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सफर के लिए सामान की लिस्ट कैसे तैयार करें?

Travel Packing List in Hindi: किसी भी जगह की यात्रा पर निकलने से पहले सबसे जरूरी चीज होती है पैकिंग करना। पैकिंग करते वक्त हम अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं कि कौन सा सामान रखना जरूरी है और कौन सा नहीं।

छोटे सफर के लिए कितना सामान होना चाहिए?, लंबे सफर के लिए कितना सामान होना चाहिए? यह निर्णय ले पाना कई बार हमारे लिए मुश्किल का काम होता है।

कई बार सफर पर पहुंचने के बाद पता चलता है कि कुछ छूट गया है। कई बार सामान ज्यादा होने की वजह से एयरपोर्ट वगैरा पर दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है। ज्यादा सामान होने की वजह से बैग्स खचाखच भर जाते हैं और एक जगह से दूसरी जगह जाने में सामान उतारने चढ़ाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

travel packing list in hindi

यदि आप इन सारी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत मददगार साबित होने वाला है। पैकिंग से संबंधित सारी समस्याओं का एक बहुत अच्छा समाधान है, सफर पर ले जाने वाले सामानों की एक सूची तैयार करना। इस लिस्ट की मदद से आपको पैकिंग से संबंधित कोई भी समस्या नहीं होने वाली।

आज हम अपनी इस आर्टिकल में आपको ट्रैवल पैकिंग लिस्ट और इससे संबंधित सारी चीजों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। तो आइए बिना समय गवाएं इस आर्टिकल को पढ़ते हैं और ट्रैवल पैकिंग लिस्ट (travel ke liye jaruri saman) के बारे में जानते हैं।

Table of Contents

ट्रैवल करते समय साथ में क्या रखें? | Travel Packing List in Hindi

सफर पर ले जाने वाले सामानों की सूची, जिसके माध्यम से पैकिंग करने में मदद मिलती है, उसे ही ट्रैवल पैकिंग लिस्ट कहते हैं। इस लिस्ट की मदद से आप ना तो कोई भी सामान भूलेंगे और अपनी जरूरत की सारी चीजों को सफर पर आसानी से ले जा सकेंगे।

यह लिस्ट दो तरह की होती है, छोटे सफर के लिए और लंबे सफर के लिए सफर चाहे 2 दिन का हो, 3 दिन का हो या 7 दिन का या फिर 1 महीने का आपको सारी चीजें यात्रा में लगने वाले समय के हिसाब से ही रखनी होती हैं। छोटे सफर और लंबे सफर की पैकिंग लिस्ट कैसे तैयार करें आइए जानते हैं।

छोटे सफर के लिए पैकिंग

2 दिन, 3 दिन या 5 दिन के सफर के हिसाब से आप को कुछ बहुत जरूरी चीज अपने साथ जरूर ले जानी चाहिए। जैसे कि

  • दो से 3 जोड़ी कपड़े। इनमें शर्ट टी शर्ट, पैंट इत्यादि हो सकते हैं।
  • टूथ ब्रश, टूथपेस्ट, साबुन आदि की किट।
  • एसेंशियल में एक पतला टॉवल, एक छोटा नैपकिन या रुमाल।
  • कोंब और मॉइस्चराइजर जैसी चीजें होनी चाहिए।
  • सफर के लिए पानी की बोतल और कुछ स्नैक्स साथ रख लें।
  • सेल फोन चार्जर और पावर बैंक जैसी चीजें ले जाना ना भूलें।
  • इसके अलावा एक पतली सी चादर भी आप रख सकते हैं, जो आपको होटल या लॉज में काम आएगी यह ऑप्शनल है।

यह सारा सामान आपके एक बैग में या फिर एक बड़ा बैग और एक छोटा से हैंडबैग मैं आसानी से आ सकता है।

लंबे सफर के लिए पैकिंग

यदि सफर 7 दिन, 15 दिन या 1 महीने का है तो आपको अपने साथ थोड़ा ज्यादा सामान ले जाना होगा, जिसमें बैग पर और किट जैसी चीजें साथ ले जानी होंगी।

  • दो से तीन फुल स्लीव शर्ट, एक या दो हाफ स्लीव शर्ट, एक या दो पेंट, दो या तीन कैजुअल वेयर, दो या तीन ड्रेसेस इसके अलावा जैकेट, ब्लेजर और ठंडी जगह जाने के लिए स्वेटर बगैरह।
  • एक पतली चादर और ब्लैंकेट, एक तकिया, एक टॉवल और नैपकिन।
  • स्नेक्स और ड्राई फ्रूट्स, पानी की बोतल।
  • सेल फोन चार्जर, पावर बैंक, हेडफोन।
  • स्लिपर, शूज, फ्लिप फ्लॉप
  • मैगजीन और कॉमिक बुक
  • एसेंशियल डॉक्युमेंट्स, टिकट, पासपोर्ट, वीजा इत्यादि।

यह भी पढ़े: ट्रिप के लिए ट्रैवलिंग बैग पैक कैसे करें?

सफर में ले जाने वाला सामान

लंबे सफर पर जाने के लिए ज्यादा सामान ले जाना होता है। यह ज्यादा सामान कम से कम बैग और सूटकेस में बन जाए इसके लिए आपको पैकिंग हेक्स पता होने बेहद जरूरी है।

यहां एक लंबी सूची दी हुई है। आप अपने हिसाब से चीजों को अपने सफर के अकॉर्डिंग ले जा सकते हैं। नीचे दी गई सूची मेल और फीमेल दोनों के हिसाब से दी है। इसमें से कुछ चीजें हट भी सकती है और कुछ चीजें ऐड भी हो सकती हैं। जैसे:

  • स्लैक्स या पजामा
  • लॉन्ग स्लीव्स शर्ट्स
  • पैंट इत्यादि।

कैजुअल वेयर एंड बेसिक

  • शार्ट स्लीव्स शर्ट्स
  • स्लीपर्स/ सैंडल्स/ flipflop

आउटरवियर और एसेसरी

  • जैकेट्स और coats
  • हैट्स एंड ग्लव्स
  • डेंटल फ्लॉस
  • रुई के गोले (कॉटन बॉल्स)/ वाइप्स
  • शैम्पू और कंडीशनर
  • नेल केअर सप्लाइज
  • शेविंग सप्लाइज
  • मेकअप रिमूवर
  • ब्रश या कंघा
  • हेयर प्रोडक्ट्स
  • कीटरोधी/ इन्सेक्ट repellent
  • कॉन्टैक्ट लेन्सेस
  • Birth control
  • Feminine hygiene
  • पैन रिलीवर/ एस्पिरिन
  • फर्स्ट एड और बैंड एड

ट्रैवल एसेंशियल्स

  • Earplugs/ हेड फ़ोन
  • स्लीपिंग मास्क
  • तकिया और चादर या कम्बल
  • मोशन सिकनेस रेमेडी
  • घर की चाबियां
  • ताले और चाबियां( यात्रा के लिए)
  • हॉस्पिटैलिटी गिफ्ट्स
  • पेन/ pencils
  • लांड्री बैग्स/ लांड्री kits
  • Stain remover
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • ट्रेवल कंफेरमशन

ऑप्शनल डॉक्यूमेंट

  • मेम्बरशिप कार्ड्स
  • लैंग्वेज गाइड
  • ट्रेवल डाक्यूमेंट्स की Copies
  • क्रेडिट कार्ड्स की कॉपीज
  • पासपोर्ट की कॉपी
  • मेडिकल इन्शुरन्स कार्ड
  • ट्रेवल इन्शुरन्स
  • Int. Vaccination card
  • क्रेडिट कार्ड्स
  • एटीएम कार्ड्स

पैकिंग एड्स

  • सेअलबल प्लास्टिक बैग्स
  • पैकिंग क्यूब्स
  • पैकिंग फ़ोल्डर्स

इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स

  • पोर्टेबल सेलफोन चार्जर
  • PDA और चार्जर
  • लैपटॉप और चार्जर
  • कैमरा औऱ चार्जर
  • मेमोरी कार्ड/ फ़िल्म
  • अडॉप्टर और कंवर्टर्स
  • छोटी फ़्लैश लाइट/ हैण्डलेम्प
  • हेडफोन्स/ म्यूजिक प्लेयर
  • किंडल/ ipad

एंटरटेनमेंट

  • Pleasure readings comics etc
  • Another books (आपकी रुचि के अनुसार)

फ़ूड आइटम्स

  • ड्राई फ्रूट्स
  • डिब्बा बंद या पैक्ड खाद्य पदार्थ
  • पानी की बोतल

यह भी पढ़े:   सोलो ट्रेवल क्या है और कैसे करें?

पैकिंग कैसे करें?

सामान थोड़ा हो या ज्यादा पैकिंग यदि स्मार्ट तरीके से की जाए तो कम से कम जगह में ज्यादा से ज्यादा सामान बनाया जा सकता है, इसे आप पैकिंग हैक भी कह सकते हैं। आइए जानते हैं कि स्मार्ट तरीके से कैसे पैकिंग करें-

  • सबसे पहले तो अपनी ट्रेवल पैकिंग की एक सूची तैयार कर लें। इस सूची में उन सारे सामानों को याद कर करके लिखें, जिन्हें आप सफर पर ले जाना चाहते हैं।
  •  सूची तैयार करने के बाद सामान इकट्ठा करके रखें। इन सामानों को रखने के लिए पर्याप्त बैग थैली, किट बगैरा इकट्ठे कर लें।
  • कोशिश करें कि सफर पर जाने के लगभग 2 दिन या 3 दिन पहले आप की पैकिंग हो जाए।
  • पैकिंग में कपड़े सबसे जरूरी एलिमेंट है और सबसे ज्यादा जगह कपड़े ही लेते हैं। इसीलिए ऐसे कपड़े जिनकी क्रीज़ खराब हो जाने का डर होता है, उनके बीच में टिश्यू पेपर की एक या दो सीट लगा कर पूरे होल्ड करके रखें। ऐसे में कपड़े के क्रीज़ खराब भी नहीं होते और जगह भी कम लेते हैं।
  • यदि आप सफर पर जूते ले जा रहे हैं तो जूतों के अंदर इनरवेयर फोल्ड करके या सॉफ्ट फोल्ड करके रखे जा सकते हैं। ऐसे में इनरवियर और सॉक्स रखने में कम जगह लगेगी।
  • इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स जैसे कि पावर बैंक, मोबाइल चार्जर, हेडफोन इत्यादि को एक बटन वाले प्लास्टिक बैग में रखें।
  • ज्वेलरी को एक प्लास्टिक बैग में रखें।
  • सारा सामान पैक हो जाने के बाद एक बार बैग और बाकी के सामान का वजन जरूर चेक कर लें।
  • कोशिश करें कि बैग्स और सूटकेस लाइट वेट हो ताकि सामान रखने के बाद बैग या सूटकेस का  वजन बहुत ज्यादा न लगे।

पैकिंग लिस्ट बनाते समय जरूरी सावधानियां

सफर पर जाने से पहले और पैकिंग लिस्ट बनाते समय कुछ बहुत जरूरी चीजों को शामिल करना ना भूले। जैसे कि

  • अपने पासपोर्ट की एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें।
  • यदि वीजा नहीं है तो बनवा लें।
  • अपना ट्रैवल इंश्योरेंस प्राप्त करें।
  • एयरलाइन की टिकट को कंफर्म कर लें।
  • अपनी लोकेशन से डेस्टिनेशन यानी जहां पहुंच रहे हैं, वहां तक की दूरी और उसे तय करने में लगने वाले समय की जानकारी पहले ही प्राप्त कर लें।
  • क्रेडिट कार्ड के पिन कोड को अच्छी तरह याद कर लें।
  • यात्रा में लगने वाले खर्च का पहले से एस्टीमेट बना लें।
  • सफर के लिए पानी की बोतल साथ रखें, विशेषकर उन स्थानों पर जहां पानी की कमी है।
  • दवाइयां जरूर साथ रखें।
  • आप जिस जगह जा रहे हैं, वहां की पर्याप्त जानकारी एकत्रित कर लें ताकि जानकारी संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या ना हो।

ट्रैवल पैकिंग लिस्ट के फायदे

ट्रैवल पैकिंग लिस्ट आपकी यात्रा को सुखद और आरामदायक बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है, इसके बहुत से फायदे हैं। जैसे कि:

  • यह लिस्ट उन चीजों का रिकॉर्ड रखने के काम आती है, जिन्हें आप अपने साथ सफर पर ले जाना चाह रहे हैं।
  • यह लिस्ट सुनिश्चित करती है कि आप की कोई चीज रह तो नहीं गई।
  • इस लिस्ट के जरिए व्यवस्थित सामान रखने में सुविधा होती है।
  • एक्स्ट्रा सामान नहीं होने से एयरपोर्ट पर एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना पड़ता।
  • जरूरत का सारा सामान भूलने की टेंशन नहीं रहती।

सभी पैकिंग लिस्ट यात्रा पर ले जाने वाले सामानों की एक सूची होती है, जिसे आप पैकिंग करने से पहले बनाते हैं।

इस लिस्ट में कुछ बेसिक सी चीज शामिल होनी चाहिए जैसे कि आपके इनरवियर, टॉयलेट्री किट, बैग, कपड़े, टॉवल, सेल फोन चार्जर, हेडफोन, पावर बैंक, पासपोर्ट, वीजा इत्यादि।

ट्रैवल पैकिंग लिस्ट कितना सामान होना चाहिए यह आपके सफर की दिनों पर निर्भर करता है। यदि सफर छोटा है, 2 या 3 दिन का है तो आपको उस हिसाब से पैकिंग करनी चाहिए और यदि सफर ज्यादा दिन होता है तो आपको उसके हिसाब से ज्यादा से ज्यादा सामान और कम से कम जगह में बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

छोटे सफर के लिए आपके पास कुछ दो से तीन जोड़ी कपड़े और टॉयलेट्री किट, एक पतला टॉवल, सेल फोन चार्जर, हेडफोन, पावर बैंक और यात्रा से संबंधित डाक्यूमेंट्स पानी की बोतल और स्नैक्स कुछ होना चाहिए।

लंबे सफर के लिए आपके पास 7 से 8 जोड़ी कपड़े, ब्लैंकेट, एक बड़ा टॉवल, नैपकिन, टॉयलेट्री किट, कुछ पैकिंग बैग्स, पावर बैंक, मोबाइल चार्जर और हेडफोन ब्लैंकेट और तकिया, स्लिपर्स, फ्लिप फ्लॉप, मैगजीन और कॉमिक बुक्स और नोबेल जैसी चीजें, खाने के लिए ड्राई फ्रूट, चिप्स, स्नैक्स, पानी की बोतल, सनग्लासेस, सनस्क्रीन, मॉइश्चराइजर और एक्सेसरीज इत्यादि होना चाहिए।

पैकिंग में लगने वाले समय को बचाने और कोई चीज ना भूलने के लिए पैकिंग लिस्ट बनाना बहुत जरूरी है। इस लिस्ट की मदद से आप ना तो कोई चीज भूलेंगे और ना ही किसी चीज की कमी होगी। इससे आपको चीजें याद रखने और अच्छी तरह से पैकिंग करने में काफी मदद मिलेगी।

ऊपर दिए हुए आर्टिकल में हमने सफर पर ले जाने वाले सारे सामानों की सूची और उसी संबंधित सारी जानकारी देने की कोशिश की है। इस सूची की मदद से आप बहुत ही जल्दी और आसानी से अपना सामान पैक कर पाएंगे और कोई भी जरूरी सामान ले  जाना नहीं भूलेंगे।

यदि आप कम से कम जगह में ज्यादा से ज्यादा सामान रखना चाहते हैं तो कुछ छोटे-छोटे पैकिंग हैक्स को जरूर अपनाएं। जैसे कि कपड़े फोल्ड करके रखें, इलेक्ट्रॉनिक और टॉयलेट्री चीजों को प्लास्टिक बैग में रखें ताकि वह खराब ना हो टूटे ना और सुरक्षित रहे।

भारी भरकम जूते और किसी भी प्रकार के भारी सामान को ले जाने से बचे। आशा है आप को इस आर्टिकल से यात्रा सामान लिस्ट (Travel Packing List in Hindi) और उसी संबंधित सारी जानकारी प्राप्त हो गई होगी।

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क्या आप पहली बार हवाई यात्रा करने वाले हैं?

अपनी प्रथम फ्लाइट को तनावमुक्त व आरामदायक बनाने के लिए कुछ बातों को जानना व परिचित होना ज़रूरी है।

यहाँ गाइड है जो आपको फ्लाइट बुक करने से लेकर हवाई यात्रा करने तक सब कुछ मार्गदर्शन करता है। इससे निश्चित रूप से आपकी यात्रा के प्रति डर कम होगा, और आप यात्रा करने के लिए तैयार हो जायेंगे।

यात्री की चेकलिस्टः (हवाई यात्रा के लिए आवश्यक मूलभूत बातें)

  • पहचान-पत्र - हवाई यात्रा के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है और अंतर्राष्ट्रीय यात्री के पासपोर्ट
  • टिकट-एयरलाइन नीति के आधार पर काग़जी प्रतिलिपी/इलेक्ट्रोनिक प्रतिलिपी
  • बोर्डिंग पास- यदि उपलब्ध है या विमान-पत्तन के सेल्फ कियोस्क काउंटर के चेक-इन काउंटर पर प्रिंट करवा सकते है।
  • मोबाइल फोन- सभी आवश्यक यात्रा एप्प के साथ।

हवाई यात्रा सर्वोत्तम प्रथाएं

  • सभी आवश्यक दस्तावेज अवश्य लायें (जिसका यात्री चेकलिस्ट में उल्लेख है)।
  • जिस एयरलाइन से यात्रा कर रहे हैं उसकी सामान दिशानिर्देशों का पालन करें।
  • सुनिश्चित करें कि आप एयरलाइन्स द्वारा आवश्यक विमान प्रस्थान निर्धारित समय से कम से कम 2 /3 घंटे पहले पहुँचना होगा।

अपने सामान को जानें

यात्रा दस्तावेजों को अपने हैंड बैग में रखें क्योंकि आपसे किसी भी समय पहचान सत्यापन की मांग की जा सकती है।

हल्का सामान पैक करना अच्छा होता है लेकिन यदि आपको हैंड लगैज से अधिक सामान लाना है, तो विमान में लाने के लिए अनुमत वजन के बारे में एयरलाइन्स से पूछें। प्रत्येक एयरलाइन की लगैज के लिए अपनी निर्धारित दिशानिर्देश होता है। एयरलाइन की वेबसाइट से पता कर लें या एयरलाइन पर कॉल करके सामान दिशानिर्देश के बारे में पूछ लें ताकि विमान- पत्तन पर चेक-इन के समय अंतिम समय परेशानी से बचा जा सकता है। सुनिश्चत करें कि अपने बैग में कोई भी निषिद्ध सामान नहीं लाते हैं अन्यथा इसे विमान- पत्तन के अधिकारियों द्वारा जब्त कर लिया जायेगा।

विमान-पत्तन पर अनुमत/निषिद्ध वस्तु सूची के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें यहाँ क्लिक करें

विमान पत्तन में जा रहे हैं

अधिकांश एयरलाइन्स में फ्लाइट से 2 या तीन घंटें पहले यात्रियों को चेक-इन करना होता है। एयरलाइन्स से उनके विनियम के बारे में पूछताछ कर लें।

इसी अनुसार सुनिश्चित करें कि आप विमान निर्धारित प्रस्थान से कम से कम 2 या 3 घंटे पहले विमान-पत्तन पर पहुँचें। इससे आपको चेक-इन और बोर्डिंग पास लेने, फ्लाइट के लिए समय पर प्रस्थान गेट पर सुरक्षा जाँच से गुजरने का समय मिल जाता है।

सलाह की बातः अपने वाहन को पार्किंग लगाने में अनचाही देरी से बचने के लिए लोक परिवहन का इस्तेमाल करें।

IGI विमान-पत्तन पर पहुँचने के विभिन्न विकल्पों के बारे में अधिक जानने के लिए, यह पेज देखें पृष्ठ पर जाओ

विमान-पत्तन पर चेक-इन

विमान-पत्तन पर पहुँचने के बाद, आपको अपना पहचान-पत्र दिखाना होगा। काउंटर अधिकार द्वारा आपकी पहचान सत्यापित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जाँच की जायेगी। सत्यापन के बाद आपको बोर्डिंग पास दिया जायेगा जिसमें आपकी यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी होगी जैसे- फ्लाइट नम्बर, सीट नम्बर, फ्लाइट का निर्धारित प्रस्थान समय।

नौसिखियों के लिए सलाह की बातः अपनी यात्रा दस्तावेजों के साथ बोर्डिंग पास सुरक्षित रखें। हो सकता है कि अपनी पहली फ्लाइट की हड़बड़ी में इसे भूल कर छोड़ सकते हैं।

सुरक्षा जाँच

विमान-पत्तन पर चेक-इन करने के बाद, आपको कई सुरक्षा जाँच से गुजरना होगा। निम्नलिखित बिन्दुओं के जरिये आप स्क्रीनिंग व व्यक्तिगत जाँच की बेहतर तैयारी कर सकते हैं।

  • अपने सभी हाथ के सामानों को स्क्रीन के लिए रख दें।
  • सेल फोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रोनिक सामानों को स्कैन के लिए प्रदत्त ट्रे में रख दें।
  • मेटल की वस्तु जैसे-बेल्ट, कंगन को प्रदत्त ट्रे में रख दें, क्योंकि इनसे अलार्म बज सकती है।
  • कोई भी तरल-पदार्थ लाने के लिए विमान- पत्तन पर 3-3-3 नियम का पालन करें। (आपको 3 संख्या से अधिक सामान और 3 औंस से अधिक सामान लाने की अनुमति नहीं है) किसी संदेह को स्पष्ट करने के लिए एयरलाइन नियमों की जाँच करें
  • अपने सामानों की जाँच करते समय, आपको चेकिंग बूथ पर व्यक्तिगत जाँच से गुजरना होगा।

आपकी स्क्रीनिंग पूरी होने पर, एक्सरे मशीन, या स्क्रीन की दूसरी तरफ से अपना सामान व हर चीज प्राप्त कर लें। आपके दस्तावेज का सत्यापन किया जायेगा और काउंटर अधिकारी आपको एयरलाइन प्रक्रिया के अगले चरण में जाने की अनुमति देगा।

यदि स्क्रीनिंग मशीन कुछ असामान्य वस्तु दिखाती है, या चेकिंग अधिकारी स्पष्टीकरण की मांग करता है, तो आप और आपके सामान को अतिरिक्त जाँच व स्क्रीनिंग प्रणालियों से गुजरना होता है।

इस प्रक्रिया के बाद, अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट के मामले में अप्रवासन व सीमा-शुल्क भाग में जायें या घरेलू फ्लाइट के मामले में संबंधित टर्मिनल में जायें।

सुरक्षा जाँच के बारे में अधिक जानने के लिए यह पेज देखें पृष्ठ पर जाएँ

अप्रवासन व सीमा-शुल्क

अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट के लिए, आपको सीमा- शुल्क व अप्रवासन जाँच से गुजरना होगा। सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी आवश्यक दस्तावेज (पासपोर्ट व विज़ा (Passport and VISA)) उपलब्ध हैं और अधिकारी द्वारा पूछने पर अपनी यात्रा का कारण बतायें। सुनिश्चित करें कि नियम के विरूद्ध कोई भी निषिद्ध सामान नहीं लाते हैं। हमेशा एयरलाइन वेबसाइट पर अनुमत/प्रतिबंधित सामानों की सूची पढ़ें। कुछ ऐसे देश हैं जिसकी आप यात्रा करना चाहते हैं उनमें आपको स्थानीय मुद्रा साथ में रखना ज़रूरी होता है। इसलिए गंतव्य देश की नीति पढ़ें और उसी अनुसार आवश्यक प्रबंध करें।

अनुमत वस्तु सूची और अप्रवासन प्रक्रिया के बारे में अधिक जानने के लिए यह पेज देखें पृष्ठ पर जाएँ

विश्रामालय/लाउंज/खरीदारी

फ्लाइट प्रकार के बावजूद, आपको फ्लाइट में चढ़ने से पहले शेष समय में विश्रामालय या लाउंज (यदि आपके पास इसका एक्सेस है) में इंतजार करना होगा। IGI विमान-पत्तन द्वारा अपने PPL जैसे यात्रियों को प्रीमियम लाउंज दिया जाता है

इंतजार के दौरान आप विमान-पत्तन की सभी सुविधाओं का पता लगा सकते हैं। IGI विमान-पत्तन में कई दुकानें, भोजनालय और अन्य कई साधन है जिसमें आप व्यस्त रह सकते हैं। दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय विमान-पत्तन में विविधि रेंज खरीदारी, भोजन व आराम का आनंद उठा सकते हैं।

दिल्ली, IGI विमान-पत्तन की खरीदारी सुविधाओं के बारे में अधिक जानने के लिए, यह पेज देखें पृष्ठ पर जाएँ

एयरलाइन के अंतिम गेट पर पहुँचने के बाद, फ्लाइट में चढ़ने के लिए बोर्डिंग क्षेत्र में इंतजार करें। आपके बोर्डिंग पास की अंतिम जाँच होने के बाद आप फ्लाइट में चढ़ेंगे, अपनी सीट का पता लगाकर आराम करेंगे।

देखो, अब आपको जाना है! अपने गंतव्य स्थान पर पहुँचने तक अपने खाली समय का आनंद लें।

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इन तरीकों से आप कर सकते हैं अपने ट्रिप के लिए स्मार्ट पैकिंग

अगर आपको भी यात्रा करने से पहले पैकिंग क्या करें, कैसे करें, समझ नहीं आता, तो इस लेख से जानिए स्मार्ट तरीके से पैकिंग करने का तरीका। इन ट्रैवलिंग हैक्स से आप न आपका सामान बढ़ेगा और न ही किसी चीज को भूलने की दिक्कत होगी।.

how to pack a suitcase in hindi

पैकिंग लिस्ट बनाएं -

पैकिंग लिस्ट बनाएं -

जिन लोगों को 'पैकिंग लिस्ट' के बारे में नहीं पता, तो हम आपको बता दें, इस सूची में आपके ट्रिप से जुड़ा वो सभी सामान या आइटम्स होते हैं, जिनकी आपको अपने ट्रैवलिंग के दौरान जरूरत पड़ने वाली है। इस आवश्यक सूची को बनाने के दो प्रमुख लाभ हैं: पहला, यह उन वस्तुओं का रिकॉर्ड रखने के काम आएगा जिन्हें आप अपने साथ ले जा रहे हैं और दूसरा, यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी कोई चीज रह न गई हो।

घूमने-फिरने से हमारे शरीर को होते हैं ये 7 फायदे, पढ़ने के बाद आप भी कहीं ट्रिप प्लान न करने लग जाएं

अपने गैजेट्स को सुरक्षित रखें -

अपने गैजेट्स को सुरक्षित रखें -

गैजेट्स आपके सामान का सबसे नाजुक और सबसे महंगा हिस्सा होता है। इस बात का सबसे अधिक ध्यान रखें कि आपको इन्हें एक जिप लॉक बैग में रखना है। ये प्लास्टिक बैग आपके गैजेट्स को ड्राई रखेंगे और उन्हें इस तरह किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा। प्लास्टिक बैग के चारों ओर कपड़े रख सकते हैं या फोम या बबल्स डाल सकते हैं। इसके अलावा सेल फोन चार्जर, हेडफोन और डेटा केबल को भी एक पुराने सनग्लास केस में स्टोर किया जा सकता है।

आप भी इन 7 टिप्स की मदद से कर सकते हैं फ्लाइट की टिकट सस्ते में बुक, नहीं आएगा ज्यादा खर्चा

अपनी ज्वेलरी को सुरक्षित रखें -

अपनी ज्वेलरी को सुरक्षित रखें -

एक और सामान जो आपकी पैकिंग लिस्ट में सबसे कीमती होता है, वो है आपकी ज्वेलरी। इसलिए अपने इयररिंग, अंगूठी, घड़ी, नेकलेस आदि ज्वेलरी को एक प्लास्टिक रेप में बांधकर अपने बैग में रख लें। प्लास्टिक स्ट्रा भी चेन को उलझने से बचाती हैं। इयरिंग्स को संभालकर रखने के लिए आप एक बटन में उन्हें टंगा सकती हैं।

कैसे पहुंचे कसोल, जानिए यहां सारी जानकारी

अपने जूते स्मार्ट तरीके से स्टोर करें -

अपने जूते स्मार्ट तरीके से स्टोर करें -

जूते ट्रैवल बैग में काफी जगह घेरते हैं और अन्य सामानों के लिए कम जगह छोड़ते हैं। लेकिन वही जूते आप अपनी ट्रिप पर लेकर जाएं, जो ज्यादा जरूरी हो या जिन्हें आप पूरे ट्रिप पर पहन सकते हो। इसके अलावा आप अपने अंडरगारमेंट्स, मोजे अपने जूतों के अंदर रख सकते हैं, इससे ये सामान आपकी जगह भी नहीं घेरेंगे और आसानी से जूतों के लिए भी जगह बन जाएगी। अगर आपके जूते गंदे हैं, या आप सोच रहे हैं कि जूतों में ये सब कौन रखता है, तो आप जूतों के तलवों को शावर कैप से ढक सकते हैं। इसके अलावा ट्रैवलिंग करते समय आप अपने भारी जूते पहन सकते हैं।

विदेश में पासपोर्ट खो जाने पर इन जरूरी बातों का रखें ध्यान, नहीं उठानी पड़ेगी ज्यादा परेशानी

फोल्ड नहीं रोल करके रखें कपड़े -

फोल्ड नहीं रोल करके रखें कपड़े -

नाजुक कपड़ों के लिए जिनमें आसानी से तह के कारण क्रीज आ जाती है, आपको उन्हें (ऊपर और नीचे) ढकने के लिए टिशू पेपर की दो पतली शीट का उपयोग करना चाहिए और फिर कपड़ों को रोल करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल आपका कपड़ा क्रीज-फ्री रहेगा बल्कि अगर आप आखिरी समय में बैग में कुछ और रखना चाहते हैं, तो उसके लिए बैग में जगह बची रहेगी। यह हैक शादी के कपड़े और लिनन और रेशम के कपड़ों के लिए सबसे उपयुक्त है।

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एक डक्ट टेप पैक करें -

एक डक्ट टेप पैक करें -

क्या आप कभी ऐसी स्थिति से गुजरे हैं जहां चप्पल टूट गई हो या बैग का हैंडल निकल गया हो? अगर हां, तो ये तो आपको बहुत अच्छे से पता होगा कि ऐसी स्थिति कितनी शर्मनाक और परेशान कर देने वाली हो जाती है। ऐसी स्थिति में आप डक्ट टेप का इस्तेमाल कर सकते हैं, ये स्ट्रांग ट्रेप आपके टूटे हैंडल/स्ट्रेप को कुछ समय के लिए काम चलाऊ बना सकती है। आप पेन पर कुछ मात्रा में डक्ट टेप लपेटकर अपने बैग में रख सकते हैं।

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अपने सामान का वजन देखें -

अपने सामान का वजन देखें -

एक बार जब आप पैकिंग कर लेते हैं, तो हमेशा अपने बैग का वजन जरूर करें, खासकर तब जब जब आप फ्लाइट से यात्रा कर रहे हो, क्योंकि एयरलाइन लिमिटेड वजन और आकार तक ही सामान को लाने की अनुमति देती है। सामान को लाइट वेट रखने के लिए आप हल्के वजन का सूटकेस खरीद सकते हैं। ऐसे हल्के बैग के साथ घूमना भी बेहद आसान रहता है।

इन टिप्स से आप भी लें, जॉब के साथ-साथ ट्रैवलिंग करने का मजा, मन हो जाएगा एकदम

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हिल स्टेशन यात्रा पर 15 जरूरी वस्तुएं जो एक ट्रिप के दौरान आपके बैग में होनी चाहिए

List Of Things To Carry While Travelling To Hill Station In Hindi : भारत में मुंबई , हैदराबाद , जयपुर   ऐसी जगह है, जहाँ पर काफी गर्मी पड़ती है, इन शहरों में लोग गर्मी से परेशान हो जाते और अपनी छुट्टियाँ मनाने के लिए हिल स्टेशन जाना पसंद करते हैं। भारत में शिमला , मनाली नैनीताल ऐसे हिल स्टेशन हैं जहां पर्यटक जाना बेहद पसंद करते हैं। यह सभी हिल स्टेशन भारत की राजधानी दिल्ली से काफी पास स्थित हैं इसलिए पर्यटक 7-8 घंटे की यात्रा करने वहां पहुँच सकते हैं। अगर आप भी भारत के किसी हिल स्टेशन ट्रिप या यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो आपको अपना ट्रेवल बैग तैयार करते समय जरुरी सामान जरुर लेकर जाना चाहिए, क्योंकि हिल स्टेशन की यात्रा करते समय बहुत सी ऐसी जरुरी चीज़ें होती हैं जिनकी जरूरत आपको किसी भी समय पड़ सकती है।

अगर आप भी भारत के किसी हिल स्टेशन की यात्रा करने के लिए अपना बैग पैक कर रहे हैं तो हमारे इस लेख को जरुर पढ़ें, यहाँ हम आपको 15 ऐसे जरुरी सामान की लिस्ट बताने जा रहें हैं जो आपको अपनी यात्रा के दौरान ट्रेवल बैग में जरुर रखना चाहिए।

तो आइये जानते 15 जरुरी सामान जो हिल स्टेशन और पहाड़ी घूमने के दौरान आपके बैग में जरूर होने चाहिए

  • हिल स्टेशन ट्रिप पर लेदर जैकेट बैग जरूर ले कर चले – Leather Jacket
  • पहाड़ी स्थान की यात्रा पर स्वेटर जरूर पैक करे – Sweater
  • पहाड़ी स्थल घूमने जाने से पहेले पैक करे बॉडी वार्मर – Body Warmer
  • हिल स्टेशन की ट्रिप पर जरूरी सामान में पैक करे मफलर – Muffler
  • हिल स्टेशन की यात्रा के दौरान मौजे जरूर पैक करे – Socks
  • पहाड़ो की यात्रा करते समय हाथो के ग्लव्स रखना न भूले – Gloves
  • पहाड़ी स्थान की ट्रिप पर आपातकालीन नंबर जरूरी सामान की लिस्ट में जोड़े – Emergency Numbers
  • हिल स्टेशन के टूर पर हेड वूलेन कैप सामान की सूची में जरूर रखे – Head Woolen Cap
  • हिल स्टेशन पर जरूरी वस्तुएं जो आप के बैग में होनी चाहिए दो तरह के जूते – Two Types Of Shoes
  • हिल स्टेशन ट्रिप पर जरूर ले कर चले सनग्लासेज – Sunglasses
  • पहाड़ी की यात्रा के दौरान, बैग में जरूर रख के चले छतरी – Umbrella
  • पहाड़ी घूमने जाए तो बैग में जरूर पैक करे सनस्क्रीन लोशन – Sunscreen Lotion
  • हिल स्टेशन ट्रिप पर, बैग में जरूर पैक करे स्किन केयर प्रोडक्ट्स – Skin Care Products
  • हिल स्टेशन टूर में, जरूरी वस्तुएं की सूची में जरूर जोड़े फर्स्ट ऐड किट- First Aid Kit
  • पहाड़ी यात्रा के दौरान, सेल्फी स्टिक और डिजिटल कैमरा जरुर पैक करे – Selfie Stick & Digital Camera

1. हिल स्टेशन ट्रिप पर लेदर जैकेट बैग जरूर ले कर चले – Leather Jacket

 हिल स्टेशन ट्रिप पर लेदर जैकेट बैग जरूर ले कर चले

आप जिस भी हिल स्टेशन की यात्रा करने जा रहें हैं अगर वहां का तापमान 15 डिग्री से कम है तो अपने साथ लेदर जैकेट (Leather Jacket) जरुर लेकर जाएँ क्योंकि यह जैकेट काफी गर्म होती है और आपको तेज ठण्ड से बचने में मदद करती है। हिल स्टेशन पर मौसम कभी स्थिर नहीं रहता, इसलिए आपको अपने बैग में लेदर जैकेट जरुर केरी करना चाहिए। लेदर जैकेट पहनने में भी अच्छी लगती है और कम तापमान होने पर यह आपके शरीर को गर्म भी रखती है।

2. पहाड़ी स्थान की यात्रा पर स्वेटर जरूर पैक करे – Sweater

पहाड़ी स्थान की यात्रा पर स्वेटर जरूर पैक करे

आप जितने भी दिनों के लिए मनाली , नैनीताल या अन्य किसी ठंडे हिल स्टेशन की यात्रा कर रहें हैं तो अपने साथ हर दिन के लिए एक-एक स्वेटर (Sweater) और एक एक्स्ट्रा स्वेटर जरुर लेकर जाएँ। क्योंकि अक्सर हिल स्टेशन पर तापमान एक दम से गिर जाता है, इसलिए बेहतर होगा अपने बैग में एक्स्ट्रा स्वेटर पटक लें।

3. पहाड़ी स्थल घूमने जाने से पहेले पैक करे बॉडी वार्मर – Body Warmer

बहुत से लोग ऐसी होते हैं जिनको स्वेटर ज्यादा देर तक पहनने की आदत नहीं होती या फिर उनको स्वेटर पहनने से एलर्जी होंने लगती है इसलिए जब भी आप किसी हिल स्टेशन की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको साथ बॉडी वार्मर जरुर लेकर जाएँ क्योंकि यह स्वेटर की तुलना में काफी हलके होते हैं और शरीर का ठंड से पूरी तरह से बचाव करते हैं।

और पढ़े:  10 ऐसे काम जो आपको गोवा में नहीं करने चाहिए

4. हिल स्टेशन की ट्रिप पर जरूरी सामान में पैक करे मफलर – Muffler

हिल स्टेशन की ट्रिप पर जरूरी सामान में पैक करे मफलर

अगर आप ठंडी जगह की यात्रा करने के लिए ट्रेवल बैग पैक कर रहें हैं तो अपने बैग में मफलर भी रख लें, क्योंकि मफलर आपको एक शानदार लुक देता है और ठंड से भी बचाता है। अगर आप हिल स्टेशन पर पर कूल फोटो क्लिक करना चाहते हैं तो अपने साथ एक अच्छी डिजाईन वाला मफलर जरुर साथ लें जाएँ।

5. हिल स्टेशन की यात्रा के दौरान मौजे जरूर पैक करे – Socks

 हिल स्टेशन की यात्रा के दौरान मौजे जरूर पैक करे

हिल स्टेशन की यात्रा करते समय अपने साथ मोटे कपड़े 5-6 जोड़ी मौजे जरुर लेकर जाएँ, क्योंकि यह आपको ज्यादा ठंड से बचाएंगी और यह आपके बैग में ज्यादा जगह भी नहीं लेंगे।

6. पहाड़ो की यात्रा करते समय हाथो के ग्लव्स रखना न भूले – Gloves

पहाड़ो की यात्रा करते समय हाथो के ग्लव्स रखना न भूले

अगर आप अपने हाथों को ठंड से बचाना चाहते हैं तो अपने साथ अच्छे डिजाईन वाले मोटे ग्लव्स (Gloves) ले जाना न भूलें। वैसे तो शिमला और मनाली जैसे हिल स्टेशन पर आपको कई तरह के ग्लव्स मिल जाते हैं लेकिन इसके लिए आपको ज्यादा पैसे देने होंगे। इसलिए बेहतर होगा कि अपने साथ ग्लव्स लेकर जाएं।

और पढ़े:  तत्काल टिकट रद्द कराने पर भी मिलता है पूरा रिफंड, जानें क्या है प्रोसेस

7. पहाड़ी स्थान की ट्रिप पर आपातकालीन नंबर जरूरी सामान की लिस्ट में जोड़े – Emergency Numbers

पहाड़ी स्थान की ट्रिप पर आपातकालीन नंबर जरूरी सामान की लिस्ट में जोड़े

आपातकालीन नंबरो को ध्यान दिए बिना सामानों की यह सूचि बिलकुल अधूरी है। अगर आप किसी हिल स्टेशन की यात्रा करने जा रहें हैं तो अपने साथ आपातकालीन नंबरो को हमेशा अपने साथ रखें।

और पढ़े : बच्चो के साथ घूमने जाने के लिए टिप्स और सावधानियां 

8. हिल स्टेशन के टूर पर हेड वूलेन कैप सामान की सूची में जरूर रखे – Head Woolen Cap

हिल स्टेशन के टूर पर हेड वूलेन कैप सामान की सूची में जरूर रखे

अपने सिर को ठंड से बचाने के लिए हेड वूलेन कैप सबसे अच्छे होते है क्योंकि यह ठंड से राहत दिलाते हैं और सिर के साथ – साथ कानों को कवर करते हैं। अगर आपको कानों को ढकने के लिए कुछ नहीं है तो अपने साथ हेड वूलेन कैप जरुर लेकर जाएं।

9. हिल स्टेशन पर जरूरी वस्तुएं जो आप के बैग में होनी चाहिए दो तरह के जूते – Two Types Of Shoes

हिल स्टेशन पर जरूरी वस्तुएं जो आप के बैग में होनी चाहिए दो तरह के जूते

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपने साथ ड्रेस के मैचिंग कर जूते साथ लेकर जाते हैं लेकिन अगर आप अपनी टांगों को को ठंड से बचाना चाहते हैं तो मैचिंग के जूते रखने से अच्छा है अपने साथ एक स्नीकर और हाई टॉप शूज लेकर जाएँ जो आपके पैरों को ऊपर तक कवर करेंगे। हाई टॉप शूज आपको ठंड के लिए अच्छे होते हैं।

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10. हिल स्टेशन ट्रिप पर जरूर ले कर चले सनग्लासेज – Sunglasses

हिल स्टेशन ट्रिप पर जरूर ले कर चले सनग्लासेज

हिल स्टेशन वाले पर्यटन स्थलों पर भले ही ठंड अधिक होती है लेकिन पहाड़ी के ऊपर कभी-कभी धूप सीधी आँखों में पड़ती है। अगर आप मनाली और शिमला जैसे पर्यटन स्थलों पर ट्रेकिंग के लिए जाते हैं तो आपको सनग्लासेज की जरूरत पड़ सकती है। सनग्लासेज आपकी आँखों को कई चीजों से कवर करते हैं और इन्हें पहने हुए आपकी फोटो भी काफी अच्छी आएगी।

11. पहाड़ी की यात्रा के दौरान, बैग में जरूर रख के चले छतरी – Umbrella

पहाड़ी की यात्रा के दौरान, बैग में जरूर रख के चले छतरी

हिल स्टेशन पर कभी भी मौसम स्थिर नहीं रहता और किसी भी समय बारिश होने की सम्भावना रहती है। इसलिए जब भी आप किसी हिल स्टेशन की यात्रा करने जा रहें हैं तो अपने साथ बैग में प्रति दो व्यक्ति के लिए एक छतरी (Umbrella) जरुर लेकर लेकर जाएं।

और पढ़े : पहाड़ो पर सुरक्षित ड्राइव के करने के लिए टिप्स और सावधानियाँ 

12. पहाड़ी घूमने जाए तो बैग में जरूर पैक करे सनस्क्रीन लोशन – Sunscreen Lotion

पहाड़ी घूमने जाए तो बैग में जरूर पैक करे सनस्क्रीन लोशन

अगर आप कहीं यात्रा के लिए जा रहें है तो भले गर्मी हो या ठंड सनस्क्रीन लोशन आपको सूरज की किरणों से मचाने में मदद करता है। एक्सपर्ट्स भी यही सलाह देते हैं कि जब भी आप किसी पहाड़ी वाले इलाके पर यात्रा करने के लिए जा रहें है तो धूप की टैनिंग से बचने के लिए सनस्क्रीन लोशन (sunscreen lotion) अपने साथ जरुर लेकर जाएं।

और पढ़े:  किसी और को ट्रांसफर कर सकते हैं अपना कंफर्म रेलवे टिकट, जानें क्या है तरीका 

13. हिल स्टेशन ट्रिप पर, बैग में जरूर पैक करे स्किन केयर प्रोडक्ट्स – Skin Care Products

हिल स्टेशन ट्रिप पर, बैग में जरूर पैक करे स्किन केयर प्रोडक्ट्स

अगर आप किसी हिल स्टेशन या ठंडी जगह की यात्रा करने जा रहें हैं तो खुश्क हवा की वजह से आपकी त्वचा रुखी व बेजान होने लगती है। इसलिए जब भी आप यात्रा के लिए बैग पैक कर रहें हैं तो तो मॉइस्चराइजर या कोल्ड क्रीम रखना न भूलें। जिन भी लोगों की स्किन ड्राई होती है उनकी स्किन ठंड में रुखी हो जाती है।

14. हिल स्टेशन टूर में, जरूरी वस्तुएं की सूची में जरूर जोड़े फर्स्ट ऐड किट – First Aid Kit

हिल स्टेशन टूर में, जरूरी वस्तुएं की सूची में जरूर जोड़े फर्स्ट ऐड किट

कई बार ऐसा होता है कि जब भी आप अपने परिवार के लोगों और दोस्तों के साथ यात्रा करते हैं तो मस्ती करते समय चोट लग सकती है या फिर मौसम की वजह से सर्दी-जुकाम जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जब की आप किसी यात्रा के लिए अपना ट्रेवल बैग पैक करें तो अपने साथ फर्स्ट ऐड किट जरुर साथ लेकर जाएं।

15. पहाड़ी यात्रा के दौरान, सेल्फी स्टिक और डिजिटल कैमरा जरुर पैक करे – Selfie Stick & Digital Camera

पहाड़ी यात्रा के दौरान, सेल्फी स्टिक और डिजिटल कैमरा जरुर पैक करे

डिजिटल कैमरा एक ऐसी चीज है जो आपकी यात्रा को बेहद खास बना सकती है और किसी भी ट्रिप के दौरान यादों को कैद करने में मदद करता है। अगर आप कहीं यात्रा करने जा रहें हैं तो अपने साथ डिजिटल कैमरे के अलवा एक सेल्फी स्टिक ले जाना न भूलें क्योंकि कई बार कैमरे का इस्तेमाल करना संभव नहीं होता इसलिए आप सेल्फी स्टिक मदद से कुछ अच्छी तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं।

और पढ़े : राजस्थान की यात्रा के लिए टिप्स और ध्यान रखने योग्य बातें

इस आर्टिकल में आपने ऐसे 15 जरुरी सामान को जाना है जो हिल स्टेशन और पहाड़ी घूमने के दौरान आपके बैग में जरूर होने चाहिए को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।

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Flight me paheli bar safar karne wale ye 10 baate dhyan rakhe.

March 12, 2024 by: Nitin Sachdeva

First Time Flight (Airplane) me travel karne wale log nervous feel karte hai, lekin kuch baato ka khyal rakha jaye to aap apne air travel ko yaadgar bana sakte hai. Is post me mai aapko kuch information dunga jisse aapko first time flight me travel karne me koi problem nahi hogi. Dosto aapko meri ye post se air travel ki useful information milegi jo ki aapke liye sabit hogi.

Flight Journey Tips

Agar apa paheli bar air travel kar rahe hai to tension lene ki jarurat nahi hai. I know aapke dimag me tamam tarah ke sawal honge, lekin is post ko padhne ke bad aapki tension dur ho jayegi. Aap kuch basic taiyari karke aap tension free hokar safar kar sakte hai.

Jab bhi hum first time flight me travel karte hai to hamare dimag me kayi sare sawal aate hai. Jiske bare me hume jankari nahi hoti hai or hum jakar travel agency ya kuch logo se sawal-jawab karte hai. Aapko puri jankari na hone ke karan aapko pareshani hoti hai. Mai aaj aapko kuch points bataunga jisse aapko flight travel karte samay pareshani nahi hogi.

Table of Contents

First Time Air Travel Karne Se Pahle Jaan Le Ye 10 Jaruri Baate

1. flight ticket book karna, 2. flight status check karna, 3. airport par jaldi pahuchna, 4. jaruri documents sath lena, 5. luggage pack karna, 6. screen board me flight details dekhna,  7. airport immigration, 8. announcement par dhyan de, 9. turbulence se na dare, 10. landing karne ke bad.

Yanha aapko mai kuch points bta raha hu jise aap follow kar sakte hai. In sab bato ka dhyan passenger ko air travel karte time rakhna chahiye.

Ye sabse pehla step hota hai jab aap flight ki ticket ko book karte hai. Aap jab bhi flight ki ticket book kare to jitna ho sake kuch samay pehle hi ticket book kar le. Kyunki jab aap time par ticket book karenge to aapko ticket bhut costly milega.

Flight ticket me aapko cancellation policy bhi milti hai jo ki alag-alag hoti hai. Aap flight ticket ko book karne se pahle usse online jarur check kare. Yadi ho sake to usse dusri Flight ki ticket ke sath compare jarur karen.

Aap jab bhi flights ticket book karen to sabse pahle aap flight ka Number, departure time or arrival time ko jarur dhyan me rakhe.

Flight ki ticket ke sath ki aapko luggage ki bhi limit milti hai jo ki international flight or domestic flight dono me alag-alag hoti hai. Aapko uss limit ko dhayan me rakh kar hi bag packing karni hai.

Yadi aap flight ko miss nahi karna chahate hai to aapko Airport par time par aana hoga nahi to aap flight ko miss bhi kar sakte hai. Kabhi-kabhi hamari flight deri se ya jaldi se departure ho jati hai.

Yadi aap domestic yatra kar rahen hai to aapko kam se kam 2 ghante pahle phunchna hoga or yadi aap international travel karna chahte hai to aapko kam se kam 3 ghante pahle aana hoga.

Flight yatra ke doran check hone vale sabhi documents (Passport, PAN card, voter card) aap apne pass hi rakhe. Sabhi documents ki aap ek photo copy bhi aapne pass hi rakhe. Security check par aapke sabhi documents verify kiye jaynge.

Yadi aap domestic travel karna chahte hai to aapko id proof or Flight ticket carry karni hoti hai aapko visa or passport ki jarurat nahi hai. Yadi aap international travel kar rahen hai to aapko passport, visa ki jarurat hogi.

Flight ki yatra ke doran aap apne luggage ko bhi ek bar check karle. Aap apne luggage me essi koi nashili vastu na rakhen jo ki airport me banned ho. Yadi aapko essa lagta hai ki aapka luggage ke damage hone ke chances hai to aap usse airport par wrap bhi karva sakte hai. Aap apne luggage ka insurance bhi karva sakte hai.

Aap jab bhi apne saman ki packing kare to uska weight jarur check kar le kyunki Flight me aapke luggage ki ek limit hoti hai. Yadi aap uss limit se jyada luggage lekar jayenge to aapko Extra charges bhi pay karne honge.

Flight yatra ke doran aap jab bhi airport par jayen to vahan airport me screen par apni flight ki details jarur check karen. Jisme aapko Boarding pass ke liye counter number btaya jata hai.

Check Flight Details

Airport me aapko help ke liye ek alag se counter bhi hota hai. Jahan par aap jab chahe unse koi help le sakte hai or koi information verify bhi karva sakte hai.

Aap jab bhi international travel karte hai to aapko Immigration karvani jaruri hoti hai. Immigration me aapko kuch sawal puche jate hai jinka aapko sahi answer dena hota hai.

Agar aap domestic flight se journey kar rahe hai to aapko Immigration karvane ki jarurat nahi hai.

Jab aap flight me beth jate hai to air hostess ke dwara kuch announcement di jati hai jo ki hindi or English dono me hoti hai. Aapko vo announcement dhyan se sunani chahiye. Aapko take off ke doran apna mobile phone switched off ya Flight mode par rakhna chahiye.

Airline aur flight journey duration me aapko free food aur drinks milega, aap chahe to baad me bhi koi food le sakte hai lekin unke rates jyada hote hai. Agar aapko koi doubt ho to aap air hostess ki help le sakte hai.

First time ki air travel yatra me hamari flight me turbulence aate rehte hai. Aapko in tarbulence se darna nahi chahiye. Airplane in turbulence ko dekh kar hi teyar kiye jate hai. Turbulence normal hote hai ye air ke atmosphere ke karan bante hai. Ye weather ki condition kharab hone par bhi aate hai.

Take off ke bad air pressure me badlav hone ki wajah se kan me light pen ki problem hoti hai, aap chewing gum kha kar ya earbuds laga kar is problem ko door kar sakte hai.

Flight ke landing ke doran jab tak aapko seat belt kholne ke liye na kaha jaye aap usse mat kholiye. Announcement par humen plane se niche laya jata hai or airport par jane ke liye ek bus runway par aati hai.

Jo ki aapko aapke luggage tak lekar jati hai. Ab aap apna saaman le sakte hai. Conguratulations! Aapki journey puri ho chuki hai.

Dosto agar aap First time air travel kar rahe hai to aapko ye information bahut helpful lagi hogi or agar aap Flight ki yatra ke doran koi another information lena chahate hai to aap hume niche comment box me puch sakte hai.

  • Education Loan Kaise Le Loan Lene Ke Liye Kya Kya Chahiye

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Comments ( 8 )

Avatar for Altaf Burondkar

Sir muze flight me Bahut dar lagta hai or muze bahut baichaini hoti hai mera bird pressure badh jata hai

Avatar for Bharat Singh

thank you sir, keep it up.

Avatar for Ravi

International travel me humko dono country me immigration Dena hoga( mean India me bhi aur out of india me bhi)

Avatar for Nitin Sachdeva

Thanks for all supporting me

Avatar for Ayush Sharma

Hello Nitin very nice article thanks for this informative article Keep up the good work

Avatar for Pipan Sarkar

Wooow, Bahut help milega is article se.

Avatar for vijay patel

aap ne flight me pehli bar safar karne ki jo jo baate batai hai vo bahut hi badhiya or upyogi hai hum in ka jarur dhyan rakhege

Avatar for Anoop Bhatt

Bahut badiya jaankari.

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Kedarnath Kaise Jaye: केदारनाथ कैसे पहुंचे? जाने केदारनाथ यात्रा की संपूर्ण जानकारी

travelling me kya kya saman chahiye

आज के समय में बहुत लोग केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) पर जाने का प्लान कर रहे हैं । केदारनाथ मंदिर भक्तों के लिए वर्ष के केवल 6 माह ही खुलता है। इन 6 महीनों में ही देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के यहाँ पहुँच जाते हैं। हालाँकि केदारनाथ मंदिर की यात्रा पर जाने से पहले भक्तों के कई प्रश्न होते हैं।

इसमें सबसे प्रमुख प्रश्न है केदारनाथ कैसे पहुंचे (Kedarnath Kaise Jaye), जिसका उत्तर हर कोई जानना चाहता है । यही कारण है कि आज के इस लेख में हम आपके सामने केदारनाथ यात्रा रूट को शुरू से लेकर अंत तक रखने वाले हैं। इसे पढ़कर आपको केदारनाथ मंदिर जाने में कोई दुविधा नहीं होगी।

Kedarnath Yatra | केदारनाथ यात्रा

केदारनाथ मंदिर एक ऐसा मंदिर है जो ना केवल अपनी धार्मिक आस्था के कारण श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय है बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण सैलानियों व ट्रेकर्स के बीच भी उतना ही प्रसिद्ध है। वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपदा के बाद इसकी प्रसिद्धि देश-विदेश में बहुत तेज गति से बढ़ी है।

प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु व सैलानी केदारनाथ धाम की यात्रा पर आते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं। यदि आप भी केदारनाथ की यात्रा पर जाने का सोच रहे हैं तो आज हम केदारनाथ यात्रा कैसे करें (Kedarnath Yatra Kaise Karen), के बारे में जानेंगे। सबसे पहले हम आपको भारत के किसी भी शहर से केदारनाथ तक पहुँचने का संपूर्ण मार्ग बता देते हैं। फिर एक-एक करके आपको बताएँगे कि आप केदारनाथ मंदिर तक कैसे पहुँच सकते हैं।

  • केदारनाथ के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून पहुंचना

सर्वप्रथम हवाई, रेल या सड़क मार्ग के द्वारा भारत के किसी भी शहर से उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून पहुँच जाएं। दिल्ली से केदारनाथ की दूरी लगभग 452 किलोमीटर के आसपास है।

  • हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से सोनप्रयाग की दूरी

फिर इन तीनों मुख्य शहरों से सोनप्रयाग के लिए स्थानीय बस, टैक्सी, कार इत्यादि लें। इन तीनों शहरों से सोनप्रयाग की दूरी 200 से 250 किलोमीटर के बीच है। आप चाहें तो यहाँ से गुप्तकाशी की बस लेकर वहां से भी सोनप्रयाग पहुँच सकते हैं।

  • सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी

सोनप्रयाग से मंदाकिनी नदी पर बना पुल पार करें और वहां चलने वाली शेयर्ड जीप (Sonprayag To Gaurikund Distance) लें। यह जीप आपको सोनप्रयाग से 5 किलोमीटर दूर गौरीकुंड छोड़ देगी। ध्यान रहे, सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक केवल यह शेयर्ड जीप ही जाती है, बाकि सभी सरकारी या निजी वाहन केवल सोनप्रयाग तक ही जा सकते हैं।

  • गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी

गौरीकुंड केदारनाथ तक पहुँचने का आखिरी मोटर मार्ग है। इससे आगे की दूरी आपको पैदल, पालकी, खच्चर, घोड़े पर ही करनी पड़ेगी। गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी 16 किलोमीटर (Gaurikund Se Kedarnath Ki Duri) है। यदि आप हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचना चाहते हैं तो आपको फाटा एयरबेस जाना पड़ेगा जो गुप्तकाशी के पास में स्थित है।

केदारनाथ कैसे पहुंचे? (Kedarnath Kaise Jaye)

आपने दिल्ली से केदारनाथ की पूरी यात्रा अर्थात दूरी के बारे में जान लिया है । दिल्ली से केदारनाथ के बीच में मुख्य तौर पर तीन पड़ाव आते हैं जिनके नाम ऋषिकेश, सोनप्रयाग और गौरीकुंड हैं। केदारनाथ पहुँचने की सड़क गौरीकुंड तक समाप्त हो जाती है और वहां से पहाड़ों की चढ़ाई शुरू हो जाती है।

ऐसे में कुछ लोग हवाई जहाज से जाते हैं तो कुछ रेल मार्ग के द्वारा तो वहीं दिल्ली, चंडीगढ़ इत्यादि पास के शहरों में रहने वाले लोग केदारनाथ अपने वाहन या बस से भी पहुँचते हैं । तो आइये तीनों मार्ग के बारे में ही जान लेते हैं।

हवाई मार्ग से केदारनाथ कैसे पहुंचें

यदि आप हवाई जहाज से केदारनाथ जाना चाहते हैं तो केदारनाथ के सबसे पास का हवाईअड्डा देहरादून का ग्रांट जॉली एअरपोर्ट (Kedarnath Near Airport Name) है। आप देहरादून एअरपोर्ट उतर कर वहां से बस या टैक्सी लें जो आपको सोनप्रयाग तक पहुंचा देगी। देहरादून से सोनप्रयाग की दूरी 239 किलोमीटर के आसपास है। सोनप्रयाग पहुँचने के बाद वहां से शेयर्ड जीप लेकर गौरीकुंड पहुंचें, जहाँ से आगे केदारनाथ 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रेलगाड़ी से केदारनाथ कैसे पहुंचें

यदि आप सभी भारतीयों की पसंद रेलगाड़ी से केदारनाथ (Kedarnath Train Se Kaise Jaye) आ रहे हैं तो आपको बता दें कि केदारनाथ के सबसे पास का रेलवे स्टेशन ऋषिकेश का है। किंतु आप चाहें तो हरिद्वार या देहरादून भी आ सकते हैं। तीनों शहरों से सोनप्रयाग की दूरी में ज्यादा अंतर नही है। इसलिए आप रेलमार्ग से ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून कहीं भी आ जाएं, तीनों ही शहरों से आपको कई स्थानीय बस या टैक्सी सोनप्रयाग तक के लिए मिल जायेंगी।

सड़क मार्ग से केदारनाथ कैसे पहुंचें

दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर इत्यादि सभी प्रमुख शहरों से हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून की कई बसें (Kedarnath Bus Seva) चलती हैं। आप कोई भी बस पकड़ कर यहाँ पहुँच जाएं और फिर आगे के लिए स्थानीय बस या टैक्सी कर लें।

सोनप्रयाग से गौरीकुंड जाना

आप बस, टैक्सी, कार या अपने वाहन से केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग तक ही जा सकते हैं। जिस भी वाहन से आप जायेंगे वह आपको सोनप्रयाग के पास मंदाकिनी नदी पर बने पुल के पास उतार देगा। यहाँ से आपको पैदल ही मंदाकिनी नदी पर बना पुल पार करना होगा और जीप स्टैंड तक जाना होगा।

यहाँ से सरकारी जीप यात्रियों को 20 से 30 रुपए में गौरीकुंड छोड़ती है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी लगभग 5 किलोमीटर के पास है। इसलिए आप पुल पार करके यह शेयर्ड जीप लें और गौरीकुंड पहुँच जाएं।

गौरीकुंड से केदारनाथ जाने का रास्ता

गौरीकुंड केदारनाथ तक मोटर मार्ग से पहुँचने का आखिरी स्थान है। इससे आगे कोई भी वाहन नही जाता है। यहाँ से केदारनाथ की दूरी लगभग 16 किलोमीटर के आसपास है। इसलिए आगे का मार्ग आप पैदल या विभिन्न अन्य साधनों की सहायता से कर सकते हैं। आइए उनके बारे में भी जान लेते हैं।

केदारनाथ पैदल यात्रा

यदि आप स्वस्थ व युवा हैं तो हम आपको केदारनाथ का ट्रेक पैदल करने के लिए ही कहेंगे। देश-विदेश से लाखों की संख्या में जो लोग केदारनाथ के दर्शन करने आते हैं वे केवल मुख्य मंदिर को ही नही अपितु इसके आसपास के दृश्यों, ट्रेक की सुंदरता इत्यादि भी देखने आते हैं।

इसलिए यदि आप फिट हैं और पैदल चल सकते (Kedarnath Paidal Yatra) हैं तो आपको केदारनाथ का ट्रेक पैदल ही पार करना चाहिए। ऐसा नही है कि आप अकेले ही इस ट्रेक को कर रहे होंगे या बहुत कम लोग आपके साथ होंगे। आप देखेंगे कि आपके साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर की ओर हर हर महादेव का जयकारा लगाते हुए बढ़ रहे होंगे।

केदारनाथ का ट्रेक पैदल पूरा करने में सामान्यतया 8 घंटों का समय लगता है। इसलिए आप गौरीकुंड से सुबह जल्दी केदारनाथ के ट्रेक के लिए निकल जाएं ताकि दिन छिपने से पहले-पहले वहां की प्राकृतिक सुंदरता व आसपास के दृश्यों का आनंद उठा सकें।

इसके साथ ही केदारनाथ की यात्रा को भारत सरकार के द्वारा अत्यधिक सुगम बना दिया गया है। 16 किलोमीटर का पूरा ट्रेक श्रद्धालुओं की सुगमता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। बीच-बीच में आपको कई विश्राम गृह, खाने-पीने की व्यवस्था, सुस्ताने के लिए स्थल इत्यादि मिल जाएंगे। इसलिए यदि आप बीच में विश्राम करना चाहते हैं या कुछ खाना-पीना चाहते हैं तो उसकी चिंता करने की बिल्कुल भी आवश्यकता नही।

केदारनाथ की घोड़े पर यात्रा

यदि आप पैदल केदारनाथ तक पहुँचने में सक्षम नही हैं तो यहाँ आपको घोड़ों या खच्चर की सुविधा आसानी से मिल जाएगी। यह सुविधा गौरीकुंड में जहाँ से यात्रा शुरू होती है वहीं से उपलब्ध है। इसका शुल्क उत्तराखंड की सरकार के द्वारा प्रति वर्ष निर्धारित किया जाता है।

सामान्यतया गौरीकुंड से केदारनाथ तक जाने के लिए घोड़े का किराया 1000 से 1500 के बीच (Kedarnath Ghode Ka Kiraya) है। यदि आप आने-जाने दोनों के लिए घोड़ा लेते हैं तो किराया 2000 तक लगता है।

केदारनाथ पालकी पर जाना

यदि आप घोड़े पर केदारनाथ नही जाना चाहते हैं तो आपके लिए सरकार की ओर से पालकी की सुविधा (Kedarnath Palki Yatra) भी उपलब्ध है। इसमें आपको एक पालकी पर बैठ जाना है व दो व्यक्ति इसे आगे व पीछे से पकड़ कर आपको केदारनाथ तक पहुंचा देंगे। सामान्यतया पालकी का किराया ज्यादा होता है जो कि लगभग 4 से 6 हज़ार के बीच है।

इसके अलावा आपको वहां ऐसे लोगों की सुविधा भी मिल जाएगी जो आपको अपनी पीठ पर लादकर केदारनाथ पहुंचा देंगे। वे आपको कपड़े की पोटली की सहायता से अपनी पीठ पर लाद लेंगे व अपने कन्धों और सिर से उसे पकड़ कर केदारनाथ पहुंचा देंगे। हालाँकि यह उस व्यक्ति के लिए कष्टदायक हो सकता है।

केदारनाथ की हवाईयात्रा

यदि आप ऊपर दिए गए किसी भी साधन से केदारनाथ नही जाना चाहते हैं तो सरकार के द्वारा केदारनाथ तक सीधे हवाई मार्ग से पहुँचने की सुविधा भी उपलब्ध (Kedarnath Helicopter Seva) है। यह आपको केवल 20 मिनट में केदारनाथ तक पहुंचा देगी। इसके लिए आपको गौरीकुंड जाने की आवश्यकता नही है।

जब आप हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से सोनप्रयाग जाएंगे तब उसके बीच में गुप्तकाशी नाम की एक जगह पड़ती है। आपको वहीं उतरना है। यहाँ से 15 किलोमीटर की दूरी पर फाटा नाम की एक जगह आती है। आप फाटा के एयरबेस पर पहुँच जाएं जहाँ से केदारनाथ की हेलीकॉप्टर सुविधा उपलब्ध है।

केदारनाथ हवाई यात्रा किराया

आप चाहें तो केदारनाथ की हवाई सेवा की ऑनलाइन बुकिंग भी करवा सकते हैं या फिर वहां पहुंच कर ऑफलाइन भी बुक कर सकते हैं। इसका किराया भी प्रतिवर्ष उत्तराखंड सरकार के द्वारा निर्धारित किया जाता है। सामान्यतया फाटा से केदारनाथ का किराया 3500 रुपए (Kedarnath Helicopter Price) लगता है। यदि आपको आने-जाने का हेलीकॉप्टर बुक करवाना है तो उसका किराया लगभग सात हज़ार के आसपास पड़ेगा।

इसके अलावा आपको सरसी गाँव से भी हेलीकॉप्टर सुविधा मिल जाएगी। कुछ लोग सीधे ऋषिकेश या देहरादून से भी केदारनाथ की हवाईयात्रा करते हैं जो कि बहुत महँगी पड़ती है। हालाँकि हम यहाँ आपको केदारनाथ हवाईमार्ग से ना जाकर ऊपर बताये गए मार्गों से जाने को कहेंगे क्योंकि हवाईमार्ग में आप केदारनाथ की असली सुंदरता का आनंद नहीं उठा पाएंगे।

केदारनाथ यात्रा कैसे करें? (Kedarnath Yatra Kaise Karen)

अब जब बात केदारनाथ यात्रा की हो रही है तो आपको इसके ट्रेक के बारे में भी संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। अब तक आप यह तो जान ही गए होंगे कि केदारनाथ का ट्रेक गौरीकुण्ड से शुरू होता है जहाँ से केदारनाथ लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहीं से आपकी केदारनाथ की असली यात्रा शुरू होती है।

केदारनाथ के ट्रेक में आपको निम्नलिखित पड़ावों से गुजरना होता है:

  • जंगलचट्टी (Jungle Chatti)
  • भीमबली (Bhimbali)
  • लीनचौली (Lincholi)
  • केदारनाथ बेसकैंप (Kedarnath Base Camp)
  • केदारनाथ मंदिर

केदारनाथ के ट्रेक में आपको कई प्राकृतिक झरने, वॉटरफॉल, पहाड़ियों के सुंदर दृश्य, साथ-साथ चलती मंदाकिनी नदी का बहता पानी, हिमालय की चोटियों के दृश्य, सुगन्धित पुष्प, पशु-पक्षी और उनके चहचहाने की आवाज इत्यादि देखने को मिलेंगे जो आपका मन आनंदित कर देंगे। अब केदारनाथ यात्रा कैसे करें, इसके बारे में ऊपर दिए गए स्थानों के क्रम के अनुसार जानते हैं।

  • गौरीकुंड से ट्रेक करते हुए आप सबसे पहले जंगलचट्टी नाम की जगह पर पहुंचेगे जो कि लगभग 4 किलोमीटर दूर है। जंगल चट्टी तक पहुँचने के मार्ग में कई छोटे मंदिर, खाने-पीने की दुकाने व मेडिकल स्टोर मिल जाएंगे।
  • जंगल चट्टी से आगे चलने पर आप भीमबली पहुंचेगे जिसके लिए आपको मंदाकिनी नदी के ऊपर बने पुल को पार करके उस ओर जाना होगा।
  • अब तक के ट्रेक में मंदाकिनी नदी आपके दायीं ओर बह रही होगी लेकिन भीमबली के मार्ग से यह नदी आपके बायीं ओर हो जाएगी। भीमबली जंगल चट्टी से 3 किलोमीटर दूरी पर है।
  • भीमबली से आगे 4 किलोमीटर की दूरी पर लिंचोली (Lincholi To Kedarnath Distance) नामक जगह आएगी। यहाँ आपको कई रेस्टोरेंट, विश्रामगृह व दुकाने मिल जाएगी।
  • इस बात का ध्यान रखें कि जैसे-जैसे आप ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुँचते जाएंगे, वैसे-वैसे चीज़ों के दाम बढ़ते जाएंगे।
  • लिंचौली से 4 किलोमीटर की दूरी तय कर आप केदारनाथ के बेसकैंप पहुँच जाएंगे। यहाँ से केदारनाथ मंदिर की दूरी लगभग एक किलोमीटर के आसपास है।
  • केदारनाथ मंदिर पहुँच कर वहां कुछ समय बिताएं। ज्यादातर भक्त उसी दिन वापस लौटने की बजाए, वहीं रुकना पसंद करते हैं।
  • इसके लिए केदारनाथ बेसकैंप पर ही उत्तराखंड सरकार के द्वारा गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN Kedarnath) में रुकने व विश्राम करने की सुविधा उपलब्ध है।
  • गढ़वाल मंडल विकास निगम के द्वारा आपको धर्मशाला, कैंप, होटल इत्यादि सभी प्रकार की सुविधाएँ मिल जाएगी। गढ़वाल मंडल की यह सुविधा केदारनाथ बेसकैंप, लिंचोली व गौरीकुंड तीनों जगह पर उपलब्ध है।

आप चाहें तो इनमे से कहीं भी रुक सकते हैं लेकिन हम आपको सलाह देंगे कि इसके लिए आप पहले से ही ऑनलाइन बुकिंग (GMVN Kedarnath Room Booking) करवा कर रखें क्योंकि प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्तगण केदारनाथ धाम पहुँचते हैं। इसलिए उस समय कमरा खाली मिले या नही, इसके बारे में कहा नही जा सकता है। इसके अलावा आपको कई निजी कैंप व रहने की अन्य सुविधाएँ भी आसपास मिल जाएगी।

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) के बारे में संपूर्ण जानकारी ले ली है । आज के समय में बहुत से लोग केदारनाथ की यात्रा पर जा रहे हैं लेकिन इसके लिए वे हेलीकाप्टर सेवा का उपयोग ले रहे हैं। ऐसे में हम आपको यही परामर्श देंगे कि यदि आप स्वयं चलकर जा सकते हैं तो हेलीकाप्टर का इस्तेमाल ना करें। इसके अत्यधिक इस्तेमाल से केदारनाथ के पहाड़ों को नुकसान हो रहा है।

केदारनाथ यात्रा से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: केदारनाथ जाने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर: केदारनाथ जाने के लिए सबसे पहले तो आपको यात्रा का ऑनलाइन पंजीकरण करवा लेना चाहिए । इसके साथ ही आपको वहां के मौसम की जानकारी लेनी चाहिए ।

प्रश्न: केदारनाथ यात्रा कब जाना चाहिए?

उत्तर: आप केदारनाथ यात्रा पर अप्रैल से नवंबर के बीच में जा सकते हैं । ज्यादातर श्रद्धालु यहाँ पर मई व जून के महीने में जाते हैं ।

प्रश्न: केदारनाथ जाने में कितना खर्चा आता है?

उत्तर: केदारनाथ जाने पर सामान्य तौर पर 15 से 25 हज़ार तक का खर्चा आता है । अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप कहाँ से आ रहे हैं, कहाँ रुक रहे हैं और कितने दिन रुक रहे हैं ।

प्रश्न: केदारनाथ जाने के लिए कितना पैदल चलना पड़ता है?

उत्तर: केदारनाथ जाने के लिए 16 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है । केदारनाथ जाने के लिए पहाड़ों की चढ़ाई गौरीकुंड से शुरू होती है जहाँ से केदारनाथ की दूरी 16 किलोमीटर है ।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए । उनके लिंक हैं:

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travelling me kya kya saman chahiye

लेखक के बारें में: कृष्णा

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7th CPC Travelling Allowance Rules: Tour TA और Transfer TA क्या होता है?

सरकारी कर्मचारियों को कई तरह के भत्ते (Allowances) मिलते हैं और उन्हीं में से एक महत्वपूर्ण है यात्रा भत्ता (Travelling Allowance)। यदि आप भी केन्द्रीय कर्मचारी है और TA for Central Government Employees या Transfer TA Rules के बारे में विस्तृत जानकारी चाहते हैं तो आप सही जगह पर आए हैं।

इस लेख में हमनें सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले Travelling Allowance के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई है। जिसके अंतर्गत Travelling Allowance on Tour और Transfer TA Rules के बारे में बताया है।

आप यहाँ से Travelling Allowance Rules PDF के अलावा Travelling Allowance से संबंधित अन्य पीडीएफ़ भी डाउनलोड कर सकते हैं।

अब आइए विस्तार से जानते हैं कि TA/DA क्या हैं और इनसे संबंधित TA/DA Rules क्या-क्या हैं ( TA/DA Rules in Hindi या Daily Allowance in Hindi )

Table of Contents

Travelling Allowance और Daily Allowance in Hindi

Travelling Allowance Rules

सबसे पहले जानते हैं कि Traveling Allowance Meaning क्या होता है (Travel Allowance meaning in Hindi) और उसके बाद जानेंगे कि एक Central Government Employee के लिए TA Rules क्या हैं (TA Rules in Hindi)

TA and DA full form – Travelling Allowance और Daily Allowance होता है।

जब कोई सरकारी कर्मचारी किसी आधिकारिक यात्रा पर जाता है तो पूरी यात्रा पर व्यय करने के लिए जो भत्ता मिलता है उसे Travelling Allowance कहते हैं। यह किसी कर्मचारी के वेतन का हिस्सा नहीं होता है, जैसे Transport Allowance (TPTA) या महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) .

यह भत्ता उस कर्मचारी को प्रतिपूर्ति के रूप में मिलता है। यानी कि जब वह कर्मचारी अपनी आधिकारिक यात्रा पूरी कर लेता है तो उसे एक Travelling Allowance बिल अपने संबंधित कार्यालय में देना होता है। यह उस कर्मचारी को तब तक नहीं मिलता है जब तब उसने कोई ऑफिस के कार्य से संबंधित यात्रा ना की हो। अर्थात यह एक Compensatory Allowance है।

जमा किए गए उस बिल के आधार पर कर्मचारी की पात्रता के अनुसार उसके द्वारा हुए व्यय को अदा कर दिया जाता है। इस तरह यह आधिकारिक ड्यूटी के दौरान यात्रा खर्च पर एक प्रतिपूर्ति प्रणाली (Reimbursement System) है।

कभी-कभी जरूरत पड़ने पर वह कर्मचारी Travelling Allowance Advance के लिए भी अप्लाइ कर सकता है और यात्रा पूरी होने के बाद उसके बिल का अंतिम भुगतान कर दिया जाता है।

Travelling Allowance के अंतर्गत सरकारी कर्मचारी को दो तरह के व्यय का भुगतान किया जाता है। एक है आने-जाने में हुए व्यय यानी यात्रा व्यय के बदले भुगतान और दूसरा है ड्यूटी के दौरान खाने-पीने और ठहरने (Accommodation या Boarding) में हुए व्यय के बदले भुगतान। इसलिए हम यहाँ Boarding Allowance के बारे में भी बताएंगे।

यदि कोई कर्मचारी आधिकारिक यात्रा पर होता है और मुख्यालय से दूर होता है तो उसे ठहरने और खाने पर खर्च करना पड़ता है। इसके लिए उसके द्वारा किए गए व्यय के एवज में जो भत्ता मिलता है उसे दैनिक भत्ता (Daily Allowance) कहते हैं। उसे यह Daily Allowance Rules के अंतर्गत मिलता है।

ठहरने के लिए उसे अलग से Accommodation Allowance मिलता है।

इस तरह Daily Allowance का मतलब है खाने आदि संबंधित व्यय की प्रतिपूर्ति। पहले खाने के बदले Food Bill के लिए reimburse किया जाता था, लेकिन अब यह Daily Allowance के रूप में दिया जाता है। इसके लिए Food Bill जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

इन दोनों व्यय के बदले होने वाले भुगतान को अक्सर TA/DA Allowance कहा जाता है। यहाँ TA Allowance का मतलब Travelling Allowance और DA का मतलब Daily Allowance से है।

होटल खर्च का Reimbursement

यहाँ होटल खर्च या Accommodation के लिए खर्च या Boarding Allowance meaning in Hindi का अर्थ एक ही है।

7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार 1 जुलाई 2017 से होटल खर्च के लिए claim करने की प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है।

अब Pay Level 8 और उससे नीचे के सरकारी कर्मचारियों को होटल खर्च के reimbursement के लिए Travelling Allowance claim के साथ वाउचर प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है।

उन्हें केवल स्व-प्रमाणित Travelling Allowance claim में स्पष्ट रूप से ठहरने की अवधि, होटल का नाम आदि का उल्लेख करना होगा।

साथ ही Pay Level 8 तक के सभी अधिकारियों के लिए ‘X’ क्लास शहरों में ठहरने के लिए होटल खर्च की सीमा अधिकतम 1,000 रुपये प्रति दिन है। लेकिन इसके reimbursement के लिए कर्मचारी को होटल बिल / वाउचर प्रस्तुत करना होगा।

यात्रा खर्च का Reimbursement:

आवास शुल्क (Accommodation Charges) के reimbursement के समान ही Pay Level 8 और उससे नीचे के अधिकारियों के लिए लिए यात्रा खर्च का भुगतान केवल स्व-प्रमाणित दावे (Self-certified claim) के आधार पर वाउचर प्रस्तुत किए बिना ही किया जा सकता है।

Self-certified claim में यात्रा की अवधि, वाहन संख्या आदि का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए।

Pay Level 11 और उससे नीचे के लिए जो सीमा है वह DA में 50 प्रतिशत की वृद्धि होने पर 25 प्रतिशत और बढ़ जाएगी।

पैदल यात्रा के लिए 12/- रुपये प्रति किलोमीटर का अतिरिक्त भत्ता देय होगा। इस भत्ते में भी 25 प्रतिशत की तब वृद्धि होगी जब DA में 50 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी।

खाने के खर्च का Reimbursement:

Daily Allowance के अंतर्गत खाने के बिलों का अलग से reimbursement का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बजाय TA claim करने वाले सरकारी कर्मचारी को खाने के खर्च के reimbursement के तौर पर एक lump sum amount दे दिया जाता है।

यह lump sum amount, Pay Level के अनुसार अलग-अलग है। Reimbursement का amount इस बात पर भी निर्भर करेगा कि उस कर्मचारी के अपने मुख्यालय से अनुपस्थिति की अवधि कितनी है।

मुख्यालय से अनुपस्थित होने का Time Restriction-

TA Meaning in Hindi- TA and DA-Travelling Allowance- Daily Allowance - TA Rules

मुख्यालय से अनुपस्थिति की गणना मध्यरात्रि से मध्यरात्रि तक की जाएगी और प्रतिदिन के आधार पर गणना की जाएगी।

अब एक उदाहरण से इसे समझते हैं- TA Rules के अनुसार Pay Level 8 के अंतर्गत Lump sum amount 800 रुपये प्रतिदिन है।

अब कोई कर्मचारी जिसका Pay Level 8 है और वह सुबह 10 बजे किसी आधिकारिक यात्रा पर जाता है और शाम को 6 बजे अपने मुख्यालय वापस आ जाता है। इस तरह वह अपने मुख्यालय से 8 घंटे अनुपस्थित रहा।

तो उसे खाने में हुए खर्च का reimbursement amount मिलेगा – 800 रुपये का 70% = 560 रुपये।

खाने के खर्च के reimbursement के लिए उसे किसी तरह के वाउचर प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी।

ऊपर दिए गए बिल फॉर्मैट को डाउनलोड करके TA Bill Rules के अनुसार इसे भरकर संबंधित सेक्शन में जमा कर सकते हैं।

Transfer होने पर Travelling Allowance / Transfer TA Rules in Hindi

यदि किसी सरकारी कर्मचारी का Transfer होता है तो उसको भी Transfer Travelling Allowance मिलता है। उसे मिलने वाले Transfer Travelling Allowance में चार तरह के घटक (components) होते हैं-

1. Travel entitlement for self and family 2. Composite Transfer and packing Grant 3. वैयक्तिक सम्पत्ति (Personal effects) का परिवहन 4. वाहनों (Conveyance) का परिवहन

1. स्वयं और परिवार के लिए यात्रा पात्रता का अर्थ / Travel entitlement for self and family meaning

इसके अंतर्गत transfer के दौरान वर्तमान तैनाती स्थान से नए तैनाती स्थान की यात्रा में हुए व्यय को शामिल किया जाता है।

इसमें स्वयं और परिवार की यात्रा में हुए व्यय का reimbursement होता है।

2. Composite Transfer and packing Grant (CTG) Meaning

आप इसे transfer grant and packing allowance भी कह सकते हैं।

जब कर्मचारी के नए तैनाती की जगह वर्तमान तैनाती की जगह से 20 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित हो तो कर्मचारी को उसके पिछले महीने के मूल वेतन (Basic Pay) के 80% की दर से CTG का भुगतान किया जाता है।

लेकिन अंडमान, निकोबार और लक्षद्वीप के द्वीप क्षेत्रों में स्थानांतरण या उन क्षेत्रों से देश के अन्य भाग में स्थानांतरण के मामले में CTG का भुगतान पिछले महीने के मूल वेतन के 100% की दर से किया जाता है।

यदि पुराने तैनाती स्थान से नए तैनाती स्थान की दूरी 20 किलोमीटर से कम है या वे दोनों स्थान एक ही शहर के भीतर हैं तो CTG का एक तिहाई ही reimbursement होगा। लेकिन यह भी शर्त है कि कर्मचारी ने अपने निवास स्थान में वास्तव में परिवर्तन किया हो।

जब पति और पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी हों और दोनों का स्थानांतरण हो: यदि पहले किसी एक का transfer हो जाता है और दूसरे का transfer छह महीने के भीतर लेकिन 60 दिनों के बाद होता है तो बाद में स्थानांतरित पति या पत्नी को CTG का पचास प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।

यदि दोनों स्थानान्तरण 60 दिनों के भीतर होते हैं, तो बाद में स्थानांतरित पति/पत्नी को कोई स्थानांतरण अनुदान स्वीकार्य नहीं होगा। छह महीने या उससे अधिक की अवधि के बाद स्थानान्तरण के मामले में मौजूदा प्रावधान लागू रहेंगे।

3. वैयक्तिक सम्पत्ति का परिवहन / Personal effects meaning in Hindi

नाम से स्पष्ट है कि इसके अंतर्गत घर के सामानों के परिवहन में हुए व्यय का reimbursement किया जाता है।

4. वाहनों का परिवहन / Conveyance Allowance in Hindi

इसके अंतर्गत कर्मचारी के निजी वाहनों के परिवहन में हुए व्यय का reimbursement किया जाता है।

यदि कोई सरकारी कर्मचारी Transfer TA Advamce लेना चाहता है तो वह Transfer TA Advance Rules के eligibility के अनुसार transfer होने से पहले claim कर सकता है।

सेवानिवृत कर्मचारियों की TA पात्रता:

सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के Travelling Allowance में भी वैसे ही 4 घटक शामिल होते हैं जैसा कि स्थानांतरित कर्मचारी के Travelling Allowance में।

1. स्वयं और परिवार के लिए यात्रा पात्रता (Travel entitlement for self and family):

अंतरराष्ट्रीय यात्रा को छोड़कर इसमें भी वही यात्रा पात्रता होगी जैसा कि transfer होने पर किसी कर्मचारी की यात्रा पात्रता होती है।

2. Composite Transfer Grant (CTG):

जब कोई कर्मचारी सेवानिवृत होने के बाद अपने अंतिम तैनाती स्थान से 20 किमी या अधिक दूरी पर जाकर settle हो जाता है तो उसको CTG का भुगतान पिछले महीने के मूल वेतन के 80% की दर से किया जाएगा।

अंडमान, निकोबार और लक्षद्वीप के द्वीप क्षेत्रों के मामले में यह भुगतान पिछले महीने के मूल वेतन के 100% की दर से किया जाएगा।

सेवानिवृत कर्मचारी के अपने नए निवास स्थान पर जाने में पुराने निवास स्थान और नए निवास स्थान तथा रेलवे स्टेशन / बस स्टैंड आदि के बीच यात्रा के लिए अलग से transfer incidentals और road mileage का भुगतान नहीं किया जाएगा।

जो कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद ड्यूटी के अंतिम स्टेशन से 20 किमी से कम की दूरी के भीतर ही बस जाते हैं उन्हें इस शर्त के अधीन CTG का एक तिहाई भुगतान किया जा सकता है कि निवास स्थान का परिवर्तन वास्तव में शामिल है।

3. वैयक्तिक सम्पत्ति (Personal effects) का परिवहन:

इसका भुगतान वैसे ही होगा जैसा कि किसी कर्मचारी के transfer होने पर किया जाता है।

4. वाहनों (Conveyance) का परिवहन:

Retirement के बाद ta bill सबमिट करने का टाइम-लिमिट.

जैसा कि आपको पता होगा कि यात्रा पूरी करने के तारीख से 60 दिन के अंदर Travelling Allowance Bill संबंधित सेक्शन में सबमिट करना होता है। यह नियम Retirement के बाद Travelling Allowance Bill सबमिट करने के संबंध में था।

लेकिन भारत सरकार की तरफ से 15 जून 2021 को एक Office Memorandum जारी किया गया जिसमें यह कहा गया है कि अब Retire कर्मचारी अपनी यात्रा पूरी करने के तारीख से 180 दिन के अंदर अपना Travelling Allowance Bill सबमिट कर सकते हैं।

यानि कि उनके Travelling Allowance Bill सबमिट करने की अवधि को 60 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दिया गया है।

लेकिन Tour TA Bill, Transfer TA Bill और Training TA Bill सबमिट करने की अवधि अभी भी 60 दिन ही है।

Office Memorandum regarding Time-limit for submission of claims for Travelling Allowance on Retirement- Download

Transport Allowance(परिवहन भत्ता) और Travelling Allowance(यात्रा भत्ता) में अंतर:

Transport Allowance (TPTA) वेतन का एक हिस्सा होता है। यह भत्ता कार्यालय और निवास के बीच यात्रा के खर्चों के लिए के लिए दिया जाता है। यह एक निश्चित राशि होता है जो हर महीने सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है।

कुछ दशाओं को छोड़कर लगभग यह सभी सरकारी कर्मचारियों को प्रदान किया जाता है।

जबकि Travelling Allowance हर महीने मिलने वाली एक निश्चित राशि नहीं होता है। इस तरह यह Transport Allowance से बिल्कुल अलग है। Travelling Allowance के लिए वही सरकारी कर्मचारी पात्र हैं जिन्होंने कोई आधिकारिक ड्यूटी के लिए यात्रा की हो।

इस तरह Transport Allowance के लिए कोई claim करने की जरूरत नहीं पड़ती है और यह वेतन का हिस्सा होता है। जबकि Travelling Allowance के लिए claim करना पड़ता है और यह तब तक नहीं मिलता जब तक कोई आधिकारिक यात्रा ना की गई हो।

TA Bill के साथ Boarding Pass जमा करना जरूरी है या नहीं

विभाग के दिनांक 08.10.2014 के एक OM के अनुसार यदि कोई सरकारी कर्मचारी Travelling Allowance claim करता है तो उसे इस यात्रा की प्रामाणिकता सिद्ध करने के लिए कि वास्तव में अधिकारी द्वारा वह यात्रा की गई थी, उसे बोर्डिंग पास जमा करने की जरूरत पड़ती थी।

लेकिन 23 जून 2020 में जारी एक अन्य OM के अनुसार यदि कोई सरकारी कर्मचारी TA बिल के साथ बोर्डिंग पास जमा करने में असमर्थ है, तो वह TA बिल के साथ बोर्डिंग पास के बदले स्व-घोषणा प्रमाण पत्र जमा कर सकता है।

विभाग द्वारा OM के साथ स्व-घोषणा प्रमाण पत्र का proforma भी जारी किया गया। यदि कोई अधिकारी अवर सचिव(Under Secretary) स्तर से नीचे का (Pay Level 10 और उससे नीचे) है तो इस प्रोफार्मा को नियंत्रण अधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया जाना आवश्यक है।

ये निर्देश केंद्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा किए गए दौरे पर यात्रा के संबंध में लागू होंगे।

शहर के भीतर travelling charges के reimbursement के लिए रसीद या वाउचर submit करने के संबंध में नया नियम :

यदि कोई कर्मचारी शहर के भीतर आधिकारिक यात्रा पर है तो यात्रा शुल्क को Daily Allowance के तहत निर्धारित किया गया है।

दिनांक 13.07.2017 के O.M. के अनुसार, यदि Level 8 और उससे नीचे का कोई सरकारी कर्मचारी शहर के भीतर आधिकारिक यात्रा पर है तो उसे Travelling charges के reimbursement के लिए कोई रसीद या वाउचर देने की जरूरत नहीं है।

उन्हें केवल स्व-प्रमाणित (Self-certified) Travelling charges के reimbursement का दावा करने की अनुमति दी थी। जबकि Level 9 और उससे ऊपर के कर्मचारियों को Travelling charges के reimbursement के लिए वाउचर देने होते थे।

लेकिन 22 दिसंबर 2020 को विभाग द्वारा जारी एक अन्य O.M. के अनुसार Level 9 से 11 तक के केंद्र सरकार के कर्मचारियों को भी शहर के अंदर की गई आधिकारिक यात्रा के लिए Travelling charges के reimbursement का दावा करने के लिए रसीद या वाउचर प्रस्तुत नहीं करना होगा।

बल्कि इन कर्मचारियों को भी Travelling charges के reimbursement के लिए केवल स्व-प्रमाणित (Self-certified) reimbursement claim ही प्रस्तुत करना होगा जिसमें यात्रा की अवधि, वाहन संख्या आदि जैसे विवरण दिए गए हों।

Travelling Allowance के बारे में उपरोक्त जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया शेयर करना ना भूलें। यदि TA Rules से संबंधित कोई प्रश्न हो तो कमेन्ट बॉक्स में पूछें।

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19 thoughts on “7th CPC Travelling Allowance Rules: Tour TA और Transfer TA क्या होता है?”

kya temporary transfer me within city hone per kya daily allownace milega.

8 किमी से अधिक है तो DA 50% मिलेगा। लेकिन transfer केवल 180 दिन के लिए हुआ हो तो।

mera Transfer 80 dino ke bhitar dusri jagha ho gaya hai mera pehle transfer ka TTA kya nayi jagha se clem ho sakta hai

TA claim 60 dino ke andar dena hota hai, apke pahle hi 80 din ho gaye hain.

Please contact me about TTA

You can explain your problem here.

Central government employee apni puri service m kitni baar LTC Le sakta h.

Retirement तक, block-year के हिसाब से

Agar koi departmental exam dene gaya ho to kya uska TA bill ka bhugtan Kiya ja sakta h? Agar Kiya ja sakta h to kis kis chij ka bhugtan hoga

within city TA claim nahi milega. dusare city men jane par departmental exam ka bhi TA milta hai. isme Travelling fare aur DA milta hai.

Mera transfer 100 km ki distance me hua h,mai kaise claim karu ki basic ka 80 percent aur 10 days leave mil jaye.kiske name se application likhu application me kya docoment lagaye, claim time 60 or 180 days h

Relieve hone ke baad aap 10 days joining time le sakte hain. joining ke baad 60 days ke andar TA claim karna hai. kisi seperate application ki jarurat nahi hai. TA claim ke saath joinig report, relief report, transfer order lagane hain. kuch aur jankari chahiye to comment me hi puchhe please.

Apne office se 15 km tour par 7•30 hours ke liye gaye the kya ta milega

Local journey के लिए Road mileage(if applicable) plus 50% of Full DA × 70% (Less than 12 hours)

kya trasfer TA bill saman shift kiye bina bhugtan kiya ja sakta hai, kripya niyam sahit bataye

Yes, keval composite transfer grant milega

i am promted in postal department level 3 to level 4 and residance will be change approx 300kilometer then i am able or not for transportation allowance

please sugest us.

Yes, you are eligible for transfer TA

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travelling me kya kya saman chahiye

किस दिन, कौन-सी दिशा में यात्रा करना होता है शुभ और किस दिन अशुभ? ध्यान रखें ये बातें

Asianet news hindi | published : dec 06 2021, 10:35 am ist / updated: dec 06 2021, 01:07 pm ist.

किस दिन, कौन-सी दिशा में यात्रा करना होता है शुभ और किस दिन अशुभ? ध्यान रखें ये बातें

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travelling me kya kya saman chahiye

  • मॉइश्चराइजर फाउंडेशन
  • प्राइमर कंसीलर
  • मस्करा सिन्दूर आई लाइनर
  • आइब्रो पेंसिल
  • Body lotions
  • Bb and CC cream
  • कंपैक्ट पाउडर

Read more.. How to delete Instagram account

Table of Contents

Skin care products –

फेसवॉश और स्क्रब

क्रीम और मॉइस्चराइजर

क्लींजर और टोनर

चेहरे की किट

धूप अवरोधक मलहम

टैल्कम पाउडर

Hair care products –

travelling me kya kya saman chahiye

मेकअप के सामान का नाम हिंदी में-makeup saman name list

इसे भी पढ़ें – हार्डवेयर सामान की लिस्ट

आजकल हर कोई सुंदर दिखने के लिए मेकअप सामान उपयोग करते हैं।लेकिन सभी को मेकअप सामान की जानकारी नहीं है उनके लिए मैंने यह छोटा सा प्रयास किया हूं। इस लेख में आपको मेकअप सामान , दुल्हन के मेकअप का सामान के बारे में बताया गया है।

इससे आप काफी आसानी से समझ सकते हैं कि आपके लिए क्या – क्या सामान खरीदना है। चलिए अब एक-एक करके इस लिस्ट पर नजर डालते हैं।

मॉइश्चराइजर –

Makeup items list in hindi

मेकअप लिस्ट में सबसे जरूरी और पहली चीज है mosturizer है और यह आपकी स्किन के हिसाब से होना चाहिए। Mosturizer आपकी स्किन को रूखा नहीं होने देता और कोमल बनाए रखता है।

ऐसा कोई सा भी क्रीम,ऑयल या लोशन जो हमारे शरीर की त्वचा को सुंदर, मुलायम रखने और नमी देने का काम करता है मॉइश्चराइजर कहलाता है।

मॉइस्चराइजर त्वचा को सूखे पन से बचाता है, इसके इस्तेमाल से त्वचा लंबे समय तक स्वस्थ और जवां दिखती है।

स्किन में पानी की कमी या हाइड्रेट को दूर करने के लिए मॉइश्चराइजर लगाया जाता है।

वैसे तो हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से सीबम बनाता है जो त्वचा को नम बनाए रखता है, लेकिन इसकी कमी के कारण बाहरी रूप से मॉइश्चराइजर के द्ववारा त्वचा को नमी प्रदान की जाती है।

मॉइश्चराइजर लगाने का सही तरीका क्या है?

  • सबसे पहले अपने चेहरे को फेसवॉश से धो लें। इससे चेहरा साफ हो जायेगा और त्वचा पर मॉइस्चराइजर अच्छी तरह से काम करेगा।
  • अब अपनी एक उंगली पर थोड़ा-सा मॉइस्चराइजर लें और सर्कुलर मोशन में उंगलियों की मदद से इस क्रीम काे हल्‍के-हल्‍के से फैलाएं।
  • चेहरे के जिन हिस्‍सों की त्‍वचा ज्‍यादा रूखी है, वहां पर मॉइस्चराइजर जरूर लगाएं।
  • तैलीय त्वचा पर मॉइस्चराइजर नहीं लगाना चाहिए।
  • मॉइस्चराइजर लगाने के बाद एक से दो मिनट उसे सूखने दें। इसके सूखने के बाद ही त्वचा पर कुछ और लगाऐ।
  • नहाने के बाद और रात को सोने से पहले मॉइस्चराइजर लगाना सही रहता है। घर से बाहर निकलने से पहले SPF युक्‍त मॉइस्चराइजर लगाना चाहिए।

प्राइमर –

travelling me kya kya saman chahiye

फेस प्राइमर भी ब्राइडल किट में बहुत जरूरी है। Face primer चेहरे पर हर तरह के दाग-धब्बों को छुपाने में मदद करता है।

Makeup saman ki list in hindi प्राइमर लगाने के फायदे-

  •  त्वचा को मुलायम बनाने के लिए प्राइमर का उपयोग किया जाता है।
  • डार्क सर्कल और चेहरे की झुर्रियों को छुपाने के लिए भी टाइमर का उपयोग किया जाता है।
  • प्राइमर  लगाने से चेहरे पर किया गया मेकअप लंबे समय तक टिकता है।
  • चेहरे की रेडनेस कम करने के लिए भी प्राइमर लगाया जाता है।

  प्राइमर लगाने का सही तरीका-

  •  सबसे पहले चेहरे को अच्छी तरह से साफ करें और सॉफ्ट तौलिए से पौछे।
  •  इसके बाद मॉइश्चराइजर या कोई सन स्क्रीन जो आपके पास हो लगाएं।
  •  फिर प्राइमर को अच्छे से पूरे चेहरे पर लगाएं।
  •  हल्के हाथों से पलकों पर भी प्राइमर को लगाएं।
  •  कुछ देर के लिए रुके प्राइमर को सेट होने दे।
  •  इसके बाद आप अपना पसंदीदा प्रोडक्ट लगाएं या फाउंडेशन लगा सकते हैंं।

फाउंडेशन –

Makeup saman ki list in hindi

प्राइमर के ठीक बाद फाउंडेशन लगाया जाता है। यह स्किन को इवन टोन देता है।  फाउंडेशन लगाने से आपके चेहरे पर दाग धब्बे नहीं दिखाई देते।

आपको अपनी स्किन टोन के हिसाब से सही फाउंडेशन का चुनाव करना है। फाउंडेशन लगाने से त्वचा नेचुरल  लुक में दिखाई देती है।

फाउंडेशन लगाने का सही तरीका 

  • सबसे पहले मॉइश्चराइजर लगाएं, मॉइश्चराइजर को कुछ देर अच्छे से  त्वचा में सूखने दें।
  •  इसके बाद  त्वचा पर प्राइमर लगाना चाहिए,प्राइमर लगाने से चेहरे के जो छोटे-छोटे छिद्र होते हैं वो भर जाते हैं। प्राइमर का मेकअप में मुख्य रोल होता है सभी के पास मेकअप किट में प्राइमर जरूर होना चाहिए। प्राइमर को गर्दन पर भी लगाना चाहिए।
  • फाउंडेशन को ब्रश द्वारा अच्छे से चहरे पर लगाएं, आंखों के नीचे फाउंडेशन को ठीक से ब्लेंड करें।
  •  रोशनी में जाकर एक बार ठीक से देखें कि फाउंडेशन अच्छी प्रकार चेहरे पर फैला कि नहींं। इसके बाद आप कंसीलर,हाइलाइट,लिपस्टिक, काजल या कांपैक्ट पाउडर लगा सकते हैं।

कंसीलर –

Makeup products list with images

मेकअप के सामान की लिस्ट में सबसे जरूरी मेकअप आइटम है कंसीलर। अगर आप अपने चेहरे के दाग धब्बों या डार्क सकल्र्स को छुपाना चाहती हैं, तो आप कंसीलर का इस्तेमाल करें।

अगर हैवी मेकअप करना आपको बहुत ज्यादा पसंद नहीं है।तो आप सिर्फ दाग धब्बों वाली जगह भी कंसीलर लगाएं और फिर पाउडर लगाएं।

ऐेसा करके आपका लुक कंप्लीट हो जाएगा।  कंसीलर की मदद से चेहरे की सारी खामियां आसानी से छुपा सकते हैं।( दुल्हन का मेकअप का सामान)

 कंसीलर लगाने का सही तरीका

  • सबसे पहले अपना चेहरा अच्छी प्रकार धोकर मॉइस्चराइजर लगा ले।
  •  मेकअप को ज्यादा देर तक स्थाई रखने के लिए प्राइमर लगा  लीजिए।
  •  इसके बाद ब्यूटी ब्लेंडर की मदद से  अच्छी तरह ब्लेंड कर लीजिए।
  •  इसके बाद सेटिंग पाउडर लगाकर मेकअप को अच्छी तरह से सेट कर लीजिए।

क्लींजर –

Makeup saman ki list

यह मेकअप करने से पहले चेहरे को साफ करने के लिए यूज किया जाता है। इसे आप रात में सोने से पहले भी लगा सकते हैं इससे चेहरे के धूल मिट्टी साफ होते हैं।

  •  सुबह या शाम दिन में एक बार क्लींजर से चेहरा को धोना चाहिए।
  •   क्लींजर का इस्तेमाल ज्यादा नहीं करना चाहिए, नहीं तो आपकी त्वचा रूखी हो सकती है।

फेस पाउडर –

Makeup saman ki list

फेस पाउडर को सेटिंग पाउडर भी कहा जाता है, क्योंकि इससे मेकअप सेट होता है। हालांकि, लड़कियां आजकल फेस पाउडर का इस्तेमाल कम ही करती हैं।

 फेस पाउडर लगाने का सही तरीका

  •  अपने चेहरे के रंग के हिसाब से फेस पाउडर का चयन करें यदि आप गोरे है तो आपको सफेद पाउडर का चयन नहीं करना चाहिए।
  •  फेस पाउडर के साथ में कंसीलर का उपयोग जरूर करें।
  • कंपैक्ट पाउडर का यूज ना करें।
  •  ज्यादा पाउडर का इस्तेमाल ना करें,पाउडर कम और हल्का हल्का ही लगाना चाहिए।
  •  पाउडर ज्यादा लग जाता है तो इसे ब्लाटिंग पेपर से साफ करना चाहिए।
  • ज्यादा पाउडर लगाना मेकअप को भद्दा कर देता है।

आईशैडो –

Makeup items list in hindi

खूबसूरत आंखें किसे पसंद नहीं होती और आंखों का मेकअप आईशैडो से किया जाता है। ड्रेस के साथ मैचिंग आई मेकअप पसंद है तो कलर वाली आई शैडो पैलेट लें नहीं तो न्यूड शेड्स वाली लें। आंखों का मेकअप करने से आपके चेहरे में चार चांद लग जाते हैं।

आई शैडो लगाने से आपके आंखों की खूबसूरती तो बढ़ती है, साथ ही साथ देखने वाले को भी आप की ओर आकर्षित करती है।

 आई शैडो लगाने का सही तरीका

  • Eye shadow लगाने से पहले आई प्राइमर जरूर लगाएं जिससे आपका आईशैडो लंबे समय तक टिकेगा। और आईशैडो फेलेगा नहीं।
  •  इसके बाद कंसीलर लगाएं और ब्रश से अच्छी तरह ब्लेंड करें।
  •  फिर फेस पाउडर , लूज पाउडर या सेटिंग पाउडर लगाएं।
  •  फिर अपनी ड्रेस के हिसाब से आईशैडो का कलर चयन करें।
  •  इसके बाद दोनों आंखों के आईलीड्स पर ब्रश की मदद से अच्छी तरह आईशैडो अप्लाई करें।

काजल –

Makeup kit items list

आई लाइनर से भी ज्यादा जरूरी है काजल जिसे रोज इस्तेमाल किया जाता है। कम से कम 2 काजल किट में रखें। 

आंखों की खूबसूरती बढ़ाए बिना मेकअप खूबसूरत नहीं लगता। इसके लिए हमें आंखों का मेकअप करना जरूरी होता है और आखों के मेकअप के लिए हम काजल को कैसे भूल सकते हैं।

 काजल लगाने का सही तरीका

  •  सबसे पहले आंखों को अच्छी तरह से धो ले इसके बाद कंसीलर, फाउंडेशन लगाना चाहिए इससे आपकी आंखों के नीचे के डार्क सर्कल छुप जाते हैं।
  • फिर मेकअप प्राइमर लगाना चाहिए इससे काजल आंखों में फैलता नहीं है ।
  •  इसके बाद अपनी पसंद के हिसाब का काजल सिलेक्ट करना चाहिए।  जैसे कि वाटरप्रूफ या स्मजप्रूफ काजल।
  •  धीरे-धीरे काजल को अच्छी तरह लगाएं।
  •  काजल लंबे समय तक टिके इसके लिए आपको दोबारा एक परत और लगाना चाहिए।
  •  इसके बाद उंगली से या ब्रश की मदद से हल्का-हल्का काजल फैला लीजिए इसे स्मज करना कहते हैं।
  •  और फिर अंत में हल्का सा फेस पाउडर लगा लीजिए।

सनस्क्रीन –

Makeup kit items

मेकअप किट में सनस्क्रीन बहुत जरूरी है। कई बार धूप में आने-जाने से स्किन टैन हो जाती है। ऐसे में एक अच्छा सनस्क्रीन जो त्वचा को खतरनाक अल्ट्रावायलेट किरणों से और सीधी धूप से बचाता है और त्वचा को प्रोटेक्ट करता है। ( makeup saman ki list in hindi)

सनस्क्रीन लगाने का सही तरीका

  • अपनी त्वचा की प्रकृति के हिसाब से ही सामने स्क्रीन का यूज़ करें।
  • सांवले लोग माइक्रोनाइज्ड फार्मूले वाला सनस्क्रीन उपयोग  करना चाहिए।
  • सनस्क्रीन लगाने से पहले मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए और इसके 30 मिनट बाद ही सनस्क्रीन लगाना चाहिए।
  • अगर आप सनस्क्रीन लगाने के तुरंत बाद बाहर जाने की सोच रहे है तो ऐसा नहीं करना चाहिए कुछ देर रुकने के बाद ही बाहर निकले।
  • थोड़ी देर रुकने से सनस्क्रीन आपकी त्वचा पर यूवी प्रोटेक्शन वाली लेयर बना लेता है।

मस्करा –

Cosmetic items list

पलकों को बेहतरीन शेप देने के लिए मसकारा बहुत जरूरी है, इसलिए इसे मेकअप किट में जरूर शामिल करें। मस्कारा लगाने से पलके खूबसूरत घणी और बड़ी नजर आती है। मस्करा लगाने से पलके आकर्षक दिखाई देती हैं।

मस्कारा लगाने का सही तरीका

  • सबसे पहले मॉइश्चराइजर, प्राइमर  उसके बाद ड्रेस मैचिंग आईशैडो लगाए।
  • आई लाइनर से आंखों की फिनिसिंग अच्छे से करें।
  • अपनी पसंद के हिसाब से मस्करा का चयन करें। काले रंग का मस्करा आंखों को चमकदार और ट्रेंडी लुक देता है।
  • अगर आप चाहते हैं कि आपने जो मस्करा लगाया है, वह मेकअप के साथ ज्यादा देर तक टिके। तो आप वाटरप्रूफ मस्कारा का उपयोग कर सकते है।
  • अगर आप रोजाना मस्करा का उपयोग करते हैं तो फिर वाटरप्रूफ मस्कारा ना लगाएं इससे पंलको को नुकसान होता है।
  • मस्कारा लगाने से पहले आंखों को कर्ल लिजिए कर लीजिए।
  • इसके बाद ब्रश की मदद से धीरे-धीरे मस्करा को लगाएं।और अच्छा लुक पाने के लिए इसे दोबारा अप्लाई करें।
  • अगर आपकी आंखों में किसी प्रकार की एलर्जी की समस्या हो तो भूल कर भी मस्कारा ना लगाएं।
  • अगर आंखों में आप लेंस पहनती है तो मस्करा लगाने से पहले लेंस पहन लें।

आई लाइनर –

travelling me kya kya saman chahiye

इसके बिना आई मेकअप अधूरा है। आप आंखों पर कुछ और करें या ना करें लेकिन अकेला आई लाइनर ही आंखो का लुक बदल सकता है।

आई लाइनर लगाने का सही तरीका

  • अपनी उंगलियों के द्वारा आइब्रो को ऊपर चढ़ाए।
  • इसके बाद आंखों की अपनी पलकों पर डॉट लगा कर लाइन को पूरा करें।
  • आई लाइनर ज्यादा मोटा नहीं लगाना चाहिए।
  • हमेशा अच्छी क्वालिटी का आई लाइनर ही प्रयोग करें ।
  • निचली पलकों पर अगर मस्करा लगाते हो तो आई लाइनर नहीं लगाना चाहिए ।
  • आई लाइनर लगाने के बाद अपनी आंखों के दूसरे मेकअप को पूरा कर सकते हैं।

आइब्रो पेंसिल –

Makeup items for bridal

आइब्रो पेंसिल हमारी आइब्रो को गहरा बनाने में मदद करती है । इसकी सहायता से हम हल्की से हल्की या छोटी आइब्रो को डार्क और बड़ा बना सकते हैंं। जो चेहरे के अनुसार किया जाता है । आइब्रो पेंसिल आंखों को परफेक्ट लुक देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

मेकअप करते समय आप अपनी आइब्रोज का जरूर ख्याल रखें आप हमेशा अपनी आइब्रोज को यदि डार्क है तो उसे ना छेड़े और यदि लाइट है। तो आइब्रो पेंसिल की मदद से उससे डार्क करें ।

आइब्रो  पेंसिल के इस्तेमाल का सही तरीका

  • सबसे पहले अपने चेहरे को धो लीजिए ,इसके बाद आइब्रो के बालों को ऊपर की ओर ब्रश करें।
  • आइब्रो पेंसिल की मदद से अपने आइब्रो के एरिया को डिफाइन करें।
  • इस आइब्रो पेंसिल की मदद से आइब्रो के खाली स्थान को भर सकते हैं।
  • याद रहे आइब्रो पेंसिल को हमेशा हल्के हाथों से चलाना चाहिए।
  • और सबसे अंत में आइब्रो के बालों को ऊपर की ओर करके छोड़ देना चाहिए।

आईलैशेस –

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आजकल आईलैशेस का नया ट्रेंड इन दिनों मार्केट में खूब चला है। तरह-तरह की आईलैशेस मार्केट में उपलब्ध है जिन्हें ग्लू की सहायता से लगाया जाता है। यह आपकी आंखों को बिल्कुल नया लुक दे देती हैं और बहुत ही सुंदर बना देती है।

आईलैशेस लगाने का सही तरीका

  • सबसे पहले अपनी आंखों की पलकों को अच्छी तरह से साफ कर ले ।
  • इसके बाद आईलैशेस ग्लू की मदद से सावधानी पूर्वक आईलैशेस को लगाएं।
  • अपनी आंखों की पलकों के ठीक ऊपर आईलैशेस को लगाने के बाद थोड़ी देर सूखने के लिए रुके ।
  • इसी तरह से दूसरी आंख पर भी आईलैशेस लगाएं ।
  • नकली कथा असली आईलैशेस के बीच को गेप को भरने के लिए आई लाइनर का उपयोग कर सकते हैं।

लिपस्टिक –

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Lipstick के बिना मेकअप अधूरा है और इस बात को सभी महिलाएं अच्छी तरह से जानती हैं। लाइट से लेकर डार्क हर तरह की लिपस्टिक रखें।

कोशिश करें सारी मैट हों। 5 से 6 लिपस्टिक रखें। कम से कम मेकअप प्रोडक्ट है लेकिन लिपस्टिक पास में है। तो भी आपका मेकअप परफेक्ट लुक दे सकता है ।

लिपस्टिक लगाने का सही तरीका 

  • सबसे पहले लिप बाम या लिप प्राइमर लगा लीजिए जिससे आपका लिपस्टिक ज्यादा देर तक दिखेगा। लिप प्राइमर लगाने से होठों का सूखापन दूर होता है ।
  • होठों का कालापन  दूर करने के लिए कंसीलर का उपयोग करें जिससे की लिपस्टिक का कलर अच्छे से दिखेगा।
  • होंटों का शेप ना बिगड़े और लिपस्टिक होठो से बाहर न फैले इसके लिए लिप लाइनर का उपयोग करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि लिप लाइनर आपके लिपस्टिक के कलर का ही होना चाहिए।
  • इसके बाद ब्रश की मदद से धीरे-धीरे लिपस्टिक को लगाएं।
  • लिप लाइनर के बगैर भी उंगलियों की मदद से लिपस्टिक लगा सकते हैं।
  • इसके बाद होठों के आसपास फैलि लिपस्टिक को अच्छे से साफ कर ले।
  • हमेशा एक्सपायरी डेट देख कर ही लिपस्टिक खरीदे और अच्छी ब्रांड का लिपस्टिक  उपयोग करें नहीं तो आपके होठों को नुकसान भी हो सकता है।

लिप लाइनर –

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अगर लिपस्टिक लगाने में दिक्कत होती है तो सभी लिपस्टिक के हिसाब से 2 कॉमन कलर के लिप लाइनर रखें। लिप लाइनर की मदद से हम लिपस्टिक को फैलने से रोक सकते हैं। जिससे कि लिपस्टिक का लुक अच्छा नजर आता है।

ग्लिटर –

लिपस्टिक को खूबसूरत दिखाने के लिए तथा साइन करवाने के लिए आप ग्लिटर का इस्तेमाल कर सकती हैं । ग्लिटर  लगाने से लिपस्टिक कलर डार्क और अच्छा दिखाई देता है।

कंटूरिंग पाउडर –

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कंटूरिंग पाउडर का इस्तेमाल आपकी फेस कटिंग के लिए किया जाता हैै। किसी का फेस भरा हो और उसे पतला दिखाने के लिए कंटूरिंग की जाती है।

तथा किसी का पतला फेस हो तो उसे भी सेट करने के लिए कंटूरिंग का इस्तेमाल किया जाता है ।

कंटूरिंग पाउडर का इस्तेमाल मेकअप आर्टिस्ट भी करते हैं। कंटूरिंग की मदद से चेहरे की रूपरेखा को निखारा जाता है। 

कंटूरिंग पाउडर लगाने का सही तरीका

  • सही ब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए ,जैसे फैन ब्रश आईशैडो ब्रश आदि।
  • कंटूरिंग करने से पहलेअपने पसंदीदा कलर का हाइलाइटर लगाना चाहिए।
  • इसके बाद कंटूरिंग ब्रश की मदद से हल्के हाथों से इसे अप्लाई करना चाहिए।

ब्यूटी ब्लेंडर –

ब्यूटी ब्लेंडर मेकअप में बेस्ट सेट करने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता हैै। ब्यूटी ब्लेंडर से आप फाउंडेशन तथा कंसीलर को अच्छे से अपने फेस में मर्ज कर सकती है ।

जिससे यह सारे फाउंडेशन और कंसीलर को आपकी स्किन के अंदर ब्लेंड कर देता है और आपकी स्किन को इवन टोन देता है।

हाइलाइटर –

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हाइलाइटर की मदद से आप अपने फेस के हाई पॉइन्ट को एक्पोज कर सकती हैं। अगर आपको मेकअप में चीकबोन्स को हाइलाइट करना पसंद है, तो हाइलाइट इसके लिए एकदम बढिय़ा मेकअप का सामान है।

हाइलाइट एक पाउडर की तरह होता है, जो आपके मेकअप को डेप्थ देकर चीकबोन्स को हाइलाइट करता है, जिससे आपका फेस फोटोजेनिक दिखाई देता है।

नेल पेंट –

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खूबसूरत नाखून हैं लेकिन उनकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं नेल पेंट यानि नेल पॉलिश। अच्छी कंपनी के और अच्छे कलर वाले 2-3 नेल पेंट अपनी मेकअप किट में शामिल करें।

मेकअप रिमूवर –

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यह वह ब्यूटी प्रोडक्ट है जो मेकअप को हटाने में हमारी मदद करता है। यह हमारे चेहरे के रोम छिद्र को साफ करके पूरी तरह से मेकअप हटाता है। जिससे हमारे फेस पर मेकअप द्वारा कोई साइड इफेक्ट नहीं हो और चेहरा पूरी तरह से साफ हो सके।

मेकअप फिक्सर –

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Makeup को लांग लास्टिंग बनाने के लिए आपकी मेकअप किट में मेकअप सेटिंग स्प्रे होना बेहद जरूरी है। यह आपके मेकअप को एक ही जगह पर लंबे समय तक टिकाए रखता है।

सूखा या फिर लिक्विड, जिस तरह का भी आप पसंद करें, वह सिन्दूर रख लें। (makeup saman ki list in hindi)

बिंदी -अलग अलग साइज़ और डिजाईन के बिंदी के 4-5 पत्ते रख लें। अगर बिंदी लगाना नहीं पसंद फिर भी एक पैकेट रख लें।

आपको ये सभी सामान कैसे यूज़ करना है किस प्रोडक्ट को कब अप्लाई करना है। इन सभी की अच्छी जानकारी के लिए यूट्यूब पर बहुत सारे वीडियो मिल जाएंगे। आप जिस भी प्रोडक्ट को यूज़ करना सीखना चाहते हैं उसके बारे में यूट्यूब से वीडियो देखकर सीख सकते हैं।

हिंदी में मेकअप सामान ।

Makeup saman ki list in hindi

मेकअप सामान का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

चेहरे को साफ करें: सबसे पहले अपने चेहरे को धो लें और एक टोनर या मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। धोने के बाद अपने चेहरे को अच्छी तरह से सूखने दें।

फाउंडेशन का उपयोग करें: एक अच्छा फाउंडेशन चेहरे के दाग धब्बों को छिपाने और आईटीम्स को एकसमान रंग देने में मदद करता है। फाउंडेशन को अपने उँगलियों या ब्लेंडिंग स्पंज का उपयोग करके चेहरे पर एक समान तरीके से लगाएं।

कंसीलर का उपयोग करें: कंसीलर को चेहरे के निम्नलिखित हिस्सों पर लगाया जाता है: अंदरूनी कोनों, नाक के बाएं-दाएं पक्ष, चेहरे के नुक्कड़, आँख के नीचे के काले घेरे और अन्य चेहरे के अंगों के दाग धब्बों को छिपाने के लिए।

कम्पैक्ट पाउडर का उपयोग करें: कम्पैक्ट पाउडर चेहरे को सेट करने और उसमें मैट फिनिश प्रदान करने में मदद करता है।

यहां मेकअप सामान की एक सामान्य सूची है:

  • कम्पैक्ट पाउडर
  • ब्रो पेंसिल या पाउडर
  • आईशैडो और आईलाइनर
  • मेकअप रिमूवर
  • मेकअप स्प्रे

यह सूची कुछ सामान्य मेकअप उत्पादों को शामिल करती है जो अधिकांश महिलाओं द्वारा उपयोग किए जाते हैं। हालांकि, आपके व्यक्तिगत आवश्यकताओं और पसंदों के आधार पर आपको अलग-अलग उत्पादों की आवश्यकता हो सकती है।

आपको हमारी यह जानकारी मेकअप सामान की लिस्ट। makeup saman ki list in hindi कैसी लगी कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में बतांइए।

जरूर पढ़े – 1. गोल्ड लोन क्या है इन हिंदी                                          2. पर्सनल लोन क्या होता है पूरी जानकारी

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Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? | शेयर खरीदते समय क्या ध्यान रखें?

Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए | शेयर खरीदते समय क्या ध्यान रखें | शेयर में निवेश करते वक्त कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए | Important key factors to check before buying a stock | What should we check before buying stocks

शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने वाले हर एक निवेशक के मन में एक बार यह सवाल जरूर आता है कि आखिर एक अच्छा मजबूत शेयर खरीदने से पहले क्या करना चाहिए?

वह कौन कौन से फैक्टर्स हैं जो किसी शेयर को लेने से पहले आपको देखना चाहिए?

क्योंकि किसी भी स्टॉक को खरीदते समय सिर्फ उसका शेयर प्राइस देखना ही काफी नहीं होता है बल्कि उस कंपनी के बारे में अन्य चीजों को भी पता करना पड़ता है

जिससे कि आपका पैसा एक सुरक्षित कंपनी में इन्वेस्ट हो.

इसीलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आप किसी भी शेयर को खरीदने से पहले एक प्रॉपर चेक लिस्ट को फॉलो करें और उसी के आधार पर शेयर खरीदने का निर्णय करें.

तो आज मैं इस पोस्ट में आपको एक कंपलीट चेकलिस्ट देने वाला हूं जिसमें दिए गए पॉइंट पर आप किसी भी शेयर को खरीदने से पहले विचार कर सकते हैं.

मैं वादा करता हूं अगर आपने किसी भी शेयर को खरीदने से पहले इस पोस्ट में दिए गए सभी पॉइंट पर ध्यान दिया तो आप एक High return giving मल्टीबैगर stock आसानी से ढूंढ सकते हैं.

अब चलिए आगे बढ़ते हैं―

इस पोस्ट में आप जानेंगे-

Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए?

जैसा कि मैं किसी भी शेयर को खरीदने से पहले आपको हमेशा बताता हूं कि आप केवल शेयर में निवेश नहीं कर रहे हैं बल्कि शेयर के जरिए उस कंपनी में निवेश कर रहे हैं जो कि कोई ना कोई बिजनेस करती है.

इसका मतलब है कि आपका पैसा तभी बढ़ेगा जब कंपनी का बिजनेस बढ़ेगा.

याद रखिए मैं यहां पर ट्रेडर्स की नही बल्कि इन्वेस्टर्स की बात कर रहा हूं क्योंकि जो लोग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं उन्हें किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना पड़ता है ना कि फंडामेंटल एनालिसिस.

तो अगर आप एक ट्रेडर हैं और केवल इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग करके पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको शेयर के चार्ट पैटर्न्स और टेक्निकल एनालिसिस को सीखना होगा।

लेकिन अगर आप एक लंबी रेस के घोड़े हैं मतलब लॉन्ग टर्म निवेशक हैं मतलब इन्वेस्टर हैं तो आपको शेयर खरीदते समय नीचे दी गई चेकलिस्ट को फॉलो करना चाहिए.

ये भी पढ़े ―

  • शेयर कैसे खरीदें और बेचे?
  • शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए?

शेयर खरीदते समय क्या ध्यान रखें?

(What factors to consider when buying stock India in Hindi)

यह checklist आपको बताएगी की किसी भी शेयर को खरीदने से पहले कौन-कौन से फैक्टर्स आपको देखना चाहिए तो आइए एक एक करके सभी पॉइंट को जान लेते हैं―

1. कंपनी का बिजनेस मॉडल समझने की कोशिश करें

बिजनेस मॉडल का मतलब होता है कि कंपनी पैसा कैसे कमाती है. किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले आपको उसका बिजनेस मॉडल जरूर पता होना चाहिए क्योंकि जब कंपनी मार्केट में अपना कोई नया प्रोडक्ट या सर्विस लॉन्च करती है तो उसके शेयर का दाम काफी ऊपर नीचे होता है.

और उस समय पर आपको समझ नहीं आता है कि ऐसा क्यों हो रहा है लेकिन अगर आपको कंपनी का बिजनेस मॉडल पता होगा तो आपको कोई आश्चर्य नहीं होगा।

इसके अलावा जब कंपनी अपने क्वार्टरली रिजल्ट हर 3 महीने में घोषित करती है तो उसमें सेल्स और रिवेन्यू के बारे में बताया जाता है और उसके आधार पर ही इन्वेस्टर शेयर को खरीदने और बेचने का निर्णय लेते हैं।

और अगर आप मुझसे पूछें तो मैं आपसे साफ-साफ कहूंगा कि हर कंपनी के शेयर की कीमत ज्यादातर उसके क्वार्टरली रिजल्ट पर ही निर्भर करती है ना केवल क्वार्टरली बल्कि Annualy यानी वार्षिक रिजल्ट पर भी।

मान लीजिए अगर कंपनी साल दर साल अच्छा प्रॉफिट दिखाती है तो ऑटोमेटिक ही इन्वेस्टर उस शेयर को खरीदेंगे जिससे उसका शेयर प्राइस ऊपर जाएगा।

लेकिन अगर कंपनी बिजनेस ही नहीं कर पाती है या उसके प्रोडक्ट में ही कोई खामी या कमी है तो अंत में कंपनी का शेयर प्राइस नीचे ही जाएगा।

  • शेयर का प्राइस ऊपर नीचे कैसे होता है?
  • शेयर मार्केट कैसे काम करता है?

जैसे मान लीजिए अगर आपने एशियन पेंट कंपनी में निवेश किया है तो आप ऊपर ऊपर से तो जानते हैं कि यह कंपनी पेंट बेचती है और केमिकल इंडस्ट्री में काम करती हैं

लेकिन साथ ही साथ आपको एशियन पेंट ही नहीं बल्कि हर एक कंपनी के शेयर को खरीदने से पहले उसके बारे में ये कुछ जरूरी चीजें भी पता करने की कोशिश करनी चाहिए कि―

  • और कौन कौन से प्रोडक्ट यह कंपनी बेचती है?
  • सबसे ज्यादा मार्जन किस प्रोडक्ट में होता है?
  • कौन सा प्रोडक्ट उस इंडस्ट्री में नंबर वन है?
  • सरकार की कौन-कौन सी नीतियां कंपनी को इफेक्ट कर सकती हैं ( इसका पता आपको कंपनी की पास्ट हिस्ट्री और रिकॉर्ड देखने से चलेगा )
  • अपने कंपीटीटर्स के मुकाबले कंपनी की ग्रोथ कैसी है?
  • क्या वह कंसिस्टेंट तरीके से बिजनेस कर पा रही है?
  • कंपनी को नया प्रोडक्ट लॉन्च करने में कौन-कौन सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है?
  • क्या आपने जिस कंपनी का शेयर खरीदा है उसका
  • बिजनेस मॉडल कोई अन्य कंपनी कॉपी कर सकती है?
  • सेक्टर में नंबर वन कंपनी कौन सी है और क्यों है?

इसके अलावा भी बहुत सारी चीजें हैं जो आपको एक कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले देखना चाहिए और इन सभी के बारे में आपको तभी पता चलेगा जब आप उस कंपनी के बिजनेस मॉडल के बारे में पता करेंगे।

इसलिए किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले उसका बिजनेस मॉडल जरुर चेक कर लें।

  • शेयर मार्केट कैसे सीखे– Step by step
  • जानिए आज कौन से शेयर में निवेश करें (5 बेस्ट stocks)

चलिए अब दूसरा पॉइंट जान लेते हैं―

2. कंपनी पर कर्ज ज्यादा नहीं होना चाहिए

अगर आप थोड़ा बहुत गूगल पर सर्च करेंगे तो आपको ऐसी बहुत सारी कंपनियों के उदाहरण मिल जाएंगे जिन्होंने ज्यादा कर्ज ले लिया और उसे ना चुका पाने की वजह से वह डूब गई और इन्वेस्टर्स का पैसा भी डूब गया।

ऐसी कंपनियों में जो लोग पैसा लगाते हैं जिन पर कर्ज बहुत ज्यादा होता है वह खुद को ही रिस्क में डालते हैं.

लेकिन क्या किसी कंपनी के लिए कर्ज लेना बुरी बात है?

  • कर्ज लेना बुरी बात नहीं है. लेकिन अगर वह debt या कर्ज सही जगह पर इन्वेस्ट नहीं किया जाए तो यह गलत है।

कहने का मतलब है कि अगर किसी कंपनी ने बैंक से या अन्य किसी बड़े इन्वेस्टर से प्रोडक्ट बनाने के लिए कोई लोन लिया और कर्ज मिल जाने के बाद वह कंपनी नया प्रोडक्ट बनाने के बजाय उसे मार्केटिंग पर खर्च करती है तो यह सही नहीं होता है।

क्योंकि जिस उद्देश्य के लिए कंपनी कर्ज लेती है सिर्फ उसी उद्देश्य को पूरा करना चाहिए ना कि अपनी अन्य जरूरतों को.

हां कोई कंपनी अपनी जरूरतों को तब पूरा कर सकती है जब उसके पास एक्स्ट्रा कैश पडा हो मतलब अगर कंपनी के पास Reserve and surplus में बहुत सारा कैश बचा है तो कंपनी अपने अन्य खर्चों को इस पैसे से पूरा कर सकती है।

Reserve and surplus के बारे में आपको कंपनी की बैलेंस शीट में पता चल जाएगा।

देखिए यहां पर मैं आपको केवल डायरेक्शन दे रहा हूं. कौन सा शेयर खरीदना है यह काम आपका है और ध्यान रखें कि अगर कोई आपको किसी शेयर को खरीदने के लिए बोल रहा है तो एक बार उस कंपनी पर थोड़ा बहुत खुद से रिसर्च जरूर कर ले।

  • शेयर मार्केट में नुकसान क्यों होता है?
  • शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

चलिए अगले पॉइंट पर बढ़ते हैं―

3. बैलेंस शीट और फाइनेंसियल हेल्थ यानी फंडामेंटल देखें

कंपनी के फंडामेंटल और बैलेंस शीट पढ़ने से आपको उसकी फाइनेंशियल हेल्थ यानी वित्तीय स्थिति का पता लगता है.

बैलेंस शीट में आपको कंपनी के पास कितना cash है यह तो पता चलता ही है साथ ही साथ कंपनी के पास कितने असेट्स ओर लायबिलिटीज हैं इसकी जानकारी भी बैलेंस शीट में दी गई होती है।

इसीलिए किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने से पहले उसकी बैलेंस शीट और फंडामेंटल जरूर चेक करें।

ये भी पढ़ें ―

  • एक दिन पहले ही कैसे पता करें किस शेयर का price ऊपर जा सकता है?
  • कल निफ्टी बढ़ेगा या गिरेगा ― कैसे पता करें?

4. चेक करो कि कंपनी कितनी पुरानी है

कंपनी जितनी पुरानी होगी उसके पास एक्सपीरियंस भी उतना ही ज्यादा होगा। उदाहरण के लिए अगर आप बजाज ग्रुप या टाटा ग्रुप की किसी कंपनी के share में निवेश करते हैं तो अच्छा रिटर्न कमाने के चांसेस बहुत ज्यादा होंगे

ऐसा इसलिए क्योंकि टाटा और बजाज ग्रुप का एक्सपीरियंस मार्केट में बहुत लंबे समय से है जिसके दौरान इन्होंने बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं और उनसे सीखा भी है।

जबकि एक नई कंपनी ने बहुत सारी मुसीबतों का सामना नहीं किया होता है जिसके कारण उसे बिजनेस चलाने का एक्सपीरियंस कम होता है।

इसीलिए आपको नई कंपनी के बजाय ऐसी कंपनी के शेयर में पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए जो मार्केट में कई सालों से बिजनेस कर रही हो।

5. सर्किट लगने वाले शेयरों में निवेश नहीं करना चाहिए

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको सर्किट के बारे में तो पता ही होगा।

सामान्यतः किसी stock में 5%, 10%, 15% या 20% के अपर सर्किट या लोअर सर्किट लगते हैं लेकिन यह सभी स्टॉक्स में नहीं बल्कि अधिकतर पेनी स्टॉक्स में ही लगते हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि छोटे या सस्ते शेयर को कोई भी बड़ा इन्वेस्टर आसानी से manupulate कर सकता है मतलब उसमें बहुत सारा पैसा एक साथ निवेश करके अचानक से इसमें तेजी ला सकता है।

इस प्रकार छोटे रिटेल निवेशकों को लगेगा कि उसका शेयर प्राइस बढ़ रहा है तो उन्हें भी पैसा इन्वेस्ट कर देना चाहिए और इस प्रकार बहुत सारे नए लोग ऐसी ऑपरेटर स्टॉक्स का शिकार बन जाते हैं।

और 1 पॉइंट ऐसा आता है जब ऑपरेटर यानी जिसने पैसा शुरुआत में लगाया था वह देखता है कि उसके शेयर का प्राइस काफी ज्यादा बढ़ चुका है तो वह अपने खरीदे गए सारे शेयर एक ही बार में बेच देता है

अब चूंकि उसके पास सबसे ज्यादा शेयर थे और कंपनी बहुत छोटी थी इसीलिए उस शेयर में लोअर सर्किट लगना शुरू हो जाते हैं।

यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर उस स्टॉक में सर्किट की प्रक्रिया नहीं होती तो ऑपरेटर के अचानक स्टॉक बेचने की वजह से एक ही दिन में उस शेयर का प्राइस 500%, 1000% या इससे भी ज्यादा नीचे जा सकता था और इसीलिए छोटे शेयरों में सर्किट लगना काफी जरूरी होता है।

  • इसका एक और उदाहरण क्रिप्टो करेंसी है जिसमें सर्किट नहीं लगता है और इसीलिए उनका प्राइस एक ही दिन में 1000% से भी ज्यादा ऊपर या नीचे हो जाता है।

इसलिए मैं आप से कहता हूं कि आपको सर्किट लगने वाले शेयरों से दूर रहना चाहिए क्योंकि ऐसे शेयर काफी रिस्की होते हैं जिनमें एक बार पैसा लगा देने के बाद आप अपने खरीदे गए शेयर को बेच नहीं पाते हैं।

इसीलिए share को खरीदने से पहले उसमें सर्किट लगते हैं या नहीं यह पता जरूर करें।

  • स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?
  • क्या शेयर बाजार की भविष्यवाणी करना संभव है?

6. कंपनी के जरूरी फाइनेंसियल रेश्यो जरूर देखें

किसी शेयर की फंडामेंटल एनालिसिस करते समय हमें काफी सारे फाइनेंसियल रेश्यो को देखना पड़ता है जैसे―

  • PE Ratio (Price to earning ratio)
  • PB Ratio (Price to book value ratio)
  • Debt to Equity Ratio
  • Earning per share
  • Book value per share

इनके अलावा भी काफी सारे अनुपात हैं जो आपको फाइनेंशियल एनालिसिस करते वक्त देखना चाहिए. शेयर को खरीदने से पहले अगर आप इन सभी फाइनेंसियल रेश्यो को देखते हैं तो आपको पता चलेगा कि कंपनी की फाइनेंसियल स्थिति कैसी है.

मतलब कंपनी का बिजनेस कितना मजबूत है या फिर कंपनी बेवजह का दिखावा कर रही है। हर फाइनेंसियल रेश्यो का अलग इंपॉर्टेंस होता है जैसे कि― पीई रेश्यो (PE Ratio) बताता है कि कोई शेयर कितना महंगा है या सस्ता, डेट to इक्विटी ratio बताता है कि इक्विटी के मुकाबले कंपनी पर कर्ज ज्यादा है या कम.

तो याद रखिए किसी भी शेयर को खरीदने से पहले एक बार फाइनेंसियल अनुपात जरूर चैक करें.

जानिए PE Ratio क्या होता है और एक अच्छा पीई अनुपात कितना होना चाहिए?

7. मैनेजमेंट पर एक नजर जरूर डालें

शेयर खरीदने से पहले कंपनी का मैनेजमेंट एनालिसिस इंर्पोटेंट स्टेप होता है. आपको कंपनी के प्रमोटर्स और सीईओ के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करने चाहिए ताकि आपको पता चल सके कि कंपनी के टॉप लोग कितने सक्षम है.

  • अगर आप इंफोसिस के मालिक नारायणमूर्ति की बात करें तो उनका व्यक्तित्व सबको पता है कि वह काबिल बिजनेसमैन है.
  • इसी तरह विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी के बारे में भी लोगों की राय कुछ ऐसी ही है।
  • इसी प्रकार अगर मुकेश अंबानी कोई नई कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट करते हैं तो उसमें मैनेजमेंट एनालिसिस करने की जरूरत ही नहीं पड़ती क्योंकि अंबानी पर पहले से ही सबको भरोसा है।

लेकिन अगर कोई कंपनी ऐसी है जिसके मैनेजमेंट के बारे में आपको पता नहीं है तो आपको उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेना चाहिए क्योंकि यह वही लोग होते हैं जो किसी भी बिजनेस को सफल कर देते हैं या फिर उसे बर्बाद कर देते हैं।

फास्ट में ऐसा कई बार हुआ है कि कंपनी के फंडामेंटल, बैलेंस शीट और फाइनेंसियल रेश्यो तो बहुत अच्छे थे जिन्हें देखकर लोगों ने उन कंपनियों में पैसा इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया लेकिन मैनेजमेंट पर ध्यान नहीं दिया और कुछ समय बाद यह कंपनियां पैसा लेकर भाग गई।

जो कि मैनेजमेंट पर ध्यान ना देने की वजह से ऐसा हुआ था उदाहरण के लिए आप “ सत्यम scam ” के बारे में पढ़ सकते हैं।

8. उस कंपनी के सेक्टर और अपोनेंट बिजनेस की तुलना करें

कंपनी जिस इंडस्ट्री में काम करती है उस इंडस्ट्री के बारे में आपको थोड़ा बहुत पता होना चाहिए जैसे―

  • सेक्टर की लीडर कंपनी कौन सी है?
  • उस इंडस्ट्री में सबसे मजबूत शेयर किस कंपनी का है?
  • क्या कंपनी के पास कोई कंपटीशन एडवांटेज है जिसको अन्य कंपनी अप्लाई नहीं कर सकती।

उदाहरण के लिए; हिंदुस्तान युनिलीवर का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क ही उसका कंपटीशन एडवांटेज है क्योंकि किसी भी FMCG कंपनी के पास HUL जितना बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क नहीं है और इसीलिए आज हिंदुस्तान युनिलीवर के पास हजारों प्रोडक्ट हो चुके हैं

क्योंकि कोई भी नई कंपनी अगर अपने प्रोडक्ट को गांव के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहती है तो उसे बहुत बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क खड़ा करने की जरूरत होगी जबकि हिंदुस्तान युनिलीवर के पास वह पहले से ही है इसीलिए वह नई कंपनी अपना प्रोडक्ट हिंदुस्तान युनिलीवर को ही देना चाहेगी जिससे कि वह देश के कोने-कोने तक पहुंच पाए।

और इस प्रकार हिंदुस्तान युनिलीवर का यह कंपटीशन एडवांटेज कोई नहीं तोड़ सकता।

  • ठीक इसी प्रकार इंडियन रेलवे में IRCTC की मोनोपोली है यानी कि सरकार ने केवल IRCTC को ही रेलवे सर्विस देने की इजाजत दी है मतलब इनके कंपटीशन में और कोई कंपनी नहीं है।

इसी प्रकार बजाज फाइनेंस के पास उनका डाटा ही कंपटीशन एडवांटेज यानी Moat है जो किसी अन्य कंपनी के पास नहीं है और यही कारण है कि इंडिया में बजाज फाइनेंस ने अन्य मजबूत कंपनियों की अपेक्षा सबसे ज्यादा रिटर्न दिए हैं।

इसीलिए किसी भी शेयर को खरीदने से पहले आप उस कंपनी में यह जरूर देखें कि क्या उसके पास कोई ऐसा कंपटीशन एडवांटेज या प्रोटेक्शन है जो अन्य कंपनी अप्लाई नहीं कर सकती है।

अगर हां तो वह कंपनी फ्यूचर में अच्छी ग्रोथ दिखा सकती है। इसीलिए शेयर में निवेश करते वक्त कंपनी के सेक्टर और अपोनेंट की तुलना जरूर करें।

9. इनोवेटिव और ग्रोथ वाली कंपनी में ही निवेश करना चाहिए

ऐसे बहुत सारे उदाहरण हैं जिनमें कुछ बिजनेसेस ऐसे थे जो शुरुआत में तो बहुत अच्छा कर रहे थे लेकिन देखते ही देखते वह डूब गए।

और इनके फेल होने या डूबने का एक ही कारण था वह था इनोवेशन की कमी।

उदाहरण के लिए;

  • कोडक कैमरा भी इसीलिए फेल हुआ क्योंकि उन्होंने समय के साथ-साथ नई टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाया।
  • चेतक का स्कूटर जो इस समय पूरी मार्केट पर छा गया था आज उसका कहीं नामोनिशान नहीं है
  • जबकि हीरो स्कूटी survive कर गई क्योंकि उसने समय के साथ-साथ इनोवेशन किया।
  • एटलस साइकिल बनाने वाली कंपनी आज कहीं नहीं दिखती क्योंकि समय रहते इनोवेशन नहीं कर पाई।
  • HMT घड़ी जो किसी जमाने में सबसे आगे हुआ करती थी आज उसकी जगह टाइटन ने ले ली है जिसमें राकेश झुनझुनवाला ने सबसे ज्यादा इनवेस्टमेंट की हुई है।

एप्पल कंपनी का शेयर भी वारेन बुफे ने इसलिए खरीदा है क्योंकि यह कंपनी समय-समय पर नए-नए इनोवेशन करती रहती है जिससे इनकी ग्रोथ कभी भी रुकती नहीं है।

इसीलिए मैं आपको भी सुझाव देता हूं कि हमेशा इनोवेशन और ग्रोथ करने वाली कंपनियों में ही इन्वेस्ट करें ना कि उन कंपनियों में जो सिर्फ एक ही जैसा काम हमेशा से करती आ रही है।

  • शेयर बाजार के नियम  
  • शेयर खरीदने के नियम

10. भविष्य की योजनाओं के बारे में पता करें

जब आप कंपनी की भविष्य की योजनाओं पर नजर रखते हैं तो आपको उसके पोटेंशियल के बारे में पता चलता है।

उदाहरण के लिए ;

  • अगर टाटा मोटर कंपनी ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता ना दी होती तो शायद इसका शेयर प्राइस ऊपर नहीं जाता।

क्योंकि आपको भी पता है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल भविष्य में काफी बढ़ने वाली हैं और जो कंपनियां उनके प्रोडक्शन में काम कर रही हैं उन पर इन्वेस्टर्स की अच्छी खासी नजर है।

इसी तरह टाटा पावर के शेयर में भी तेजी तब आई जब रिन्यूएबल एनर्जी और सोलर पावर का क्रेज बढ़ा।

इसीलिए अगर आप भविष्य को देखकर किसी शेयर में निवेश करेंगे तो निश्चित ही अच्छे रिटर्न पाएंगे।

तो अगर किसी कंपनी का पोटेंशियल जानना है तो उसके भविष्य के प्लान पर नजर रखें मतलब किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उसकी भविष्य की योजनाओं पर एक नजर जरूर डालें।

  • भविष्य में बढ़ने वाले शेयर
  • भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2025 तक के लिए .

11. शेयर होल्डिंग पेटर्न जरूर चेक करें

आप शेयर होल्डिंग क्या है ये तो जानते ही होंगे मतलब किसी शेयर में किन- किन शेयरहोल्डर्स ने पैसा लगाया है उसे ही शेयर होल्डिंग कहते हैं।

अच्छे मजबूत शेयर में सबसे ज्यादा शेयर होल्डिंग कंपनी के प्रमोटर्स की होनी चाहिए।

मेरा मानना है कि कम से कम 40% शेयर होल्डिंग तो प्रमोटर्स की होनी ही चाहिए बल्कि उससे और ज्यादा होना चाहिए।

इसके अलावा आपको किसी विषय को खरीदने से पहले उसमें म्युचुअल फंड यानी कि DII (डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर) की होल्डिंग भी चेक करनी चाहिए.

साथ ही साथ विदेशी निवेशकों ने भी अगर उस शेयर में इन्वेस्ट किया है तो और भी अच्छा है।

  • कहने का मतलब यह है कि अगर कंपनी में प्रमोटर की होल्डिंग ज्यादा होगी तो लोगों का भरोसा उस कंपनी पर ज्यादा होगा क्योंकि सबसे ज्यादा शेयर उन लोगों के पास हैं जो बिजनेस को चला रहे हैं।

लेकिन अगर कंपनी के प्रमोटर्स ही अपनी शेयर होल्डिंग को कम कर रहे हैं या शेयर बेच रहे हैं तो खुद अपनी कंपनी पर ही भरोसा नहीं है।

मतलब जब प्रमोटर्स अपनी कंपनी के शेयर खुद बेचने लगे तो समझ जाइए कि कुछ ना कुछ गड़बड़ है और तुरंत उस शेयर से बाहर निकल जाइए।

  • म्यूच्यूअल फंड और विदेशी निवेशकों का पैसा अगर कंपनी में लगा हुआ है तो यह share की ग्रोथ के लिए एक अच्छा संकेत है क्योंकि उन्हें बिजनेस में कोई ना कोई पोटेंशियल दिखाए तभी बड़े-बड़े इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने अपना पैसा उस कंपनी में लगाया है।

इसलिए किसी भी शेयर को खरीदने से पहले शेयर होल्डिंग पेटर्न जरूर चेक करें।

12. कंपनी का साइज देखें

आपको पता है कंपनी का साइज उसकी मार्केट कैप से डिसाइड होता है मतलब;

  • अगर कंपनी 1000 करोड़ या 500 करोड़ से भी छोटी है तो उसे Micro cap बोलेंगे।
  • 1000 करोड़ से बड़ी है तो small cap और 30000 या 50000 करोड से बड़ी है तो mid cap कंपनी बोली जाएगी।
  • लेकिन अगर उसका साइज 1 लाख करोड़ से ज्यादा है तो वह लार्ज कैप कंपनी की कैटेगरी में आ जाती है जैसे; रिलायंस, Dmart, TCS, एशियन पेंट ( निफ्टी 50 की कंपनियां ) आदि।

जितनी छोटी कंपनी होगी उसमें रिस्क उतना ही ज्यादा होगा।

याद रखिए सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी और गिरावट दोनों के वक्त सबसे ज्यादा छोटी स्मॉल कैप कंपनियों के शेयर ही भागते हैं और गिरते हैं।

कुछ छोटी कंपनियां तो ऐसी होती हैं जो स्टॉक मार्केट में गिरावट के समय पूरी तरह से खत्म हो जाती हैं।

जबकि इसका विपरीत तेजी के वक्त कुछ पेनी शेयर बहुत कम समय में बहुत ज्यादा मुनाफा भी दे जाते हैं और उसके बाद ही लाइमलाइट में आते हैं मतलब पॉपुलर हो जाते हैं।

इसीलिए किसी भी शेयर में पैसा निवेश करने से पहले कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी कंपनी कितनी बड़ी है यह जरूर देखें।

13. डिविडेंड हिस्ट्री पर एक नजर डालें

शेयर मार्केट में लिस्टेड हर एक कंपनी डिविडेंड नहीं देती है केवल कुछ कंपनियां ही देती हैं।

डिविडेंड वह पैसा होता है जो कंपनियां अपने शेयर होल्डर को अपने मुनाफे के कुछ हिस्से में से बांटती हैं।

आपको क्या लगता है मुकेश अंबानी के महीने की सैलरी कितनी होगी.

जवाब है सिर्फ दो से तीन करोड़।

अब सवाल यह आता है कि इतनी कम सैलरी होने के बावजूद भी वह इंडिया के सबसे अमीर व्यक्ति कैसे हैं?

जवाब है डिविडेंड ।

  • आप सब जानते हैं कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का ज्यादातर हिस्सा यानी इक्विटी मुकेश अंबानी के पास ही है जो कि डिविडेंड के रूप में उन्हें हर महीने 1000 करोड़ से भी ज्यादा की इनकम देती है।

तो आज आपने यह भी सीखा कि कोई भी बड़ा व्यक्ति सिर्फ उसकी सैलरी से बड़ा नहीं होता है बल्कि वह डिविडेंड से बड़ा होता है।

अगर आप डिविडेंड के बारे में विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो यह पोस्ट पढ़िए― 

  • डिविडेंड क्या होता है और कैसे मिलता है? डिविडेंड की पूरी जानकारी (विस्तार से)

लेकिन अब सवाल यह आता है कि क्या आपको डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए या फिर बिना डिविडेंड देने वाली कंपनियों में।

  • क्योंकि गूगल जैसी बड़ी कंपनी है डिविडेंड नहीं देती है क्योंकि वह अपना सारा पैसा कंपनी की ग्रोथ में लगाना चाहती है तो जो मुनाफा आप डिविडेंड के तौर पर कमाते उससे कई गुना ज्यादा शेयर प्राइस की ग्रोथ से कमा लेंगे और यही बड़ी कंपनियों की सोच होती है।

इसीलिए आपने देखा होगा कि कुछ बड़ी सक्सेसफुल कंपनियां डिविडेंड नहीं देती हैं।

जबकि वहीं कुछ कंपनियां जो अच्छा खासा डिविडेंड देते हैं उनका शेयर प्राइस ग्रोथ ही नहीं करता है जैसे― ITC, Coal India, BPCL आदि।

इसलिए अगर आप डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं तो उसकी ग्रोथ पर नजर रखिए और साथ ही साथ उसकी डिविडेंड हिस्ट्री भी जरूर चेक करें।

शेयर में निवेश करने से पहले कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए?

इस पोस्ट में जो बातें मैंने बताई हैं अगर आप सभी को फॉलो करते हैं तो आप निश्चित ही एक अच्छा मजबूत खरीद पाएंगे भले ही उसका साइज छोटा ही क्यों ना हो लेकिन वह आपके पैसे पर इतना रिटर्न कमा कर देगी जो बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर नहीं दे पाएंगे।

बस शर्त यह है कि आपने ऊपर दी गई चेक लिस्ट को अच्छे से फॉलो किया हो।

शेयर को खरीदने से पहले क्या ध्यान रखना चाहिए?

Factors to consider when buying shares of a company ― आपने यह तो समझ लिया कि किसी share में पैसा लगाने से पहले आपको कुछ पॉइंट्स का ध्यान रखना जरूरी है जिनके बारे में ऊपर मैंने विस्तार से बताया है

लेकिन यहां पर मैं आपको शार्ट में बताने वाला हूं कि ऊपर दी गई चेकलिस्ट आपको पढ़ना क्यों जरूरी है―

यह चेक लिस्ट आपको क्या क्या बताएगी―

  • ये चेक लिस्ट आपको बताएगी कि किसी कंपनी में कितना पोटेंशियल है और वह भविष्य में कितनी ग्रोथ दिखा सकती है।
  • कंपनी का बिजनेस मॉडल समझने से आप शार्ट टर्म में शेयर के भाव में हो रहे उतार-चढ़ाव से घबराएंगे नहीं बल्कि अगर आपको कंपनी के बिजनेस पर भरोसा है तो शेयर का प्राइस कम होने पर उसे और ज्यादा खरीदेंगे।
  • शेयर होल्डिंग पेटर्न से आपको पता चलेगा कि कंपनी के प्रमोटर्स को अपनी कंपनी पर कितना भरोसा है और मैनेजमेंट एनालिसिस करने से आपको यह पता चलेगा कि कंपनी के प्रमोटर्स अपनी कंपनी को लेकर क्या vision रखते हैं मतलब उसे कितना आगे ले जाने के बारे में सोचते हैं।
  • डिविडेंड हिस्ट्री आपको बताएगी कि शुरुआत से लेकर अब तक कितनी बार कंपनी ने डिविडेंड दिया है और कितना दिया है।
  • भविष्य की योजनाओं पर नजर रखने से आपको कंपनी के फ्यूचर पोटेंशियल के बारे में पता चलता है।
  • सेक्टर और अपोनेंट की तुलना करने से आपको यह पता चलता है कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि कोई अन्य कंपनी आपके पोर्टफोलियो की कंपनी के बिजनेस मॉडल को कॉपी कर सकती है या उसको पीछे छोड़ सकती है।
  • इनोवेटिव कंपनी देखने का मतलब यह है कि समय-समय पर वह नए-नए इनोवेशन लाती रहे जिससे कि मार्केट में हो रहे बदलाव से वह हमेशा अपडेट रह सके क्योंकि आपको भी पता है कि टेक्नोलॉजी में कितनी तेजी से बदलाव हो रहा है और जो कंपनियां अपने आप को समय के साथ साथ बदलती हैं वही लंबे समय में बाजार में टिक पाती हैं।

FAQs (शेयर खरीदने से पहले क्या करना चाहिए)

किसी शेयर में पैसा लगाने से पहले क्या करना चाहिए.

किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले आपको बहुत सारी चीजें देखनी होती हैं जैसे कि कंपनी क्या करती है, उसके फंडामेंटल कैसे हैं, कितनी तेजी से ग्रोथ कर रही है, पिछले कुछ सालों में इन्वेस्टर्स का पैसा कितने गुना बढ़ा है और इसके अलावा भी बहुत सारी चीजें हैं जो एक शेयर को खरीदने से पहले आपको देखना चाहिए।

शेयर में निवेश करते वक्त कौन-कौन सी चीजों का ध्यान रखना चाहिए?

आप जिस शेयर में निवेश कर रहे हैं उसे खरीदने से पहले खुद से अपनी प्रॉपर एक चेक लिस्ट तैयार कीजिए जिसमे कुछ 10 से 12 पॉइंट को शामिल कीजिए और हर एक शेयर को खरीदने से पहले उसे फॉलो कीजिए आप इस पोस्ट में दी गई चेकलिस्ट को भी फॉलो कर सकते हैं।

कौन सा शेयर खरीदना चाहिए जो भविष्य में अच्छा मुनाफा कमा कर दे?

अगर आप ऐसा शेयर खरीदना चाहते हैं जो भविष्य में एक मल्टीबैगर स्टॉक बनकर सामने आए और अपने निवेशकों को मालामाल कर दे, तो आपको जितना ज्यादा हो सके कंपनी के फ्यूचर पोटेंशियल पर नजर रखना चाहिए और उस वक्त शेयर खरीदना चाहिए जब वह काफी कम कीमत पर (यानी कि इंटरिंसिक वैल्यू पर) मिल रहा हो।

शेयर खरीदने से पहले कौन कौन से फैक्टर्स ध्यान रखना चाहिए?

अगर आप मुझसे पूछें तो मैं जब भी किसी भी शेयर को खरीदता हूं तो ऊपर दिए गए सभी पॉइंट को फॉलो करता हूं जो मेरे खरीदे गए स्टॉक्स पर लॉन्ग टर्म में अच्छा मुनाफा कमा कर देते हैं, और मैं आपको भी इन्हीं फैक्टर्स को शेयर खरीदने से पहले ध्यान में रखने की सलाह देता हूं।

निष्कर्ष (Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए)

इस पोस्ट में मैंने आपको विस्तार से बताने की कोशिश की है कि एक अच्छा फंडामेंटली मजबूत Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए?

मैं गारंटी देता हूं अगर आपने ऊपर दी गई चेकलिस्ट को फॉलो किया तो आप शेयर मार्केट के इतने बड़े समुंदर में से गोल्डन फिश जरूर ढूंढ पाएंगे।

मतलब आप एक ऐसा मल्टीबैगर High Return giving stock ढूंढ पाएंगे जो भविष्य मल्टीबैगर बनेगा और आपको एक अमीर इन्वेस्टर बना देगा।

देखिए अच्छे शेयर को खरीदना बड़ी बात नहीं है लेकिन सही समय पर अच्छे शेयर को खरीदना बड़ी बात है मतलब अगर राकेश झुनझुनवाला ने उस समय टाइटन कंपनी के शेयर को ना खरीदा होता जब वह कंपनी बहुत छोटी थी तो शायद आज वह इंडिया के टॉप शेयर मार्केट इन्वेस्टर नहीं होते।

इसलिए मैं कह रहा हूं कि ऊपर दी गई चेक लिस्ट को फॉलो करके आप भी उस समय शेयर में निवेश कर पाएंगे जब कंपनी बहुत छोटी होगी क्योंकि तब आपको उसका पोटेंशियल पहले से ही नजर आ सकता है अगर आपने प्रॉपर सभी पॉइंट्स को फॉलो किया तो.

मैं उम्मीद करता हूं आपको ऊपर दी गई जानकारी से कुछ ना कुछ मदद जरूर मिली होगी।

ये भी पढ़ें–

  • शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने से पहले क्या देखना चाहिए?
  • डे ट्रेडिंग में पैसा लगाने से पहले क्या करना चाहिए?
  • शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाए?
  • How To Get Pregnant
  • Infertility
  • Pregnancy Week by Week
  • Second Pregnancy
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क्या गर्भावस्था में सफर (यात्रा) करना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Travel Karna

Vinita Pangeni

विनिता पंगेनी ने एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से मास कॉम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री हासिल की है। इन्होंने सबसे पहले एक कॉपी राइटर, उसके बाद पत्रकार, फिर संपादक के रूप में विभन्न मीडिया कंपनियों में कार... read full bio

क्या गर्भावस्था में सफर (यात्रा) करना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Travel Karna

Image: Shutterstock

गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का सबसे सुखद पल होता है। अगर आप इस दौरान यात्रा करने की योजना बना रही हैं, तो आपका चिंतित होना स्वाभाविक है। फिर चाहे आप बस, ट्रेन, हवाई जहाज या फिर बोट से सफर करें, अपने व होने वाले शिशु को लेकर चिंता रहती ही है। मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम इसी विषय से जुड़ी जानकारियां लेकर आए हैं। इस आर्टिकल के जरिए हम गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित यात्रा करने के टिप्स व सावधानियां बताएंगे।

गर्भावस्था में सफर (यात्रा) करना चाहिए या नहीं? | Pregnancy Me Travel Karna Chahiye Ya Nahi

गर्भवती महिलाएं पूरी तैयारी और योजना के साथ सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकती हैं (1) , लेकिन उन्हें कुछ स्थलों पर सफर करने से बचना चाहिए, जैसे कि संक्रमित क्षेत्र, प्रदूषित स्थान, ऊबड़-खाबड़ मार्ग आदि। साथ ही अपने और शिशु को सुरक्षित व स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर के द्वारा दिए गए सुझावों का पालन अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें यात्रा के संसाधनों के बारे में भी ध्यान रखना चाहिए (2) ।

गर्भावस्था के दौरान ऐसा समय भी आता है जब यात्रा नहीं करनी चाहिए, आइए जानते हैं इस बारे में।

गर्भावस्था के दौरान यात्रा कब नहीं की जाती है?

गर्भावस्था के शुरुआती और आखिरी के 3 महीनों के दौरान गर्भवती महिला को थकान, कमजोरी व जी-मिचलाना जैसी आम समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, इन महीनों में सफर करने से परहेज करना चाहिए। इस दौरान, ज्यादा यात्रा के चलते गर्भपात होने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, निम्न परिस्थितियों में भी यात्रा नहीं करनी चाहिए :

  • पेट में दर्द हो रहा हो, तो यात्रा नहीं करनी चाहिए।
  • सिर दर्द, बुखार या अन्य कोई बीमारी हो, तो भी यात्रा न करें।
  • ब्लीडिंग हो रही हो, तो भी यात्रा करना उचित नहीं होगा। इस अवस्था में तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं।
  • प्रेग्नेंसी से जुड़ी कोई भी समस्या हो, तो सफर का विचार दिमाग से निकाल दें और तुरंत ही अपने डॉक्टर को दिखाएं।

सड़क मार्ग से कैसे यात्रा करें, आइए जानते हैं।

गर्भावस्था के दौरान सड़क यात्रा के लिए टिप्स | Garbhavastha Me Road Yatra

गर्भावस्था के दौरान बस या कार से सड़क यात्रा करना तब सुरक्षित है, जब यात्रा के लिए कुछ सावधानियों का ध्यान रखा जाए, जैसे (3) , (4) :

1. यात्रा करने से पहले :

  • अपने डॉक्टर से जरूरी सलाह लें व उनके द्वारा बताई गई बातों को ध्यान में रखें।
  • यात्रा ज्यादा लंबी दूरी की नहीं होनी चाहिए। अगर लंबी यात्रा पर जाना जरूरी हो, तो रुक-रुक के यात्रा पूरी करें।
  • यह पता कर लें कि जिस मार्ग से आपको जाना है, वो मार्ग ऊबड़-खाबड़ व गड्ढों वाला नहीं होना चाहिए।
  • यात्रा के दौरान उपयोग में आने वाली सभी आवश्यक सामग्रियों को पहले से ही साथ में रख लें, जैसे कि पानी, दवाइयां व खाने-पीने का जरूरी सामान।
  • गर्भावस्था से जुड़े सभी दस्तावेजों को अपने साथ रखें।
  • किसी भी असंभावित घटना से बचने और आपात स्थिति में किसी से भी संपर्क करने के लिए मोबाइल इत्यादि को अपने साथ रखें।
  • आपातकाल में उपयोग करने के लिए डॉक्टर का नंबर हमेशा अपने साथ रखें।
  • यात्रा के पूर्व मेडिकल बीमा कराना बिल्कुल न भूलें।

2. यात्रा के दौरान :

  • गर्भावस्था में यात्रा के दौरान बाजार के बने हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें।
  • अगर कार में सफर कर रही हैं और आगे की सीट पर बैठ रही हैं, तो ज्यादा सिकुड़ कर न बैठें, अपनी सीट को पूरा फैला लें और पैर फैलाते हुए बैठें, जिससे आप आसानी से पैर हिला सकें।
  • सीट बेल्ट को पेट के ऊपर और नीचे की ओर लगाकर बैठें, साथ ही पीठ के पीछे तकिया अवश्य लगाएं।
  • अगर बस का सफर कर रही हैं, तो स्लिपर सीट ही बुक करें, जिससे उठने-बैठने और लेटने में ज्यादा परेशानी न हो।
  • प्रेगनेंसी में यात्रा के दौरान डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पानी पीते रहना चाहिए। साथ ही कुछ हेल्दी फूड का सेवन करना चाहिए।
  • गर्भावस्था में कार से लंबे सफर पर न जाएं। यात्रा के दौरान हर डेढ़ से दो घंटे में कार से उतर कर थोड़ा वॉक करें।

During the trip

3. किससे बचना है :

  • ऊबड़ खाबड़ रास्ते वाले मार्ग पर यात्रा न करें।
  • गर्भावस्था में यात्रा के दौरान तंग कपड़े न पहनें।
  • संभव हो तो ज्यादा लंबी यात्रा न करें।
  • ऐसा स्थान जहां संक्रमण होने का खतरा हो, वहां नहीं जाना चाहिए।

ट्रेन भी सफर करने के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। आइए, जानते हैं कैसे।

गर्भावस्था के दौरान ट्रेन यात्रा के लिए टिप्स | Garbhavastha Me Train Yatra

वैसे तो गर्भावस्था में ट्रेन का सफर अन्य संसाधनों कि अपेक्षा आसान होता है। ट्रेन में न तो बेक्र लगने का डर होता है और न ही ऊबड़-खाबड़ सड़क का। फिर भी प्रेग्नेंसी के दौरान रेल यात्रा के लिए कुछ सावधानियों पर गौर करना जरूरी है, जैसे :

  • हमेशा नीचे की ही बर्थ बुक करें, जो शौचालय से ज्यादा दूर न हो।
  • अपने साथ बैक सपोर्ट के लिए तकिया अवश्य रखें।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए रेल यात्रा में मिलने वाली विशेष सुविधाओं की जानकारी लेकर रखें।
  • भीड़ और किसी भी परेशानी से बचने के लिए समय से पूर्व स्टेशन पहुंचने की कोशिश करें।
  • यदि सफर लंबा है, तो एसी कोच में ही रिजर्वेशन करवाएं।
  • यात्रा करने के पूर्व लगने वाले टीकों को अवश्य लें। इससे आप यात्रा के दौरान होने वाले संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे।
  • कभी भी अकेले सफर न करें। हो सके तो किसी न किसी को अपने साथ सफर में ले कर जाएं।
  • डॉक्टर के साथ संपर्क में रहें।
  • ट्रेन में मिलने वाली खाद्य सामग्रियों से परहेज करें। आप अपने साथ लाया हुआ पौष्टिक भाेजन ही करें।
  • संभव हो सके तो फलों का ही सेवन करें और अपने साथ लेकर गए पानी को ही पिएं।
  • ट्रेन के डिब्बे के भीतर समय-समय पर धीरे-धीरे टहलती रहें। इससे शरीर में रक्त संचार बेहतर रहेगा।
  • लंबी दूरी की यात्रा के दौरान एक ही मुद्रा में बैठकर ज्यादा समय न बिताएं। अगर संभव हो तो अधिक समय लेटकर ही व्यतीत करें।
  • बार-बार नहीं झुकना चाहिए, इससे पेट पर दबाब पड़ता है।
  • भारी सामान को उठाने से बचें।
  • संक्रमित स्थान पर जाने से बचना चाहिए।

आइए, अब हवाई जहाज यात्रा के बारे में भी जानकारी ले लेते हैं।

गर्भावस्था के दौरान हवाई यात्रा के लिए टिप्स | Garbhavastha Me Hawai Yatra

कई महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दाैरान हवाई यात्रा सुरक्षित विकल्प हो सकती है, क्योंकि इसमें अचानक कोई हलचल नहीं होती है। फिर भी होने वाली किसी भी तरह की असुविधा से बचने के लिए हवाई यात्रा को कुछ सावधानियों के साथ परेशानी मुक्त बनाया जा सकता है (4) , (5) , (6) ।

  • अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद ही यात्रा करें।
  • अपने साथ जरूरी दवाइयां और मेडिकल किट जरूर रखें।
  • शौचालय के पास वाली सीट ही बुक करें, ताकि परेशानी का सामना न करना पड़े।
  • अपनी यात्रा बीमा के प्रिंट की जांच करें।
  • ढीले कपड़ों और आरामदायक जूतों का ही उपयोग करें।
  • गर्भावस्था के दौरान जरूरी दस्तावेजों को साथ रखें।
  • फ्लाइट बुक करते समय अपनी डिलीवरी डेट को ध्यान में रखें। ध्यान रहे कि गर्भावस्था के 36वें सप्ताह से पहले तक ही हवाई यात्रा करें।
  • कुछ एयरलाइंस गर्भवती महिलाओं को हवाई यात्रा के लिए निषेध करती हैं। इस परेशानी से बचने के लिए चिकित्सा प्रमाण साथ में रखें।
  • कोशिश करें कि यात्रा के दौरान अपने पैरों को फैला सकें और कुछ समय के अंतराल में हल्की-फल्की शारीरिक गतिविधियां करती रहें।
  • अपनी सीट बैल्ट को पेट के ऊपर और नीचे बांध कर रखें।
  • खूब पानी पिएं, ताकि डिहाइड्रेशन का खतरा न हो। रस आदि का सेवन करते रहने से लंबे सफर में खून के थक्के जमने का खतरा कम हो सकता है।
  • सांस लेने में असहजता और प्रकाश की कमी के दौरान फ्लाइट अटेंडेंट से संपर्क करें।
  • रक्त-संचार काे बेहतर रखने के लिए भी हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधियां करते रहें।
  • हवाई जहाज से उतरते समय अगर असहजता महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करें।
  • अधिक समय तक बिना किसी शारीरिक गतिविधि के न बैठी रहें।
  • गलियारे की सीट की बुकिंग न करें, अन्यथा निकलने वाले यात्रियों के आने-जाने से परेशानी हो सकती है।
  • अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले छोटे जहाजों में सफर करने से बचें।
  • कम दवाब वाले केबिन वाले हवाई जहाजों में टिकट बुक न करें।
  • हवाई यात्रा के दौरान किसी भी ऐसी चीज का सेवन न करें, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।

सड़क, रेल और हवाई यात्रा के बाद अब बात समुद्री यात्रा की।

गर्भावस्था के दौरान समुद्री यात्रा के लिए टिप्स | Garbhavastha Me Sea Yatra

अधिकांश समुद्री जहाज गर्भावस्था के 28वें सप्ताह के बाद की यात्रा को प्रतिबंधित करते हैं और कुछ 24वें सप्ताह के शुरुआती समय से ही गर्भवती महिला को यात्रा करने से मना कर देते हैं। समुद्री यात्रा के दौरान गर्भवती महिला को डॉक्टर के नोट की जरूरत पड़ सकती है, जिसमें डिलीवरी की अनुमानित तारीख के साथ प्रमाणित हो कि वह यात्रा करने के लिए फिट हैं। आइए जानते हैं समुद्री यात्रा से जुड़ी आवश्यक जानकारियां (7) :

  • गर्भावस्था में यात्रा पर जाने से पहले, अपने डॉक्टर से सलाह लें।
  • जहाज में यात्रा के दौरान मतली आदि की समस्या हो सकती है। उससे बचने के लिए दवाइयों को जरूर साथ में रखें।
  • घर के बने हुए खाद्य पदार्थ ही सेवन के लिए अपने साथ में रखें।
  • समुद्री यात्रा से पहले डॉक्टर से सभी जांच करवा लें।
  • जहाज पर पहले ही सुरक्षा और स्वास्थ से संबंधित सभी उपायों के बारे में जानकारी लेकर रखें।
  • प्रेग्नेंसी में यात्रा के दौरान निश्चित कर लें कि जहाज पर पहले से ही डॉक्टर या नर्स उपस्थित है या नहीं।
  • संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथों को समय-समय पर धोते रहें।
  • सही तरह से जांचा हुआ स्वस्थ और पौष्टिक भोजन ही खाएं।
  • डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खूब पानी पिएं।
  • जहाज पर स्थान का पूरा उपयोग करें और नियमित रूप से खुली हवा में सैर करें।
  • अगर आपको एक ही समय में दस्त और उल्टी होती है, तो वहां मौजूद डाॅक्टर को तुरंत दिखाएं।
  • जहाज पर उन संक्रमित स्थानों पर जाने से बचना चाहिए जहां गंदगी हो।
  • उन पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, जाे स्वास्थ के लिए सही न हो।
  • ऐसे किसी भी स्थान पर न जाएं, जोकि चिकना हो और फिसलने का डर हो।
  • अत्यधिक समय तक धूप में न रहें।
  • समुद्री भोजन जैसे मछली आदि का सेवन न करें।
  • सार्वजनिक स्विमिंग पूल से संक्रमण का खतरा हो सकता है, इसलिए उसमें न जाएं।
  • बीमारी की अवस्था में कोई भी यात्रा नहीं करनी चाहिए।

आइए जानते हैं कि लंबी यात्रा के साइड इफेक्ट क्या-क्या हो सकते हैं:

गर्भावस्था के दौरान यात्रा के साइड इफेक्ट

गर्भवती होने पर लंबी दूरी की यात्रा के दौरान कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शुरुआत के तीन महीनों में की गई यात्रा के दौरान थकावट, बीमारी, जी-मचलाना आदि यात्रा के साथ ही स्वास्थ्य को भी खराब कर सकते हैं। इस दौरान की गई यात्रा से गर्भपात की आशंका बनी रहती है। गर्भावस्था में सफर करने पर मुख्य रूप से जो साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं, वो इस प्रकार हैं:

  • जिन्हें रक्तचाप की समस्या व समय पूर्व डिलीवरी की आशंका है, उन्हें गर्भावस्था के आखिरी दो महीनों के दौरान हवाई यात्रा नहीं करनी चाहिए (2) ।
  • गर्भवती महिलाओं को डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) की वजह से यात्रा के दौरान पैर की नसों में खून के थक्के जमने का अधिक खतरा होता सकता है (2) ।
  • मलेरिया मच्छर की विशेष प्रजातियों द्वारा किया जाने वाला एक संक्रमण है। अगर कोई गर्भवती महिला मलेरिया से प्रभावित क्षेत्र में सफर करती हैं, तो उसे मलेरिया के साथ गर्भपात, समय से पहले प्रसव और प्रसव पीड़ा का जोखिम उठाना पड़ सकता है (4) ।
  • सफर के दौरान असावधानी बरतने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  • पानी कम पीने से डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ सकता है और शरीर में पानी की कमी हो सकती है।

आइए, अब जानते हैं उन जरूरी बातों के बारे में जो सफर को और भी मजेदार व सुरक्षित बना सकती हैं।

प्रेग्नेंसी के दौरान सफर करने के लिए टिप्स

प्रेग्नेंसी के दौरान सफर पर निकलने से पहले सही जानकारी सफर को सुरक्षित और शानदार बना सकती है। आइए जानते हैं कि गर्भवती महिला को सफर के पहले और सफर के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए :

  • अपने चिकित्सक से परामर्श करें: यात्रा करने से पहले अपने चिकित्सक के साथ अपनी यात्रा की योजनाओं पर चर्चा करें। साथ ही आप यात्रा के लिए स्वस्थ हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए आपको रूटीन चेक-अप करवाना होगा।
  • यात्रा किट साथ में रखें: अपने साथ एक छोटे बैग में आवश्यक दवाइयां जरूर रखें, जो सफर के दौरान आपके काम आएं। इस बैग में मोजे, चिकित्सा दस्तावेज, हेल्दी स्नैक्स, हैंड सेनिटाइजर व पानी आदि रख सकते हैं।
  • डिहाइड्रेशन से बच कर रहें: यात्रा के दौरान हाइड्रेटेड रहने के लिए जितना हो सके पानी पिएं और बाजार में मिलने वाले कैफीन वाले पेय से बचें।
  • खाने पर ध्यान दें: कोशिश करें कि जो पानी आप अपने साथ लेकर गई हैं, उसका ही सेवन करें या फिर बोतलबंद पानी ही पिएं। साथ ही खाने का सामान भी साथ लेकर जाएं। बाहर से कुछ न खाएं।
  • अपनी मांसपेशियों को स्ट्रेच करें: यह महत्वपूर्ण है कि आप लंबी यात्रा के दौरान बीच-बीच में रुककर शारीरिक गतिविधियां करते रहें, ताकि रक्त का संचार बेहतर रहे। इससे डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) से बचा जा सकेगा।
  • ट्रैवल इंश्योरेंस लें: आपका ट्रैवल इंश्योरेंस आपकी गर्भावस्था और मेडिकल बिलों को कवर करता है। इसलिए, सफर के दौरान बीमा करवाना न भूलें।
  • खुद को आराम दें: आरामदायक कपड़े पहनें, खुद को धूप से बचाएं और अगर आपको कोई असुविधा महसूस हो, तो भरपूर आराम करने की कोशिश करें।
  • चढ़ने-उतरने में जल्दबाजी न करें: जब आप गाड़ी में सवार हो रहे हो या फिर उतर रहे हो, तो धैर्य रखें। भीड़ के साथ चढ़ने या उतरने का प्रयास न करें।

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