के पन्ना एवं छतरपुर नामक जिले की सीमाओं में स्थित है। यह एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसकी स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी। पन्ना नेशनल पार्क का क्षेत्रफल लगभग 540 वर्ग किलोमीटर है। यह भारत के सबसे बड़े उद्यानों में से एक माना जाता है। पन्ना नेशनल पार्क को वर्ष 2007 में भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा उत्कृष्टता का पुरस्कार भी दिया गया था। पन्ना नेशनल पार्क को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है ताडोबा उत्तरी क्षेत्र, कोलसा दक्षिण क्षेत्र एवं मोरहुली क्षेत्र। इस पार्क में जानवरों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के साथ-साथ वनस्पति के भी कई प्रकार देखे जा सकते हैं। इस उद्यान में कई दुर्लभ प्रजातियां एवं लुप्तप्राय प्रजातियां भी मौजूद हैं जो इसे विशेष बनाती हैं। पन्ना नेशनल पार्क में प्रति वर्ष देश विदेश से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
पार्श्वनाथ मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर नामक क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर प्रमुख जैन धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। यह भारत के सर्वश्रेष्ठ मंदिरों में से एक है जो विश्व भर में अपनी उत्कृष्ट कला के लिए भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 950-970 के मध्य किया गया था। कहा जाता है कि यह मंदिर यशोवर्मन के पुत्र राजा धंग ने अपने शासनकाल के दौरान बनवाया था। पार्श्वनाथ मंदिर की मूर्तियों में नारी के सौंदर्य को केंद्र बनाया गया है। यह मंदिर चंदेल शासकों की शैली का माना जाता है जिसमें अलंकरण सौंदर्य एवं प्रतिमाओं की सौम्यता देखी जा सकती है। पार्श्वनाथ मंदिर प्राचीन काल के राजाओं की धार्मिक प्रवृत्ति एवं उनके समर्पण भाव का प्रतिनिधित्व करता है। यह मंदिर पूर्ण रूप से जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर को समर्पित है। पार्श्वनाथ मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए प्रति वर्ष भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
पढ़ें – मध्य प्रदेश की प्रमुख लोक कलाएं और मध्य प्रदेश के प्रमुख लोक संगीत ।
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मध्यप्रदेश में घूमने की 12 खूबसूरत जगह| Tourist Places in Madhya Pradesh
हमारा यह आर्टिकल Top Tourist Places in Madhya Pradesh पर आधारित है. जिसमें हम आप लोगों को कुछ बेहतरीन नहीं जानकारी देने वाले हैं. मध्य प्रदेश भारत के न सिर्फ सबसे बड़े राज्यों में से एक से बनके यह है पर्यटन के मामले में भी देश में बेहद अधिक मायने रखता है.
यहां पर घूमने फिरने और मौज मस्ती करने के लिए ऐतिहासिक पर्यटक स्थल से लेकर कई प्राकृतिक सौंदर्य स्थान है जहां पर पर्यटक जाते रहते हैं. madhya pradesh tourism पर ना सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी पर्यटक भी आते रहते हैं.
इसलिए हम आप लोगों को mp tourist places के बारे में बता रहे हैं.
मध्यप्रदेश में घूमने की जगह|Top Tourist Places in Mp
यदि आप मध्यप्रदेश या इसके आसपास के राज्य के निवासी हैं और आप mp tourist places के बारे में जानना चाहते हैं तो, लेकिनन आप एक अच्छी जगह पर आए हैं. इस आर्टिकल में हम madhya pradesh tourism के उन बेहतरीन पर्यटन स्थलों को शामिल किया है जो हमेशा से लोगों की पहली पसंद आ रहे हैं.
तो आइए दोस्तों अब बिना किसी देरी के mp tourist places के बारे में जानते हैं.
1. ग्वालियर
दोस्तों Tourist Places in Madhya Pradesh की लिस्ट में सबसे सबसे पहले हम लोगों ने मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक में नगरी ग्वालियर को शामिल किया है. ग्वालियर शहर हमेशा से राजा रजवाड़ों का राज्य रहा है और यही वजह है कि यहां पर देखने के लिए कई ऐतिहासिक इमारतों है जो विश्व विरासत की सूची में शामिल है.
ग्वालियर मध्य प्रदेश के न सिर्फ सबसे बड़े शहरों में से एक है बल्कि यह पर्यटन के लिए भी बेहद महत्व रखता है. वैसे तो संपूर्ण ग्वालियर में देखने के लिए कोई प्रसिद्ध चीज है यहां पर मौजूद महाराजा मानसिंह का किला जिले की शान मनाया जाता है.
जो भी पर्यटक सबसे पहले यहां पर आता है उसकी पहली पसंद मानसिंह के किले पर जाना है.
ग्वालियर में घूमने के लिए क्या हैं?
यह जानने के लिए यह आर्टिकल पढ़े- ग्वालियर में घूमने की टॉप 9 जगह|
मध्यप्रदेश में सतपुड़ा की रानी के नाम से मशहूर पर पचमढ़ी को राज्य में हिल स्टेशन के तौर पर जाना जाता है. पचमढ़ी मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में मौजूद एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो सतपुड़ा पर्वत पर बसा हुआ है. सतपुड़ा पर्वत की अपनी सुंदरता और यहां के पहाड़ों का मनोरम नजारा आसपास ही नहीं बल्कि भारत के अन्य राज्यों के लोगों को भी यहां पर आने के लिए विवश कर देता है.
ब्रिटिश काल के दौरान से ही पचमढ़ी अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी रहा है. क्योंकि यहां पर गर्मी के दिनों में शहरों की अपेक्षाकृत बेहद ठंडी रहती है. यही वजह है कि लोग अक्सर यहां पर गर्मी के दिनों में जाना पसंद करते हैं.
प्राकृतिक सुंदरता के अलावा पचमढ़ी में आप लोगों को कई ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल भी देखने को मिलते हैं.
पचमढ़ी क्यों प्रसिद्ध है?
हिल स्टेशन के लिए
पचमढ़ी में घूमने के लिए क्या हैं?
पांडव गुफा, रजत प्रपात, जटाशंकर गुफा, धूपगढ़
पचमढ़ी कहां स्थित हैं?
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद संभाग में, शहर से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर
खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बसा हुआ एक शहर है जो अपने मध्यकालीन इतिहासिक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है माना जाता है. धार्मिक नजरिए से खजुराहो मध्य प्रदेश में बेहद अहम माना जाता है. क्योंकि यहां पर बेहद अधिक तादाद में हिंदू और जैन धर्म के प्राचीन मंदिर देखने को मिलते हैं. खजुराहो में मौजूद ऐतिहासिक मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के द्वारा लगभग 1000 वर्ष पहले किया गया था.
यहां के मंदिरों की बेहद खूबसूरत डिजाइन और नक्काशी आपको भारत के अन्य किसी भी मंदिर में देखने को नहीं मिलती है. ऐतिहासिक विरासत में रुचि रखने वाले भारतीय और विदेशी पर्यटक यहां पर प्रतिदिन हजारों की तादाद में आते रहते हैं. ऐसा बताया जाता है कि यहां पर मौजूद हिंदू और जैन धर्म के मंदिरों का निर्माण करने में लगभग 100 वर्ष से अधिक का समय लगा था. यही इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता भी मानी जाती है.
मैं अपनी पर्सनल अनुभव के आधार पर यह कह रहा हूं कि आप लोगों को अपने जीवन काल में एक बार खजुराहो अवश्य जाना चाहिए. क्योंकि सच में यहां के मंदिरों की खूबसूरती देखने योग्य है.
खजुराहो क्यों प्रसिद्ध है?
यहां के प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरो के लिए
खजुराहो के दर्शनियल स्थल
कंदरिया महादेव मंदिर, देवी जगदम्बा मंदिर, सूर्य मंदिर, दुल्हादेव मन्दिर, वामन मंदिर
झीलों की नगरी के नाम से प्रसिद्ध भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी के तौर पर भारत में जाना जाता है. भोपाल न सिर्फ मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है बल्कि यह पर्यटन के लिए भी बेहद प्रसिद्ध है. एक समय था जब यहां पर नवाबों का राज हुआ करता था और यही वजह है कि इसे नवाबों का शहर भी कहा जाता है. सच कहूं तो भोपाल मेरे दिलो में बसता है क्योंकि मैंने अपने जीवन के चार साल यहां पर कॉलेज के दौरान गुजारे थे.
इसलिए जहां पर मौजूद कई खूबसूरत जगहों पर घूमने के साथ इस शहर को समझने का मौका मिला था. भोपाल में घूमने फिरने के लिए आप लोगों को प्राकृतिक समुंदर के अलावा कई ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल मिलते हैं. यदि सभी के अलावा यहां का माहौल आपको कभी बोरियत होने नहीं देता है.
क्योंकि यहां पर पर्यटन स्थल के अलावा मनोरंजन के लिए भी कई ऐसे अच्छी जगह है जहां पर आप परिवार और दोस्तों के साथ एक अच्छा समय गुजार सकते हैं. भोपाल रेल, सड़क और वायु मार्ग के द्वारा भारत के सभी बड़े शहरों व राज्यों से जुड़ा हुआ है जिसकी वजह से यहां पर पहुंचना बेहद ही आसान है.
भोपाल के लिए में घूमने की जगह
यह आर्टिकल पढ़े- भोपाल में घूमने की 10 जगह| Best 10 Tourist Places In Bhopal
5. ओमकारेश्वर
यदि madhya pradesh tourism की बात की जाए और ओमकारेश्वर का नाम ना लिया जाए ऐसा कदापि नहीं हो सकता है. ओम्कारेश्वर मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल में ही नहीं बल्कि धार्मिक स्थलों में से भी एक है. यहां पर मौजूद भगवान शिव जी को समर्पित ओमकारेश्वर मंदिर भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग में से एक है.
इसलिए ओम्कारेश्वर नगरी में हमेशा भक्त और लोगों की भीड़ जमा रहती है. ओमकारेश्वर का निर्माण नर्मदा नदी के द्वारा स्वत: ही हुआ है और यह शिवपुरी नामक एक दूरी पर मौजूद है. धर्म और संस्कृति से जुड़ा होने की वजह से यहां पर हमेशा सुकून और शांति का आभास होता है. यही वजह है कि जो भी भक्त या पर्यटक यहां पर आता है वह बस यहीं का होकर रह जाता है.
ओंकारेश्वर में भगवान शिव जी के प्राचीन मंदिर के अतिरिक्त प्राकृतिक सौंदर्य और नर्मदा नदी के घाटों की खूबसूरती देखने योग्य है. महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर संपूर्ण ओमकारेश्वर नगरी को बेहद सुंदरता के साथ सजाया जाता है जिसमें लाखों करोड़ों लोग शामिल होते हैं.
यदि हम भारत के सबसे पुराने शहरों की बात करें तो इस लिस्ट में उज्जैन का अपना एक अलग ही स्थान है. उज्जैन शिप्रा नदी के किनारे बसा हुआ एक धार्मिक तीर्थ स्थान है जिसे महाकालेश्वर मंदिर के लिए जाना जाता है. उज्जैन भारत के महान सम्राट विक्रमादित्य की राजधानी रहा है और यही वजह है कि इसका भारत के इतिहास से बेहद गहरा संबंध है. उज्जैन में कई धार्मिक व ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है जो देखने के लिए बेहद शानदार है.
यहां पर प्रत्येक 12 वर्ष में विशाल कुंभ के मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें लाखों करोड़ों लोग शामिल होते हैं. कुंभ के मेले के दौरान संपूर्ण उज्जैन नगरी को सुंदरता के साथ सजाया जाता है जो दृश्य देखने योग्य रहता है. धार्मिक पर्यटन स्थल होने की वजह से यहां पर मंदिरों का भंडार है. यही वजह है कि धार्मिक नगरी उज्जैन में प्रतिदिन हजारों लोग दूर-दूर से यहां पर श्रद्धा भक्ति भाव से आते हैं.
सूर्य उदय और सूर्य अस्त के समय शिप्रा नदी के घाट का दृश्य उज्जैन नगरी में देखने योग्य रहता है. वैसे तो आप उज्जैन में साल में किसी भी समय जा सकते हैं लेकिन कुंभ के मेले के समय यहां पर जाने का अपना एक अलग ही आनंद है.
मध्य प्रदेश के धार जिले में मौजूद मांडू राज्य के प्रमुख हिल स्टेशन में से एक माना जाता है. क्योंकि मांडू विद्यांचल पर्वत पर बसा हुआ है जो इसकी सुंदरता की मुख्य वजह माना जाता है. मांडू एक हिल स्टेशन होने के साथ एक ऐतिहासिक नगरी होने की वजह से भी काफी प्रसिद्ध है. प्राचीन काल में मांडू कई मुस्लिम शासकों के अधीन रहा है और यही वजह है कि यहां पर उनके दौर की झलक देखने को मिलती है.
मांडू में प्राकृतिक सुंदरता के अलावा आप लोगों को कई ऐतिहासिक विरासत देखने को मिलती है जो आज भी अपनी नवीन अवस्था में है. वैसे तो यहां पर ज्यादातर प्राकृतिक प्रेमी आना पसंद करते हैं लेकिन वास्तु कला में रुचि रखने वाले लोग भी इस जगह को काफी पसंद करते हैं.
क्योंकि यहां पर जहाज महल, मांडू महल और दरवाजे बने हुए हैं जिन पर की गई प्राचीनतम शैली में की गई नक्काशी देखने योग्य है. मांडू एक हिल स्टेशन होने की वजह से यहां पर गर्मी, बरसात और सर्दी किसी भी मौसम में जाया जा सकता है.
सर्दियों के मौसम में जहां पर कोहरे की भरमार होती है तो वही बारिश के मौसम में यहां पर हरियाली और खूबसूरत झरने देखने को मिलते हैं. वही गर्मी के दिनों में भी यहां पर शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर ठंडी का अहसास मिलता है.
जनसंख्या की दृष्टि से इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर माना जाता है. इंदौर शहर न सिर्फ पर्यटन के मामले में बेहद अब्बल है बल्कि यह एजुकेशन और बिजनेस का भी बहुत बड़ा हब बन चुका है. यही वजह है कि यहां पर आसपास के शहरों और राज्यों के लोग भी एजुकेशन व बिजनेस करने के लिए आते हैं. इंदौर शहर प्राचीन काल में राजा रजवाड़ा का गढ़ रहा है और इसलिए यहां पर कई रजवाड़े व पुरानी इमारते देखी जा सकती है.
यहां पर मनोरंजन के लिए कई पर्यटन स्थलों के अलावा देखने के लिए कई खूबसूरत जगह और मॉल जहां पर अक्सर लोगों की भीड़ जमा रहती है. इंदौर शहर में मौजूद होलकर स्टेडियम भी किसी दार्शनिक स्थल से कम लीजिए क्योंकि क्रिकेट मैच के दौरान यहां का नजारा देखने लायक रहता है.
होलकर स्टेडियम इस दौरान लोगों की भीड़ से खचाखच भरा रहता है. सच कहा जाए तो इंदौर इंटरटेनमेंट की एक ऐसी जगह है जहां पर कोई भी व्यक्ति बोर नहीं हो सकता है. यहां पर घूमने फिरने के लिए चिड़ियाघर, राजवाड़ा मार्केट, खजराना मंदिर और रीजनल पार्क जैसी कई खूबसूरत जगह है जहां पर स्थानीय लोग अक्सर अपना वक्त गुजारने के लिए आते रहते हैं.
इंदौर में घूमने की जगह
यह आर्टिकल पढ़े;- इंदौर में घूमने लायक 15 खूबसूरत जगह|
इंदौर के आसपास घूमने की जगह
150 किलोमीटर की दूरी पर इंदौर के आसपास घूमने की जगह-
- सैलानी रिसोर्ट
- हनुमंतिया टापू
उत्तर प्रदेश के शहर झांसी से तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद ओरछा मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी के रूप में विख्यात है. बेतवा नदी के किनारे पर बसा हुआ ओरछा नगरी का निर्माण लगभग 500 वर्ष पूर्व किया गया था.ओरछा ने अपनी प्राचीन काल में कई युद्ध और कारनामे देखे हैं. इसलिए यहां के बारे में कहने के लिए कई किस्से और कहानियां सुनने को मिलती है.
शांत और प्राकृतिक विरासत संभाले हुए ओरछा में देखने के लिए वैसे तो कई खूबसूरत जगह है लेकिन बेतवा नदी के किनारे बना हुआ महल आकर्षण का मुख्य केंद्र माना जाता है. यहां पर कई ऐतिहासिक इमारत पर हैं जो बेहद खूबसूरत डिजाइन के साथ प्राचीन शैली में बनी हुई है जो दिखने में बेहद सुंदर लगती है. वैसे तो यहां पर शरद ऋतु में जाना बेहद अच्छा माना जाता है लेकिन सावन के महीने में भी यहां की सुंदरता देखने योग्य रहती है.
यहां पर मौजूद चतुर्भुज मंदिर को देखने के लिए प्रतिदिन हजारों की तादात में लोग यहां पर आते हैं. रामनवमी के समय यहां पर मौजूद राम मंदिर में भक्तों का विषय जमावड़ा देखने को मिलता है. इसलिए आप लोगों को एक बार यहां पर रामनवमी पर अवश्य जाना चाहिए.
ओरछा में घूमने के लिए क्या क्या हैं?
चतुर्भुज मंदिर, जहागीर महल, राजा महल, लक्ष्मी मंदिर, फूलबाग
10. पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
यदि हम mp tourist places की बात करें और पन्ना राष्ट्रीय उद्यान का नाम न लिया जाए तो शायद यह आर्टिकल अधूरा रह सकता है. पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिले की सीमाओं से लगा हुआ एक विश्व प्रसिद्ध वन्य जीव अभ्यारण है.
इस अभ्यारण को साल 1981 में विलुप्त प्रजाति के वन्य जीवो को संरक्षित करने के लिए स्थापित किया गया था. इसके पश्चात इसे साल 2011 में बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में नामांकित किया गया. पन्ना राष्ट्रीय अभ्यारण के निकट मौजूद केन नदी खूबसूरती के मामले में यहां का मुख्य आकर्षण है. यहां पर बरसात के मौसम में जाना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि इस समय हरियाली के साथ-साथ वन्यजीव भी देखने को मिलते हैं.
क्योंकि बरसात के दिनों में वन्य जीव पानी और भोजन की तलाश में अक्सर यहां पर घूमते फिरते रहते हैं. यदि मौसम की बात करें तो यहां पर गर्मियों के दिनों में जाना अच्छा नहीं माना जाता. क्योंकि इस समय यहां पर कभी-कभी 45 डिग्री से अधिक पारा हो जाता है जिसकी वजह से काफी अधिक गर्मी का सामना करना पड़ता है.
यदि आप पन्ना राष्ट्रीय अभ्यारण घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आप लोगों को यहां पर विशेष तौर पर सर्दियों और बारिश के मौसम में जाना चाहिए.
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना कब की गई थी?
साल 1981 में
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान किस नदी के तट पर है?
11. महेश्वर.
भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक नर्मदा नदी के किनारे पर बसा हुआ महेश्वर एक ऐतिहासिक नगरी होने के साथ धार्मिक स्थान के लिए भी प्रसिद्ध है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि महेश्वर की स्थापना राजा सहस्त्र अर्जुन ने रावण को पराजित करने के पश्चात की थी. यही वजह है कि महेश्वर का उल्लेख रामायण और महाभारत काल के कई पुराने ग्रंथों में मिलता है.
यहां पर मौजूद महेश्वर का किला पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि महेश्वर किले की सुंदरता और नर्मदा नदी के घाट का सुंदर शांत वातावरण इन सभी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थान होने के अलावा महेश्वर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भी मध्यप्रदेश में एक अच्छी जगह माना जाता है. यही वजह है कि अक्सर युवा अपनी डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए महेश्वर का रुख करते हैं.
महेश्वर में नर्मदा नदी के धार्मिक उत्सव पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें भारी मात्रा में लोग शामिल होते हैं. इस दौरान महेश्वर में कई भंडारे भी आयोजित किए जाते हैं जिसमें लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. यदि आप मध्यप्रदेश या इसके आसपास के राज्य के निवासी हैं और आप शांति सुकून से भरपूर किसी खूबसूरत जगह पर जाना चाहते हैं तो आप लोगों को महेश्वरम एक बार अवश्य जाना चाहिए.
महेश्वर क्यों प्रसिद्ध हैं?
नर्मदा नदी के किनारे मौजूद होने की वजह है यह अपनी सुंदरता और कलात्मक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हैं.
महेश्वर में देखने के लिए क्या क्या हैं?
रजवाड़ा, अहिलेश्वर मंदिर, महेश्वर में नर्मदा घाट, महेश्वर का किला
Madhya Pradesh Tourism में जबलपुर को शामिल करना बेहद जरूरी है. क्योंकि जबलपुर के बिना mp tourist places की कल्पना नहीं की जा सकती है. जबलपुर को मध्यप्रदेश में उच्च न्यायालय और संस्कारधानी के तौर पर जाना जाता है. इस खूबसूरत शहर में घूमने फिरने से लेकर मौज मस्ती करने के लिए बेहद अच्छी जगह है जहां पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों की भीड़ जमा रहती है. रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में भी जबलपुर का मध्य प्रदेश में बेहद अहम योगदान हैं.
वैसे तो जबलपुर में घूमने फिरने की कई खूबसूरत जगह है लेकिन इनमें भेड़ाघाट सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. भेड़ाघाट की अपूर्व सुंदरता का वर्णन कई पुस्तकों और ग्रंथों में पढ़ने को मिलता है. यही वजह है कि मेरी जबलपुर की पहली यात्रा के दौरान यहां पर जाने से मैं अपने आप को रोक नहीं सका था. भेड़ाघाट का धुआंधार जलप्रपात जबलपुर का सदाबहार पर्यटन स्थल है जहां पर आप साल में किसी भी मौसम और किसी भी दिन जा सकते हैं.
जबलपुर में भेड़ाघाट के अलावा मदन महल जैसी कई ऐतिहासिक इमारतें भी है जो पर्यटन के नजरिए से बेहद अहम है. यही वजह है कि इन जगहों पर अक्सर लोगों की भीड़ देखने को मिलती है. यदि आप जबलपुर जाते हैं तो आप लोगों को भेड़ाघाट एक बार अवश्य जाना चाहिए.
जबलपुर क्यों प्रसिद्ध हैं?
धुआधार जल प्रपात भेड़ाघाट के लिए
जबलपुर में घूमने की जगह
भेड़ाघाट, मदन महल का किला, बाजना मठ, तिलवारा घाट, त्रिपुर सुन्दरी मन्दिर, गुप्तेश्वर मन्दिर
हमारा यह आर्टिकल मध्यप्रदेश में घूमने की 12 खूबसूरत जगह|Tourist Places in Madhya Pradesh पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यावाद, साथ ही इस जानकारी को अपने दोस्तों व परिचित लोगों को जरूर शेयर करें.
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मध्य प्रदेश के दर्शनीय व पर्यटन स्थल | Madhya Pradesh Tourism in Hindi
Madhya Pradesh Tourism / मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है तथा मध्य प्रदेश भारत के ठीक मध्य में स्थित है। इसका इलाका लगभग 120000 वर्ग किलोमीटर है। इस राज्य का इतिहास, भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और यहाँ के लोग इसे भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में से एक बनाते हैं। इसकी राजधानी भोपाल है, जो झीलों के शहर के नाम से प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश की यात्रा यहां आने वालों को भारत के प्राकृतिक वैभव, समृद्ध कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत से रुबरु कराती है।
मध्य प्रदेश के दर्शनीय व पर्यटन स्थल – Madhya Pradesh Tourism Place in Hindi
मध्य प्रदेश भारत के मध्य क्षेत्र में है और यात्रा प्रेमियों के लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। यहां कई शानदार वाईल्डलाइफ सेंचुरी हैं जिनमें दुर्लभ प्रजाति के और भारतीय प्रायद्वीप में सबसे ज्यादा पाए जाने वाले वनस्पति और जीव हैं। मध्य प्रदेश में ही मनमोहक खजुराहो मंदिर और कई ऐतिहासिक शहर भी हैं। आदिवासियों द्वारा बनाए जाने वाले विस्तृत श्रृंखला के हस्तशिल्प मध्य प्रदेश में खरीददारी को एक नया अनुभव देते हैं।
राज्य की केंद्रीय स्थिति तथा साथ ही साथ समृद्ध प्राकृतिक विविधता इसे संपूर्ण पर्यटन गंतव्य बनाते हैं। उच्च पर्वत श्रेणियों, नदियों और झीलों से युक्त हरे भरे जंगल प्रकृति के विभिन्न तत्वों के बीच एक सुंदर सामंजस्य प्रदान करते हैं। नर्मदा और ताप्ती नदियां दो पहाड़ों विंध्य और सतपुड़ा के बीच एक दूसरे के समानांतर चलती है। विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी और पौधे तथा यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता मध्य प्रदेश के पर्यटन की विशेषता है।
मध्य प्रदेश पर कई राजवंश के राजाओं ने शासन किया। मध्य प्रदेश का समृद्ध इतिहास मौर्य राजवंश के काल तक रहा है। लेकिन उससे भी पहले पाषाण काल के लोगों द्वारा प्रागैतिहासिक काल में भीमबेटका गुफाओं को चित्रित किया गया था।
गुप्त की राजधानी रहे उज्जैन शहर ने अपने समय में गौरव शिखर को छुआ और उसकी ख्याति पूरी दुनिया में फैली। इस क्षेत्र में कई सामा्रज्यों का शासन रहा जिन्होंने अपने गौरव और संपदा की निशानी के तौर पर कई किले, मंदिर और महल पूरे मध्य प्रदेश में छोड़े। जैसे जैसे आप मध्य प्रदेश घूमते हैं आप इसके पुरातात्विक वैभव में खो जाते हैं। आप यहां के कुशल कारीगरों द्वारा पत्थरों पर गढ़े गए जुनून और वीरता के पलों के प्रेम पड़ जाएंगे।
खजुराहो की कामुक मूर्तियां, ग्वालियर का शानदार किला, उज्जैन और चित्रकूट के मंदिर या ओरछा की छतरियां सभी वास्तुकला के अच्छे उदाहरण हैं। खजुराहो, सांची और भीमबेटका को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है।
मध्य प्रदेश की आदिवासी संस्कृति मध्य प्रदेश के पर्यटन का एक महत्वपूर्ण भाग है। यहाँ मुख्य रूप से गौंड और भील आदिवासी रहते हैं। आदिवासी कला और कलाकृतियां पर्यटन के आकर्षण का प्रमुख स्त्रोत हैं। लोक संगीत और नृत्य देश की कलात्मक विरासत है। मध्यप्रदेश के हर इलाके की अपनी संस्कृति है और अपनी धार्मिक परम्पराएं हैं जो उनके उत्सवों और मेलों में अपना रंग भरती हैं।
अच्छी रणनीतिक जगह स्थित होने के कारण देश के किसी भी हिस्से से मध्य प्रदेश आसानी से पहुंचा जा सकता है। आप भारत के किसी भी शहर से मध्य प्रदेश में हवाई, सड़क या रेल मार्ग से पहुंच सकते हैं।
मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल की सूचि – Madhya Pradesh Tourist Place in Hindi
राज्य की राजधानी यह शहर पुरातात्विक संपदा से भरपूर है। 11 वीं सदी में परमार राजा भोज ने भोजपाल नगरी बसाई थी। भोजपाल का ही बिगड़ा हुआ रूप बाद में भोपाल कहलाया। पुराने महल और मस्जिदें और भीेड़ भरे बाजार देखने लायक हैं। यह जगह आपको दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी की भी याद दिलाती है।
इस नगर का उल्लेख उपनिषदों तथा पुराणों में भी मिलता है। इसका प्राचीन काल से ही अस्तित्व है। प्राचीन काल में उज्जैन अवंती राज्य(महाजनपद) की राजधानी थी। अकबर के समय में उज्जैन मालवा प्रांत (सूबा) का एक जिला था। इस काल में उज्जैन भारत के प्रमुख शहरों में से एक था। 18 वीं सदी में इस नगर पर पहले मराठों, उसके बाद होल्कर वंश के शासकों का शासन रहा। इसके उपरांत 1818 ई. में यह नगर ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन आ गया। कंपनी ने इसे जिला मुख्यालय बना दिया। उज्जैन में ही कमिश्नरी का मुख्यालय भी है।
3). खजुराहो
यह जगह मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण है। मंदिर के पत्थरोें में कामुक कल्पनाएं गढ़ी गई हैं। इन मूर्तियों के रंग दिन की बदलती रौशनी के साथ बदलते हैं।
5). ग्वालियर
भारतीय इतिहास का गौरवशाली अध्याय ग्वालियर के किलों और महलों में जिंदा हो उठता है। यह शहर कई लड़ाइयों, रक्त और मौतों का गवाह रहा है।
कान्हा टाइगर रिजर्व को रुडयार्ड किनलिंग ने मशहूर किया। यह एशिया का सबसे बेहतरीन और सबसे अच्छी तरह प्रशासित नेशनल पार्क है। वन्य जीव प्रेमियों के लिए यह अनूठा आकर्षण है।
यह बुंदेलों की राजधानी रहा है और यहां मशहूर ओरछा किला है जो कि वास्तुकला का एक आश्चर्य है।
6). बंधवगढ़
मध्य भारत के दिल में बसे विंध्य पर्वत श्रृंखला में स्थित बंधवगढ़ नेशनल पार्क में देश के सबसे ज्यादा बाघ रहते हैं। यहां पर हाथी सफारी का भी आनंद लिया जा सकता है।
7). शिवपुरी
ग्वालियर से 112 कि मि दूर स्थित शिवपुरी सिन्धिया राजवंश की ग्रीय्मकालीन राजधानी हुआ करता था। यहां के घने जंगल मुगल शासकों के शिकारगाह हुआ करते थे। यहां सिन्धिया राज की संगमरमर की छतरियां और ज्योर्ज कासल, माधव विलास महल देखने योग्य हैं। शासकों के शिकारगाह होने की वजह से यहां बाघों का बडे पैमाने पर शिकार हुआ। अब यहां की वन सम्पदा को संरक्षित कर माधव नेशनल पार्क का स्वरूप दिया गया है।
8). भीमबेटका
भीमबेटका पाषाण आश्रय स्थल एक आर्कियोलॉजिकल साईट और पाषाण काल और भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन जीवन दृष्टी को दर्शाने वाली जगह है, और यही से दक्षिणी एशियाई पाषाण काल की शुरुवात हुई थी। यह भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित है और रातपानी वाइल्डलाइफ अभ्यारण्य के पास ही अब्दुलगंज शहर के समीप है। यहाँ पर स्थापित कुछ आश्रय होमो एरेक्टस द्वारा 1,00,000 साल पहले हुए बसाये हुए है। भीमबेटका में पायी जाने वाली कुछ कलाकृतियाँ तो तक़रीबन 30,000 साल पुरानी है। यहाँ की गुफाये हमें प्राचीन नृत्य कला का उदाहरण भी देती है। 2003 में इन गुफाओ को वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया गया था।
भोजताल जिसको बड़े तालाब के नाम से भी जाना जाता है एक बड़ा तालाब है। जो भोपाल मध्य प्रदेश के पश्चिमी तरफ मौजूद है। भोपाल वासियों के लिए यह एकमात्र पीने के पानी का स्रोत है। लगभग 40% आबादी रोजाना 30 मिलियन गैलन पानी इस्तेमाल करती है। बड़ा तलाब छोटा तालाब मिलकर भोज वेटलैंड बनाते हैं। जिसको आजकल रामसर साइट के नाम से जाना जाता है।
10). वन विहार
वन विहार, भोपाल का राष्ट्रीय उद्यान है और यह शहर के केंद्र में स्थित है। यह पार्क 445 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे ऐसी जगह बनाया गया है जहां से पूरा शहर साफ दिखाई देता है। यह स्थल, भोपाल आने वाले पर्यटकों के बीच विख्यात जगह है, हर साल हजारों पर्यटक यहां की सैर के लिए आते है।
11). गौहर महल
गौहर महल मध्य प्रदेश के भोपाल शहर के बड़े तालाब के किनारे वी.आई.पी. रोड पर शौक़त महल के पास बड़ी झील के किनारे स्थित है। यह वास्तुकला का ख़ूबसूरत नमूना कुदसिया बेगम के काल का है। इस तिमंजिले भवन का निर्माण भोपाल राज्य की तत्कालीन शासिका नवाब कुदसिया बेगम (सन् 1819-37) ने गौहर महल को 1820 ई. में कराया था।
12). ताजुल मस्जिद
ताजुल मस्जिद अथवा ‘दारुल उलूम ताजुल मस्जिद’ भोपाल, मध्य प्रदेश में स्थित है। यह मस्जिद विश्व की तीसरी बड़ी मस्जिद के रूप में शुमार होती है। प्रत्येक वर्ष तबलीगी जमात का तीन दिवसीय इज्तिमा भी नियमित रूप से इसी मस्जिद में होता है, जिसमें देश-विदेश की ज़मातें शिरकत करती हैं। इस मस्जिद का मुख्य वास्तुकार ‘अल्लारखा’ था।
13). तानसेन स्मारक
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के स्तंभ महान संगीतकार तानसेन जो कि अकबर के नवरत्नों में से एक थे, उनका स्मारक यहां स्थित है, यह मुगल स्थापत्य का एक नमूना है। तानसेन की स्मृति में ग्वालियर में हर वर्ष नवम्बर में तानसेन समारोह आयोजित होता है।
14). बिरला संग्रहालय
बिरला मंदिर, भोपाल पर्यटन की एक और झलक है जिसे यह ध्यान में रखकर बनाया गया था कि इसे मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के रूप में जाना जाएं। इस संग्रहालय में कई प्रकार की कला और कला सामग्री है जो पर्यटकों को राज्य के इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करते है।
भोपाल में इस तरह का अकेला संग्रहालय यही है और यह राज्य का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। इस संग्रहालय में भोपाल की आदिम काल और मध्यकाल की कई वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। इतिहास प्रेमी, यहां आकर पुरापाषाण काल और नव पाषाण काल के कई उपकरणों को देखने के लिए उत्साहित रहते है।
इस संग्रहालय में कई मूर्तियों को भी रखा गया है जो 7 वीं और 13 वीं सदी के बीच की हैं। 2 शताब्दी से पहले के सिक्के और पांडुलिपि भी यहां प्रदर्शन के लिए रखी गई है। इसके अलावा, इस संग्रहालय में एक शानदार अद्भुत मॉडल, भीमबेटका रॉक आश्रय भी रखा हुआ है।
और अधिक लेख –
- मध्य प्रदेश की जानकारी, तथ्य, इतिहास
- बिहार के दर्शनीय व पर्यटन स्थल की जानकारी
- पंजाब के पर्यटन व दर्शनीय स्थल की जानकारी
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Tourist Places in MP: 7 Days In The Land Of History, Heritage And Tigers
Madhya Pradesh
India’s top dwelling for tigers, Bandhavgarh National Park has the highest density of royal Bengal tigers in the world. Come take a plunge into our incredible past, in the heart of India. Madhya Pradesh is the state of the mighty tiger, it is the state of waterfalls, dense jungles and historical ruins that are proof of our glorious past. Often ignored for the more popular, neighbouring states, the tourist places in MP are an exotic mix of offbeat and touristy. Thousands of years old caves in Bhimbetka, erotic temples of Khajuraho, palaces and forts of the quaint little villages of Mandu and Orchha, and numerous national parks make Madhya Pradesh a state you can never get tired of exploring. If Rajasthan is the royal past of our rich country, Madhya Pradesh is the historical heart.
Credits: Wikimedia Commons
So, go on an epic adventure across Madhya Pradesh and learn India's history and heritage from the places it happened.
Getting around the tourist places in MP
Madhya Pradesh is connected by good highways and a thriving railway system. There are also five airports (Gwalior, Jabalpur, Khajuraho, Bhopal and Indore), out of which two are international (Bhopal and Indore). with good connectivity to major Indian cities. However, the best way to explore the state is via road.
If you wish to drive around the state you can hire a self-drive car from every major city. You can also hire taxis for the same. Prices start at ₹9/km, exclusive of fuel charges, toll charges and other miscellaneous expenses.
Exploring Madhya Pradesh
Dominated by its majestic hilltop fort, Gwalior is a perfect starting point for the exploration of Madhya Pradesh. Where Gwalior Fort defines the city's skyline, the elaborate Jai Vilas Palace defines the growing importance of the city after independence. The towering Jain sculptures and humble archaeological museum are places of great interest.
What to see
1. Start your day by visiting Gwalior fort . Known as the pearl of Indian fortresses, this fort is majestic and exquisite. There are two entries to the fort: the eastern side is an uphill trek, which gives you a formidable view of the fortress while you can take the car up the western side, all the way to the Urvai Gate. You can stop and see towering Jain sculptures en-route the western gate entry. Entry fees for adults is ₹75 and for children is ₹40. The fees for foreigners is ₹250. The visiting hours are from 8am to 6pm.
2. Visit the state archeological museum next. Housed in the 15th-century Gujari Mahal palace, the museum's entrance is flanked by extraordinary 14th-century sardulas (mythological man-lion creatures) and inside are large collections of Hindu, Jain and Buddhist sculptures. Entry fees is ₹10 for Indians and ₹100 for foreign nationals. The museum is open from Tuesday to Sunday, between 10am to 5pm.
3. End the day with a fascinating sound and light show at the Gwalior Fort. It is an excellent way to make your kids learn about the proud history of this culturally-rich city. There are two shows, 6.30pm to 7.30pm in Hindi and 7.30pm to 8.30pm in English. The cost is ₹75 per person.
Credits: Manuel Menal
Credits: Wikipedia
Today, start the day with a visit to the Jai Vilas Palace and end it in Orchha.
1. Built by Maharaja Jayajirao in 1874, the magnificent Jai Vilas Palace is filled with quirky things like cut-glass furniture, stuffed tigers and a ladies-only swimming pool with its own boat. The palace and the Scindia museum have some 35 rooms and were built by prisoners from the fort. The royal court (Durbar Hall) has two 12.5m-high, 3.5-tonne chandeliers, said to be the largest pair in the world. The dining room has an interesting model railway track with a silver train that supposedly carried after-dinner brandy and cigars around the table. Entry fees is ₹100 for Indians and ₹600 for foreigners. The palace and museum are open between 10am to 6pm in summers and between 10am to 5.30pm in winters, from Tuesday to Sunday.
2. After a leisurely look around the Jai Vilas Palace, leave for Orchha. Situated at a distance of 123km from Gwalior, it's a two hour drive.
Credits: Dan
Where to stay: Taj Usha Kiran Palace and Neemrana's - Deo Bagh are brilliant places to stay at. You can look at more options here .
You can read more about Gwalior here .
Orchha is your ideal mix of history and heritage, lying in a laid-back city. A prime example of the influence of Mughal architecture on Rajput monuments, Orchha has spectacular palaces, beautifully adorned temples and royal cenotaphs. And this small town can be explored within a single day, as all the places to see are located within 2-3km of each other.
1. Begin your day early and start with Orchha Fort complex . A large area is encompassed between the fort walls with three palaces inside. First is the Raja Mahal , an elaborately royal palace decorated with murals of social and religious themes of gods, mythical animals and people. Next is the Sheesh Mahal , built as a guesthouse for visiting kings, now converted into a hotel. Both the royal suites of Sheesh Mahal provide scenic views of the town and give the guests a small glimpse into the royal life. Right next to the Sheesh Mahal is the Jahangir Mahal , built for the then king of India, Jahangir, who was to stay in Orchha for just a night. Today the royal palace has many rooms with arcade openings, and windows with lattice design work. Entry fees to the fort complex is ₹10 for Indians and ₹100 for foreign nationals. The fort is open from 10am to 5pm, every day. Keep the ticket of Orchha Fort complex as it is the ticket that will grant you access to all the other sights as well.
2. Next visit the Chaturbhuj Temple , whose spectacular soaring spires are visible from every corner and street of the city. The temple was built for Lord Ram but it never fulfilled its purpose of being a temple. The idol that was supposed to be inside this temple was instead put in the Raja Mahal of the Orchha Fort complex and the inner sanctum sanctorum of Chaturbhuj Temple has since remained devoid of an idol. You can climb a steep, dark staircase to emerge on a mossy roof from where you can enjoy unmatched views of the Betwa River and Orchha Fort complex.
3. Next is the Ram Raja Temple and Laxmi Narayan Temple. Ram Raja Temple was built as a palace for the queen of Madhukar Shah, but was converted into a temple when, according to legend, the idol of Lord Rama placed inside the temple proved impossible to move. Today, the temple is the only one in India where Lord Rama is worshipped as a king and not as a lord. Laxmi Narayan Temple is situated on top of a hill and is a uniquely constructed temple where the outer structure is triangular in shape while the inner parts are square-shaped. Ram Raja Temple is open from 9am-12.30pm & 7-10.30pm in winter (October - March), and from 8am-12.30pm & 8-10.30pm in summer (April - September). The Laxmi Narayan Temple is open from 10am to 5pm, all days.
4. The last things to see are the royal chattris or cenotaphs . They are basically mausoleums of royal kings and high-ranking officials of their court. The cenotaphs are inside a complex with beautiful rose gardens surrounding each cenotaph. You can go to the roof of allcenotaphs and enjoy views of Betwa River. The cenotaph complex is open from 10am to 5.30pm.
4. End the day with a sound and light show at the Orchha Fort, learning about the history of kings and queens of this small but mighty town. The show costs ₹100 for Indian nationals and ₹250 for foreign nationals. From March to November, the English show happens at 7.30pm and the Hindi one starts at 8.45pm. Between December to February, the timings are 6.30pm for the one in English and 7.45pm for the Hindi one.
Credits: Pixabay
Credits: Arian Zwegers
Where to stay: Orchha Palace and Convention Centre and Bundelkhand Riverside are some good options. You can also choose one from here .
You can read more about Orchha here .
On day four of your journey, leave Orchha and head towards Khajuraho, 180km from Orchha, approximately a three to four hour drive away. Famous for its group of temples with erotic sculptures, Khajuraho is one of the most popular tourist places in MP, among both Indians and foreigners. Built between 950AD to 1050AD, the temples are stunning and demand attention of even the most uninterested tourist. A UNESCO World Heritage Site, the temples here display various forms of sculptures depicting meditation, spiritual teachings, kinship, wrestling, royalty and most significantly, erotic art.
1. Visit the Western Group of Temples first, the most striking and well-preserved temples in the city. Entry fees to the Western Group of Temples is ₹30 for Indian nationals and ₹500 for foreigners. There are no fixed timings to visit the temples, but they are open from sunrise to just before sunset.
2. You can end the day with the sound and light show , narrated by Bollywood icon, Amitabh Bachchan, every evening. Tickets cost ₹200 for adults and child ₹100 for children (Indians) and ₹400 for adults and ₹250 for children (foreigners). The show is conducted in both English and Hindi and timings are 6.30pm in English and 7.40pm in Hindi.
Start this day by visiting other temples and end it in Bandhavgarh National Park.
1. Today, begin the day with a visit to the other two temple complexes, Southern and Eastern Group of Temples. The Eastern Group contains a number of exquisitely sculptured Jain temples. There are the only two temples in the Southern group. There is no entry fee for these and they are also open from sunrise to sunset.
2. Since there isn't much to see in Khajuraho apart from various temple complexes, you can now move on to Bandhavgarh National Park.
Where to stay: Ramada Khajuraho and Radisson Jass Hotel, Khajuraho are popular choices. You can look for more options here .
You can read more about Khajuraho here .
Bandhavgarh National Park
Bandhavgarh National Park is around 230km from Khajuraho, approximately a five to six hour drive. India’s top dwelling for tigers, Bandhavgarh National Park has the highest density of Royal Bengal tigers in the world. Getting up close to a tiger triggers a feeling of awe and amazement that is unequalled.
1. Since you have travelled for almost six hours to reach Bandhavgarh, the best thing to do for the day will be relax and just take in the beauty of the lush green forest around you.
Start day two in Bandhavgarh, super early with a safari in the jungle.
1. Today, begin the day with a morning safari into the jungle. The safari begins at 5.30am in the months from April to June, 6am in the months of February and March and 6.30am in the months from October to February. Bandhavgarh National Park is home to more than 37 species of mammals, 250 species of birds and 80 species of butterflies and is one of the best places in India to spot a tiger.
2. You can go for a second safari in the afternoon or just relax in your resort before you end your journey.
Where to stay: Syna Tiger Resort Bandhavgarh and Tiger's Den Resort . You can check out more options here .
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Madhya Pradesh
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Khajuraho Dance Festival
20 feb 2021 - 26 feb 2021.
Western Group of Temple Khajuraho
Khajuraho Temples come alive with splendour, beams and the hustle-bustle of art lovers at the Khajuraho Dance Festival. The event is organised by the Department of Culture and assisted by Madhya Pradesh Tourism. Hosted each year at the magnificent city of Khajuraho located in the district of Chhatarpur, the artists perform in the backdrop of historical monuments.
Webinar On World Heritage Day
18 apr 2021.
Madhya Pradesh Tourism brings to you a webinar on the occasion of World Heritage Day all set to be observed on April 18th.
7th Mar to 15th June, 2024
Join us in celebrating the beauty and diversity of Madhya Pradesh's incredible tourist destinations by participating in the Dekho Apna Desh People's Choice Awards 2024!
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Exploration Drives with Bob Rupani
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REASONS TO EXPLORE MP
Three UNESCO World Heritage Sites
Home to 3 UNESCO World Heritage Sites namely Sanchi, Bhimbetka &Khajuraho, Madhya Pradesh attracts tourists from across the globe.
11 National Parks, 24 Wildlife Sanctuaries and 6 Tiger Reserves
Plan a trip to Madhya Pradesh to experience the true spirit of the jungles and catch all the live action happening in the wild.
Rich forest cover & natural beauty
Blessed with some of the beautiful landscapes, Madhya Pradesh is a paradise for nature lovers. With plentiful of places to satisfy your love for landscape and beauty, the state certainly captures a piece of your heart for all the beauty that lies in here.
Two Jyotirlingas out of 12
Mahakaleshwar Temple in Ujjain and Omkareshwar are 2 most revered places in Madhya Pradesh.
Our stories
Top 5 Forts to visit in Madhya Pradesh
Madhya Pradesh is well known for its mighty forts and enthralling history preserved in the walls of these grandeurs.
Top 11 National Parks in Madhya Pradesh
Explore the natural wonders of Madhya Pradesh's National Parks. From wildlife sanctuaries to historic landscapes, embark on a journey of discovery.
Top Places To Visit in Madhya Pradesh During Summers
Discover the top summer destinations in Madhya Pradesh, including Tamia, Pachmarhi, and more. Explore history, nature, and culture.
Shree Mahakaleshwar Jyotirlinga Temple in Ujjain
Shri Mahakaleshwar Temple also known as Mahakal temple in Ujjain is a renowned Hindu temple in India dedicated to Lord Shiva...
Must-Visit UNESCO World Heritage Sites in M.P.
From prehistoric caves to Guptas to Rajputs to Marathas to Mughals, the landscape of Madhya Pradesh is a map depicting passage of time, embroidered with chronicles of the first men...
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मध्यप्रदेश जाएं तो इन पांच खूबसूरत जगहों की सैर करना न भूलें, देखने को मिलेंगे अद्भुत नजारे
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- यह मध्यप्रदेश के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। पवित्र क्षिप्रा (शिप्रा) नदी के तट पर बसे उज्जैन को 'मंदिरों का शहर' भी कहा जाता है, क्योंकि यहां लगभग हर गली में मंदिर ही मंदिर दिखाई पड़ते हैं। इस पवित्र शहर की सबसे खास बात ये है कि यहां स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यही वो शहर है, जहां हर 12 साल में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें दुनियाभर से लाखों-करोड़ों लोग आते हैं। इस शहर की खूबसूरती का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि प्रसिद्ध कवि कालिदास ने कहा है कि 'पृथ्वी को स्वर्ग बनाने के लिए यह शहर स्वर्ग से उतर आया है'।
- यह एक एतिहासिक शहर है, जो अपने विशाल किले, स्मारकों, खूबसूरत महलों और मंदिरों के लिए जाना-जाता है। ग्वालियर का किला, जय विलास महल और सूर्य मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें देखने के बाद आप इन्हें कभी नहीं भूल सकते। चारों तरफ से सुंदर पहाड़ियों और हरियाली से घिरा यह शहर घूमने के लिहाज से देश की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है।
- मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण इस जगह को 'सतपुड़ा की रानी' के नाम से भी जाना जाता है। चारों तरफ हरे-भरे जंगल, पहाड़ों की ऊंचाई से गिरते झरने, यहां की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। यहां का सिल्वर फॉल तो देखने लायक है, जहां करीब 350 फुट की ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है और यह पानी देखने में बिल्कुल दूध के समान लगता है।
- अगर आप इतिहास में रूचि रखते हैं तो यह जगह आपके घूमने के लिए सबसे बेस्ट है। रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका रॉक शेल्टर एक पुरातात्विक स्थल है, जिसे मानव विकास का आरंभिक स्थान माना जाता है। यहां 500 से भी अधिक रॉक शेल्टर और गुफाएं हैं, जहां की चट्टानों पर हजारों वर्ष पूर्व बनी चित्रकारी आज भी मौजूद है। यहां की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12 हजार साल पुराना माना जाता है। यहां आकर आपको एक अलग ही दुनिया में आने का अहसास होगा।
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MP Tourism: मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पर्यटन स्थल अन्य राज्यों के पर्यटक स्थलों से इस अर्थ में भिन्न हैं कि यहाँ लगभग प्रत्येक पर्यटन स्थल सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक दृष्टि से समान महत्व का है। मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों को निम्नलिखित चार वर्गों में विभाजित किया ज सकता हैं।
- ऐतिहासिक एवं पुरातत्वीय स्थान
- प्राकृतिक सौन्दर्य के स्थान
- धार्मिक महत्व के स्थान
- वन्य प्राणी पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल (Madhya Pradesh Tourist place)
मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक परिवेश इसे पर्यटन स्थल के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान दिलवाई है। यहाँ सम्भवतः कोई भी ऐसा जिला न होगा जहाँ कोई दर्शनीय या पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल न हो।
#1 चित्रकूट (Chitrakoot)
प्राचीनकाल में तपस्या और शांति का स्थल चित्रकूट ब्रह्मा , विष्णु, महेश के बाल अवतार का स्थान माना जाता है। वनवास के समय भगवान राम, सीता, लक्ष्मण महर्षि अत्रि तथा सती अनुसूया के अतिथि बनकर यहाँ कुछ समय रहे थे। यही पर सती अनुसूया ने सीता को प्रतिव्रता स्त्री के धर्म को बताया था। औऱ पढें: रामायण के प्रमुख पात्र
दर्शनीय स्थल- दर्शनीय स्थल रामघाट में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित घाटों की कतारें हैं कामदगिरि जानकी कुण्ड, सती अनुसूया, स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, हनुमान धारा, भरत कूप दर्शनीय स्थल हैं। और पढ़ें: चित्रकूट के दर्शनीय स्थल और मंदिर
#2 उज्जैन (Ujjain)
उज्जैन , भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो क्षिप्रा नदी या शिप्रा नदी के किनारे पर बसा है। यह एक अत्यन्त प्राचीन शहर है। पुराणों में उज्जयिनी, अवन्तिका, अमरावती, प्रतिकल्पा कुमुद्धती आदि नामों से इसकी महिमा गायी गई है।
यह महान सम्राट विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। श्रीकृष्ण सुदामा ने यहीं संदीपनि आश्रम में शिक्षा प्राप्त की थी। उज्जैन का सिंहस्थ पर्व प्रत्येक बारह वर्षों के अंतराल से कुम्भा पर्व रूपी दुर्लभ अवसर पर मनाया जाता है।
#3 ओंकारेश्वर (Omkareshwar)
ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में अवस्थित है। ओंकारेश्वर नगरी का मूल नाम ‘मान्धाता’ है। ओंकारेश्वर प्रारंभ में भील राजाओं की राजधानी थी। लंबे समय तक ओम्कारेश्वर भील राजाओं के शासन का क्षेत्र रहा है।
यहां भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक “ओंकारेश्वर” स्थित है। ॐकारेश्वर का निर्माण नर्मदा नदी से स्वतः ही हुआ है। नर्मदा नदी भारत की पवित्रतम नदियों में से एक है। और अब इस पर विश्व का सर्वाधिक बड़ा बांध परियोजना का निर्माण हो रहा है। और पढें: शिव द्वादश ज्योतिर्लिंग
लोक माम्यता अनुसार- अहिल्याबाई होलकर की ओर से यहाँ नित्य मृत्तिका के 18 सहस्र शिवलिंग तैयार कर उनका पूजन करने के पश्चात उन्हें नर्मदा में विसर्जित कर दिया जाता है।
दर्शनीय स्थल- ओंकार मांधाता, सिद्धनाथ मंदिर, चौबीस अवतार, सप्तमातृ का मंदिर तथा काजल रानी गुफा आदि।
#4 ओरछा (Orchha)
ओरछा (Orchha) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के निवाड़ी ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। ओरछा बुंदेलखण्ड क्षेत्र में बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ है। यह टीकमगढ़ से 80 किमी और उत्तर प्रदेश राज्य में झांसी से 15 किमी दूर है। क्रांतिवीर चन्द्रशेखर आजाद की साधना स्थली के नाते भी ओरछा विख्यात है।
दर्शनीय स्थल- रामराजा मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, फूलबाग, दीवाल हरदौल महल, जहाँगीर महल, राजमहल राय प्रवीण महल, , सुन्दर महल, छतरियाँ, शहीद स्मारक आदि दर्शनीय स्थल हैं।
#5 ग्वालियर (Gwalior)
ग्वालियर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर और राज्य का का एक प्रमुख शहर है। ग्वालियर को गालव ऋषि की तपोभूमि भी कहा जाता है। आज ग्वालियर एक आधुनिक शहर है और एक जाना-माना औद्योगिक केन्द्र है।
दर्शनीय स्थल- गूजरी महल, मान मंदिर, सूरजकुण्ड, तेली का मंदिर, सास-बहू का मंदिर, जयविलास महल, रानी लक्ष्मीबाई की अश्वारोही मूर्ति, संग्रहालय, तानसेन की समाधि, गौस मोहम्मद का मकबरा, रानी लक्ष्मीबाई की समाधि, कला वीथिका, नगरपालिका संग्रहालय, चिड़ियाघर, गुरुद्वारा सूर्य मंदिर आदि दर्शनीय स्थल हैं।
#6 भोपाल (Bhopal)
भोपाल भारत देश में मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है। भोपाल को राजा भोज की नगरी तथा ‘झीलों की नगरी’ भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ कई छोटे-बड़े तालाब हैं। एक मान्यता के अनुसार भोपाल का प्राचीन नाम भूपाल था अर्थात् भू = भूमि, पाल=दूध।
भोपाल की स्थापना परमार राजा भोज ने 1000-1055 ईस्वी में की थी। भोपाल पाँच पहाड़ियों पर बसा है तथा इसमें दो झीलें हैं. यहाँ की जलवायु सम है। यहां का छोटा तालाब, बड़ा तालाब, भीम बैठका, अभयारण्य, शहीद भवन तथा भारत भवन देखने योग्य हैं।
दर्शनीय स्थल- बड़ी और छोटी झील, लक्ष्मीनारायण मंदिर, बिड़ला संग्रहालय, शौकत महल और सदर मंजिल, भारत भवन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, राजकीय संग्रहालय, गांधी भवन, वन विहार, ताज-उल-मसजिद, जामा मस्जिद,आदि प्रमुख स्थल है।
#7 साँची (Sanchi)
साँची (Sanchi) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन ज़िले में भोपाल से 46 किमी की दूरी पर स्थित है। साँची को पूर्व में ‘काकणाय’, ‘काकणादबोट’, ‘बौद्ध श्रीपर्वत’ नामों से जाना जाता था।
साँची के स्मारकों के निर्माण का श्रेय मौर्य सम्राट अशोक को जाता हैं। साँची बौद्ध स्तूपों के लिए विश्वविख्यात है। यहाँ तीन स्तूप हैं. पहला स्तूप अन्य दो स्तूपों से बड़ा है इसलिए इसे मुख्य स्तूप कहते हैं इसका व्यास 36.5 मीटर है और ऊँचाई 16-4 मीटर है। स्तूपों के तोरण द्वार पर जातक कथाएँ व बुद्ध के जीवन की जन्म से मोक्ष प्राप्ति तक की घटनाएँ अंकित हैं। साँची के स्तूप विश्व धरोहर में सम्मिलित हैं।
अन्य आकर्षण- स्थल बौद्ध विहार, अशोक स्तंभ, महापात्र, गुप्तकालीन मंदिर तथा संग्रहालय यहाँ के अन्य दर्शनीय स्थल हैं.
#8 पचमढ़ी (Pachmarhi)
पचमढ़ी (Pachmarhi) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के होशंगाबाद ज़िले में स्थित एक हिल स्टेशन है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण 1067 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह शहर अक्सर “सतपुड़ा की रानी” कहलाता है।
यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा अनोखा है कि यहाँ पहुँचकर कोई भी पर्यटक मंत्रमुग्ध-सा रह जाता है। ग्रीष्मकाल में जब मैदानी भाग लू के तपते थपेड़ों से व्याकुल रहते हैं तब पचमढ़ी में शीतल समीर के झोंकों का स्पर्श अत्यंत आनंद दायी तथा सुखद प्रतीत होता है।
सामान्य मान्यता के अनुसार पचमढ़ी नाम, पंचमढ़ी या पांडवों की पांच गुफा से व्युत्पन्न है। प्रचलित दंत कथा के अनुसार इनमें पाण्डवों ने वनवास काल का एक वर्ष बिताया था।
दर्शनीय स्थल- प्रियदर्शिनी, हाड़ी खोह, रजत प्रपात, राजगिरि, लांजी गिरी, आईरीन सरोवर जलावतरण (डचेस फॉल), जटाशंकर छोटा महादेव, महादेव चौरागढ़, धूपगढ़, पांडव गुफाएँ, गुफा समूह धुआँधार भ्रांत नीर (डीरोथी डिप), अस्ताचल, बीनवादक की गुफा (हार्पर केव) तथा सरदार गुफा आदि प्रमुख है।
#9 खजुराहो (Khajuraho)
खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिये विश्वविख्यात है। यहां बहुत बड़ी संख्या में प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर हैं। खजुराहो को प्राचीन काल में ‘खजूरपुरा’ और ‘खजूर वाहिका’ के नाम से भी जाना जाता था।
ऐसा कहा जाता है कि चन्देल राजाओं के समय मुख्य द्वार पर सोने के खजूर आकृति के दो द्वार थे इसी आधार पर इसका नाम ‘खर्जूरवाहक’ पड़ा और कालान्तर में ‘खजुराहो’ नाम से प्रसिद्ध हुआ।
दर्शनीय स्थल- पश्चिम समूह (दरिया महादेव, चौंसठ योगिनी चित्रगुप्त मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, लक्ष्मण मंदिर तथा मातंगेश्वर मंदिर) , पूर्वी समूह (पार्श्वनाथ मंदिर, घंटाई मंदिर आदिनाथ मंदिर) दक्षिण समूह (दूल्हादेव मंदिर तथा चतुर्भुज मंदिर)
#10 मांडू या मांडव (Mandav)
माण्डू या माण्डवगढ़ , धार जिले के माण्डव क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन शहर है। विन्धयाचल पर्वत शृंखला में स्थित होने के कारण इसका सुरक्षा कि दृस्टि से बहुत अधिक महत्व था। इसलिए मालवा के परमार राजाओं ने इसे अपनी राजधानी बनाया था।
आज यह एक पर्यटक स्थल के रूप मे प्रसिद्ध है। यहाँ का प्रत्येक स्थापत्य भारतीय वास्तुकला का भव्य नमूना है। प्रतिवर्ष हजारों कि संख्या में सैलानी वास्तुकला के उत्कृष्टतम और आकर्षक नक्काशीदार गुम्बद को देखने आते है।
दर्शनीय स्थल – मांडू का परकोटा, जहाज महल, हिंडोला महल, होशंगशाह का मकबरा, जामा मस्जिद अशर्फी महल, रेवा कुण्ड, रूपमती मंडप, नीलकंठ, नीलकंठ महल, हाथी महल तथा लोहानी गुफाएँ आदि दर्शनीय स्थल हैं।
#11 अमरकंटक (Amarkantak)
प्राकृतिक सुषमा के बीच चित्रकूट में पर्यटक मानसिक शांति प्राप्त करते हैं। भक्त शिरोमणि तुलसीदास जी आत्मिक शांति की खोज में यहाँ आये थे।
अमरकंटक (Amarkantak) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के अनूपपुर ज़िले में स्थित एक नगर हैं। भारत की प्रमुख सात नदियों में से अनुपम नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकण्टक प्रसिद्ध तीर्थ और नयनाभिराम पर्यटन स्थल है।
दर्शनीय स्थल- अमरकण्टक के मन्दिर जिनकी संख्या 24 है. कपिलधारा जलप्रपात, सोन मुग, माई की बगिया, कबीर चौरा, भृगु कमण्डल और पुष्कर बाँध देखने योग्य हैं ।
दर्शनीय स्थल- यहाँ महाकालेश्वर मंदिर , मंगलनाथ काल भैरव, विक्रान्त भैरव, हरसिद्धि चौसठ योगिनी, गढ़कालिका, नगर कोट की रानी, गोपाल मंदिर, अनंत नारायण मंदिर, अंकपात, नवग्रह मंदिर, चिन्तामण गणेश, अवन्ति पार्श्वनाथ मंदिर, ख्वाजा शकेब की मस्जिद, जामा मस्जिद, शाही मस्जिद, वैश्य टेकरी का स्तूप, कालियादह महल, पीर-मत्स्येन्द्र की समाधि, जय सिंहपुरा, दिगम्बर जैन संग्रहालय, वाकणकर स्मृति जिला पुरातत्व संग्रहालय, भारतीय कला भवन, दुर्गादास राठौर की छत्री आदि प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
#12 भेड़ाघाट (Bhedaghat)
भेड़ाघाट (Bhedaghat) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। भेड़ाघाट एक रमणीय पर्यटन स्थल है। धुआंधार जलप्रपात यहां के आकर्षक का केंद्र है। भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित चौसठ योगिनी मंदिर भी इसके समीप स्थित है।
संगरमर की चट्टानें – चाँद की रोशनी में भेड़ाघाट की सैर एक अलग ही तरह का अनुभव रहता है। संगमरमर की सौ फुट तक ऊँची चट्टानें भेड़ाघाट की खासियत हैं। इस स्थल पर पर्यटकों के लिए नौका विहार की सुविधा है.
धुआँधार जलप्रपात – भेड़ाघाट के पास नर्मदा का पानी एक बड़े झरने के रूप में गिरता है। यह स्पॉट धुआँधार फॉल्स कहलाता है।
चौंसठ योगिनी मंदिर – भेड़ाघाट के पास ही यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है। यह बहुत ही भव्य मंदिर है। यहाँ ६४ योगिनी अर्थात् देवियों की प्रतिमा है।
#13 शिवपुरी (Shivpuri)
शिवपुरी (Shivpuri) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के शिवपुरी ज़िले में स्थित एक नगर व नगर पंचायत है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।शिवपुरी ग्वालियर रियासत के सिंधिया राजाओं की ग्रीष्म कालीन राजधानी थी।
माधव राष्ट्रीय उद्यान – माधव राष्ट्रीय उद्यान 156 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हैं। यह उद्यान विभिन्न प्रकार की वनस्पति एवं विविध प्राणियों से समृद्ध है। पार्क पूरे वर्ष सैलानियों के लिए खुला रहता है।
धार्मिक स्थल- बाण गंगा धाम, मोहिनेश्वर धाम, चिन्ताहरण मंदिर, शिव मंदिर (छतरी रोड), बांकडे हनुमान मंदिर, श्री राज राजेश्वरी मंदिर, श्री सिद्धेश्वर शिव मंदिर, श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर, श्री धाय महादेव मंदिर खोड़, श्री बिलैयाजी निर्मित जगदीश्वर महादेव मन्दिर सिरसौद करैरा, जामा मस्जिद।
#14 महेश्वर (Maheshwar)
महेश्वर (Maheshwar) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के खरगोन ज़िले में स्थित एक नगर है। सम्राट् कार्तवीर्य अर्जुन की प्राचीन राजधानी महिष्मति ही आधुनिक महेश्वर है।
रामायण तथा महाभारत के अनुसार महेश्वर शहर की स्थापना हैयवंशी राजा सहस्रार्जुन ने की थी। इन्होंने रावण को युद्ध पराजित किया था।
राजगद्दी और रजवाड़ा – महेश्वर किले के अंदर रानी अहिल्याबाई की राजगद्दी पर बैठी हुई एक प्रतिमा रखी गई है।
मंदिर- महेश्वर में घाट के आसपास कालेश्वर, राजराजेश्वर, विठ्ठलेश्वर और अहिलेश्वर मंदिर हैं।
नौका विहार- सम्पूर्ण नर्मदा तट और अहिल्या घाट के करीब तीन किमी दूर सहस्त्रधारा तक नर्मदा में नौका विहार में एक पावन अनुभव होता है।
#15 बाँधवगढ़ ( Bandhavgarh )
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है। वर्ष 1968 में निर्मित यह राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। इस उद्यान में एक मुख्य पहाड़ है जो ‘बांधवगढ़’ कहलाता है। बांधवगढ़ 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। 811 मीटर ऊँचे इस पहाड़ के पास छोटी-छोटी पहाड़ियाँ हैं।
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान- बांधवगढ़ का वन क्षेत्र विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जन्तुओं से भरा हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान में पशुओं की 22 और पक्षियों की 250 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहां बाघ भी आसानी से देखा जा सकता है। यहाँ बाघों की सघनता पूरे भारत की तुलना में सर्वाधिक है। हाथी पर सवार होकर या फिर वाहन में बैठकर इन वन्यप्राणियों को देखा जा सकता है।
किला- बांधवगढ़ की पहाड़ी पर लगभग 2 हजार वर्ष पुराना किला बना है।
#16 भोजपुर (Bhojpur)
भोजपुर (Bhojpur) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। यह वेत्रवती नदी (बेतवा नदी) के किनारे बसा हुआ है।
भोजेश्वर मंदिर- जनश्रुतियों और किंवदन्तियों के अनुसार धार के महान सम्राट राजा भोज (1010 ई.- 1053 ई.) ने इसकी स्थापना की थी, इसलिए इसे भोजपुर मंदिर या भोजेश्वर मंदिर भी कहा जाता है। यह भव्य शिवमंदिर मध्य भारत का सोमनाथ कहलाता है।
#17 भीम बेठका (Bhimbetka)
यह स्थल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 45 किमी दक्षिणपूर्व में स्थित है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इनकी खोज वर्ष 1957-1958 में डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी।
ऐसा माना जाता है कि यह स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबन्धित है एवं इसी से इसका नाम भीमबैठका (कालांतर में भीमबेटका) पड़ा।
यह मध्यप्रदेश का तीसरा स्थान है जिसका चयन विश्व धरोहर के लिए किया गया है। इसके पूर्व खजुराहो के मन्दिर और साँची के स्तूप भी विश्व धरोहर में शामिल किए जा चुके हैं।
#18 विदिशा (Vidisha)
विदिशा भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है। यह मालवा के उपजाऊ पठारी क्षेत्र के उत्तर-पूर्व हिस्से में अवस्थित है। ऐतिहासिक व पुरातात्विक दृष्टिकोण से यह क्षेत्र मध्यभारत का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जा सकता है।
विदिशा का उल्लेख महाकवि कालिदास की महान् कृति मेघदूत में भी मिलता है. विदिशा बौद्ध और जैन सम्प्रदायों का भी एक शक्तिशाली केन्द्र रहा है।
दर्शनीय स्थल- लोहांगी शिला गुम्बज बीजा मंडल आदि हैं. हेलियोदोरस का स्तंभ ‘खम्बा बाबा हेलियोदोरस द्वारा वासुदेव के सम्मान में स्थापित गरुड़ स्तंभ है.
#19 ग्यारसपुर (Gyaraspur)
ग्यारसपुर मध्य प्रदेश में विदिशा का एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है। मध्यकालीन भारत में ग्यारसपुर का काफी महत्व था। इस जगह में कई पुराने हिंदू, जैन और बौद्ध पूजा स्थलों के कई खंडहर हैं। इनमें मालादेवी मंदिर, हिंडोला तोरणा और बजरामथ सूर्य मंदिर शामिल हैं।
#20 उदयपुर (UdaipurTown in Madhya Pradesh)
उदयपुर भारत के मध्य प्रदेश राज्य में गंज बसोदा के पास एक शहर है। यहाँ का विशाल कंठेश्वर मंदिर परमार कालीन स्थापत्य कला का बेजोड उदाहरण है। बीजा मंडल, शाही मस्जिद महल, पिसनहारी का मंदिर आदि अन्य दर्शनीय स्थल है।
निष्कर्ष: मध्यप्रदेश में कोई भी ऐसा जिला न होगा जहाँ कोई दर्शनीय या पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल न हो। फिर भी प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से वह पहचान नहीं मिल पाई है जो देश के अन्य राज्यों जैसे- राजस्थान, केरल, गोवा आदि को मिली है। किन्तु पिछले एक दशक से शासन ने इस ओर कुछ विशेष प्रयास किए हैं, जिसके परिणाम अब सामने आने लगे हैं।
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- 40 Tourist Places In Madhya Pradesh That You Should Be Visiting In 2024
23 Mar 2023
Madhya Pradesh – the heart of India – is known for its regal forts, breathtaking topography, exhilarating wildlife, caves, and temples. Perhaps this is why this central state of India is frequented by domestic and foreign travelers round the year. And the vast list of tourist places in Madhya Pradesh contributes all the more to this influx of tourists. There are a lot of places to visit in Madhya Pradesh that satiate the travelers’ instinct. With magnificent temples, rich wildlife, beautiful landscapes and popular cities, Madhya Pradesh is every traveler’s holiday goal. And if you’re planning a holiday in this gorgeous state of India soon, this handpicked list will help you in the same.
Best Time To Visit Madhya Pradesh
Madhya Pradesh is home to several spectacular cities and iconic tourist attractions that will make your vacation an unforgettable experience. The best time to visit Madhya Pradesh is between October to March as you can enjoy the pleasant weather and make the most of your holiday. The summers in Madhya Pradesh are hot and so to have a blissful vacation you must plan your trip in these months.
40 Most Popular Cities In Madhya Pradesh
Are you looking for the best places to explore in Madhya Pradesh on your next vacation? The heart of India, Madhya Pradesh is also the second-largest state of India. This state has many culturally-rich cities that are popular among tourist for their own unique reasons. Check out some of the most sought after tourist places in Madhya Pradesh for a vibrant and wholesome experience in the state:
- Bhopal – The Capital City
- Indore – The Popular One
- Gwalior – A Cultural Hub
- Orchha – Cluster Of Temples
- Jabalpur – Forts And Temples
- Mandu – Ancient Fort City
- Chanderi – A Historical Town
- Khajuraho – Marvellous Temple Complex
- Sanchi – A Buddhist Hotspot
- Ujjain – An Ancient City
- Pachmarhi – Satpura Ki Rani
- Maheshwar – A Quaint Town
- Burhanpur – The Mughal Capital
- Panna – The City Of Diamonds
- Shivpuri – The Charming Spot
- Amarkantak – The Spectacular Hill Station
- Satna – Home To Religious Sites
- Chhindwara – The Largest District
- Omkareshwar – A Jyotirlinga
- Bandhavgarh – Blessed With Biodiversity
- Pench – Home To Tigers
- Kanha – Wildlife And More
- Raneh Falls – A Strong Waterfall
- Rajwada – A Royal Palace
- Patalpani Falls – A Breathtaking Cascade
- Choral Dam – A Tranquil Location
- Lotus Lake – A Srene Lake
- Bhimbetka Rock Shelters – A Historical Site
- Udayagiri Caves – The 20 Rock Cut Caves
- Bawangaja – Hiking And 11 Temples
- Ralamandal – For Wildlife Enthusiasts
- Upper Lake – Pristine Ambiance
- Bee Falls – Mesmerizing Escapes
- Jata Shankar Caves – Adventure And Spirituality
- Pandav Caves – Mythological Site
- Handi Khoh – Spellbinding Ravines
- Rajat Pratap Falls – Enchanting And Refreshing
- Dhoopgarh – Highest Peak In Satpura
- Chhatris – Beautiful Sculptures
- Kanchana Ghat – Marvels Of Bundela Dynasty
Best Cities And Towns In Madhya Pradesh
Here is an interesting list of cities, towns, and hill stations in Madhya Pradesh that will be perfect for your vacation. Keep scrolling down and read along!
1. Bhopal – The Capital City
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Bhopal – the city of lakes – is one of the most interesting tourist places in Madhya Pradesh. The long list of numerous lakes, incredible museums, wildlife reserves, and historical palaces, and other places to visit in Bhopal make the capital city a must-visit destination.
Things To Do: Sair Sapata: Have A Fun and Entertaining Time, Upper Lake: Go On A Boat Ride, Water Parks: Have Some Fun, Kerwa Lake: Zip Across the Flying Fox Zip Lines Places To Stay: Corner Cottage Homestay, Eco Homestay, Banyan Tree Farms, Jheelam Homestay, Artistic Homestay Ideal Duration: 2 Nights/3 Days
Key Attractions: Upper Lake, Lower Lake, Bhimbetka, Bhojpur, State Museum, Birla Museum, Gohar Mahal, and Van Vihar National Park
Must Read: 25 Spectacular Caves In India That Should Be Explored At Least Once
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2. Indore – The Popular One
Indore is one of the largest cities of the state and one of the important names on the Madhya Pradesh tourism facet. Located by the bank of River Saraswati, this city boasts of its rich heritage, historical monuments, and their incredible architecture. It also happens to be the financial capital of Madhya Pradesh.
Things To Do: Sarafa Bazar – Tickle Your Taste Buds, Janapav Kuti – Good Place For Trekkers, Mandu – Take A Short Trip, Gomatgiri – Sacred Place For Jains Places To Stay: 7 Sea Homestay, Ashta Lakshmi Tourist Home Stay, Vaikunth Home Stay, a2zJai Shree Mahakal Ideal Duration: 1 Night/2 Days
Key Attractions: Lal Bagh Palace , Central Museum, Patalpani Waterfall, Ralamandal Wildlife Sanctuary, Tincha Waterfall, and Indore White Church it
Suggested Read: 10 Best Hotels In Ujjain For A Peaceful Getaway In The Sacred City
3. Gwalior – A Cultural Hub
Image Credit: Gyanendra Singh Chauhan for Wikimedia
One of the most famous tourist destinations of Madhya Pradesh, Gwalior is rich in art, culture, and history. The city is an eminent part of Madhya Pradesh tourism and showcases a perfect blend of architectural wonders and historical milestones. The most popular tourist attraction of the city – Gwalior Fort – is ranked among the best forts in India .
Things To Do: Visit The Glorious Gwalior Fort, Get Mesmerised By The Sasbahu Temple, Shop At Patankar And Sarafa Bazaars, Spend Time At The Gujari Mahal Archaeological Museum Places To Stay: Clarks Inn Suites Gwalior, Taj Usha Kiran Palace, Amar Mahal Orchha, Deo Bagh Resort Ideal Duration: 1 Night/2 Days
Key Attractions: Gwalior Fort, Mansingh Palace, Tansen Tomb, Tiger Dam, Gopachal Parvat, Sun Temple, Sas Bahu Temples, Jai Vilas Palace, Scindia Museum, and Madhav National Park
Suggested Read: River Rafting In India: 15 Places For Where You Can’t Just Sit And Watch
4. Orchha – Cluster Of Temples
Orchha, a quaint town on the Madhya Pradesh tourist places map , is the erstwhile capital of the Rajputs of Bundela. It has some amazing forts & temples that reflect the immaculate Rajputana architecture. One can attend a glorious evening aarti at Raja Ram Temple or enjoy a photogenic sunset over Betwa; the choice is yours.
Things To Do: Explore The Monuments And Architecture, Touch The Holy Threshold Of Laxminarayan Temple, Have A Sound Walk In Phool Bagh, Boating In The Betwa river, Jungle Safari At Orchha Wildlife Sanctuary Ideal Duration: 1 Night/2 Days
Key Attractions: Orchha Fort, Raja Ram Temple, Raja Mahal, Chaturbhuj Temple, Orchha Wildlife Sanctuary, Palki Mahal, and Dinman Hardaul’s Palace
Suggested Read: 10 Historical Places In Ujjain For The Spiritual Seeker In You
5. Jabalpur – Forts And Temples
Jabalpur – overloaded with natural splendors – is one of the most fascinating places to visit in Madhya Pradesh . Located by the river Narmada, the city boasts of a mesmerising natural beauty that is surrounded by granite & sandstone hillocks. From marvellous waterfalls to marble rocky outcrops and from majestic forts to dams; the list has it all.
Things To Do: Go For Shopping: All The Way, Explore Museums: Old Is Gold, Delve Into Water Bodies: Water Water Everywhere, Explore Sangram Sagar Lake: A Quiet Space Places To Stay: Pride By Samrat, Vijan Mahal, Hotel Prince Viraj, Hotel Delite Grand, Royal Orbit Jabalpur Ideal Duration: 1 Night/2 Days
Key Attractions: Dhuandhar Waterfall, Bhedaghat, Marble Rocks, Bargi Dam, Madan Mahal Fort, Dumna Nature Reserve, Rani Durgavati Memorial & Museum, and Pisan Hari Jain Temple
Suggested Read: 22 Natural Wonders In India That Your Geography Teacher Forgot To Tell You About
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6. Mandu – Ancient Fort City
If a small and picturesque town is in your mind, Mandu is the place to be. Perched on a cliff, Mandu – or Mandavgad – is a history lover’s paradise and is known for some amazing architectural splendors. Exploring the majestic temples or discovering the impeccable artwork of ancient temples are some of the must-do things here.
Things To Do: Jahaz Mahal: Get A Glance Of The Medieval History Of Mandu, Shopping, Hindola Mahal: Get Awed By The Simplicity, Jain Temple, Mandu: Feel The Divinity Places To Stay: The City Villa, MPT Malwa Retreat Mandu, VAMOOSE MAHARAJA MANDU, Jahaj Mahal, Jahaj Mahal Ideal Duration: 1 Day
Key Attractions: Ship Palace, Hindola Mahal, Rupmati’s Pavilion, Nilkanth’s Palace, Rewa Kund, Bagh Caves, Hoshang Shah’s Tomb, and Rupayan Museum
Suggested Read: 6 Best Restaurants In Ujjain That Treats You To The True Flavours Of Madhya Pradesh!
7. Chanderi – A Historical Town
Chanderi is one of the popular historical tourist spots in Madhya Pradesh. The remnants of forts & palaces and historical sites reveal that its connection to the Gurjara-Pratihara kingdom.
Ideal Duration: 1 Night/2 Days
Key Attractions: Kati Ghati Gateway, Koshak Mahal, Purana Madrasa, Shehzadi Ka Rauza, Idgah, Bada Mahal Darwaza, Jama Masjid, and Chandraprabh Temple
Suggested Read: 12 Jyotirlingas In India To Visit: See The Spiritual Side Of The Country
8. Khajuraho – Marvellous Temple Complex
Khajuraho is known for a marvelous display of Indian art & architecture. This is one of the beautiful and famous tourist places in Madhya Pradesh . Its impeccable sculptures, intricate carvings, and fine art specimens have earned it a spot among the Seven Wonders of India .
Things To Do: Take A Visit To Ajaigarh Fort, Experience The Soothing Ayurvedic Spa At Ayur Arogyam, Explore The Old Town Of Khajuraho, Take A Tour Of Temples Of Khajuraho Places To Stay: Hotel Ramada By Wyndham Khajuraho, Hotel Isabel Palace, The Lalit Temple View, Hotel Harmony, Hotel Radisson Jass Ideal Duration: 1 Night/2 Days
Key Attractions: Ajaigarh Fort, Panna National Park, Beni Sagar Dam, Archeological Museum, and temples of Kandariya Mahadev, Parsvanath, Visvanath, Devi Jagadamba, Vamana, Duladeo, Chitragupta, and Bijamandala
Suggested Read: Mahakaleshwar Temple Ujjain: The Religious Abode For Some Spiritual Solace
9. Sanchi – A Buddhist Hotspot
Sanchi is one of the popular historical & spiritual places on the tourist map of Madhya Pradesh. This former educational and Buddhist pilgrimage centre is known for the famous Stupa, which is also a UNESCO-listed World Heritage Site.
Places To Stay: Aaram Baagh by Pachar Group, Vamoose Sambodhi, MPT Jungle Resort, OYO 62284 Hotel Amogh, OYO 62284 Hotel Amogh Ideal Duration: 1 Day
Key Attractions: Sanchi Stupa, Toranas, Monasteries, Ashoka Pillars, Buddhist Vihara, Gupta Temple, and Sanchi Museum
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10. Ujjain – An Ancient City
Ujjain, located by the Shipra River, is one of the fascinating towns of Madhya Pradesh. The most famous Hindu pilgrimage centre is aptly known as the ‘temple town of Madhya Pradesh’. The place boasts of amazing temples depicting Bundela art and architecture. People mostly explore this place to attain solemn peace and serenity. Ujjain is also famous for hosting the immensely popular Kumbha Mela.
Things To Do: Take A Boat Ride At Ram Ghat, Participate In Evening Aarti, Shop At Local Markets, Visit The Mahakal Temple, Take A Holy Dip In Shipra River Places To Stay: Hotel Anjushree, Hotel Mittal Paradise, Hotel Abika Elite, Shanti Clarks Inn Suites , Hotel Atharva Ideal Duration: 1 Night/2 Days
Key Attractions: Shri Mahakaleshwar Temple, Ram Ghat, Kal Bhairav Temple, Jantar Mantar, Kalideh Palace, and Vikram Kirti Mandir Museum
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11. Pachmarhi – Satpura Ki Rani
Pachmarhi is one of the popular places to visit in Madhya Pradesh to admire the natural beauty and scenic surroundings. This charming unexplored hill stations in Madhya Pradesh is perfect to hang out away from urban hassles. The mesmerizing lake, the alluring waterfalls , and the beautiful cave art are things that attract tourists here.
Things To Do: Horse Riding, ATV Ride, Explore The Caves, Parasail On The Land, Ziplining Places To Stay: Hotel Amprapali, Hotel Utkarsh, Hotel Pandav , Hotel Indraprastha, Hotel Misty Meadows Ideal Duration: 2 Nights/3 Days
Key Attractions: Dhupgarh, Panar pani, Chauragarh, Sangam, Jatashankar & Mahadeo Caves, and Apsara Vihar
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12. Maheshwar – A Quaint Town
Image Credit: Bernard Gagnon for Wikimedia Commons
Maheshwar is a well-known town in Madhya Prahes that is frequently visited by pilgrims, shopping lovers, and movie directors. This stunning town is the place where the famous Maheshwari sarees are made and a lot of travelers shop for these beautiful sarees while they are exploring the town. Maheshwar is known for its serene temples where you can relax and meditate on your trip. Scenes of a lot of movies are shot in this town and you may even spot an actor or actress while taking a walk around the town.
Places To Stay: Hotel Shri Sharanam, MPT Narmada Resort, Kanchan Recreation, Hotel Vinayak Residency, Ahilya Fort Ideal Duration: 1 Day
Key Attractions: Maheshwari sarees, Ek Mukhi Datta Temple, SahastarArjun Temple
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13. Burhanpur – The Mughal Capital
Image Credit: Camaal for Wikimedia Commons
Burhanpur is known as the capital of the Mughal Kingdom and was ruled by Shah Jahan. To peek into the Mughal way of life, you must visit Burhanpur and visit the spectacular mosques, tombs, and palaces. Burhanpur is home to fascinating tourist places like Jama Masjid, Hammam, Shahi Qila, and Tapti Ghat. For savoring the picturesque view of the sunrise, you should visit Tapti Ghat in the morning and sit there for a while and relax.
Ideal Duration: 1 Day
Key Attractions: Jama Masjid, Hammam, Shahi Qila, and Tapti Ghat
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14. Panna – The City Of Diamonds
Image Credit: Mehaknoni for Wikimedia Commons
Famed for its Diamond Mines and Panna national park, Panna is for all nature and wildlife lovers. This city is popular among tourists and is one of the best tourist places in Madhya Pradesh for a family trip. Visit the Panna National Park and get ready for an enticing day full of witnessing different species of animals like sambhar, tiger, sloth bear, leopard, chital, nilgai, and chinkara. Other places that you can pay a visit to are Padmavatipuri Dham, Pandav Falls, Raneh Falls, and Mahamati Prannathji Temple.
Places To Stay: MPT Jungle Camp Madla, Eriline Riverside Resort &Spa, Shayam baba ki kotiya lodge, Shayam baba ki kotiya lodge, Ken River Lodge Ideal Duration: 1 Day
Key Attractions: Diamond mines, temples, Panna National Park
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15. Shivpuri – The Charming Spot
Image Credit: DeepakSanakt for Wikimedia Commons
Shivpuri is a magnificent city in Madhya Pradesh. Adorned with tranquil lakes, charming waterfalls, and colonial structures, Shivapuri is the perfect spot for an escape from the mundane weekdays. Rejuvenate your soul and body by planning an escape to this city in Madhya Pradesh and get ready to witness ravishing waterfalls like Bhura Kho and Tunda Barkha Kho. Visit the famous lakes like Jadhav Sagar Lake to enjoy the sunrise and calmness. Hands down, it is undeniably one of the most awe-inspiring tourist places in MP.
Places To Stay: Hotel Dev Raj, OYO 29047 Moonlight, Hotel Grand Tapovan, Bull’s Retreat, Sant Sewa Guest House Ideal Duration: 1 Day
Key Attractions: Waterfalls, Lakes, George castle, Madhav Palace
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16. Amarkantak – The Spectacular Hill Station
Image Credit: GK for Wikimedia Commons
Known as Teerthraj, Amarkantak is one of the most visited tourist places in Madhya Pradesh. Amarkantak is a hill station where the Vindhya, Maikal, And Satpura ranges meet. This hill station is popular a the King of Pilgrimages and it is visited by a lot of pilgrims every year. One of the prominent places in this hill station is Kabir Kothi where the great poet Kabir mediated once and since then it attracts a lot of travelers. You must stop by Shri Yantra temple, Kapil Dhara falls, and Narmada Kund in Amarkantak.
Key Attractions: Shri Yantra temple, Kapil Dhara falls, and Narmada Kund
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17. Satna – Home To Religious Sites
Image Credit: Sharadjadiya for Wikimedia Commons
The town of Satna in Madhya Pradesh is popular for its limestone and dolomite deposits. Home to prominent religious sites like Sharadha Devi Temple, Chitrakoot Dham, Rawatpura Ashram, Dhawari’s Sai Baba Temple, and, Venkatesh Temple, Satna is an excellent choice for all those who are looking forward to visiting religious sites. Madhavgarh Fort and Gidhakoot are other popular spots in Satna that you must pay a visit to.
Key Attractions: Sharadha Devi Temple, Chitrakoot Dham, Rawatpura Ashram
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18. Chhindwara – The Largest District
Image Credit: Dutta1sandy for Wikimedia Commons
Tucked away in the Satpura range of hills, Chhindwara is popular as the Corn City. It is the largest district and one of the best places to visit in Madhya Pradesh. There are a lot of places that you can visit in and around this city like Deogarh Fort, Tamia Hills, The Tribal Museum, Shashti Mata Mandir, Neelkanthi, Hinglag Mata Mandir and more. To know about the traditions and culture of Madhya Pradesh you can attend the Mahadev Mela, Pola, and Meghnath festival that is celebrated in a grand way in Chhindwara.
Key Attractions: Deogarh Fort, Tamia Hills, and festivals
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Other Tourist Places In Madhya Pradesh
The state of Madhya Pradesh is blessed with an abundance of natural scenic beauty. Here are the top tourist places to visit in Madhya Pradesh for the nature and wildlife lovers!
19. Omkareshwar – A Jyotirlinga
A haven for religious people and history enthusiasts, Omkareshwar is one of the popular destinations in Madhya Pradesh. The place got its name due to its topography that comprises of two hillocks and a valley in between, resembling the Hindu symbol of OM . The ancient temples here reflect serenity and peace. Omkareshwar is a perfect place to spend some lone time and immerse in in-depth sanctity.
Key Attractions: Shri Omkareshwar Jyotirlinga & Temple, Mamleshwar Temple, Kajal Rani Cave, Siddhant Temple, and idols of 24 Avatars
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20. Bandhavgarh – Blessed With Biodiversity
Bandhavgarh is one of the popular places to visit in Madhya Pradesh, especially for adventure lovers and photography buffs. Spread over 450 sq km, this biodiversity reserve and national park is home to tigers, numerous birds, reptiles, and other mammals.
Places To Stay: MPT White Tiger Forest Lodge, Tiger Inn, Hotel Maharaja Royal Retreat, Tiger Lagoon, Narmada Palace Ideal Duration: 1 Night/2 Days
Key Attractions: Tree House Hideaway Resort, jeep safari, elephant safari
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21. Pench – Home To Tigers
A major highlight of the Madhya Pradesh tourism is its exhilarating wildlife reserves and Pench is surely one of them. This is a rich habitat of biodiversity, especially some rare and endangered species, spread over sprawling 758 sq km. The haven for the Royal Bengal Tigers, it is known to be the setting for Rudyard Kipling’s The Jungle Book .
Places To Stay: MPT Kipling’s Court, SPOT ON 67408 Hotel Chain Basera, SPOT ON 60981 Mangalam Lodge, Mowgli’s Den Ideal Duration: 1 Day
Key Attractions: Baghvan Jungle Lodge and wild animals like bison, sambar deer, striped hyena, striped hyena, Royal Bengal Tiger, leopard, & wild cat
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22. Kanha – Wildlife And More
The Kanha National Park houses rare and nearly extinct animal species, such as Barasingha and Swamp deer. Among the best tourist places in Madhya Pradesh for the nature lovers, the forest area comprising of Sal & Mahua trees is known for spotting tigers, deer, and blackbuck. People who love thrill & adventure can head out for night safaris, stay in homestays, and try the local liquor – Mahua.
Places To Stay: Tiger’s Habitat Resort, Tiger’s Habitat Resort, Narmada Green’s Resort, OYO 36588 Voila Jungle Resort, Taal Tiger Retreat Ideal Duration: 1 Day
Key Attractions: Jeep safari, wildlife resort, and night safari
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23. Raneh Falls – A Strong Waterfall
Located in the Chhatarpur district of Madhya Pradesh, Raneh Falls is a waterfall on the river Ken. The magnificent cascade got its name from King Rana Pratap, the former ruler of the region. The sight of water rushing through the marvelous rock formations that surround the fall is just amazing. Raneh Falls is one of the most popular places to visit in Madhya Pradesh.
Key Attractions: The unique rock formations around the waterfall
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24. Rajwada – A Royal Palace
Rajwada is beautiful historical palace in Indore city. It is one of the places to visit in Madhya Pradesh . This architectural wonder was built by Holkars and still stands intact in all its glory. This building has 7 floors and is located amidst a huge garden.
Key Attractions: Palace, museum, garden
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25. Patalpani Falls – A Breathtaking Cascade
Patalpani Falls is among the best M adhya Pradesh destinations for nature lovers. The water drops approximately 300 feet down. This is a popular places for trekking and other advenutres. Families come here for picnic. The waterfall is surrpunded by lush greenery.
Key Attractions: Breathtaking natural surrounding
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26. Choral Dam – A Tranquil Location
Choral Dam is a dam built on the Narmada River. The backwaters created by dam adds a lot of charm to the whole landscape. This is one of the best places to visit in Madhya Pradesh . Choral Dam is a great site for family picnic and is also popular among couples for its romantic setting.
Key Attractions: Berchha Lake
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27. Lotus Lake – A Serene Lake
Lotus Lake in Indoor is a picturesque lake filled with lotus plants. The is one of the best places to visit in Madhya Pradesh , especially for nature lovers. This is also a romantic spot for couples to spend some quality time.
Key Attractions: Serene lake view
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28. Bhimbetka Rock Shelters – A Historical Site
Bhimbetka Rock Shelters is a world-famous archaeological site and is located in the Raisen District in Madhya Pradesh. It has around 750 rock shelters and 7 hills that you must have a look at. An eminent UNESCO world heritage site, Bhimbetka Rock Shelter will take you back to the paleolithic and mesolithic period. The caves are carved with paintings that depict the existence of dance and art during the Paleolithic period. These rock shelters are one of the most popular places to visit in Madhya Pradesh for all history buffs.
Key Attractions: The carved paintings on the cave walls and the 750 rock shelters that you must explore
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29. Udayagiri Caves – The 20 Rock Cut Caves
Image Credit: Vu2sga for Wikimedia Commons
Another one of the most frequented tourist places in Madhya Pradesh , Udayagiri Caves belongs to the 5th century. Udayagiri Caves are 20 rock-cut caves that are home to some of the oldest Hindu temples. A place of great historical importance in Madhya Pradesh, these caves attract a lot of archaeologists and history enthusiasts. You must witness the iconography of Vaishnavism, Shaktism, and Shaivism in the Udaygiri Caves.
Key Attractions: Hindu temples, and iconography
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30. Bawangaja – Hiking And 11 Temples
Image Credit: Kalpitjainwagmob for Wikimedia Commons
Bawangaja is the perfect spot for all hikers and if hiking fills you with euphoria then you must add this pilgrim center to your list. Lord Rishabhadeva is the first Tirthankar in Jainism and a majestic statue of him is the prime attraction in Bawangaja. Bawangaja is home to India’s second-largest megalithic statue of Lord Rishabhadeva and so it almost on everyone’s list when they visit Madhya Pradesh. You must visit the stunning complex of eleven temples that is also located in Bawangaja and can be easily reached by a hiking expedition. This is one of the most popular Madhya Pradesh tourist places .
Key Attractions: Hiking, Temples, Lord Rishabhadeva’s statue
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31. Ralamandal – For Wildlife Enthusiasts
Image Credit: Brijbio for Wikimedia
Ralamandal is another serene destination located in Madhya Pradesh that attracts tourists with its exclusive experiences. The place is truly a delightful experience for nature lovers and wildlife enthusiasts looking for a refreshing escape away from the city life. This tranquil place is home to rich flora and fauna and one can spot endangered species here including leopard, black bucks, etc.
Things To Do: Visit palaces, waterfalls, and other prominent attractions Places To Stay: Skyline Clubs And Resorts, The Virat Hotel And Resort, Grand Shehnai Ideal Duration: 1 Nights/2 Days Key Attractions: Rajwada Palace, Lal Bagh Palace, Patalpani Water Falls
Suggested Read: 15 Best Things To Do In Gwalior: The Glittering Gem Of Madhya Pradesh
32. Upper Lake – Pristine Ambiance
Image Credit: Kuldeep for Wikimedia
Upper Lake, popularly known as Bhojtal is a pristine lake that was commissioned by King Bhog during the 11th century. The lake is believed to have medicinal properties and there are numerous folklores related to the place. The place hosts numerous exciting activities which makes it a perfect destination for holidayers.
Things To Do: Nature walks, photography Places To Stay: Lago Villa, Hotel Lake View Ashok, Nuur-Us-Sabah Ideal Duration: 2 Nights/3 Days Key Attractions: Views of sunset ans sunrise
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33. Bee Falls – Mesmerizing Escapes
Image Credit: BSS Krishna for Wikimedia
Another refreshing tourist place in Madhya Pradesh is Bee Falls that is known for its majestic beauty. Nestled in mesmerising beauty of Panchmarhi, the site offers spectacular views of the surrounding areas. The place is loved by nature lovers and is often visited by tourists from nearby areas during summers. This is one of the most popular Madhya Pradesh tourist places .
Things To Do: Adventures, photography Places To Stay: Champak Bungalow, Rock End Manor, Woodland Adventure Resorts Ideal Duration: 1 Day Key Attractions: Refreshing ambiance
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34. Jata Shankar Caves – Adventure And Spirituality
Image Credit: Shahrukh Alam for Wikimedia
Jata Shankar Caves are known for offering a perfect blend of adventure and spirituality. It is one of the most popular tourist attractions in Madhya Pradesh and comprises 108 Shiva Lingas. It is believed that Lord Shiva resided in these caves to escape the wrath of Bhasmasur. The place is surrounded by the lush green valleys making it an astounding getaway for holidayers.
Things To Do: Explore caves, visit temples and nearby waterfalls Places To Stay: Skyline Clubs And Resorts, The Virat Hotel And Resort, Grand Shehnai Ideal Duration: 1 Day Key Attractions: Historical caves
Suggested Read: 8 Places Near Ujjain That Will Excite You And Enhance Your Travel Experience
35. Pandav Caves – Mythological Site
Image Credit: Ankit Saha for Wikimedia
Pandav Caves are located in Pipariya and features astounding sights of impeccable nature. The caves are believed to be resided by the Pandavas during their period of exile. The caves are frequently visited by travelers interested in unveiling the facts about mythological places. The place is also loved by archaeologists wandering in Madhya Pradesh.
Things To Do: Explore caves, visit temples Places To Stay: The Gateway Hotel, Hotel Tapovan Ideal Duration: 1 Day Key Attractions: Historical caves and temples
Suggested Read: Shopping In Pachmarhi That Is So Engaging That It Will Resurrect The Shopaholic Inside You!
36. Handi Khoh – Spellbinding Ravines
Image Credit: Abhay Ashok for Wikimedia
Handi Khoh is one of the most offbeat tourist places in Madhya Pradesh . These spellbinding ravines are believed to be associated with Lord Shiva and attracts pilgrims from across the state. The place remains a refreshing hotspot during summers as locals from the surrounding areas often plan a visit.
Things To Do: Visit Tiger Reserve, nature walks, indulge in adventures Places To Stay: Champak Bungalow, Rock End Manor, Woodland Adventure Resorts Ideal Duration: 1 Night/2 Days Key Attractions: Impeccable beauty of nature
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37. Rajat Pratap Falls – Enchanting And Refreshing
Rajat Pratap Falls, also known as Silver Falls is the enchanting escape nestled amid the majestic beauty of Panchmahri. The place is an ideal spot for a picnic or family getaway. You can also take a trekking trail and have an awesome time with your friends here.
Things To Do: Adventure, nature walks, trekking Places To Stay: Champak Bungalow, Rock End Manor, Woodland Adventure Resorts Ideal Duration: 1 Day Key Attractions: Refreshing getaway
Suggested Read: 6 Cottages In Pachmarhi That Will Help You Rejuvenate Amidst Delightful Vistas!
38. Dhoopgarh – Highest Peak In Satpura
Image Credit: Anukriti Nigam for Wikimedia
Dhoopgarh is the highest peak in Satpura range and features gorgeous views of sunrise and sunsets. It is a delightful paradise for trekkers and you can plan a visit with your adventurous gang to have an awesome time here. It is one of the top places to visit in MP and is also ideal for nature photography.
Things To Do: Photography, nature walks, adventures Places To Stay: Champak Bungalow, Rock End Manor, Woodland Adventure Resorts Ideal Duration: 1 Night/2 Days Key Attractions: Impeccable beauty
Suggested Read: 5 Gorgeous Hotels Near Pachmarhi That Offer The Most Comfortable Stay
39. Chhatris – Beautiful Sculptures
Image Credit: Deepa Chandran for Wikimedia
Chhatris is an architectural marvel located in Madhya Pradesh that features a set of royal tombs. The beautiful sculptures of Chhatris are known to entice tourists with their exquisite designs. The site is located on the banks of the River Betwa and offer panoramic views of the surrounding areas.
Things To Do: Visit historical sites Places To Stay: Orchha Resort, Raj Mahal The Palace Ideal Duration: 2 Nights/3 Days Key Attractions: Archtecture and panoramic views
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40. Kanchana Ghat – Marvels Of Bundela Dynasty
Image Credit: Nishant for Wikimedia
Kanchana Ghat, located in Orchha Fort complex is one of the most popular ghats in Madhya Pradesh. Being surrounded by the heritage fort, the place is a delightful site for history lovers. The ghat also showcases cenotaphs of the rulers of the Bundela dynasty.
Things To Do: Visit historical sites Places To Stay: Orchha Resort, Raj Mahal The Palace Ideal Duration: 2 Nights/3 Days Key Attractions: Panoramic views
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With this handy list of tourist places in Madhya Pradesh, one can explore this magic heartland of India without a miss. So, tell us in the comments below about which of these places are you heading to first? But before that, plan a trip to Madhya Pradesh with your family or friends and enjoy a wholesome vacation with them. Madhya Pradesh is a destination worth exploring and experiencing because, “MP gajjab hai”! (MP is amazing!)
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Frequently Asked Questions About Tourist Places In Madhya Pradesh
Which is the best time to visit Madhya Pradesh?
October to March is the winter season in the state and therefore it is the best time to visit Madhya Pradesh. During this time, you can easily visit the tourist places in Madhya Pradesh.
Which National Park is a major tourist attraction of Madhya Pradesh?
Madhya Pradesh has some of the most famous National Parks in India including: 1. Bandhavgarh National Park 2. Kanha National Park 3. Panna National Park 4. Madhav National Park 5. Sanjay National Park 6. Satpura National Park
What is famous in Ujjain?
Ujjain is famous for its temples and other attractions. Shri Mahakaleshwar is one of the most famous temples of Ujjain and you must add it to your itinerary.
Which place is famous in Madhya Pradesh?
Ujjain is the most famous place in Madhya Pradesh. The city offers various temples that will leave you awestruck.
What is Madhya Pradesh famous for?
Madhya Pradesh is famous for a beautiful mixture of modern and traditional. It offers various places to visit that will give you a soul-stirring experience.
What do Madhya Pradesh people eat?
People of Madhya Pradesh eat both vegetarian and non-vegetarian food. Cities like Bhopal offer kebabs, meat, and biryani whereas Indore is famous for its poha and milk products.
Which is the biggest city in Madhya Pradesh?
Indore is the biggest city in Madhya Pradesh. It offers beautiful places to visit and is known for Indori poha.
Which is the most beautiful city in MP?
Some of the most beautiful cities in MP are Indore, Gwalior, Bhopal, and Indore.
Which thing is famous in Madhya Pradesh?
The sculptures of Khajuraho are the most famous thing in Madhya Pradesh. Apart from that, it is also known for its wildlife.
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मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल | MP Tourist places in Hindi | Tourist places of Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल मे खजुराहो , सांची , भीमबेटका , पचमढ़ी , अमरकंटक , मांडू , चित्रकूट भेड़ाघाट , उज्जैन , ओमकारेश्वर , महेश्वर , ओरछा , मैहर , शिवपुरी का वर्णन किया गया है I
मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलो का विकास करने की दृष्टि से वर्ष 1978 में मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम का गठन किया गया निगम का कार्य पर्यटकों को पर्यटन स्थलो की जानकारी सुलभ कराना, पर्यटन स्थलों पर साहित्यिक प्रकाशन पर्यटकों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराना तथा पर्यटन स्थल पर आवासीय गैर आवासीय इकाईयो का संचालन करना है।
मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम आदर्श वाक्य “अतुल्य भारत का ह्रदय ” ( द हार्ट आफ इनक्रेडिबल इंडिया ) है।
जुलाई 2005 मे पर्यटन क्षेत्रों के विकास एवं प्रबंधन के लिए मध्य प्रदेश इको पर्यटन विकास बोर्ड का गठन किया गया I
22 फरवरी 2017 में पर्यटन विकास एवं प्रोत्साहन के लिए को मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड का गठन किया गया।
5 सितंबर 2012 को मध्य प्रदेश में सर्वप्रथम पर्यटन नीति की घोषणा की गई जिसमें पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया I
16 सितंबर 2016 को प्रदेश सरकार द्वारा नवीन पर्यटन नीति और पर्यटन कैबिनेट का गठन किया गया।
28 फरवरी 2017 को प्रदेश में जल पर्यटन की गतिविधियों को संचालित करने के लिए जल पर्यटन नीति लागू की गई।
वर्ष 2007 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय से उत्कृष्टता का पुरस्कार मिला I
मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों मुख्य रूप से तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
Table of Contents
खजुराहो – छतरपुर
खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है I
खजुराहो चंदेल राजाओं की राजधानी थी I
चंदेल शासकों की अमूल्य धरोहर खजुराहो की नींव प्रसिद्ध राजा चंद्र वर्मा ने रखी थी I
खजुराहो प्राचीन नाम खजूरपुरा और खजूर वाहक है। यहां हिंदू एवं जैन मंदिर स्थित है I
खजुराहो में मंदिरों की संख्या 85 थी किंतु वर्तमान में 22 मंदिर बचे हैं जो लगभग 6 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हैं।
खजुराहो पर अनेक भव्य मंदिरों का निर्माण नागर शैली तथा पंचायतन शैली में हुआ है I
खजुराहो अंतरराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त है और नियमित वायु सेवा से जुड़ा हुआ है I
चंदेल शासकों ने इनका निर्माण 950 ईस्वी से 1050 ईस्वी के बीच करवाया I
सामान्य रुप से खजुराहो के मंदिर लाल बलुआ पत्थर ( बुंदेलखंड का कालिंजर क्षेत्र ) से बने हुए हैं लेकिन चौसठ योगिनी , ब्रम्हा तथा ललगुआ महादेव मंदिर ग्रेनाइट पत्थर के बने हुए हैं I
नोट :- चौसठ योगिनी मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट से बना है I
वर्तमान समय में खजुराहो में जो मंदिर खड़े हैं उनमें से 6 भगवान शिव को , 8 भगवान विष्णु को , 1 भगवान गणेश और सूर्य भगवान को समर्पित हैं I
यशोवर्मन जिन्हें लक्ष्मणबर्मन के नाम से भी जाना जाता है इन्होंने 925 – 950 ईसवी के बीच शासन किया और प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर की स्थापना की I
लक्ष्मण बर्मन के पुत्र राजा धंग ने दो प्रसिद्ध मंदिरों विश्वनाथ मंदिर और विद्यानाथ मंदिर का निर्माण कराया जो भगवान शिव को समर्पित हैं तथा जैन उपवासको के लिए पार्श्वनाथ मंदिर की स्थापना की I
खजुराहो की मंदिरों में सबसे बड़ा कंदरिया महादेव मंदिर है जो भगवान शिव का मंदिर है जिसका निर्माण चंदेल शासक विद्याधर (1017-1029 ईसवी ) के शासन के दौरान हुआ था I
चित्रगुप्त मंदिर खजुराहो का एकमात्र सूर्य मंदिर है I
खजुराहो के मंदिर बिना किसी परकोटे के ऊंचे चबूतरे में निर्मित किए गए हैं।
खजुराहो भारतीय आर्य स्थापत्य कला एवं वास्तुकला नायब मिसाल है I
यशोवर्मन ने कन्नौज पर आक्रमण कर प्रतिहार राजा देवपाल को हराया तथा उससे एक विष्णु प्रतिमा प्राप्त कर खजुराहो के विष्णु मंदिर में स्थापित किया।
प्रदेश में सर्वाधिक विदेशी पर्यटक खजुराहो में आते हैं I
भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में खजुराहो का तीसरा स्थान है I
खजुराहो को 1986 में यूनेस्को ने अपनी विश्व विरासत सूची में विश्व संपदा के रूप में शामिल किया है यह प्रदेश का प्रथम स्थान था जिसे यूनेस्को में शामिल किया गया I
मोरक्को यात्री इब्नबतूता ने अपने लेखों में प्रसिद्ध खजुराहो मंदिर का उल्लेख किया था I
खजुराहो में मैथुन एवं रतिक्रीड़ाओं का सजीव चित्रण किया गया है I
खजुराहो के मंदिरों को परिसर के भीतर तीन समूहों में उनके स्थान के अनुसार वर्गीकृत किया गया है –
सांची – रायसेन
सांची मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में बेतवा नदी के तट पर स्थित एक छोटा सा गांव है I
सांची को प्राचीन समय में काकानाया या काकानावा के नाम से जाना जाता था I
सांची के स्तूप का निर्माण मौर्य शासक अशोक के द्वारा तीसरी शताब्दी में बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने के बाद करवाया गया I
सांची के स्तूप में वेदिका का निर्माण मौर्योत्तर काल में पुष्यमित्र शुंग द्वारा करवाया गया I
सांची बौद्ध पर्यटन स्थल के लिए जाना जाता है I
सांची पर बुद्ध का प्राचीन स्तूप है यह भारत का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप है जिसे महान स्तूप कहते हैं I
सांची के स्तूप की खोज सन 1818 में जनरल टेलर द्वारा किया गया I
सांची स्तूप का व्यास 36.5 मीटर और ऊंचाई लगभग 21.64 मीटर है I
सन 1912 में सर जान मार्शल पुरातत्व विभाग के महानिदेशक ने इस स्थल पर खुदाई कार्य का आदेश दिया I
सांची का स्तूप पक्की ईंटों से बना हुआ है।
सांची के स्तूप में चार तोरण द्वार हैं I
सांची के स्तूप को 1989 में विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया वर्तमान में यूनेस्को की एक परियोजना के तहत सांची तथा एक अन्य बौद्ध स्थल सतधारा कि आगे खुदाई , संरक्षण तथा पर्यावरण का विकास किया जा रहा है I
सांची के स्तूप में बुद्ध के अवशेष रखे हुए हैं।
सांची स्तूप के पास दो अन्य छोटे स्तूप भी हैं जिनमें से स्तूप क्रमांक 2 में उनके दो शिष्यो सारिपुत्र और महा मोगल्लायाना के अवशेष रखे गए हैं।
सांची के स्तूप के समीप एक बौद्ध मठ के अवशेष हैं यहां बौद्ध भिक्षुओं के आवास थे यहीं पर पत्थर का एक विशाल कटोरा है जिससे भिक्षुओ में अन्न बांटा जाता था I
सांची के स्तूप के शिलालेख ब्राम्ही लिपि में है I
सांची के स्तूप में देखी जाने वाली सजावट की शैली को भरहुत कहा जाता है।
सांची में उत्खनन के दौरान खोजी गई वस्तुओं को रखने के उद्देश्य से 1919 में सर जॉन मार्शल द्वारा सांची की पहाड़ी की चोटी पर एक छोटा सा संग्रहालय स्थापित किया गया I
सांची स्तूप के तोरण द्वार पर बुद्ध के जीवन की झलकियां उत्कीर्ण है I
एकमात्र सांची ऐसा स्थान है जहां बौद्ध कालीन शिल्प कला के सारे नमूने विद्यमान हैं यहां के स्तूप चैत्य और बिहार सभी बौद्ध कला के सर्वोत्कृष्ट नमूने हैं I
भीमबेटका – रायसेन
भीमबेटका शब्द ” भीमबैठका ” से लिया गया है जिसका अर्थ है भीम के बैठने की जगह I
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर रायसेन जिले के अब्दुल्लागंज के निकट भीमबेटका की विश्व प्रसिद्ध गुफाएं स्थित हैं I
भीमबेटका के शैलाश्रय तथा उसमें उपलब्ध शैलचित्रों की खोज का श्रेय प्रसिद्ध पुरातत्व शास्त्री स्व. डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर को जाता है , उन्होंने इस स्थल की खोज वर्ष 1957-58 में की थी I
भीमबेटका को वर्ष 2003 में यूनेस्को ने अपनी विश्व विरासत सूची में शामिल किया था I
भीमबेटका की गुफाएं शैलचित्रों के लिए प्रसिद्ध है यहां 500 से अधिक गुफाओं में लाखों साल पहले गुफा वासियों के रोजमर्रा का जीवन दर्शाते शैलचित्र है I
भीमबेटका विश्व का सबसे बड़ा गुफा समूह है I
भीमबेटका में आखेट , युद्ध , पक्षी , धार्मिक तथा व्यक्ति चित्रों का अंकन है I
भीमबेटका में मौजूद सबसे पुराने चित्रों को आज से लगभग 30,000 साल पुराना माना जाता है इन चित्रों में उपयोग किया गया रंग वनस्पतियों से निर्मित थे I
भीमबेटका साइट में सात पहाड़ियों शामिल है I
भीमबेटका की एक चट्टान को चिड़िया रॉक चट्टान के रूप में भी जाना जाता है इस चट्टान पर हिरण, वाइसन , हाथी और बारहसिंघा को चित्रित किया गया है इसके अलावा एक अन्य चट्टान मोर , सांप , शेर और हिरण की एक तस्वीर को चित्रित करती है शिकार करने के दौरान शिकारियों को तीर , धनुष , ढोल , रस्सी और एक सूअर के साथ भी चित्रित किया गया है I
जू रॉक में पशु , मानव के अनेक चित्र उत्कीर्ण है जो विभिन्न कालो में बनाए गए हैं I
पचमढ़ी – होशंगाबाद
पचमढ़ी मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित एक सुंदर पहाड़ी सैरगाह है तथा यह मध्यप्रदेश का हिल स्टेशन है I
पचमढ़ी सतपुड़ा पर्वत श्रंखला के महादेव पहाड़ीयो में स्थित है।
पचमढ़ी को 1999 में प्रदेश का पहला तथा देश का 10 वां बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया I
पचमढ़ी की खोज 1858 में जेम्स फोरसिथ ने की थी इन्होंने यहां पर एक फारेस्ट लाज निर्माण किया और द हाईलैंडस आंफ सेंट्रल इंडिया नामक एक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी जिसमें यहां की उत्कृष्ट सुंदरता का चित्रण है।
पचमढ़ी को अंग्रेजों ने सेना की छावनी के रूप में विकसित किया I
पचमढ़ी का शाब्दिक अर्थ पांच कुटिया जो अब इन विद्यमान पांच गुफाओं की सूचक है I
प्रदेश की सबसे ऊंची पर्वत चोटी धूपगढ़ (1350m) सतपुड़ा श्रेणी के महादेव पर्वत पर स्थित है इसे पहले हरवत्स कोर्ट के नाम से जाना जाता था I
पचमढ़ी पर राजेंद्र गिरी पहाड़ी स्थित है जिसे पहले पैनोरमगिरी के नाम से जाना जाता था I
पचमढ़ी को पर्यटकों का स्वर्ग , सतपुड़ा की रानी , मध्य प्रदेश का कश्मीर तथा मध्यप्रदेश की छत भी कहा जाता है I
पचमढ़ी मध्य प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी है I
पचमढ़ी में प्रियदर्शनी पॉइंट से कैप्टन जेम्सफोरसिथ ने इस खूबसूरत हिल स्टेशन की खोज की थी जिससे इस पॉइंट का मूल नाम फोरसिथपॉइंट था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर प्रियदर्शनी पॉइंट रख दिया गया I
पांडव गुफाएं महाभारत काल की मानी जाने वाली पांच गुफाएं हैं जिनमें द्रोपदी कोठरी और भीम कोठरी प्रमुख है लेकिन पुरातत्वविद मानते हैं कि यह गुफाएं गुप्त काल की हैं जिन्हें बौद्ध भिक्षुओं ने बनवाया था I
वेलकम हेरीटेज गोल्फ व्यू होटल पचमढ़ी में है I
पचमढ़ी में चौरागढ़, पांडव गुफा, जटाशंकर, धूपगढ़, बी फॉल, रजत फॉल, अप्सरा बिहार, महादेव पहाड़ी आदि दर्शनीय स्थल है I
अमरकंटक – अनूपपुर
अमरकंटक मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील में मैकाल पर्वत मालाओं में स्थित तीर्थ स्थल है I
इस स्थान पर ही विंध्य और सतपुड़ा पहाड़ियों का मेल होता है I
अमरकंटक से 3 नदियों का उद्गम होता है नर्मदा, सोन, जोहिला नर्मदा नदी उद्गम नर्मदा कुंड से हुआ है जो पश्चिम की ओर बहती है तथा सोन नदी पूर्व की ओर बहती है जोहिला सोन की सहायक नदी है।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा अमरकंटक को 2005 में पवित्र नगरी घोषित किया गया है I
अमरकंटक मे 24 नवीन एवं प्राचीन मंदिर है प्राचीन मंदिरों को 10 वीं एवं 11वीं शताब्दी में कलचुरी वंश के शासकों ने बनवाया था I
अमरकंटक में नर्मदा माई का मंदिर , नर्मदा कुंड , कपिलधारा , दुग्धधारा , सोन मुड़ा , माई की बगिया , जलेश्वर महादेव मंदिर , सूर्य नारायण मंदिर , गुरु गोरखनाथ मंदिर , ग्यारह रूद्र मंदिर , कलचुरी मंदिर कबीर चौरा , नौ ग्रह मंदिर , जैन मंदिर , आदिनाथ मंदिर , साईं का मंदिर आदि प्रमुख दर्शनीय स्थल है I
मांडू – धार
मध्य प्रदेश के धार जिले में नर्मदा तट पर स्थित प्रमुख पर्यटन स्थल है I
मांडू अपने प्राकृतिक सौंदर्य और महलों के लिए जाना जाता है I
मांडू अफगान वास्तुकला का साक्षी है I
मांडू 11वीं शताब्दी में तारागंगा या तारंग राज्य का उप भाग था परमारो के समय इसे प्रसिद्धि मिली तथा तेरहवीं शताब्दी में यह क्षेत्र मुस्लिम शासकों के अंतर्गत आ गया यह समय मांडू का स्वर्ण काल था I
मांडू , मालवा के परमार राजाओं की राजधानी रहा है I
विद्यांचल पर्वत श्रृंखला में स्थित होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से इसका बहुत महत्व था I
मांडू यहां के शासक रहे बाज बहादुर और रानी रूपमती की अमर प्रेम कहानी का साक्षी है I
मांडू में प्रवेश होने के लिए 12 गेट हैं मुख्य रास्ता दिल्ली दरवाजा कहलाता है दूसरे गेट :- रामगोपाल दरवाजा, जहांगीर दरवाजा , तारापुर दरवाजा, गाड़ी दरवाजा, आलमगीर दरवाजा, भंगी दरवाजा है।
मालवा के सुल्तानों ने इसका नाम सादियाबाद रख दिया था अर्थात सिटी ऑफ जॉय/आनंद नगरी/खुशियों का शहर रख दिया था I
मांडू में महमूद खिलजी की कब्र है I
सत खंडी मीनार का निर्माण महमूद खिलजी ने करवाया था I
यहां पर दार्शनिक स्थलों में जहाज महल, हिंडोला महल होशंगशाह का मकबरा, जामा मस्जिद अशर्फी महल, रानी रूपमती का महल बाज बहादुर महल, नीलकंठ महल दारा खान का मकबरा, चंपा बावली, दिलावर खान मस्जिद तवेली महल, दाई महल, सत खंडी मीनार आदि प्रसिद्ध है I
चित्रकूट – सतना
चित्रकूट मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है प्राचीन तीर्थ स्थल है जो मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित है I
चित्रकूट मंदाकिनी नदी के किनारे है I
यह चारों तरफ से विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं और वनों से घिरा हुआ है I
चित्रकूट को अनेक आश्चर्य की पहाड़ी कहा जाता है I
मध्य प्रदेश सरकार ने 2009 में पवित्र स्थल घोषित किया है I
चित्रकूट के दार्शनिक स्थलों में रामघाट में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित घाटों की कतारें हैं , कामदगिरि , जानकीकुंड , सती अनसूया , हनुमान धारा , रामघाट , जानकी कुंड , भरतकूप आदि शामिल हैं।
ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के 14 वर्षों में 11 वर्ष चित्रकूट में ही बिताए थे तथा यहीं से भरत राम की चरण पादुका लेकर लौटे थे I
ब्रह्मा विष्णु और महेश ने चित्रकूट में ही सती अनुसुइया के घर जन्म लिया था I
मंदाकिनी नदी को पाईसुनी भी कहा जाता है I
स्वीडन के वैज्ञानिकों ने 1.6 अरब वर्ष पुराने जीवाश्म की एक जोड़ी की खोज की है उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के चित्रकूट क्षेत्र में पाया गया यह सामग्री संरचनात्मक रूप से लाल शैवाल जैसा दिखता है वैज्ञानिकों का दावा है कि यह दुनिया का सबसे पुराना जीवाश्म है I
अकबर के नौ रत्नों में से एक अब्दुल रहीम खानखाना कि यह ऐतिहासिक भूमि है I
भेड़ाघाट – जबलपुर
मध्यप्रदेश के जबलपुर से 13 किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा नदी पर स्थित रमणीयपर्यटक स्थल है I
भेड़ाघाट जलप्रपात नर्मदा एवं बावन नदी के संगम पर स्थित है या प्रपात दोनों ओर से संगमरमर की चट्टानों से घिरा हुआ है भ्रगु ऋषि ने ही तपस्या की थी I
भेड़ाघाट में नर्मदा नदी के दोनों तटों पर संगमरमर की चट्टानें भेड़ाघाट की खासियत है I
भेड़ाघाट को भृगुऋषि की तपस्या स्थली माना जाता है और मान्यता है कि इस स्थान का नाम उन्हीं के नाम पर भेड़ाघाट पड़ा I
भेड़ाघाट अपने खूबसूरत धुआंधार जलप्रपात तथा चोसठ योगिनी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है तथा यहां का मुख आकर्षण बंदर कूदनी है।
संगमरमर की चट्टानों के बीच तीव्र प्रवाह से बहती नर्मदा नदी 60 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरती है I
भेड़ाघाट के निकट स्थित चौसठ योगिनी का गोल मंदिर है जिसमें 81 मूर्तियां हैं I
उज्जैन प्राचीन काल से ही ऐतिहासिक नगर रहा है I
उज्जैन प्राकृतिक ऐतिहासिक धार्मिक सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक दृष्टि से मध्य प्रदेश का प्रमुख नगर है I
उज्जैन में अनेक मंदिर हैं जिनमें महाकालेश्वर का मंदिर प्रसिद्ध है I
उज्जैन में महाकाल अथवा महाकालेश्वर का प्रसिद्ध शिव मंदिर है जो देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है यहां हर 12 वर्षों के बाद कुंभ का मेला लगता है I
उज्जैन में जंतर मंतर है जिसे जयपुर के महाराजा जयसिंह ने 1733 ईसवी में बनवाया था I
उज्जैन में संदीपनी आश्रम है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थी I
उज्जैन के मंगलनाथ से भूगोल की उत्पत्ति मानी जाती है I
उज्जैन को मध्य प्रदेश सरकार ने पवित्र नगर घोषित किया है I
सात सागर, नौ नारायण एवं 84 महादेव की परिक्रमा मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर में सम्पन्न होती है I
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर , कालभैरव मंदिर , सांदीपनि आश्रम , जंतर मंतर , गोपाल जी का मंदिर , भर्तहरि की गुफाएं , मंगलनाथ मंदिर , बड़े गणेश का मंदिर , कालियादह आदि प्रमुख दर्शनीय स्थल है I
ओमकारेश्वर – खंडवा
ओमकारेश्वर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित है I
ओमकारेश्वर नर्मदा नदी के बीच मांधाता या शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित है यह द्वीप हिंदू पवित्र चिन्ह ओम के आकार में बना है I
ओंकारेश्वर में दो शिवलिंग संयुक्त रूप से होने के कारण इसे ज्योतिर्लिंग कहा जाता है इस ज्योतिर्लिंग को ममलेश्वर ( अमलेश्वर ) के नाम से भी जाना जाता है I
ओमकारेश्वर का प्राचीन नाम मांधाता है I
नर्मदा नदी के तट पर स्थित है मध्यकालीन ब्राह्मण शैली में बना ओंकार मांधाता का सुंदर मंदिर है I
ओमकारेश्वर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पवित्र स्थल घोषित किया गया है I
ओमकारेश्वर में ओमकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान , जल विद्युत केंद्र , 24 अवतार मंदिर , गौरी सोमनाथ मंदिर , महादेव मंदिर , शंकराचार्य की गुफाएं , सिद्धनाथ मंदिर , ममलेश्वर मंदिर , मार्कंडेय आश्रम , ओमकारेश्वर मंदिर आदि प्रमुख दर्शनीय स्थल है I
महेश्वर – खरगोन
महेश्वर मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले में स्थित है यह नर्मदा नदी के तट पर बसा सुंदर नगर है I
महेश्वर का प्राचीन नाम महिष्मति था यह हैहय वंश की राजधानी था I
महेश्वर का रामायण और महाभारत में भी उल्लेख है I
महेश्वर को होल्कर वंश की महारानी अहिल्याबाई 17 वीं शताब्दी में बसाया था तथा इसे अपनी राजधानी बनाया था I
महेश्वर में देवी अहिल्या ने सुंदर किला और मनोहर घाट बनवाए I
मध्य प्रदेश सरकार ने महेश्वर को पवित्र नगर घोषित किया है I
महेश्वर साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है I
महेश्वर में सहस्त्रधारा जलप्रपात , अहिल्या संग्रहालय , राजराजेश्वर एवं विट्ठलेश्वर घाट , पेशवा घाट , महेश्वर का किला , महारानी अहिल्याबाई की मूर्ति , होल्कर परिवार की छतरियां , सेवाघाट प्रमुख दर्शनीय स्थल है I
ओरछा – निवाड़ी
ओरछा मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में बेतवा नदी के तट पर स्थित प्रमुख नगर है I
ओरछा बुंदेला शासकों की राजधानी रहा है।
ओरछा की स्थापना 16 वीं शताब्दी में बुंदेला शासक रूद्र प्रताप ने की थी I
ओरछा पर बुंदेला वंश की प्रसिद्ध छातरियां स्थित है I
रामराजा मंदिर ओरछा का सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण मंदिर है यह भारत का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है I
ओरछा में जहांगीर महल , चतुर्भुज मंदिर , लक्ष्मी नारायण मंदिर , राम राजा मंदिर , शीशमहल , रायप्रवीण महल , फूल बाग , शहीद स्मारक आदि प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है I
जहांगीर ने अपने विश्राम के लिए ओरछा दुर्ग में एक सुंदर महल बनवाया था इसे जहांगीर महल कहा जाता है तथा इसी महल में जहांगीर ने शरण ली थी I
ओरछा बुंदेलों और मुगल शासक जहांगीर की दोस्ती की निशानी है I
सुंदर महल ओरछा में स्थित है जो पर्यटकों का आकर्षण केंद्र है इसे हिंदू राजकुमार धुरभजन और उनकी मुस्लिम प्रेयसी के प्रगाढ़ प्रेम की याद में बनवाया गया था I
ओरछा क्रांतिवीर चंद्रशेखर आजाद की साधना स्थली भी यही रही थी I
हिंदी के महाकवि केशव का संबंध यहीं से था I
मैहर – सतना
मैहर मध्य प्रदेश के सतना जिले का एक छोटा सा नगर है यह प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है I
मैहर में शारदा मां का मंदिर कैमूर तथा विंध्यांचल पर्वत श्रेणियों में त्रिकूट पर्वत पर स्थित है I
मैहर माता का मंदिर 108 शक्तिपीठों में से एक है यह नरसिंह पीठ के नाम से भी विख्यात है I
मैहर में प्रसिद्ध आल्हा ऊदल का अखाड़ा था I
मेहर को संगीत नगरी के नाम से भी जाना जाता है I
संगीतकार उस्ताद अलाउद्दीन खान की जन्म भूमि है I
मैहर में प्रतिवर्ष अलाउद्दीन खां समारोह मनाया जाता है I
मध्य प्रदेश सरकार ने इसे 2009 में पवित्र स्थल घोषित किया है I
मैहर में आल्हा उदल तालाब , नरसिंह पीठ तथा गोलामठ दर्शनीय स्थल है I
मध्य प्रदेश के शिवपुरी को प्रदेश की पहली पर्यटन नगरी होने का गौरव प्राप्त है I
शिवपुरी में माधव राष्ट्रीय उद्यान है इसकी घोषणा 1958 में हुई थी भव्य पिकनिक स्थलों और झील में नौका विहार के साथ-साथ वन्य पशु पक्षी दर्शन के पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र हैं I
Q.1 खजुराहो में कौन-कौन से मंदिर हैं ?
कंदरिया महादेव मंदिर , चौसठ योगिनी मंदिर , चित्रगुप्त मंदिर , लक्ष्मण मंदिर , मतंगेश्वर मंदिर , वराह मंदिर , विश्वनाथ मंदिर , देवी जगदंबा मंदिर , आदिनाथ मंदिर , पार्श्वनाथ मंदिर , घंटाई मंदिर , हनुमान मंदिर , बामन मंदिर , ब्रह्मा मंदिर , जवारी मंदिर , दूल्हा देव मंदिर , चतुर्भुज या जटकारी मंदिर , बीजामंडल मंदिर आदि मंदिर खजुराहो में है I
Q.2 खजुराहो में कुल कितने मंदिर हैं ?
खजुराहो में मंदिरों की संख्या 85 थी किंतु वर्तमान में 22 मंदिर बचे हैं I
Q.3 सांची का स्तूप किसने बनवाया था ?
सांची के स्तूप का निर्माण मौर्य शासक अशोक के द्वारा तीसरी शताब्दी में बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने के बाद करवाया गया I
Q.4 धूपगढ़ कहां स्थित है ?
धूपगढ़ मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के पचमढ़ी में सतपुड़ा श्रेणी के महादेव पर्वत पर स्थित है तथा मध्य प्रदेश की की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है I
अन्य पढ़ें :-
1. मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान 2. मध्य प्रदेश के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं 3. मध्य प्रदेश के साहित्यकार 4. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का परिचय
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